शारदीय नवरात्रि अष्टमी: इस दिन कन्या पूजन कर रहे हैं तो इन बातों का रखें ख़ास ख्याल!

शारदीय नवरात्रि अष्टमी: नवरात्रि का आठवां दिन अष्टमी या महा-अष्टमी के नाम से जाना जाता है। इस दिन माता के महागौरी स्वरूप की पूजा की जाती है। अपने इस नवरात्रि विशेष खास ब्लॉग में हम जानेंगे माता महागौरी के स्वरूप के बारे में और उनसे जुड़ी कुछ बेहद ही दिलचस्प जानकारियां।

इसके अलावा इस विशेष अंक में हम यह भी जानेंगे की माता महागौरी की प्रसन्नता हासिल करने के लिए आप इस दिन किस वस्तु का भोग उन्हें लगा सकते हैं, कौन से रंग पूजा में शामिल कर सकते हैं, माता की पूजा का लाभ क्या होता है, माता की पूजा करके आप कौन से ग्रह को मजबूत कर सकते हैं, साथ ही माता के मंत्र क्या कुछ होते हैं, इत्यादि जानकारी अभी आपके यहां पर प्रदान की जा रही है।

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शारदीय नवरात्रि आठवाँ दिन 

सबसे पहले बात करें नवरात्रि के आठवें दिन की तो इसे अष्टमी तिथि कहते हैं और इस दिन माता के महागौरी स्वरूप की पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि देवी पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में प्राप्त करने के लिए बिना किसी मौसम की परवाह किए कठोर तप किया था जिससे उनका रंग काला पड़ गया था। इसके बाद शिव जी माता की तपस्या से प्रसन्न हुए और गंगा के पवित्र जल से उन्हें स्नान कराया गया जिसके बाद देवी का रंग गोरा हो गया और उन्हें महागौरी के नाम से जाने जाना लगा।

शारदीय नवरात्रि में अष्टमी तिथि और नवमी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है।

शारदीय नवरात्रि आठवाँ दिन – पूजा शुभ मुहूर्त 

2023 में दुर्गा महा अष्टमी पूजा कब है?

22 अक्टूबर, 2023 दिन रविवार

अक्टूबर 21, 2023 को 21:55:15 से अष्टमी आरम्भ

अक्टूबर 22, 2023 को 20:00:57 पर अष्टमी समाप्त

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अष्टमी तिथि की सही पूजन विधि 

  • नवरात्रि की अष्टमी तिथि के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद माता के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा का संकल्प लें। 
  • साफ वस्त्र धारण करके पूजा प्रारंभ करें। 
  • देवी को पूजा में चंदन, रोली, मौली, कुमकुम, अक्षत, मोगरे का फूल, अवश्य अर्पित करें। 
  • इसके अलावा देवी के मंत्रों का स्पष्ट उच्चारणपूर्वक जप भी अवश्य करें। 
  • इस दिन की पूजा में माता को उनका प्रिय भोग नारियल अवश्य चढ़ाएं। 
  • दुर्गा सप्तशती, दुर्गा चालीसा आदि का पाठ करें।
  • अंत में आरती कहें।
  • माता से पूजा में गलती से भी हुई किसी भूल की क्षमा मांगें और उनसे अपनी मनोकामना कहें। 
  • इस दिन नौ कन्याओं का पूजन भी करें और फिर संधि काल में माता की पूजा अवश्य करें।

शारदीय नवरात्रि आठवाँ दिन – माँ का स्वरूप 

बात करें मां महागौरी के स्वरूप की तो यह बेहद ही सरल, सुलभ और मनमोहक है। देवी महागौरी अत्यंत गौर वर्णन की हैं। यहां तक कि इन्होंने जो वस्त्र और आभूषण धारण किए हैं वह भी सफेद हैं। माता की चार भुजाएं हैं और मां महागौरी बैल पर सवारी करती हैं। देवी के दाहिने हाथ में त्रिशूल है और एक हाथ अभय मुद्रा में है। बाएँ तरफ के एक हाथ में डमरू है और दूसरा हाथ वरद मुद्रा में है। माता का स्वरूप बेहद ही शांत और मनमोहक है।

