सितंबर 2024 में भक्तों के कष्ट हरने आएंगे गणपति बप्पा, सुख-समृद्धि का देंगे आशीर्वाद!

सितंबर 2024 में भक्तों के कष्ट हरने आएंगे गणपति बप्पा, सुख-समृद्धि का देंगे आशीर्वाद!

सितंबर 2024 का महीना साल का नौवां महीना होता है जो हमें यह याद दिलाता है कि हम धीरे-धीरे इस वर्ष के अंत की तरफ बढ़ रहे हैं। इसी प्रकार, अगस्त को पीछे छोड़ते हुए सितंबर 2024 में प्रवेश के लिए पूरी तरह से तैयार है। हर इंसान की नए माह के साथ कुछ आशाएं एवं उम्मीदें जुड़ी होती हैं और यह व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं। आपको बता दें कि इस बार सितंबर 2024 का महीना कई मायनों से बेहद ख़ास रहने वाला है क्योंकि इस दौरान एक के बाद एक अनेक बड़े एवं प्रमुख पर्वों को मनाया जाएगा।

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जो लोग हिंदू धर्म में आस्था एवं विश्वास रखते हैं, उनके लिए सितंबर का महीना महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि इस माह में गणेश चतुर्थी से लेकर हरतालिका तीज जैसे बड़े पर्वों को मनाया जाएगा। इसके अलावा, धार्मिक दृष्टि से भी सितंबर 2024 का अपना एक अलग स्थान है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, साल के नौवें महीने में प्रवेश के साथ ही वर्ष के खत्म होने की उल्टी गिनती शुरू हो जाती है क्योंकि अब इस वर्ष की समाप्ति में सिर्फ 3 महीने ही रह जाते हैं। आइए अब हम बिना देर किये आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले नज़र डालते हैं सितंबर महीने के पंचांग पर। 

सितंबर 2024 का ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू पंचांग की गणना

सितंबर 2024 के पंचांग को देखें तो. वर्ष 2024 में सितंबर की शुरुआत अश्लेषा नक्षत्र के तहत कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को होगी और उसका अंत पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के अंतर्गत कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को हो जाएगा। इस महीने कई महत्वपूर्ण पर्वों को मनाया जाएगा और इस ब्लॉग के माध्यम से हम उनके बारे में विस्तार से बताएंगे। लेकिन सबसे पहले आपको अवगत करवाते हैं सितंबर 2024 के पर्वों एवं व्रतों की तिथियों से।  

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सितंबर 2024 में मनाए जाने वाले व्रत एवं त्योहारों की तिथियां 

हिंदू धर्म में प्रत्येक माह में अनेक व्रत, पर्व एवं त्योहार पड़ते हैं और इन सभी पर्वों को बेहद श्रद्धाभाव से मनाया जाता है। इस प्रकार, सितंबर 2024 में भी अनंत चतुर्दशी, हरतालिका तीज जैसे पावन त्योहारों को मनाया जाएगा। आइए आपको सितंबर 2024 के व्रत और त्योहार की तिथियों से रूबरू करवाते हैं। 

तिथिपर्व
01 सितंबर 2024, रविवारमासिक शिवरात्रि
02 सितंबर 2024, सोमवारभाद्रपद अमावस्या
06 सितंबर 2024, शुक्रवारहरतालिका तीज
07 सितंबर 2024, शनिवारगणेश चतुर्थी
14 सितंबर 2024, शनिवारपरिवर्तिनी एकादशी
15 सितंबर 2024, रविवारप्रदोष व्रत (शुक्ल)
15 सितंबर 2024, रविवारओणम/थिरुवोणम
16 सितंबर 2024, सोमवारकन्या संक्रांति
17 सितंबर 2024, मंगलवारअनंत चतुर्दशी
18 सितंबर 2024, बुधवारभाद्रपद पूर्णिमा व्रत
21 सितंबर 2024, शनिवारसंकष्टी चतुर्थी
28 सितंबर 2024, शनिवारइन्दिरा एकादशी
29 सितंबर 2024, रविवारप्रदोष व्रत (कृष्ण)
30 सितंबर 2024, सोमवारमासिक शिवरात्रि

सितंबर 2024 में मनाये जाने वाले व्रत एवं त्योहारों की तिथियों के बारे में जानकारी प्रदान करने के बाद चलिए जानते हैं इन त्योहारों का धार्मिक महत्व। 

