शनि देव (Shanidev), जिनका नाम सुनते ही बहुत से लोग डर जाते हैं असल में उन्हें प्रसन्न करना बेहद ही आसान होता है। सप्ताह में शनिवार का दिन शनि देव (ShaniDev) और मां काली (Maa Kali) से संबंधित माना गया है। तो आइए जानते हैं कि, कैसे शनिवार के दिन मां काली की विधिवत पूजा करके शनि देव की प्रसन्नता हासिल की जा सकती है।
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शनि देव और मां काली
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि, शनि देव भगवान शिव के परम भक्त हैं। शनि देव के प्रकोप को दूर करने के यूं तो कई उपाय बताए गए हैं हालांकि, इन सब में सबसे कारगर उपाय है देवी काली की पूजा और उन्हें प्रसन्न करना। मान्यता है कि, जो कोई भी साधक शनिवार के दिन विधिवत तरीके से मां काली की उपासना करता है उसे मां काली की प्रसन्नता के साथ-साथ शनि देव की प्रसन्नता भी हासिल होती है और शनि के प्रकोप से ऐसे व्यक्ति को मुक्ति मिलती है।
तो आइए आज शनिवार के मौके पर जानते हैं कि, किन उपायों को करके आप भी मां काली का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं और शनि के प्रकोप से बच सकते हैं।
मां काली की पूजा महत्व
हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि, मां काली की पूजा (Maa Kali Pooja) उपासना करने से व्यक्ति के अंदर का भय खत्म होता है। इसके अलावा जो कोई भी जातक विधि विधान से मां काली की उपासना करते हैं उन्हें जटिल से जटिल रोगों से भी मुक्ति मिलती है। इसके अलावा जिन जातकों की कुंडली में राहु (Rahu) और केतु (Ketu) अशांत होते हैं उन की शांति के लिए ज्योतिष के जानकार मां काली की उपासना का विधान बताते हैं।
दुष्टों का संहार करने वाली मां काली सदैव अपने भक्तों की रक्षा करती हैं और उनके शत्रुओं का नाश करती हैं। जो कोई भी व्यक्ति नियमित रूप से मां काली की पूजा करता है उसके ऊपर किसी भी तरह का तंत्र, मंत्र, टोटका इत्यादि का असर खत्म हो जाता है, और यही वजह है कि मां काली जो शनि देव को संचालित करती हैं, प्रसन्न होने पर जातक के जीवन से शनि के प्रकोप को भी खत्म या दूर कर देती हैं।
माँ काली की पूजा के नियम (Maa Kali Puja Niyam)
माँ काली की पूजा दो तरीकों से की जाती है, एक सामान्य तरीका और दूसरी होती है तंत्र पूजा। माँ काली की सामान्य पूजा कोई भी व्यक्ति कर सकता है। हालांकि तंत्र पूजा बिना किसी गुरु या जानकार के निर्देश के बिना नहीं की जा सकती है। इसके अलावा मां काली की पूजा से संबंधित एक विशेष बात यह ध्यान में रखनी चाहिए कि, मां काली की पूजा मध्य रात्रि में की जाती है और इनकी पूजा में लाल और काले रंग की वस्तुओं का विशेष महत्व बताया गया है।
माँ काली की पूजा में व्यक्ति को तन और मन की साफ सफाई और शुद्धता के साथ-साथ विशेष मुहूर्त का ज्ञान होना बेहद आवश्यक माना गया है। इसके अलावा ज्ञात रहे कि, माँ काली की पूजा करने के लिए सबसे उत्तम समय मध्य रात्रि या अमावस्या का दिन होता है।
घर में मां काली की पूजा करने की विधि
यदि आप घर में माँ काली की पूजा करना चाहते हैं तो इसकी विधि बेहद ही आसान है।
- आप अपने घर के मंदिर में माँ काली की तस्वीर या उनकी कोई प्रतिमा स्थापित करें।
- इसके बाद मां काली की प्रतिमा पर तिलक लगाए और इन्हें फूल आदि अर्पित करें। ध्यान रहे कि माँ काली की पूजा में लाल रंग के फूल और कपड़े काले रंग के होने चाहिए।
- आप पूजा के दौरान मां काली के किसी भी मंत्र का 108 बार शांत मन से जाप करें।
- काली गायत्री मंत्र (Kali Gayatri Mantra) और काली मां के बीज मंत्र (Kali Beej Mantra) इन मंत्रों का मां काली की पूजा में जप करना बेहद ही फलदाई माना गया है।
- पूजा और मंत्र जाप के बाद मां काली को भोग चढ़ाएं।
- यदि आप किसी विशेष इच्छा के पूरी होने के लिए मां काली की पूजा कर रहे हैं तो इच्छा पूरी हो जाने तक इस प्रयोग को जारी रखें।
काली गायत्री मंत्र (Kali Gayatri Mantra): ॐ कालिकायै च विद्महे, श्मशानवासिन्यै धीमहि, तन्नो अघोरा प्रचोदयात् ।। Om Kalikayae Cha Vidmahe Shamshanwasinyae Dheemahi Tanno Aghora Prachodayat.
