वैदिक ज्योतिष में शनि को कर्मफल दाता और न्याय के देवता कहा गया है जो कि एक क्रूर ग्रह है। शनि देव द्वारा मनचाहे परिणाम पाने के लिए व्यक्ति को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है और कभी-कभी शनि महाराज के प्रकोप का सामना भी करना पड़ता है। शनि ग्रह का संबंध नैतिकता, न्याय, करियर, जीवन में प्राप्त होने वाली उपलब्धता और गुण आदि से है। साथ ही, यह दूरदर्शिता या दीर्घकालिक योजनाओं में उत्पन्न होने वाली समस्याओं के प्रतीक है। जब कोई व्यक्ति अपने जीवन में कड़ी मेहनत करने से बचता है या मेहनत न करते हुए शार्टकट अपनाता है, तो उसे शनि ग्रह दंडित करते हैं।
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ज्योतिष के अनुसार, शनि कर्तव्यों और शक्ति का ग्रह है। यह इस बात को दर्शाते हैं कि कोई व्यक्ति अपनी जिम्मेदारियों को किस तरह संभालता है, सीमाएं निर्धारित करता है और रोज़मर्रा के जीवन में अपने कामों को कैसे प्रबंधित करता है। ऐसे में, आप इस बात को अच्छे से समझ सकते हैं कि कुंडली में बैठे शनि देव आपके जीवन को कैसे प्रभावित करते हैं।
एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में आपको शनि कुंभ राशि में अस्त के बारे में में विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त होगी जैसे कि तिथि, समय और दुनिया पर होने वाला प्रभाव। साथ ही, हम आपको भारत समेत शेयर मार्केट पर पड़ने वाले असर से भी अवगत कराएंगे।
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शनि कुंभ राशि में अस्त: प्रभाव
शनि कुंभ राशि के स्वामी हैं और जब यह अपनी राशि में मौजूद होते हैं, तो यह बेहद शुभ परिणाम प्रदान करते हैं। इसी क्रम में, कुंभ राशि वालों का स्वभाव जल की तरह होता है, वह बहुत ही मिलनसार किस्म के होते हैं और जल्द ही लोगों से घुल-मिल जाते हैं। यह न्याय प्रिय होने के साथ-साथ दयालु स्वभाव के होते हैं और इनकी रुचि दूसरों की सेवा करना में होती है। कुंभ राशि वाले इस बात को अच्छे से जानते हैं कि क्या सही है और क्या गलत। इन लोगों में नेतृत्व क्षमता के गुण भी पाए जाते हैं और अक्सर, यह लोगों को जीवन में सही रास्ता दिखाते हैं। इन जातकों के सामाजिक जीवन का दायरा काफ़ी बड़ा होता है।
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जब शनि कुंभ राशि में उपस्थित होते हैं, तो इन जातकों की एकाग्रता को बहुत ज्यादा मज़बूत बनाते हैं। इन लोगों में समानता की भावना कूट-कूटकर भरी होती है। यह जातक स्वभाव से तार्किक होते हैं और अपने जीवन में सुधार करने के लिए निरंतर मेहनत करने से भी पीछे नहीं हटते हैं।
शनि कुंभ राशि में अस्त: समय
ज्योतिष में गुरु देव के बाद शनि महाराज को महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है क्योंकि यह लोगों को कर्मों के अनुसार फल देते हैं। साथ ही, यह मनुष्य द्वारा किये जा रहे अच्छे और बुरे कर्मों पर नज़र बनाए रखते हैं। वर्तमान समय में शनि देव मूलत्रिकोण राशि में गोचर कर रहे हैं और अब यह कुंभ राशि में 11 फरवरी 2024 की दोपहर 01 बजकर 55 मिनट पर अस्त होने जा रहे हैं।