सितंबर 2024 में पड़ने वाले व्रत एवं त्योहारों का धार्मिक महत्व  

मासिक शिवरात्रि (01 सितंबर 2024, रविवार): मासिक शिवरात्रि का व्रत भी प्रदोष व्रत के समान ही भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए श्रेष्ठ होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, मासिक शिवरात्रि का व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को करने का विधान है। पौराणिक ग्रंथों में इस व्रत से जुड़ी मान्यता है कि जीवन में आने वाली सभी तरह की समस्याओं और कष्टों से मासिक शिवरात्रि का व्रत निजात दिलाता है। इसके अर्थ की बात करें, तो मासिक का अर्थ “महीने” से होता है और शिवरात्रि का संबंध भगवान शिव की “रात” से है।  

भाद्रपद अमावस्या (02 सितंबर 2024, सोमवार): सनातन धर्म में अमावस्या तिथि को पितृ शांति, दान-पुण्य और काल सर्प जैसे दोषों से निवारण के लिए उत्तम माना गया है। बता दें कि भाद्रपद माह को भगवान कृष्ण की भक्ति का महीना कहा जाता है। इस वजह से भाद्रपद में आने वाली अमावस्या के महत्व में कई गुना वृद्धि हो जाती है। भाद्रपद अमावस्या पर कुशा को धार्मिक कार्यों के लिए इकट्ठा किया जाता है। मान्यता है कि भाद्रपद अमावस्या के दिन धार्मिक कार्यों व श्राद्ध कर्म में उपयोग की गई घास को एकत्रित करना शुभ होता है।

हरतालिका तीज (06 सितंबर 2024, शुक्रवार): हरतालिका तीज की गिनती हिंदू धर्म के सबसे प्रमुख व्रतों में होती है। पंचांग के अनुसार, यह पर्व हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है। शायद ही आप जानते होंगे कि भाद्रपद शुक्ल की तृतीया के दिन हस्त नक्षत्र में शिव जी और माता पार्वती की पूजा को शुभ माना जाता है। हरतालिका तीज का व्रत कुंवारी और विवाहित महिलाओं द्वारा किया जाता है। इस व्रत का पालन व्रती निराहार और निर्जल रहकर करता है। शास्त्रों के अनुसार, हरतालिका तीज व्रत को सर्वप्रथम माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए किया था।

गणेश चतुर्थी (07 सितंबर 2024, शनिवार): पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाए जाने का विधान है। यह पर्व देशभर में बहुत उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान गणेश का जन्म भादो मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर हुआ था इसलिए इस तिथि को विघ्नहर्ता गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।  गणेश जी के भक्तों को गणेश चतुर्थी का इंतज़ार साल भर रहता है क्योंकि गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक भगवान गणेश 10 दिनों के लिए धरती पर अपने भक्तों के घर पधारते हैं। गणेश विसर्जन के साथ ही वह अगले साल आने का वादा करके अपने धाम लौट जाते हैं।

परिवर्तिनी एकादशी (14 सितंबर 2024, शनिवार): एक वर्ष में आने वाली सभी एकादशी तिथि को महत्वपूर्ण माना जाता है। इन्हीं 24 एकादशी तिथियों में से एक परिवर्तिनी एकादशी है और इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है। यह एकादशी भारत में कई जगहों पर पार्श्व एकादशी और पद्मा एकादशी के रूप में जानी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि इस एकादशी पर भगवान विष्णु अपनी निद्रा अवस्था में करवट लेते हैं इसलिए यह परिवर्तिनी एकादशी कहलाती है। इस दिन उपवास करने और भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा करने से वाजपेय यज्ञ के समान पुण्य की प्राप्ति होती है और मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। यह देवी लक्ष्मी का आह्लादकारी व्रत है इसलिए इस दिन लक्ष्मी पूजा भी सर्वश्रेष्ठ मानी गयी है।

प्रदोष व्रत (15 सितंबर 2024, रविवार): हिंदू पंचांग में हर मास में दो प्रदोष व्रत आते हैं पहला शुक्ल पक्ष और दूसरा, कृष्ण पक्ष में। इस व्रत को शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर किया जाता है। यह व्रत मां पार्वती और भगवान शिव को समर्पित होता है। मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत को करने से भक्त को उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है। दक्षिण भारत के लोग प्रदोष व्रत को प्रदोषम के नाम से जानते हैं और इस व्रत को करने से कुंडली में उपस्थित चंद्र दोष और सर्प दोष दूर हो जाता है। साथ ही, रवि प्रदोष, सोम प्रदोष और शनि प्रदोष का व्रत पूर्ण होने से शीघ्र ही कार्य सिद्ध होकर शुभ फल की प्राप्ति होती है। 

