कुछ लोग कड़ी मेहनत के बाद भी आर्थिक तंगी से जूझते हैं तो वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग सिर्फ थोड़ी से मेहनत में लाखों रुपये कमा लेते हैं। आपने कई ऐसे लोगों को देखा शेयर बाजार में पैसा लगाते हुए देखा होगा। शेयर मार्केट एक ऐसा बाजार है जहां पल भर में कोई राजा तो कोई रंक बन सकता है। एक तरफ इस मार्केट में पैसा लगाने से लोगों की किस्मत चमकती है वहीं दूसरी तरफ पैसा डूब भी जाता है। इन सब के पीछे आपकी जन्म कुंडली में मौजूद ग्रहों की स्थिति है। एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में ज्योतिषी रामचंद्र आमेटा आपको बताएंगे शेयर मार्केट से संबंधित ग्रहों के बारे में व इससे जुड़ी और भी कई बातें।
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ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक किसी भी व्यक्ति के जीवन में अच्छी और बुरी घटनाओं का अनुमान उसकी जन्म कुंडली या हाथ रेखाएं देखकर लगाया जा सकता है। इसके आधार पर यह भी पता लगाया जा सकता है कि उसे किस क्षेत्र में कामयाबी मिलेगी और उसका जीवन कैसा रहेगा। इसकी क्रम में कुंडली में कुछ विशेष योग ऐसे होते हैं जो कि यह बता सकते हैं कि व्यक्ति को शेयर बाजार, सट्टे या लॉटरी से अचानक धन लाभ होगा।
जन्म कुंडली में कौन से भाव शेयर मार्केट से संबंधित है ?
अचानक धन की प्राप्ति, धन लाभ या भाग्य उन्नति के लिए हम जन्म कुंडली के पांचवें भाव से देखते हैं। वहीं बिना कमाया हुआ धन, पैतृक संपत्ति या आशा से ज्यादा किसी कार्य के परिणाम में लाभ होने के लिए आठवें भाव को देखते हैं।
शेयर मार्केट में आठवें भाव से संबंधित शुभ फल प्राप्त हो सकते हैं। शेयर मार्केट में हमें उम्मीद से ज्यादा धन प्राप्त हो सकता है। मेहनत में ज्यादा धन प्राप्त हो सकता है। अतः आठवें भाव से संबंधित शुभ योग शेयर मार्केट में फलित हो सकते हैं।
इसी तरह पांचवां भाव भी शेयर मार्केट से संबंधित है। पांचवें भाव के शुभ फलों में अचानक से भाग्योन्नति होती है। शेयर मार्केट के द्वारा भी अचानक धन प्राप्ति के योग बनाते हैं। अचानक से धन प्राप्ति होने पर भाग्य उन्नति महसूस होना यह शेयर मार्केट के द्वारा ही संभव है। अतः हम पांचवें भाव से भी शेयर मार्केट को जोड़ सकते हैं।
जन्म कुंडली में लाभ की स्थितियों को सामान्यतः ग्यारहवें भाव से फलित करते हैं। ग्यारहवें भाव से ही हम किसी कार्य में लाभ होगा या नहीं होगा या जीवन में कब हमें लाभ होगा या हानि होगी इसका अनुमान लगाते हैं।
पंचम से सप्तम होने के कारण ग्यारहवें भाव पंचम का साथी भाव है। अतः आज की शुभ और अशुभ स्थिति का अनुमान हम ग्यारहवें भाव से लगा सकते हैं। शेयर मार्केट में लाभ और नुकसान की स्थितियों को ग्यारहवें भाव से पहचान सकते हैं।
शेयर मार्केट अत्यंत वोलेटाइल है। इसमें बहुत अधिक मात्रा में पैसों का नुकसान भी हो सकता है इसलिए पैसा लगाने से पहले पंचम से अष्टम यानी कि द्वादश भाव से देखते हैं। द्वादश भाव सामान्यतः ज्योतिष में खर्च का भाव है लेकिन जब हम पांचवें भाव से स्थितियों का आकलन करेंगे तो, पंचम से अष्टम भाव अर्थात द्वादश भाव पंचम के नाश की स्थितियों को बताएगा। अतः शेयर मार्केट में होने वाले बड़े नुकसान को हम द्वादश भाव से समझ सकते हैं।