काली मां बीज मंत्र (Kali Beej Mantra): नमः ऐं क्रीं क्रीं कालिकायै स्वाहा।
एकाक्षरी काली मंत्र: ॐ क्रीं
तीन अक्षरी काली मंत्र: ॐ क्रीं ह्रुं ह्रीं॥
पांच अक्षरी काली मंत्र: ॐ क्रीं ह्रुं ह्रीं हूँ फट्॥
षडाक्षरी काली मंत्र: ॐ क्रीं कालिके स्वाहा॥
मंत्र जाप में एक विशेष बात का ध्यान यह रखने की सलाह दी जाती है कि, मंत्र का उच्चारण हमेशा शुद्ध होना चाहिए और मंत्रों को विशेष संख्या में ही जपना चाहिए। इसके अलावा मां काली के एक अक्षर मंत्र का जप भी विशेष फलदाई माना जाता है। आप चाहें तो अपनी पूजा में इस मंत्र का जाप भी कर सकते हैं।
शनि के प्रकोप के साथ-साथ दुश्मनों से छुटकारा भी दिलाती है मां काली की उपासना
जिन भी जातकों के जीवन में विरोधी उग्र हो रहे हों या जीवन में सफलता के मार्ग में रुकावट बन रहे हों उन्हें भी मां काली की उपासना का विधान बताया जाता है। यदि आप अपने शत्रुओं से परेशान हैं तो,
- लाल कपड़े पहन कर, लाल आसन पर बैठकर मां काली की पूजा शुरू करें।
- पूजा में मां काली के सामने दीपक और गुग्गल की धूप जलाएं।
- मां काली को प्रसाद में पेड़े और लॉन्ग चढ़ाएं।
- इसके बाद मां काली के मंत्र का 11 माला जाप करें और माता से अपने शत्रुओं से मुक्ति की प्रार्थना करें।
- इस मंत्र के जाप के बाद 15 मिनट तक पानी छूने से बचें और यह उपाय लगातार 27 रात तक करते रहे।
कहा जाता है शत्रु से छुटकारा पाने के लिए माँ काली का यह उपाय (Maa Kali Upay)बेहद ही कारगर होता है।
शनि देव को प्रसन्न करने के कुछ अन्य बेहद सरल उपाय
- हनुमान जी की विधिवत पूजा करें।
- काले चने का भोग लगाएं।
- काले धागे में बिच्छू घास की जड़ अभिमंत्रित करा-कर धारण करें।
- लाल चंदन की माला अभिमंत्रित करके धारण करें।
- मांस मदिरा का सेवन त्याग दें।
- पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
- कोयला काले कपड़े में बांधकर अपने सिर से घुमाएं और इसे बहते जल में प्रवाहित कर दें।
- गाय को रोटी खिलाएं।
- मछलियों को काला चना खिलाएं।
- बंदरों और काले कुत्तों की सेवा करें।
- शमी वृक्ष की जड़ घर में लेकर आए और इसकी विधिवत पूजा करें।
- घर में शनि यंत्र (Shani Yantra) की स्थापना करें।
हम आशा करते हैं यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। यदि इस व्रत या अपने जीवन से जुड़ा कोई भी अन्य प्रश्न है तो आप हमारे जाने-माने ज्योतिषियों से प्रश्न पूछ सकते हैं।