ओणम (15 सितंबर 2024, रविवार): दक्षिण भारत के प्रमुख पर्वों में से एक है थिरुवोणम जो कि बहुत ही उत्साह एवं जोश के साथ मनाया जाता है। थिरुवोणम की उत्पति दो शब्दों से मिलकर हुई है जिसमें ‘थिरु का अर्थ “पवित्र” से है और ओणम’ का अर्थ है संस्कृत भाषा के ‘श्री’ के समान माना गया है। मान्यताओं के अनुसार, हर साल थिरुवोणम के दिन राजा महाबलि पाताल लोक से अपनी प्रजा से मिलने के लिए धरती पर आते हैं और उन्हें अपना आशीर्वाद देते हैं। इस पर्व से जुड़ी दूसरी मान्यता है कि थिरुवोणम के दिन भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया था। 

कन्या संक्रांति (16 सितंबर 2024, सोमवार): ज्योतिष शास्त्र में सूर्य महाराज को नवग्रहों के राजा कहा जाता है, तो वहीं सनातन धर्म में इनकी पूजा देवता के स्वरूप में की जाती हैं। इसी क्रम में, सूर्य देव प्रत्येक माह एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं और इनके इसी राशि परिवर्तन को संक्रांति के नाम से जाना जाता है। अब यह 16 सितंबर 2024 के दिन सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में गोचर करेंगे इसलिए इस संक्रांति को कन्या संक्रांति कहा जाता है। जिस दिन सूर्य राशि परिवर्तन करते हैं, वह तिथि सभी प्रकार के धार्मिक कार्यों तथा दान के लिए शुभ मानी जाती है।

अनंत चतुर्दशी (17 सितंबर 2024, मंगलवार): हिंदू धर्म में अनंत चतुर्दशी की गिनती प्रमुख त्योहारों में होती है और इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा का विधान है। इस पर्व को अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है जो कि हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। अनंत चतुर्दशी पर भगवान विष्णु की पूजा के बाद भक्त की बाजू पर अनंत सूत्र बांधा जाता है और यह कपास या रेशम से बना होता है। इस सूत्र में चौदह गांठें लगाई जाती हैं। भगवान विष्णु के अलावा अनंत चतुर्दशी का दिन गणेश जी के भक्तों के लिए भी खास होता है क्योंकि इस दिन बप्पा को 10 दिन अपने घर में रखने के बाद गणेश विसर्जन किया जाता है जिससे इस पर्व का महत्व बढ़ जाता है। 

भाद्रपद पूर्णिमा व्रत (18 सितंबर 2024, बुधवार): प्रत्येक माह आने वाली हर पूर्णिमा तिथि को महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि हर पूर्णिमा का अपना अलग स्थान है। इसी प्रकार, भाद्रपद पूर्णिमा को विशेष माना गया है और हर साल भाद्रपद माह में आने की वजह से इस पूर्णिमा को भाद्रपद पूर्णिमा कहा जाता है। इस तिथि पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु के सत्यनारायण स्वरूप की पूजा का विधान है और साथ ही, भाद्रपद पूर्णिमा पर उमा-महेश्वर व्रत भी किया जाता है। इस दिन से ही पितृ पक्ष का आरंभ होता है और यह आश्विन अमावस्या पर समाप्त होते हैं।

संकष्टी चतुर्थी (21 सितंबर 2024, शनिवार): प्रदोष व्रत के समान ही संकष्टी चतुर्थी का व्रत बहुत मायने रखता है जो कि गणेश जी को समर्पित होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी का व्रत हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को किया जाता है। यह व्रत प्रथम पूज्य गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए भक्त विधि-विधान से करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि सच्चे हृदय से संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने से मनुष्य जीवन की सभी समस्याओं और परेशानियों को गणपति बप्पा हर लेते हैं। 

इंदिरा एकादशी (28 सितंबर 2024, शनिवार): सितंबर 2024 में आने वाली दूसरी एकादशी इंदिरा एकादशी होगी। सनातन धर्म में इस एकादशी को महत्वपूर्ण माना जाता है और यह तिथि पितरों के उद्धार के लिए श्रेष्ठ होती है। ऐसा कहा जाता है कि इंदिरा एकादशी के दिन उपवास करने से मनुष्य की सात पीढ़ियों तक के पितरों को मोक्ष मिल जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इंदिरा एकादशी के दिन व्रत करने से भक्त के लिए मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है और इस दिन भगवान शालिग्राम की पूजा का भी विधान है।

