29 साल बाद शनि-सूर्य-बुध बनाएंगे त्रिग्रही योग, ये 4 राशि वाले तुरंत हो जाएं सावधान

वैदिक ज्योतिष अनुसार हर ग्रह का स्थान परिवर्तन, किसी न किसी रूप से हर राशि के जातकों के जीवन पर प्रभाव डालता है। सौरमंडल के समस्त ग्रहों में से सूर्य को ग्रहों का राजा माना गया है, जो हर 30 दिन में अपना गोचर करते हैं और उनकी गोचरीय स्थिति को हम संक्रांति कहते हैं। परन्तु हिन्दू धर्म में मकर संक्रांति का अपना विशेष महत्व होता है। क्योंकि इस दौरान सूर्य अपने पुत्र शनि की राशि मकर में जाते है। ये स्थिति ज्योतिष में बेहद महत्वपूर्ण मानी गई है। 

29 वर्षों बाद शनि-सूर्य-बुध बनाएंगे त्रिग्रही योग

वर्ष 2022 में मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जा रही है और इस वर्ष इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है। क्योंकि ये लगभग 29 वर्षों में पहली बार होगा जब पिता-पुत्र यानी सूर्य-शनि एक साथ मकर राशि में युति करेंगे। इससे पहले ऐसा अनोखा मेल साल 1993 में हुआ था।

अब पुनः शनि के पहले से ही अपनी स्वराशि मकर राशि में मौजूद होना और 14 जनवरी को पिता सूर्य का भी अपना गोचर करते हुए मकर राशि में विराजमान हो जाना अपने आप में बहुत विशेष गोचरीय घटना होगी। इसके साथ ही मकर राशि में ही 5 जनवरी को बुध ग्रह भी विराजमान हुए थे, जिसके बाद अब मकर में उपस्थित बुध, शनि और सूर्य युति बनाएंगे। 

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ज्योतिष अनुसार बुध और शनि के बीच नैसर्गिक मित्रता नहीं होने से शत्रुता का भाव देखने को मिलता है। साथ ही सूर्य और शनि भी एक दूसरे के लिए शत्रु ग्रह होते हैं। ऐसे में मकर संक्रांति के दिन बुध-शनि-सूर्य का एकसाथ मकर राशि में उपस्थित होना “त्रिग्रही योग” का निर्माण करेगा। जिसके परिणामस्वरूप इन तीन प्रमुख ग्रहों का एक साथ मौजूद होकर त्रिग्रही योग बनाना, सीधे तौर पर 4 राशियों के जीवन में बड़े बदलाव आने के संकेत दे रहा है। 

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त्रिग्रही योग इन 4 राशियों को देगा चुनौती 

वृषभ राशि: ज्योतिष में शुक्र ग्रह वृषभ राशि के स्वामी ग्रह हैं और शुक्र को सूर्य का शत्रु भी माना जाता है। ऐसे में 14 जनवरी को सूर्य के आपकी राशि के नवम भाव में गोचर करने पर सबसे अधिक आपका पारिवारिक जीवन उथल-पुथल होगा। घर-परिवार में सुख और शांति की भारी कमी देखी जाएगी। इसके अलावा आपको अपने पिता के साथ किसी कारणवश विवाद व सहयोग न मिलने से भी परेशानी संभव है। धन पक्ष के लिहाज़ से भी आपको आर्थिक तंगी से समस्या होगी। इसके लिए आप किसी प्रकार का कर्ज या ऋण लेने का प्लान भी करेंगे। 

मिथुन राशि: ज्योतिष के अनुसार बुध मिथुन राशि के स्वामी ग्रह हैं और बुध व शनि के बीच अकसर शत्रुता का भाव देखने को मिलता है। ऐसे में 14 जनवरी से शनि-सूर्य-बुध आपकी राशि के अष्टम भाव में मौजूद होंगे। इसके कारण आपको सबसे अधिक स्वास्थ्य संबंधी कुछ गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यदि आप शादीशुदा हैं तो ये युति आपके और साथी के बीच कोई बड़ी अनबन का कारण बनेगी, जो बाद में चलकर किसी गंभीर झगड़े का रूप ले सकती है। 

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कन्या राशि: मिथुन राशि के अलावा बुध कन्या राशि के भी स्वामी ग्रह हैं। ऐसे में अब तीनों ग्रह आपके पंचम भाव में मौजूद होंगे और इसके परिणामस्वरूप आपको हर कार्य में अधिक सावधान रहने की आवश्यकता होगी। खासकर वाहन चलाने वाले जातकों को सतर्क रहना होगा, अन्यथा उनके साथ कोई दुर्घटना संभव है। पारिवारिक जीवन में भी सूर्य-शनि और बुध की ये युति आपके माता-पिता की सेहत में गिरावट ला सकती है। वहीं दांपत्य जातकों को संतान सुख की कमी से काफी परेशानी उठानी पड़ेगी। 

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धनु राशि: गुरु बृहस्पति इनके स्वामी ग्रह हैं और गुरु से शनि की नैसर्गिक मित्रता नहीं होती है। ऐसे में अब सूर्य-बुध-शनि आपकी राशि के द्वितीय भाव में युति करेंगे। इन त्रिग्रही योग के कारण आपके घर-परिवार में बात-बात पर कलह और तनाव की स्थिति आपको मानिसक तनाव देगी। आर्थिक जीवन में भी आप बहुत प्रयासों के बाद भी इच्छानुसार धन कमाने में असफल रहेंगे। साथ ही कई जातकों को कोई बड़ा आर्थिक नुकसान भी संभव है। यदि आप शादीशुदा हैं तो जीवनसाथी से सहयोग नहीं प्राप्त होगा। स्वास्थ्य जीवन में भी गिरावट आने की आशंका है। 

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