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शारदीय नवरात्रि आठवाँ दिन महत्व 

  • नवरात्रि के आठवें दिन अर्थात अष्टमी तिथि के दिन माता महागौरी के आठवें स्वरूप की पूजा करना बेहद ही शुभ होता है। 
  • माता के महागौरी स्वरूप की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन से शारीरिक और मानसिक कष्ट और परेशानियां दूर होती हैं और जीवन में धन, वैभव, और ऐश्वर्य की प्राप्ति होने लगती है। 
  • माता महागौरी को अन्नपूर्णा, ऐश्वर्या प्रदायिनी, चैतन्यमई आदि भी कहा जाता है। 
  • इस दिन की पूजा में माँ को नारियल अवश्य अर्पित करें। साथ ही कन्या पूजन अवश्य करें। 
  • इसके अलावा नवरात्रि की अष्टमी तिथि की पूजा करने से वैवाहिक जीवन भी सुखमय और शांतिपूर्ण बनता है। 
  • देवी महागौरी की विधि पूर्वक पूजा करने से जातक सद्मार्ग की ओर बढ़ने लगते हैं। 
  • माता की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन से हर तरह के अपवित्र और अनैतिक विचार दूर होते हैं और जीवन में पवित्रता बढ़ती है। 
  • इसके अलावा जिन लोगों को एकाग्रता की कमी होती है उन्हें माता महागौरी की पूजा करने की विशेष सलाह दी जाती है।

शारदीय नवरात्रि के आठवें दिन कन्या पूजन को श्रेष्ठ माना गया है। हालांकि बहुत से लोग नवमी तिथि के भी दिन कंजक पूजन अर्थात कन्या पूजन करवाते हैं लेकिन यदि महा अष्टमी अर्थात अष्टमी तिथि के दिन कन्या पूजन कराया जाए तो इसे ज्यादा शुभ माना गया है। यहां इस बात का विशेष ध्यान रखें की कन्या पूजन के बिना देवी दुर्गा के नौ दिनों की पूजा अधूरी होती है।

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शारदीय नवरात्रि आठवाँ दिन – प्रिय भोग  

बात करें मां महागौरी के प्रिय भोग की तो मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि, देवी महागौरी को नारियल बेहद पसंद होता है। ऐसे में इस दिन की पूजा में नारियल अवश्य शामिल करें। साथ ही नारियल से बना कोई भी भोग आप माता को चढ़ा सकते हैं। इससे माता जल्दी प्रसन्न होती हैं और मनचाहा आशीर्वाद अपने भक्तों को देती हैं। 

शारदीय नवरात्रि आठवाँ दिन – शुभ रंग  

नवरात्रि के अष्टमी तिथि से संबंधित शुभ रंग की बात करें तो मां महागौरी को जामुनी रंग बेहद ही प्रिय होता है। ऐसे में इस दिन की पूजा में ज्यादा से ज्यादा जामुनी रंग के वस्त्र पहनें और शामिल करें। माता को जामुनी रंग के वस्त्र धारण कराएं, पूजा में इस रंग की वस्तुएं शामिल करें तो इससे माँ अवश्य प्रसन्न होती हैं। इसके अलावा आप इस दिन की पूजा में मोगरा रंग भी शामिल करें और मोगरे का फूल भी शामिल करें।

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शारदीय नवरात्रि आठवाँ दिन – अचूक उपाय

नवरात्रि में अष्टमी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। 

  • ऐसे में अगर आप महा अष्टमी के दिन लाल चुनरी में पांच सुख मेंवे, बताशे और सिक्के रखकर देवी को अर्पित करें, उनके समक्ष घी का दीपक जलाकर देवी की पूजा करें, सौभाग्य प्राप्ति और सुहाग की मंगल कामना के लिए माता से प्रार्थना करें और पूजा के बाद सिक्के को अपनी तिजोरी में रख लें तो इससे आपके जीवन में धन-धान्य के भंडार हमेशा भरे रहेंगे और साथ ही वैवाहिक जीवन में चल रही किसी भी तरह के परेशानी खत्म होने लगेगी। 
  • इसके अलावा महा अष्टमी के दिन अगर पढ़ाई करने वाले जातक माता को लॉन्ग की माला चढ़ाएं और मंदिर में जाकर ध्वज अर्पित करें तो इससे उनकी एकाग्रता बढ़ेगी। साथ ही ज्ञान और बुद्धि में अपार वृद्धि देखने को मिलेगी। 

