शनि कुंभ राशि में वक्री: जानें शेयर बाजार सहित देश-दुनिया पर इसका प्रभाव!

एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको शनि कुंभ राशि में वक्री के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि यह देश-दुनिया को कैसे प्रभावित करेगा और इस दौरान शेयर बाजार में क्या-क्या बदलाव देखने को मिलेंगे।

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वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह को विशेष स्थान प्राप्त है। यह सौरमंडल में बृहस्पति के बाद दूसरा सबसे बड़ा और धीमी गति से चलने वाला ग्रह है। शनि 17 जनवरी 2023 को अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ राशि में गोचर कर चुके हैं और अब यह 17 जून 2023 को कुंभ राशि में वक्री होने जा रहे हैं।

शनि कुंभ राशि में वक्री: तिथि और समय

वक्री होने पर शनि सामान्य स्थिति की तुलना में अधिक शक्तिशाली और प्रभावशाली हो जाते हैं और कई तरह के सकारात्मक व नकारात्मक परिणाम देते हैं। 17 जून 2023 की रात शनि 10 बजकर 48 मिनट पर कुंभ राशि में वक्री हो जाएंगे और इसका प्रभाव पूरी दुनिया में देखने को मिलेगा।

कुंभ राशि में शनि का प्रभाव

कुंभ राशि में शनि के प्रभाव से व्यक्ति में दया और करुणा के भाव देखने को मिलते हैं और इनमें एक मजबूत बौद्धिक समझ होती है। साथ ही, ये किसी भी मामले में सोच विचार करने के बाद ही सलाह देते हैं। ये जातक अधिक भावुक न हो कर बुद्धिमानी से सभी चीजें हासिल करने में सक्षम होते हैं। इनका व्यवहार और तार्किक दृष्टिकोण अधिकांश लोगों को आकर्षित करता है।

ये जातक मेहनती होते हैं और कभी भी सीखना बंद नहीं करते हैं चाहे वे कितने भी बड़े पद में क्यों न हो। ये लोग अपने लक्ष्य के प्रति बहुत समर्पित होते हैं और कार्यस्थल पर बड़ी ही कुशलता के साथ अपने कार्यों को पूरा करते हैं। शनि के प्रभाव से इनका रवैया प्रभावशाली होता है और विचार रचनात्मक होते हैं।

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शनि कुंभ राशि में वक्री: वैश्विक स्तर पर प्रभाव

  • बढ़ते वायु प्रदूषण की वजह से वैश्विक स्तर पर कुछ नीतियों को लागू किया जा सकता है।
  • शनि कुंभ राशि में वक्री होने से भारत की न्याय व्यवस्था सक्रिय हो सकती है।
  • बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने के लिए भारत सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कुछ नीतियां तैयार कर सकती हैं।
  • देश के कुछ हिस्सों में सोशल मीडिया पर लगे कुछ प्रतिबंध हटाए जा सकते हैं। 
  • दक्षिण पूर्वी देशों से व्यापार के नए अवसर प्राप्त हो सकते हैं।
  • पश्चिमी और दक्षिण पूर्व के देशों से भारत के संबंध मजबूत हो सकते हैं।
  • खनन, लौह, चमड़ा, पेट्रोलियम आदि क्षेत्रों में विकास की गति तेज़ हो सकती है।
  • शनि की वक्री अवस्था कुछ लोगों को भावनात्मक रूप से परेशान कर सकती है। ऐसे में, लोगों का अध्यात्म के प्रति झुकाव बढ़ सकता है।
  • भारत सहित दुनियाभर में व्यापार के संबंध में समग्र रूप से अच्छा विकास देखने को मिलेगा।
  • तेल और गैस से जुड़े बिज़नेस अन्य क्षेत्रों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करने में सक्षम हो सकते हैं।
  • फुटवियर उद्योग से जुड़े क्षेत्रों में तेजी से बढ़ोतरी होने की संभावना है।

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शनि कुंभ राशि में वक्री: शेयर बाजार की भविष्यवाणी

शनि सबसे महत्वपूर्ण ग्रहों में से एक हैं और इनकी वक्री व अस्त अवस्था बाजार के सभी पहलुओं को प्रभावित कर सकते हैं। इस बार शनि वक्री हो रहे हैं और ऐसे में निश्चित रूप से शेयर बाजार में कई तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे। तो आइए देखते हैं कि शनि कुंभ राशि में वक्री के दौरान शेयर बाजार में किस तरह के परिवर्तन देखने को मिलेंगे। शेयर बाजार भविष्यवाणी 2023 के अनुसार,

  • इस दौरान बैंकिंग सेक्टर, फाइनेंस कंपनी और तम्बाकू इंडस्ट्रीज़ में तेज़ी देखने को मिल सकती है।
  • इसके अलावा योग बन रहे हैं कि 20 जून 2023 के आसपास रबर इंडस्ट्रीज़ और ऑयल इंडस्ट्रीज़ में अच्छी ख़ासी बढ़ोतरी देखने को मिले।
  • लेदर और फुटवियर इंडस्ट्रीज़ तेज़ी से आगे बढ़ सकती है।

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