30 मई को शनि जयंती मनाई जाएगी। इस दिन शनिदेव के भक्त व्रत रखते हैं और विधि विधान से शनिदेव की पूजा करते हैं। ऐसा करने से कुंडली में मौजूद शनि दोष से छुटकारा मिलता है। इस वर्ष शनि जयंती पर विशेष संयोग का निर्माण भी हो रहा है जिससे इस दिन का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। ऐसे में जिन जातकों पर शनि का प्रकोप चल रहा है उन्हें इस दिन विशेष पूजा अर्चना करने की सलाह दी जाती है।
आज अपने इस विशेष ब्लॉग में जानते हैं शनि जयंती पर बनने वाले इस दुर्लभ संयोग की सम्पूर्ण जानकारी। साथ ही जानते हैं इस दिन की पूजा का शुभ मुहूर्त और इस दिन के राशि अनुसार उपायों के बारे में जिन्हें अपनाकर आप भी शनिदेव की प्रसन्नता अपने जीवन में हासिल कर सकते हैं।
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शनि जयंती पर 30 सालों बाद बन रहा है या दुर्लभ संयोग
सबसे पहले बात करें शनि जयंती के दिन बनने वाले अद्भुत संयोग की तो, ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि इस वर्ष क्योंकि शनि जयंती के दिन ही सोमवती अमावस्या और वट सावित्री का त्यौहार भी मनाया जाएगा और यह संयोग तकरीबन 30 वर्षों बाद पड़ रहा है।
इसके अलावा शनि जयंती के दिन शनि देव खुद अपनी राशि कुंभ में स्थित होंगे और साथ ही इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। इसके अलावा शनि जयंती के दिन सुकर्मा योग का भी शुभ संयोग बन रहा है।
इन सभी अद्भुत योग और संयोग से इस दिन का महत्व कई गुना बढ़ रहा है। ऐसे में यदि आप इस दिन की पूजा करते हैं और शनिदेव को प्रसन्न करते हैं तो आपके जीवन पर शनिदेव का आशीर्वाद बना रहेगा और साथ ही शनि से संबंधित दोषों से भी छुटकारा मिलेगा।
शनि जयंती पूजा का शुभ मुहूर्त
शनि जयंती सोमवार 30 मई को मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार बात करें तो अमावस्या तिथि रविवार 29 मई को दोपहर 2 बज कर 54 मिनट से शुरू हो रही है और यह 30 मई को शाम 4 बजकर 59 मिनट पर समाप्त हो जाएगी।
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शनि जयंती का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व
शनि देव को ज्योतिष में कर्मफल दाता ग्रह का दर्जा प्राप्त है। अर्थात यह जातकों को उनके कर्मों के अनुरूप ही फल देते हैं। ऐसे में जिनके कर्म अच्छे होते हैं उन्हें शनि देव शुभ फल देते हैं और जिनके कर्म बुरे होते हैं उन्हें शनिदेव के प्रकोप से जूझना पड़ता है।
प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह की अमावस्या को शनि जयंती मनाई जाती है। शनिदेव की पूजा आराधना करने के लिए यह दिन बेहद ही शुभ और शीघ्र फलदाई माना जाता है। इसके अलावा इस दिन शनिदेव की पूजा अर्चना करने से कुंडली में मौजूद शनि दोष भी दूर होते हैं।
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देवी देवताओं पर भी पड़ा है शनिदेव का प्रकोप: कैसे करें बचाव?
कर्मफल दाता शनि देव लोगों को उनके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। यह बात तो आप अच्छी तरह से जानते हैं। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि शनिदेव के प्रकोप से स्वयं देवी देवता भी नहीं बच पाते हैं?