बता दें कि इन सभी भाव में सबसे महत्वपूर्ण भाव लग्न भाव है। यह ना सिर्फ शेयर मार्केट के लिए बल्कि सभी योगों की शुभता जानने के लिए लग्न या पहला भाव महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
जब भी शेयर मार्केट के योगों की चर्चा करेंगे, वहां पर लग्न बल को लग्नेश के बल को, लग्न पर उपस्थित शुभ प्रभाव को निश्चित ध्यान में रखेंगे।
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शेयर मार्केट से धन कमाने के योग
जन्म कुंडली में अगर लग्नेश पांचवें भाव में स्थित हो तब शेयर मार्केट से लाभ के योग बनते हैं। दरअसल पांचवा भाव जहां पिछले जन्म के शुभ कर्मों को दिखाता है, वही लग्नेश स्वयं वहां पर स्थित हो जाए तो व्यक्ति को शीघ्र अति शीघ्र तरक्की के योग मिलने लगते हैं। अतः लग्नेश का पांचवें भाव में स्थित होना शेयर मार्केट में लाभ को जन्म देता है।
अगर जन्म कुंडली में लग्नेश और पंचमेश केंद्र या त्रिकोण में युति बनाकर एक साथ स्थित हों तब भी व्यक्ति को शेयर मार्केट से लाभ होता है। जैसा कि ऊपर बताया है उस ग्रुप में यह योग और ज्यादा मजबूत और शुभ फल देता है।
ऊपर बताए हुए योगों की विपरीत स्थिति भी, अर्थात पंचमेश का लग्न में उपस्थित होना भी इसी तरह के शेयर मार्केट में लाभ की प्राप्ति के योग बनाता है।
अगर जन्म कुंडली में ग्यारहवें का संबंध लग्न या पांचवें भाव से बन जाए। यानी कि एकादशेश लग्न भाव में स्थित हो तब शेयर मार्केट से लाभ प्राप्त करने के योग जीवन में प्राप्त होते हैं।
या एकादशेश पंचम भाव में स्थित हो तब भी व्यक्ति शेयर मार्केट संबंधी कार्य कर अपने जीवन में उन्नति प्राप्त कर सकता है।
शेयर मार्केट में लाभ प्राप्त करने का ज्योतिष में एक विशिष्ट योग
अगर ग्यारहवें भाव के स्वामी आठवें भाव में स्वग्रही या उच्च का होकर स्थित हो, तब बहुत ज्यादा संभावना होती है कि व्यक्ति को अचानक धन लाभ की स्थिति बार-बार बनती रहे। अर्थात उसे शेयर मार्केट में लाभ होने का अत्यंत शुभ योग निर्मित हो जाता है।
अगर जन्म कुंडली में आठवें भाव शुभ ग्रह की दृष्टि में हो। यानी कि उसके ऊपर गुरु की दृष्टि पड़ रही हो या शुक्र चंद्र की दृष्टि पड़ रही हो, तब भी शेयर मार्केट से लाभ की उम्मीद की जा सकती है।
अगर अष्टमेश पंचम भाव में स्थित हो जाए और उसके ऊपर शुभ ग्रह की दृष्टि पड़ जाए व पांचवें भाव में स्थित अष्टमेश अस्त न हो, वक्री न हो तब यह भी एक शुभ योग निर्मित करता है। जिसमें व्यक्ति को शेयर मार्केट से धन की प्राप्ति होती रहती है।
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लग्नेश का भाग्य भाव
इसी तरह अगर भाग्यश्री लग्न में जाकर स्थित को तब भी व्यक्ति को शेयर मार्केट से लाभ की प्राप्ति होती है।
सामान्य तौर में अगर केंद्र व त्रिकोण के स्वामी एक साथ केंद्र व त्रिकोण में स्थित हो तब भी व्यक्ति को शेयर मार्केट संबंधी कार्यों से लाभ हो जाता है।
इन व्यक्तियों को शेयर मार्केट से रहना चाहिए दूर
अगर जन्म कुंडली के अंदर पंचमेश अष्टम भाव में जाकर स्थित हो जाए तो व्यक्ति को अचानक से बड़े नुकसान की संभावना होती है।अतः ऐसे योगों में व्यक्ति को शेयर मार्केट संबंधी कार्यों से दूर रहना चाहिए।