सितंबर 2024 में पड़ने वाले ग्रहण एवं होने वाले गोचर

सितंबर 2024 में मनाये जाने वाले पर्वों, त्योहारों और व्रतों की तिथियां आपको बताने के बाद अब हम आपको सितंबर 2024 में होने वाले ग्रहण और गोचर के बारे में अवगत कराएंगे। बता दें कि सितंबर के माह में 4 बड़े ग्रहों की स्थिति में परिवर्तन देखने को मिलेगा जबकि एक ग्रह की स्थिति में बदलाव आएगा। हालांकि, ग्रहण की बात करें, तो इस महीने चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है।

बुध का सिंह राशि में गोचर (04 सितंबर 2024): बुद्धि और वाणी के कारक ग्रह बुध 04 सितंबर 2024 की सुबह 11 बजकर 31 मिनट पर कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश कर जाएंगे। 

बुध सिंह राशि में अस्त (14 सितंबर 2024): ग्रहों के राजकुमार के नाम से विख्यात बुध देव 14 सितंबर 2024 की दोपहर 12 बजकर 50 मिनट पर सिंह राशि में अस्त हो जाएंगे।

सूर्य का कन्या राशि में गोचर (16 सितंबर 2024): वैदिक ज्योतिष में सूर्य ग्रह को नवग्रहों के राजा कहा जाता है। ऐसे में, सूर्य महाराज 16 सितंबर 2024 की शाम 07 बजकर 29 मिनट पर कन्या राशि में गोचर करेंगे।

शुक्र का तुला राशि में गोचर (18 सितंबर 2024): प्रेम, ऐश्वर्य एवं भोग-विलास के कारक ग्रह शुक्र 18 सितंबर 2024 की दोपहर 01 बजकर 42 मिनट पर तुला राशि में गोचर करने जा रहे हैं। 

बुध का कन्या राशि में गोचर (23 सितंबर 2024): बुध ग्रह 23 सितंबर 2024 की सुबह 09 बजकर 59 मिनट पर तुला राशि में प्रवेश कर जाएंगे और ऐसे में, इस गोचर का प्रभाव देश-दुनिया पर दिखाई देगा।  सितंबर में होने वाला बुध का यह दूसरा गोचर होगा। 

सितंबर 2024 में पड़ने वाले ग्रहण

वर्ष 2024 का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण 18 सितंबर 2024, बुधवार के दिन लगेगा जो कि कि आंशिक चंद्र ग्रहण होगा। भारतीय समय के अनुसार, इस चंद्र ग्रहण का आरंभ सुबह 07 बजकर 43 मिनट पर होगा जबकि इसका अंत सुबह 8 बजकर 46 मिनट पर हो जाएगा। आपको बता दें कि यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा। 

धार्मिक दृष्टि से सितंबर का महत्व

हम यह बात भली-भांति जानते हैं कि हर महीने का अपना एक अलग महत्व होता है जो उसे अन्य सभी महीनों से अलग बनाता है। इसी प्रकार, सितंबर 2024 को भी धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना गया है। ग्रेगोरियन कैलेंडर में जहां यह नौवां महीना होता है और वहीं, हिंदू वर्ष में यह सामान्य तौर पर भाद्रपद का महीना होता है जो कि अगस्त या सितंबर में आता है। इस साल भाद्रपद माह 20 अगस्त से लेकर 18 सितंबर तक रहेगा। पंचांग के अनुसार, भाद्रपद साल का छठा महीना होता है और इस भाद्रपद या भादो भी कहा जाता है।

हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के लिए भाद्रपद मास का विशेष महत्व है। यह माह भगवान कृष्ण को समर्पित होता है। भाद्रपद के महीने में श्री कृष्ण के साथ-साथ माँ पार्वती और भगवान शिव की आराधना करना फलदायी रहता है। शायद ही आपको पता होगा कि भाद्रपद का महीना चातुर्मास का दूसरा महीना होता है और इस माह में जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी और हरतालिका तीज जैसे बड़े पर्वों को मनाया जाता है। भादो के महीने में लड्डूगोपाल की पूजन से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है और संतान प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 

