ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शुक्र को स्वभाव से स्त्री ग्रह माना गया है जिसका प्रभाव जातकों के प्रेम संबंधों और वैवाहिक जीवन पर बहुत अधिक होता है। प्रेम के कारक ग्रह शुक्र धनु राशि में गोचर करने जा रहे हैं। यह गोचर जीवन के विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित करेगा। इसके अलावा कई राशियों की लव लाइफ में अहम बदलाव भी आने के संकेत हैं।
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इस विशेष ब्लॉग में हम आपको शुक्र के धनु राशि में गोचर से संबंधित समस्त जानकारियां प्रदान करेंगे जैसे तिथि, समय आदि। साथ ही, कुंडली में कमजोर शुक्र के प्रभावों के बारे में भी जानेंगे। इसके अलावा राशि अनुसार उन उपायों के बारे में भी चर्चा करेंगे जिसकी मदद से आप शुक्र ग्रह का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
प्रेम के ग्रह शुक्र के ज्योतिषीय मायने क्या हैं?
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, शुक्र को एक लाभकारी और शुभ ग्रह माना जाता है। इसके प्रभाव से जातकों को जीवन में शारीरिक सुख, वैवाहिक सुख और भौतिक सुख की प्राप्ति होती है। शुक्र प्रेम, शौहरत, कला, प्रतिभा, रोमांस का कारक माना जाता है। यह वृषभ और तुला राशि के स्वामी भी हैं। वहीं, इनकी उच्च राशि मीन है और कन्या इनकी नीच राशि है।
अगर शुक्र गोचर की बात करें, तो इसकी अवधि 23 दिन की होती है यानी कि शुक्र किसी भी राशि में सिर्फ 23 दिन के लिए रहते हैं। शुक्र के मित्र ग्रह बुध और शनि माने गए हैं, और सूर्य और चंद्रमा इनके शत्रु हैं। ये बात तो साफ है कि प्रेम के ग्रह शुक्र के कमजोर होने के कारण हमारे जीवन में कई तरह के प्रभाव देखने को मिलते हैं, लेकिन इसके मजबूत होने के भी कई फायदे हैं। आइए जानते हैं मज़बूत और कमज़ोर शुक्र होने पर व्यक्ति के जीवन पर पड़ने वाले इसके शुभ और अशुभ प्रभाव के बारे में।
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मजबूत शुक्र के फायदे
जैसा कि हम ऊपर बता चुके हैं कि शुक्र प्रेम और वैवाहिक सुख का कारक है। कुंडली में मजबूत शुक्र से जातकों को सुखी वैवाहिक जीवन की प्राप्ति होती है। इसके प्रभाव से शादीशुदा जातकों के बीच संबंध प्रगाढ़ होते हैं। जिन जातकों की कुंडली में शुक्र मजबूत स्थिति में मौजूद होता है, वो भौतिक सुखों का आनंद उठाने में सक्षम होते हैं। इसके अलावा, इसके शुभ प्रभाव से जातकों की कला और साहित्य में रुचि भी बढ़ती है।
कमजोर शुक्र के प्रभाव
जिन जातकों की कुंडली में शुक्र कमज़ोर स्थिति में होते हैं, उन्हें शादीशुदा जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वैवाहिक जीवन में पार्टनर के साथ बेवजह के मतभेद हो सकते हैं। ऐसे लोगों के जीवन में भौतिक सुखों की कमी रहती हैं और कई बार दरिद्रता भी परेशान कर सकती है। इसके दुष्प्रभाव से आपको आर्थिक, मानसिक और सामाजिक कष्टों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन शुक्र को मजबूत करने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कई सरल उपाय बताये गए हैं।
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शुक्र को मजबूत करने के उपाय
- शुक्र को मजबूत करने के लिए शुक्रवार के दिन दही, खीर, ज्वार, चांदी एवं चावल का दान करें।
- शुक्र को मजबूत करने के लिए हीरा धारण करें।
- शुक्र को शुभ करने के लिए 6 या 13 मुखी रुद्राक्ष भी धारण कर सकते हैं।
- “ऊँ शुं शुक्राय नम:” का जाप करें।
- शुक्रवार के दिन व्रत करें और नियमानुसार पूजा करें।
शुक्र का धनु राशि में गोचर (5 दिसंबर, 2022): तिथि और समय
शुक्र 05 दिसंबर 2022, सोमवार को शाम 05 बजकर 39 मिनट पर धनु राशि में गोचर कर रहे हैं। शुक्र बृहस्पति की राशि में गोचर कर रहे हैं और ज्योतिष शास्त्र में ये दोनों ही एक-दूसरे के शत्रु माने जाते हैं। इस गोचर का प्रभाव धर्म गुरुओं, शिक्षकों, स्पीकर पर पड़ने की संभावना है। इसके अलावा, 12 राशियों पर भी इसका प्रभाव दिखाई दे सकता है। आइए अब हम जानेंगे शुक्र गोचर के राशि अनुसार प्रभाव और उपायों के बारे में।
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शुक्र का धनु राशि में गोचर: राशि अनुसार राशिफल और उपाय
मेष
मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे तथा सातवें भाव का स्वामी है और इस गोचर काल के दौरान शुक्र…(विस्तार से पढ़ें)
वृषभ
वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र लग्न तथा छठे भाव का स्वामी है और इस गोचर काल के दौरान शुक्र…(विस्तार से पढ़ें)
मिथुन
मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र पांचवें तथा बारहवें भाव का स्वामी है और इस गोचर काल के…(विस्तार से पढ़ें)
कर्क
कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र चौथे तथा ग्यारहवें भाव का स्वामी है और इस गोचर काल के दौरान…(विस्तार से पढ़ें)
सिंह
सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र तीसरे तथा दसवें भाव का स्वामी है और इस गोचर काल के…(विस्तार से पढ़ें)
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कन्या
कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र मित्र ग्रह है और दूसरे तथा नौवें भाव का स्वामी है। इस गोचर काल…(विस्तार से पढ़ें)
तुला
तुला राशि के जातकों के लिए शुक्र लग्न तथा आठवें भाव का स्वामी है और इस गोचर काल के दौरान शुक्र…(विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुक्र सातवें तथा बारहवें भाव का स्वामी है और इस गोचर काल…(विस्तार से पढ़ें)
धनु
धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र छठे तथा ग्यारहवें भाव का स्वामी है और इस गोचर काल के दौरान शुक्र…(विस्तार से पढ़ें)
मकर
मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र योगकारक ग्रह है। साथ ही यह आपके पांचवें तथा दसवें भाव का…(विस्तार से पढ़ें)
कुंभ
कुंभ राशि के जातकों के लिए शुक्र एक योगकारक ग्रह है और यह आपके चौथे तथा नौवें भाव का स्वामी…(विस्तार से पढ़ें)
मीन
मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र तीसरे तथा आठवें भाव का स्वामी है और इस गोचर काल के दौरान शुक्र…(विस्तार से पढ़ें)
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