वैदिक ज्योतिष में जिस प्रकार बृहस्पति को देवताओं के गुरु की उपाधि प्राप्त है, ठीक उसी प्रकार शुक्र को दैत्यों का गुरु माना जाता है। समस्त ग्रहों में से शुक्र न केवल सबसे चमकीला ग्रह है, बल्कि ये गुरु बृहस्पति की तरह ही शुभ ग्रह भी होता है।
शुक्र के कारण ही जातक को अपने जीवन में सभी सुख-संसाधनों की प्राप्ति होती है। साथ ही प्रेम संबंध, भौतिक सुख-सुविधाओं, अंतरंग संबंधों, शौहरत, कला, प्रतिभा, सौंदर्य और फैशन-डिजाइनिंग आदि भी शुक्र के कारक तत्व माने गए हैं।
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राशि चक्र की सभी 12 राशियों में से शुक्र को वृषभ और तुला राशि का स्वामित्व प्राप्त है, जबकि मीन इसकी उच्च राशि तो कन्या इसकी नीच राशि कहलाती है। इसके अलावा नक्षत्रों में से भरणी, पूर्वा फाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र शुक्र के अधीन आते हैं। साथ ही बुध और शनि ग्रह शुक्र के मित्र ग्रह होते हैं, जबकि सूर्य व चंद्रमा से इनका शत्रुता का भाव होता है।
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शुक्र ग्रह का कुंडली पर विभिन्न प्रभाव
ज्योतिष के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति मजबूत होती है तो, वो व्यक्ति रंग-रूप से खूबसूरत और आकर्षित होता है। ऐसा जातक अपने जीवन में सभी प्रकार के सुख-वैभव प्राप्त करने के साथ-साथ सुखद वैवाहिक जीवन व्यतीत करता है। उसे अपने जीवन में भोग-विलास की कोई कमी नहीं रहती और वो साज-सज्जा, कलात्मक कार्य, अभिनय, साहित्य, आदि के क्षेत्र में भी हमेशा बेहतर करता है।
जबकि इसके विपरीत कुंडली में शुक्र की कमज़ोर स्थिति से व्यक्ति को जीवनभर धन और भौतिक सुखों का अभाव रहता है। वे जीवनभर प्रेम की कमी से जूझता है। वैवाहिक जीवन में भी उसे दांपत्य सुख से वंछित रहना पड़ता है इसलिए ही यदि आपकी कुंडली में भी शुक्र ग्रह पीड़ित हो या अशुभ स्थिति में हो तो, आपको जीवन में अनेक प्रकार की समस्याओं से परेशानी उठानी पड़ सकती है। ऐसे में इसके बचाव हेतु आपको ज्योतिषी सलाह के बाद शुक्र ग्रह की शांति के लिए ज़रूरी व कारगर उपाय करने की सलाह दी जाती है।
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शुक्र के गोचर काल की अवधि
शुक्र को एक राशि से दूसरी राशि में जाने में लगभग 23 दिनों का समय लगता है, अर्थात शुक्र का हर गोचर 23 दिनों की अवधि में होता है। अब यही भोर का तारा कहे जाने वाला शुक्र ग्रह 31 अगस्त 2022, बुधवार को शाम 04 बजकर 09 मिनट पर अपने शत्रु ग्रह सूर्य की राशि सिंह में प्रवेश करेंगे।
इस राशि में शुक्र 15 सितंबर 2022 तक रहेंगे फिर सिंह में ही अस्त हो जाएंगे। ऐसे में शुक्र का सिंह राशि में होना न केवल सभी जातकों के जीवन को प्रभावित करेगा, बल्कि देशभर में भी कई परिवर्तन लाने का कारण बनेगा।
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तो चलिए अब जानते हैं कि शुक्र के इस गोचर के प्रभाव से देश भर में क्या-क्या बड़े बदलाव आने वाले हैं।
शुक्र की होगी सूर्य के साथ युति
31 अगस्त को जब शुक्र सूर्य की राशि सिंह मे अपना गोचर करेंगे, तब सिंह में वहां पहले से मौजूद सूर्य के साथ उनकी युति होगी। शुक्र जो एक स्त्री ग्रह है और सूर्य जो शुक्र के शत्रु ग्रह होने के साथ ही पुरुष तत्व प्रधान ग्रह है। ऐसे में शुक्र के इस गोचर के चलते जातकों के प्रेम जीवन में सबसे ज्यादा प्रभाव देखने को मिलेगा। ये गोचर कई जातकों की काम वासना में वृद्धि करते हुए, उनके अंतरंग संबंधों में इजाफ़ा करेगा। हालांकि इसके कारण कुछ जातकों को काफी समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है।