भाद्रपद माह के समाप्त होने के साथ ही 19 सितंबर 2024 को आश्विन मास की शुरुआत हो जाएगी और इसका अंत 17 अक्टूबर 2024 को होगा। हिंदू वर्ष का सातवां महीना आश्विन होता है और यह सितंबर से अक्टूबर के दौरान पड़ता है। विक्रम संवत में भाद्रपद माह की पूर्णिमा के बाद की पहली तिथि यानी कि प्रतिपदा तिथि से आश्विन माह शुरू होता है। इस महीने का नाम ‘अश्विनी’ नक्षत्र के नाम पर पड़ा है। बता दें कि जब हिंदू कैलेंडर में समय की गणना की जाती है, तो आश्विन नक्षत्र का उपयोग सभी 27 नक्षत्रों में पहले किया जाता है। 

अगर हम इसके महत्व की बात करें, तो जिस प्रकार सावन भगवान शिव और भाद्रपद श्रीकृष्ण का महीना माना गया है, ठीक इसी तरह आश्विन मास देवी दुर्गा को समर्पित होता है। शक्ति साधना का पर्व शारदीय नवरात्रि आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से ही शुरू होता है और दशहरा के साथ इसका अंत होता है। यह नौ दिन देवी दुर्गा की आराधना के लिए श्रेष्ठ होते हैं और सर्वाधिक शुभ माने गए हैं। 

भाद्रपद 2024 के नियम

  • पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भाद्रपद के महीने में व्यक्ति को भूल से भी चावल या नारियल का तेल दान में नहीं देना चाहिए। ऐसा करने से मनुष्य के जीवन में आर्थिक संकट पैदा होते हैं। 
  • भाद्रपद मास में दही, गुड़, मूली और बैंगन का सेवन करने से परहेज़ करना चाहिए क्योंकि इस महीने में बारिश के बाद कीड़े हो जाते हैं जिससे बिमारियां फैलने का भय बना रहता है। 
  • इस महीने में किसी के द्वारा दिया गया चावल खाने से आपके धन-धान्य में कमी आती है। 

आइए नज़र डालते हैं वर्ष 2024 में अन्नप्राशन संस्कार के शुभ मुहूर्त पर। 

सितंबर 2024 में अन्नप्राशन संस्कार के शुभ मुहूर्त

जो माता-पिता अपनी संतान का अन्नप्राशन संस्कार सितंबर 2024 के महीने में संपन्न करना चाहते हैं, हम उन्हें नीचे सितंबर में अन्नप्राशन संस्कार के लिए शुभ तिथियां प्रदान कर रहे हैं। 

तिथिदिन मुहूर्त
04 सितंबर 2024बुधवारदोपहर 12:05 से शाम 18:10 तक
 शाम 19:38 से रात 22:38 तक
05 सितंबर 2024गुरुवारसुबह 07:26 से 09:42 तक
दोपहर 12:02 से शाम 18:06 तक
 शाम 19:34 से रात 22:34 तक
06 सितंबर 2024, शुक्रवारसुबह 07:22 से 09:38 तक
 सुबह 11:58 से शाम 16:20 तक
16 सितंबर 2024सोमवारसुबह 06:42 से 11:18 तक
दोपहर 13:37 से 15:41 तक

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सितंबर 2024 के लिए शेयर बाज़ार की भविष्यवाणी

जो जातक शेयर बाजार में रुचि रखते हैं या फिर जो शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते हैं, लेकिन आप नुकसान से डरते हैं और यह नहीं जानते हैं कि ऐसा करने के लिए कौन सा समय होगा अच्छा और किस समय आपको निवेश करने से होगा बचना, तो एस्ट्रोसेज के इस ब्लॉग का यह विशेष सेक्शन आपके लिए ही तैयार किया गया हैं जिसके माध्यम से हम आपको सितंबर महीने के लिए शेयर बाज़ार की भविष्यवाणी प्रदान करेंगे। बता दें कि सितंबर का आगाज़ रविवार के दिन भाद्रपद के तहत होगा और इस माह में कन्या संक्रांति और भाद्रपद पूर्णिमा सबसे शुभ दिन होंगे। 

इस महीने ग्रहों की विशेष स्थिति होने की वजह से सितंबर 2024 की शुरुआत में शेयर बाजार में तेजी नज़र आएगी। इस दौरान राहु और बुध से जुड़े शेयरों के अलावा अन्य सभी शेयरों में उछाल देखने को मिलेगा। कंप्यूटर, कॉटन मिल्स, दूरसंचार, मोटर कार कंपनी, ट्रांसपोर्ट कंपनी और सौंदर्य प्रसाधन में भी ज्यादा नहीं लेकिन थोड़ी तेजी आने की संभावना है। अगर आप सितंबर 2024 की भविष्यवाणी को विस्तारपूर्वक पढ़ना चाहते हैं, शेयर बाजार भविष्यवाणी 2024 पर क्लिक करें। 