माना जाता है कि शनिदेव के चलते ही भगवान राम और रावण को अपने जीवन में तमाम कष्ट भोगने पड़े थे। इसके अलावा शनि देव के प्रभाव स्वरूप ही भगवान कृष्ण को द्वारका नगरी में शरण लेनी पड़ी थी। इसी तरह से आम जनजीवन पर भी शनिदेव की साढ़ेसाती आदि दोष पड़ते हैं जिन्हें बेहद ही कष्टकारी माना जाता है। ऐसे में इन प्रकोप से बचने के लिए शनि जयंती के दिन को बेहद शुभ माना गया है।
इसके अलावा शनिदेव के प्रकोप से बचने के लिए सबसे आसान काम यह किया जा सकता है कि व्यक्ति अपने कर्मों को अच्छा रखे। कर्म अच्छे होंगे तो शनिदेव खुद-ब-खुद शुभ परिणाम देने लगते हैं।
शनि जयंती पर इन मंत्रों का उच्चारण दिलाएगा शनिदेव की विशेष कृपा
“ॐ शं शनैश्चराय नमः”
“ॐ प्रां प्रीं प्रौ स: शनैश्चराय नमः”
शनिदेव की पूजा के दौरान इन मंत्रों का जाप अवश्य करें। साथ ही इस दिन भगवान शिव और बजरंगबली की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। इन मंत्रों का जप करने से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं, पारिवारिक क्लेश से मुक्ति मिलती है, कारोबार में वृद्धि होती है, नौकरी में सफलता मिलती है, और आर्थिक लाभ के योग प्रबल होते हैं।
शनि जयंती पर राशि अनुसार करें इन वस्तुओं का दान
- मेष राशि: तेल और काले तिल का दान करें।
- वृषभ राशि: शनि चालीसा का पाठ करें और कंबल का दान करें।
- मिथुन राशि: जरूरतमंद व्यक्ति को काले वस्त्रों का दान करें।
- कर्क राशि: उड़द दाल, तेल और तिल का दान करें।
- सिंह राशि: नीलम का दान करें।
- कन्या राशि: गरीब व्यक्ति को जूते चप्पल का दान करें।
- तुला राशि: काले कपड़े और तेल का दान करें।
- वृश्चिक राशि: लोहे की वस्तु का दान करें।
- धनु राशि: पीले कपड़े और हल्दी का दान करें।
- मकर राशि: गाय का दान करें।
- कुंभ राशि: स्वर्ण का दान करें
- मीन राशि: पीले वस्त्र और हल्दी का दान करें।
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शनि के प्रकोप से जूझ रहे हैं तो शनि जयंती पर अवश्य करें ये उपाय
जहां एक तरफ कर्क राशि और वृश्चिक राशि के जातकों पर शनि की ढैया चल रही है वहीं मकर राशि, कुंभ राशि और मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रकोप चल रहा है। ऐसे में इन 5 राशियों के जातकों के लिए शनि जयंती विशेष फलदाई रहने वाली है। इस दिन शनि के दुष्प्रभाव को अपने जीवन पर कम करने के लिए आप कुछ खास उपाय कर सकते हैं।
क्या हैं वो उपाय आइये जान लेते हैं:
- शनि चालीसा का पाठ करें।
- मुमकिन हो तो शनि जयंती का व्रत रखें और व्रत का पारण करने से पहले जरूरतमंदों को शनि से संबंधित वस्तुओं का दान करें।
- राजा दशरथ कृत शनि स्त्रोत का पाठ करें।
- जरूरतमंद लोगों को तेल, काला तिल, काली उड़द दाल, काले कपड़े, लोहे, कंबल, चमड़े के जूते, आदि का दान करें।
- इस दिन भगवान हनुमान की भी पूजा अवश्य करें। कहा जाता है ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
- इसके अलावा किसी नदी या तालाब में अखंड नारियल को प्रवाहित करें।
- इसके अलावा शनि जयंती के दिन एक कटोरी में तेल लेकर इसमें अपना चेहरा देखें और फिर इस तेल और कटोरी को किसी को दान कर दें। इसे छाया दान कहा जाता है।
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