शुक्र पर मंगल डालेंगे अपनी चतुर्थ दृष्टि
जिस अवधि में शुक्र सिंह राशि में गोचर करेंगे, तब उन पर वृषभ राशि में उपस्थित लाल ग्रह मंगल अपनी चतुर्थ दृष्टि डालेंगे। इसके चलते लोगों में यौन इच्छाएं की अत्यंत वृद्धि होगी, लेकिन वे उन इच्छाओं पर अपना पूर्ण नियंत्रण रखते हुए अपनी भावनाओं को खुद पर हावी नहीं होने देंगे।
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देशभर में आएंगे ये ख़ास परिवर्तन
अगर भारत की कुंडली को देखें तो स्वतंत्र भारत की राशि कर्क है और शुक्र के इस दौरान सिंह राशि में गोचर करने से शुक्र भारत की कुंडली के द्वितीय भाव को प्रभावित करेंगे। जिसके परिणामस्वरूप देश की आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को मिलेगा। इस अवधि में भारत के मुद्रा भंडार में इजाफ़ा होने के योग बनेंगे।
हालांकि इसके कारण देश के कुछ राज्यों में स्त्रियों के प्रति अपराधों और घरेलू हिंसा में भी बढ़ोतरी देखने को मिलेंगे। जिसके लिए व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए प्रशासन की ओर से ज़रूरी व आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
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शेयर बाज़ार पर इस गोचर का असर
शुक्र के सिंह राशि में गोचर करने से जहाँ ग्लैमर, मीडिया, कलात्मक और डिजाइनिंग क्षेत्रों में लगातार उतार-चढ़ाव देखा जाएगा। वहीं केमिकल्स, कॉस्मेटिक, साज-सज्जा आदि सामान के दामों में भी वृद्धि आ सकती है।
इसके अलावा ये गोचर खुदरा बाजार में रुई, चाँदी, सोने, हीरे, श्रृंगार सामग्री, सौंदर्य प्रसाधन, कपास, वस्त्र, शक़्कर, रेशम, सिल्क, अरहर आदि के भावों में इजाफा होगा। साथ ही शेयर बाजार में केमिकल, टैक्सटाइल व फार्मेसी से संबंधित शेयरों में भी शुरुआत में तेजी और फिर हल्की मंदी के बाद पुनः तेजी आने की स्थिति बनेगी।
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इन राशियों के लिए शुभ रहेगा शुक्र का ये गोचर
- वृषभ राशि: आपके लिए शुक्र का गोचर विलासिता की वस्तुओं में वृद्धि लेकर आएगा। जिससे आप अपने घर की साज-सज्जा के लिए कुछ खरीदारी करते दिखाई देंगे। परिवार में भी ख़ुशी का माहौल देखा जाएगा और आप अपनी मां से स्नेह और प्यार प्राप्त करेंगे। सेहत से जुड़े भी आपको सकारात्मक परिणाम मिलने की संभावना अधिक रहने वाली है।
- सिंह राशि: चूँकि ये गोचर आपकी ही राशि में होगा, इसलिए शुक्र का प्रभाव सबसे अधिक आप पर पड़ने वाला है। इस दौरान आप अपने जीवन का पूरी तरह से खुलकर आनंद लेते दिखाई देंगे। सामाजिक जीवन में भी आपका मान-सम्मान बढ़ेगा और आप कई प्रभावशाली लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने में सक्षम रहने वाले हैं। वैवाहिक जीवन में भी शुक्र की कृपा से आप दांपत्य जीवन का आनंद ले सकेंगे।
- तुला राशि: शुक्र देव आपके आर्थिक जीवन में सुधार करते हुए, आपकी कई इच्छाओं में इजाफा लेकर आएंगे। इससे आप अपना धन संचय करने में सक्षम रहेंगे। साथ ही आपका प्रेम जीवन भी पहले से अधिक सुखद व अनुकूल बनाने में आपको सफलता मिलेगी। यदि आपकी संतान है तो उन्हें भी अपने कार्यक्षेत्र पर उचित प्रदर्शन देते हुए सफलता मिलने के योग बन रहे हैं।