यह बेहद ही सरल उपाय है जिन्हें कोई भी अपना सकता है। ऐसे में उम्मीद करते हैं आप इन उपायों को करके अपने जीवन को और भी ज्यादा सुखमय और खुशनुमा अवश्य बनाएंगे।

शारदीय नवरात्रि आठवाँ दिन – कन्या पूजन 

अब बात करें महा अष्टमी के दिन कन्या पूजन की तो बहुत से लोग नवरात्रि की नवमी तिथि के दिन भी कन्या पूजन करते हैं लेकिन अष्टमी तिथि के दिन कन्या पूजन का अधिक महत्व बताया गया है। कहा जाता है कि कन्या पूजन में दो से 10 साल की कन्याओं को अवश्य आमंत्रित करें क्योंकि यह मां दुर्गा का स्वरूप होती हैं। ऐसे में अष्टमी तिथि के दिन पूजा करने के बाद कन्याओं को घर बुलाकर स-सम्मान भोजन कराएं, उसके बाद उनके पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें और उन्हें विदाई में कुछ उपहार अवश्य दें। ऐसा करने से माँ की प्रसन्नता हासिल होती है और आपके जीवन पर मां का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है।

शारदीय नवरात्रि आठवाँ दिन – माँ महागौरी मंत्र 

श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:

ललाटं कर्णो हुं बीजं पातु महागौरी मां नेत्रं घ्राणो। कपोत चिबुको फट् पातु स्वाहा मा सर्ववदनो॥

या देवी सर्वभू‍तेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः। महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।

नवरात्रि में कन्या पूजन क्यों होता है जरूरी? धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि, अगर 9 दिन की पूजा के बाद कन्या पूजन न कराया जाए तो इससे देवी मां की पूजा अधूरी रह जाती है। इसके अलावा कन्या पूजन में एक बालक का होना भी बेहद आवश्यक होता है क्योंकि कन्या पूजन में नौ कन्याओं को देवी दुर्गा का रूप माना गया है वहीं बालक को भैरव बाबा माना जाता है। 

हालांकि आपने देखा होगा कि कई लोग दो बालकों को भी कन्या पूजन में शामिल करते हैं जिनमें से एक बालक को भैरव बाबा का स्वरूप माना जाता है और एक को भगवान गणेश का रूप मानते हैं क्योंकि भगवान गणेश की पूजा के बिना कोई भी पूजा हिंदू धर्म की अधूरी रहती है और भैरव बाबा को माता रानी का पहरेदार माना गया है। ऐसे में अपनी नवरात्रि की पूजा को सिद्ध करने के लिए अष्टमी या नवमी तिथि के दिन कन्या पूजन अवश्य कराएं। 

कन्या पूजन के लाभ 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो भी भक्त अष्टमी या फिर नवमी तिथि के दिन कन्या पूजन करते हैं, अपने घर में कन्याओं को बुलाकर उन्हें चना, हलवा और पूरी का भोग लगाते हैं, उनके पैर धुलवाकर उनकी पूजा करते हैं, अंत में रोली, तिलक लगाकर कलवा बांधकर उनका आदर सत्कार करते हैं और फिर सामर्थ अनुसार भेंट और दक्षिणा देकर उन्हें विदा करते हैं उनके सभी मनोकामनाएं मां दुर्गा अवश्य पूरी करती हैं। महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है, किसी भी तरह के काम में आ रही बाधा दूर होती है, भाग्य मजबूत होता है, घर में सुख समृद्धि बनी रहती है, धन संपदा का आशीर्वाद मिलता है। इसके अलावा कन्या पूजन से कुंडली में मौजूद नौ ग्रहों को भी मजबूत किया जा सकता है।