सितंबर 2024 के लिए सभी 12 राशियों का राशिफल

मेष राशि 

यह महीना मेष राशि के जातकों के लिए कुछ सावधानियां रखने वाला महीना होगा। वैसे तो आपको आर्थिक लाभ प्राप्त होंगे और आपकी आमदनी बढ़ेगी क्योंकि पूरे महीने…..विस्तार से पढ़ें 

वृषभ राशि 

यह महीना वृषभ राशि के जातकों के लिए अनुकूल रहने की प्रबल संभावना दिखाई दे रही है। आपको अपनी मेहनत का पूरा फल मिलेगा और आप अपनी मेहनत के…..(विस्तार से पढ़ें) 

मिथुन राशि 

यह महीना आपके लिए मिश्रित परिणाम लेकर आने वाला है लेकिन इस महीने आपके खर्च बढ़े हुए ही रहेंगे इस बात का आपको शुरू से ही ध्यान रखना चाहिए और पहले से…..(विस्तार से पढ़ें) 

कर्क राशि 

यह महीना कर्क राशि के जातकों के लिए मिश्रित परिणाम लेकर आने वाला है क्योंकि इस महीने आपको कई मामलों में सावधानी रखनी होगी और चुनौतियों का…..(विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि 

यह महीना आपके लिए अनेक प्रकार से शुभ परिणाम लेकर आने वाला है बस आपको अपनी काबिलियत पर विश्वास रखना है और हर मिलने वाले अवसर का…..(विस्तार से पढ़ें) 

कन्या राशि 

कन्या राशि में जन्मे जातकों के लिए यह महीना उतार-चढ़ाव से भरा रहने वाला है। कुछ मामलों में आपको सतर्कता रखनी होगी लेकिन कुछ महीनो में….(विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि 

तुला राशि में जन्मे जातकों के लिए यह महीना खर्चों से भरा रहने वाला है। हालांकि आपकी आमदनी भी ठीक-ठाक रहेगी लेकिन खर्च जरूरत से ज्यादा…..(विस्तार से पढ़ें) 

वृश्चिक राशि 

यह महीना वृश्चिक राशि के जातकों के लिए अनेक मामलों में अनुकूल और लाभदायक रहने की संभावना दिखाई दे रही है इसलिए आपको अपनी क्षमताओं का दोहन…..(विस्तार से पढ़ें) 

धनु राशि 

यह महीना धनु राशि का जातकों के लिए मिश्रित परिणाम लेकर आने वाला है। महीने की शुरुआत में आपको अपने कार्यक्षेत्र में ध्यान देना होगा। व्यर्थ की गप्पेबाजी…..(विस्तार से पढ़ें) 

मकर राशि 

यह महीना मकर राशि में जन्म लेने वाले जातकों के लिए कुछ उतार-चढ़ाव से भरा रहने वाला है। विशेष रूप से स्वास्थ्य को लेकर आपको समझदारी और सावधानी दोनों…..(विस्तार से पढ़ें) 

कुंभ राशि 

कुंभ राशि में जन्मे जातकों के लिए यह महीना अनुकूलता लेकर आने वाला है। आपके स्वास्थ्य में सुधार होगा और पुरानी बीमारियों से राहत मिलने के…..(विस्तार से पढ़ें) 

मीन राशि 

यह महीना मीन राशि के जातकों के लिए उतार-चढ़ाव से भरा महीना रहने की संभावना है। आपकी राशि में पूरे महीने राहु महाराज की उपस्थिति होने से आपको सही…...(विस्तार से पढ़ें) 

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. सितंबर 2024 कन्या राशि के लिए कैसा रहेगा?

उत्तर 1. कन्या राशि वालों को सितंबर में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है?

प्रश्न 2. क्या सितंबर में कोई ग्रह अस्त होगा?

उत्तर 2. बुध ग्रह 14 सितंबर 2024 को सिंह राशि में अस्त हो जाएंगे। 

प्रश्न 3.  सितंबर में कौन सा ग्रहण लगेगा?

उत्तर 3. इस महीने 18 सितंबर 2024 को चंद्र ग्रहण लगेगा।