एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में आपको “शनि का कुंभ राशि में गोचर” से जुड़ी समस्त जानकारी प्राप्त होगी जैसे कि तिथि, समय और प्रभाव आदि। यह सभी जानते हैं कि नौ ग्रहों में शनि को सबसे महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है और यह एक ऐसा ग्रह है जिसके नाम से भी लोग भयभीत हो जाते हैं। जब-जब शनि देव की स्थिति में परिवर्तन होता है या फिर शनि किसी दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो लोगों के मन में ये सवाल उठने लगते हैं कि शनि का यह गोचर हमारे लिए कैसा रहेगा? क्या मिलेगी सफलता या बिगड़ेंगे बने काम? यदि आपके मन में भी यही प्रश्न आ रहे हैं तो इस ब्लॉग में आपको इन सभी सवालों के जवाब मिलेंगे।
साथ ही, हम आपको उन उपायों से भी अवगत कराएंगे जिनकी मदद से शनि के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है। तो आइये जानते हैं कि शनि के कुंभ राशि में गोचर की तिथि और समय।
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शनि का कुंभ राशि में गोचर: तिथि और समय
ज्योतिष शास्त्र में शनि सबसे मंद गति से चलने वाला ग्रह है जो एक राशि में लगभग ढाई साल तक रहते हैं। ऐसे में, शनि ग्रह का राशि परिवर्तन बेहद अहम माना जाता है और अब जल्द ही मंद गति से चलने वाला ग्रह शनि मकर राशि की अपनी यात्रा को विराम देते हुए कुंभ राशि में गोचर करेंगे। आपको बता दें, कुंभ और मकर इन दोनों ही राशियों के स्वामी शनि है जो 17 जनवरी 2023 मंगलवार को शाम 05 बजकर 04 मिनट पर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। इस राशि में शनि ग्रह अपने गोचर के दौरान 140 दिन वक्री अवस्था में रहेंगे जबकि 33 दिनों तक अस्त रहेंगे। चलिए अब आगे बढ़ते हैं और नज़र डालते हैं ज्योतिष में शनि के महत्व पर।
शनि का धार्मिक एवं ज्योतिषीय महत्व
अगर हम शनि के ज्योतिषीय और धार्मिक महत्व की बात करें तो, शनि को एक महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है जिन्हें न्यायधीश और कर्मफल दाता का दर्जा दिया गया है क्योंकि यह लोगों को उनके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं यानी कि जिन लोगों के कर्म अच्छे होते हैं उन्हें शुभ परिणाम प्रदान करते हैं, वहीं दूसरी और जिन लोगों के मन में छल-कपट, धोख़ा या अहित की भावना रहती हैं शनि देव उन्हें दंडित करते हैं इसलिए इन्हें दंडनायक भी कहा जाता है।
शनि की साढ़े साती और ढैय्या किसी भी जातक को राजा से रंक और रंक से राजा बनाने की क्षमता रखती है। किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि देव की शुभ स्थिति से व्यक्ति का भाग्योदय होता है। इसके विपरीत, शनि की अशुभ स्थिति से जातकों को नकारात्मक परिणामों की प्राप्ति होती हैं। शनि ग्रह का ज्योतिषीय महत्व जानने के बाद अब बात करते हैं इनकी धार्मिक महत्ता के बारे में, शनि ग्रह को सनातन धर्म में शनि देव के रूप में पूजा जाता है जो भगवान सूर्य और देवी छाया के पुत्र हैं।
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कुंडली में शनि कमज़ोर होने के लक्षण
- हमेशा थकान का अनुभव होना या आलस का आप पर हावी होना।
- स्नान के लिए समय न मिलना या फिर नहाने का मन नहीं करना।
- नए कपड़े पहनने का मौका न मिलना।
- घर की अलमारी का हमेशा अस्त-व्यस्त रहना।
- घर में तेल, दाल और राई का बार-बार नुकसान होने लगे।
- पिता के साथ रिश्तों में खटास आने लगे।
- लोगों से मिलने-जुलने का मन नहीं करना।
इन अचूक उपायों को अपनाने से कुंडली में शनि होंगे मज़बूत
- प्रत्येक शनिवार शनि देव को तेल चढ़ाएं।
- हनुमान जी की मंगलवार और शनिवार के दिन पूजा करें।
- काले तिल और काली उड़द का दान करें और यदि संभव हो तो कंबल का भी दान कर सकते हैं।
- नियमित रूप से शनि चालीसा और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है। जानें अपनी चंद्र राशि
शनि का कुंभ राशि में गोचर: राशि अनुसार राशिफल और उपाय
मेष राशि
मेष राशि में शनि दशम और एकादश भाव का स्वामी होकर राशि से एकादश भाव में ही गोचर करेंगे। एकादश भाव आय का भाव माना गया है और शनि देव का गोचर एकादश भाव में….(विस्तार से पढ़ें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि में शनि नवम और दशम भाव के स्वामी होकर वृषभ राशि से दशम भाव में ही गोचर करेंगे। शनि आपके भाग्य….(विस्तार से पढ़ें)
मिथुन राशि
मिथुन राशि में शनि अष्टम और नवम भाव के स्वामी होकर मिथुन राशि से नवम भाव में ही गोचर कर रहे हैं। शनि….(विस्तार से पढ़ें)
कर्क राशि
शनि गोचर 2023 के अनुसार कर्क राशि में शनि सप्तम और अष्टम भाव के स्वामी होकर कर्क राशि से अष्टम भाव में ही गोचर करेंगे। इस….(विस्तार से पढ़ें)
सिंह राशि
सिंह राशि में शनि षष्टम और सप्तम के भाव स्वामी होकर सिंह राशि से सप्तम भाव में ही गोचर कर रहे….(विस्तार से पढ़ें)
कन्या राशि
कन्या राशि में शनि पंचम और षष्टम भाव के स्वामी होकर कन्या राशि से षष्ठम भाव में ही गोचर कर रहे हैं। यह समय….(विस्तार से पढ़ें)
तुला राशि
तुला राशि में शनि चतुर्थ और पंचम भाव के स्वामी होकर तुला राशि से पंचम भाव में गोचर करेंगे। शनि गोचर….(विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि में शनि तृतीय और चतुर्थ भाव के स्वामी होकर वृश्चिक राशि से चतुर्थ भाव में गोचर….(विस्तार से पढ़ें)
धनु राशि
धनु राशि में शनि दूसरे और तृतीय भाव के स्वामी होकर धनु राशि से तीसरे भाव में गोचर करेंगे। आपकी साढ़ेसाती पूर्ण….(विस्तार से पढ़ें)
मकर राशि
मकर राशि में शनि मकर राशि और दूसरे भाव के स्वामी होकर मकर राशि से दूसरे भाव में ही गोचर कर रहे हैं। आपकी शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण…(विस्तार से पढ़ें)
कुंभ राशि
कुंभ राशि में शनि बारहवें और प्रथम भाव के स्वामी होकर कुंभ राशि में ही गोचर करेंगे। कुंभ राशि वालों की शनि की साढ़ेसाती का प्रथम चरण समाप्त होकर दूसरे…(विस्तार से पढ़ें)
मीन राशि
शनि गोचर 2023 के मुताबिक मीन राशि में शनि एकादश और बारहवें भाव के स्वामी होकर मीन राशि से द्वादश भाव में ही गोचर करेंगे। मीन राशि के लोगों की साढ़ेसाती के प्रथम चरण की…(विस्तार से पढ़ें)
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