कन्या पूजन पर राशि अनुसार दे सकते हैं ये तोहफे 

यदि आप दुविधा में हैं कि कन्या पूजन पर आई कन्याओं को क्या तोहफा दिया जाए तो आपकी इस दुविधा का हल हमारे पास है। आगे हम आपको बताएंगे कि आप राशि अनुसार कन्याओं को क्या कुछ तोहफे देकर कन्या पूजन का फल और सिद्ध बना सकते हैं। 

मेष राशि: मेष राशि की महिलाएं अपने घर आई कन्याओं को लाल रंग की वस्तुएं उपहार में दे सकती हैं। आप चाहे तो लाल रंग के कपड़े, हेयर बैंड, क्लिप या पढ़ाई की कोई चीज दे सकती हैं।

वृषभ राशि: वृषभ राशि की महिलाएं सफेद रंग या चमकती हुई कोई भी चीज कन्याओं को उपहार में दे सकती हैं। आप चाहे तो रसगुल्ला, सोंदेश, बर्फी जैसी मिठाइयां भी उपहार के विकल्प के रूप में चुन सकती हैं।

मिथुन राशि: मिथुन राशि की महिलाएं हरे रंग की कोई वस्तु कन्याओं को तोहफे में दे सकती हैं। जैसे हरे रंग का ड्रेस, क्लिप, बैंड या कोई भी खेलने की चीज।

कर्क राशि: कर्क राशि की महिलाएं कन्या पूजन में चांदी की कोई वस्तु कन्याओं को भेंट में दे सकती हैं। आप चाहे तो चांदी का सिक्का या फिर पायल विकल्प के तौर पर ले सकते हैं। इसके अलावा आप चाहे तो स्टील के बर्तन भी बच्चियों को दिए जा सकते हैं।

सिंह राशि: सिंह राशि की महिलाएं यदि सोने का कोई उपहार बच्चों को दें तो इसे बेहद ही शुभ माना जाता है। हालांकि सोना अगर नहीं दे सकते तो आप पीतल की कोई वस्तु भी दे सकते हैं जैसे पीतल का कोई बर्तन हो या खिलौना या कड़ा कुछ भी।

कन्या राशि: कन्या राशि की महिलाएं कन्याओं को पढ़ाई से संबंधित कोई चीज उपहार के रूप में दे सकती हैं।

तुला राशि: तुला राशि की महिलाएं कन्याओं को कांच या लाख की चूड़ियां दे सकती हैं। आप चाहे तो चमकते हुए धातु के बर्तन भी गिफ्ट के रूप में बच्चों को दे सकती है।

वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि के जातक कन्याओं को खेलने कूदने का सामान उपहार के तौर पर दे सकते हैं। इससे उन्हें शुभ फलों की प्राप्ति होगी।

धनु राशि: धनु राशि की महिलाएं पीले रंग की कोई वस्तु, पीले रंग का कोई वस्त्र, पीली मिठाई या पीली खाने की कोई भी चीज कन्याओं को तोहफे में दे सकती हैं। इसके अलावा आप चाहें तो ब्रास का बना हुआ सजावट का सामान भी बच्चों को दे सकती हैं। यह उन्हें अच्छा लगेगा।

मकर राशि: मकर राशि की महिलाएं कन्या पूजन के दौरान कन्याओं को काले या फिर नीले रंग का कोई बैग या कपड़े या ऐसी कोई सजावट की चीज दे सकती हैं।

कुम्भ राशि: कुंभ राशि की महिलाएं बच्चों को काले या नीले रंग की कोई वस्तु उपहार में दे सकती हैं।

मीन राशि: मीन राशि की महिलाएं कन्याओं को रचनात्मक या फिर क्राफ्ट से जुड़ी हुई कोई चीज दान में दे सकती हैं।  

शारदीय नवरात्रि अष्टमी तिथि – इस ग्रह को करें मजबूत 

ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि देवी महागौरी का संबंध राहु ग्रह से होता है। ऐसे में अष्टमी तिथि की विधिवत पूजा करने से कुंडली में मौजूद राहु ग्रह को मजबूत किया जा सकता है और राहु से मिलने वाले बुरे प्रभावों को कम किया जा सकता है।

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