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शनि कुंभ राशि में अस्त: विश्व पर प्रभाव
ऑटोमोबाइल एवं पेट्रोलियम प्रोडक्ट
- शनि के कुंभ राशि में अस्त होने से भारी वाहनों के निर्माण से जुड़ी कुछ प्रमुख समस्याएं उभर सकती हैं। साथ ही, जिन एमएनसी का संबंध आरएंडडी और ऑटोमोबाइल के निर्माण से है, वह इस समय समस्याओं को सुलझाने में व्यस्त रह सकते हैं।
- भारत सरकार डीजल वाहनों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के लिए नीतियां बना सकती है।
- शनि के कुंभ राशि में अस्त की अवधि में पेट्रोल, डीजल और अन्य पेट्रोलियम उत्पादों जैसे कि एलपीजी आदि की कीमतों में कमी देखने को मिल सकती है।
नियम एवं कानून व्यवस्था
- जब शनि देव कुंभ राशि में अस्त होंगे, उस समय कुछ ऐसी घटनाएं हो सकती हैं जिनसे भारतीय न्यायपालिका व्यवस्था की कमियां सामने आ सकती हैं।
- इस अवधि में सोशल मीडिया से संबंधित नए नियम लागू किये जा सकते हैं।
- शनि अस्त के दौरान ऐसे मुद्दे सामने आ सकते हैं जिसका असर भारतीय अर्थव्यवस्था और अन्य क्षेत्रों पर पड़ सकता है।
व्यापार एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध
- शनि कुंभ राशि में अस्त के दौरान दक्षिण-पूर्व दिशा या दक्षिण पूर्वी देशों के साथ व्यापार करने के नए अवसर मिल सकते हैं।
- इस अवधि में भारत के पश्चिमी देशों और दक्षिण-पूर्वी देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने के प्रयास थोड़े धीमे पड़ सकते हैं।
- पूरे देश में व्यापार की स्थिति में सुधार देखने को मिलेगा।
- शनि अस्त के दौरान दुनिया भर में अध्यात्म से जुड़ी गतिविधियों में भाग लेने वाले लोगों की संख्या में थोड़ी कमी नज़र आ सकती है जिसका असर धार्मिक उत्पादों की बिक्री पर पड़ सकता है।
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शनि कुंभ राशि में अस्त: स्टॉक मार्केट रिपोर्ट
शनि कुंभ राशि में अस्त होने जा रहे हैं और इसका प्रभाव देश-दुनिया, राशियों के साथ-साथ शेयर बाजार पर भी पड़ेगा। अगर आप चाहे तो शेयर बाजार भविष्यवाणी एस्ट्रोसेज पर विस्तारपूर्वक पढ़ सकते हैं। हालांकि, इस ब्लॉग में हम आपको शेयर बाजार की झलक प्रदान करेंगे।
- फरवरी महीने की शुरुआत में तेजी देखने को मिलेगी।
- इस माह के अंतिम चरण के दौरान बाज़ार में कमज़ोरी और शेयर बाजार में गिरावट आने की संभावना है।
- शनि के अस्त होने से फरवरी के अंत या आखिरी सप्ताह में बाज़ार में उतार-चढ़ाव आ सकता है।
- इस दौरान शेयर बाज़ार में कभी-कभी उतार-चढ़ाव नज़र आ सकते हैं। शनि की यह दशा टाटा पावर, रिलायंस पावर, पावर ट्रांसमिशन, केबल इंडस्ट्रीज, ऑटोमोबाइल, रबर इंडस्ट्री, हेवी इंजीनियरिंग, टोस्को, बिरसाला इरेक्शन, चाय-कॉफी, हेवी इंडस्ट्रीज, सीमेंट, केमिकल उद्योग, ओएनजीसी, ऊनी, कपड़ा उद्योग समेत दूसरी कंपनियों को प्रभावित करेगा।
- इसके विपरीत, परफ्यूम, कॉस्मेटिक उद्योग, बैंक, फाइनेंस से जुड़ी कंपनियां, सब्जी उद्योग, सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी, तंबाकू, पेपर, दवा उद्योग और पब्लिक उद्योग आदि में थोड़ी गिरावट आने की आशंका है।
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