- कुंभ राशि: शुक्र आपके लिए योगकारक ग्रह होते हैं, ऐसे में उनका हर गोचर आपके लिए विशेष महत्वपूर्ण सिद्ध होता है। सिंह राशि में शुक्र के इस गोचर से सबसे अधिक आपका वैवाहिक जीवन प्रभावित होग इसलिए यदि आप विवाह के योग्य हैं तो आपको विवाह के लिए उचित प्रस्ताव मिलने की संभावना रहेगी। वहीं रिलेशनशिप से जुड़े कई जातक भी प्रेम विवाह करने का फैसला ले सकते हैं।
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इन शादीशुदा जातकों पर डालेंगे शुक्र अपना अशुभ प्रभाव
- मेष राशि: शुक्र का ये गोचर सबसे अधिक प्रेमी जातकों के अंदर अहंकार की वृद्धि करेगा। जिसके कारण आपका अपने प्रियतम के साथ छोटी-छोटी बातों पर विवाद होता दिखाई देगा। वहीं यदि आप सिंगल हैं और काफी समय से साथी की तलाश कर रहे हैं तो आपको अभी ओर प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है। सेहत के प्रति भी आपको इस दौरान अधिक सावधानी बरतने की हिदायत दी जाती है।
- वृश्चिक राशि: आपको इस दौरान कुछ भी नया निवेश करने से बचना चाहिए, अन्यथा बड़ी हानि होने से आपको समस्या हो सकती है। साथ ही इस गोचर के चलते आप वाहन, घर या किसी बेकार की वस्तुओं पर भी अपने धन का एक बड़ा भाग खर्च करते दिखाई देंगे। वहीं इस दौरान किसी को भी धन उधार पर देना आपके लिए हानिकारक सिद्ध होगा।
- मकर राशि: शुक्र आपके लिए भी योगकारक ग्रह हैं और उनका ये गोचर आपके लिए महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। ऐसे में इस दौरान आपको सबसे अधिक अपने स्वास्थ्य के प्रति सतर्कता बरतते हुए उसमें सुधार हेतु ज़रूरी कदम उठाने की सलाह दी जाती है। खासतौर से ये गोचर आपको मूत्राशय से संबंधित कोई यौन रोग या समस्या देने के योग बनाएगा इसलिए साफ़-सफाई का ध्यान रखें।
- मीन राशि: आपको ये गोचर सेहत से जुड़ी समस्या देने वाला है क्योंकि आपको शुक्र देव के प्रभाव से पेट, हार्मोन असंतुलन और आंखों से संबंधित कुछ परेशानी उठानी पड़ सकती है। साथ ही यदि आप शादीशुदा हैं तो आपको गुप्त संबंध या एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर रखने से भी बचना होगा, अन्यथा आप खुद को किसी बड़ी मुसीबत में फंसा देंगे।
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शुक्र की शांति हेतु कुछ सरल उपाय
- शुक्र को बलवान बनाने के लिए हर शुक्रवार व्रत का पालन करें।
- शुक्रवार के दिन खट्टी चीज़ों का सेवन करने से बचें।
- शुक्रवार के दिन सफेद या क्रीम रंग के वस्त्र धारण करें।
- शुक्रवार के दिन शुक्र के बीज मंत्र “ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः” का कम से कम 108 बार जाप करें।
- श्रद्धानुसार सफेद वस्त्र, आटे, चीनी, चावल, दूध, दही और घी आदि का दान करें।
- श्रृंगार सामग्री, कपूर, मिश्री, दही, सफ़ेद मिठाई आदि का छोटी कन्याओं को दान करना भी आपके लिए अनुकूल रहेगा।
- आप अपनी कुंडली में शुक्र को मजबूत बनाने के लिए हीरा रत्न भी धारण कर सकते हैं। इसके लिए हमारे ज्योतिषाचार्य से चैट या कॉल के माध्यम से ज़रूरी सलाह लेना आपके लिए मददगार रहेगा।
- महिलाओं का सदैव सम्मान करें।
- अपने आप-पास साफ-सफाई बनाए रखें।
- खासतौर से शुक्रवार के दिन इत्र का प्रयोग करें।
- आप ऑनलाइन शुक्र ग्रह की शांति पूजा करके भी अपनी कुंडली में शुक्र की अशुभता को दूर कर सकते हैं।
- नियमित रूप से देवी दुर्गा व मां जगदंबा की उपासना करें।
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