इसी तरह अगर जन्म कुंडली के अंदर पंचम भाव का स्वामी द्वादश भाव में जाकर स्थित हो जाए, तब भी व्यक्ति को शेयर मार्केट संबंधी कार्यों से दूरी बना लेनी चाहिए।
अष्टमेश और द्वादश का पंचम भाव में स्थित होना भी अचानक से धन के नुकसान को बताता है। अगर यह स्थिति जन्म कुंडली में उपस्थित हो तब व्यक्ति को अत्यंत सोच समझकर शेयर मार्केट में जाना चाहिए।
बारहवें भाव के स्वामी का छठे-आठवें भाव में उपस्थित होना भी धन के नुकसान को बताता है। यह वैसे तो ज्योतिष के अंदर विपरीत राजयोग का निर्माण करता है। लेकिन द्वादशेश की दशा अंतर्दशा में निश्चित ही धन का नुकसान देता है। अतः इस स्थिति के अंदर स्वयं को शेयर मार्केट जैसे कार्यों से दूर रखना चाहिए।
ज्योतिष में शेयर मार्केट से नुकसान के योग
जन्म कुंडली के सामान्य योग में अगर धनेश छठे, आठवें या द्वादश भाव में स्थित हो तब जमा संपत्ति के ‘नाश का योग’ बनता है या जमा संपत्ति गलत जगह खर्च हो सकती है। ऐसी स्थिति में शेयर मार्केट के कार्य को अत्यंत सोच समझ कर करना चाहिए। संभवतः बचना चाहिए।
अगर जन्म कुंडली के अंदर लग्नेश अस्त हो वक्री हो या नीच राशि में विद्यमान हो तब भी शेयर मार्केट और जुआ सट्टा आदि से स्वयं को बचाना चाहिए।
शेयर मार्केट में पैसा लगाने का सही समय
जन्म कुंडली के अंदर ऊपर बताए हुए योगों को देख लेने के पश्चात अगर शुभ योग जन्म कुंडली में विद्यमान हैं। तब पांचवें भाव आठवें भाव या लग्न भाव के स्वामी की अंतर्दशा में या प्रत्यंतर दशा में शेयर मार्केट में सोच समझकर इन्वेस्ट कर सकते हैं।
जिस ग्रह की महादशा चल रही हो अगर वह लग्न भाव से या लग्न से पंचम नवम या एकादश भाव में स्थित हो, तब भी शेयर मार्केट में इन्वेस्ट किया जा सकता है।
(हमने अनुभव और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिष के शेयर मार्केट संबंधी योगों की चर्चा की है। किसी भी तत्व का उपयोग करने से पहले अपने विवेक का इस्तेमाल करें और किसी श्रेष्ठ ज्योतिष से सलाह लें।)
शेयर मार्केट में लाभ प्राप्त करने के उपाय
- जन्म कुंडली के पांचवें भाव के स्वामी के उपाय करने से शेयर मार्केट में लाभ प्राप्ति के योग बनते हैं।
- इसी तरह आठवें भाव के स्वामी अगर अशुभ हो तो उस ग्रह की शांति करने से नुकसान की संभावना कम होती हैं।
- द्वादश भाव के स्वामी की दशा अंतर्दशा में शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने से बचना चाहिए।
- एकादशी लाभ के स्वामी है लेकिन अगर इसके ऊपर शुभ ग्रह की दृष्टि ना हो या वह शुभ भाव में स्थित ना हो तब भी ऐसे समय में शेयर मार्केट में धन इन्वेस्ट करने से बचना चाहिए एवं एकादश इसकी दशा अंतर्दशा में अगर नुकसान हो रहा हो तो एक आदर्श के स्वामी का उपाय करना चाहिए।
- भगवान श्री हनुमान की आराधना भी अचानक लाभ प्राप्ति में सहयोग करती है।
- मंगल देवता की उपासना से या मंगल ग्रह की उपासना से भी शेयर मार्केट में लाभ होता है।
- राहु शेयर मार्केट का स्थापित देवता माना जाता है। अतः राहु की उपासना राहु के जप और राहु के उपाय भी शेयर मार्केट के अंदर सफलता प्रदान करते हैं।
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