हिंदू धर्म के सभी महीनों का किसी ना किसी देवी देवता से संबंध बताया गया है। इसी कड़ी में जब हम बात करते हैं सावन के महीने की तो उसका सीधा संबंध भगवान शिव के साथ जोड़कर देखा जाता है। सावन का महीना भगवान शिव को बेहद ही प्रिय होता है। इसके अलावा यहां यह भी जाने वाली बात है कि यह साल का वह समय होता है जब सृष्टि के पालनहार योगनिद्रा में होते हैं और सृष्टि का कार्यभार भगवान शिव संभाल रहे होते हैं। ऐसे में हिंदू धर्म में सावन के महीने को बेहद ही पवित्र माना गया है।
वैसे तो सावन का पूरा ही महीना बेहद खास होता है लेकिन विशेष तौर पर इस महीने में आने वाले सोमवार का सबसे अधिक महत्व बताया गया है। सावन के सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना करने, उनका रुद्राभिषेक या जलाभिषेक करने से उनकी प्रसन्नता हासिल की जा सकती है। ऐसे में उनके भक्त सावन सोमवार के दिन विशेष पूजा अर्चना करते हैं और बहुत से लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं।
दुनियाभर के विद्वान अंक ज्योतिषियों से करें फ़ोन पर बात और जानें करियर संबंधित सारी जानकारी
ऐसे में आपके मन में भी यकीनन सावन सोमवार को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे होंगे कि, इस वर्ष सावन सोमवार कब कब पड़ रहा है? सावन का महीना कब से शुरू हो रहा है? इस दौरान क्या कुछ करने से भगवान शिव की प्रसन्नता हासिल की जा सकती है? और क्या कुछ कार्य इस दौरान निषेध होते हैं? साथ ही क्या कोई राशि अनुसार उपाय भी होते हैं जिन्हें करके आप महादेव की प्रसन्नता हासिल कर सकते हैं? अगर हां, तो आपकी इन सभी सवालों का जवाब आपको एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से प्रदान किया जा रहा है।
सावन सोमवार 2022 (Sawan Somwar 2022)
सबसे पहले बात करें सावन सोमवार के शुरू होने की तो सावन का महीना वर्ष 2022 में हिंदू कैलेंडर के अनुसार 14 जुलाई, 2022 यानी गुरुवार के दिन से प्रारंभ हो रहा है। ऐसे में 18 जुलाई को सावन का पहला सोमवार पड़ेगा। इसके बाद 12 अगस्त 2022 को सावन का महीना समाप्त हो जाएगा। इसके बाद भाद्रपद का महीना शुरू हो जाता है।
अब जान लेते हैं सावन महीने में पड़ने वाले सभी सोमवार व्रत तिथियों की सूची
14 जुलाई, गुरुवार- श्रावण मास का पहला दिन
18 जुलाई, सोमवार- सावन सोमवार व्रत
25 जुलाई, सोमवार- सावन सोमवार व्रत
01 अगस्त, सोमवार- सावन सोमवार व्रत
08 अगस्त, सोमवार- सावन सोमवार व्रत
12 अगस्त, शुक्रवार- श्रावण मास का अंतिम दिन
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
सावन के पहले सोमवार पर बन रहा है विशेष योग
सावन के पहले सोमवार को और भी खास बनाने के लिए इस दिन शोभन योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि इस शुभ योग में व्रत और पूजा अनुष्ठान करने पर स्वयं भगवान शिव जातकों पर सौभाग्य की वर्षा करते हैं।
सावन माह और सावन सोमवार व्रत का महत्व
जैसा कि हमने पहले भी बताया कि सावन का महीना भगवान शिव को बेहद ही प्रिय होता है। ऐसे में यह समय उनकी पूजा भक्ति और साधना के लिए सबसे पवित्र और प्रभावशाली माना गया है। इसके अलावा कहा जाता है कि माँ पार्वती ने सावन माह में ही व्रत किया था जिससे उन्हें भगवान शिव पति के रूप में प्राप्त हुए थे।
सावन के महीने में विशेष तौर पर उन महिलाओं को व्रत और पूजा करने की सलाह दी जाती है जिनके वैवाहिक जीवन में परेशानी हो, जीवन में सुख समृद्धि की कमी हो। इसके अलावा इस दौरान यदि अविवाहित युवतियां व्रत रखें तो उन्हें योग्य वर की प्राप्ति भी होती है।
सावन का व्रत यदि पुरुष रखते हैं तो उन्हें दैहिक, दैविक, और भौतिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। ऐसे में सावन का महीना किसी ना किसी मायने में हर एक व्यक्ति के लिए बेहद ही खास और पवित्र होता है।
मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि जो कोई भी व्यक्ति श्रावण के सोमवार का व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा करते हैं ऐसे साधकों को 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के समान पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
करियर की हो रही है टेंशन! अभी ऑर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट
इस वर्ष हर सावन सोमवार है बेहद खास: बन रहा है कोई ना कोई योग
वर्ष 2022 में चार सावन सोमवार व्रत किए जाएंगे। अपने आप में यह सावन सोमवार खास तो होते ही हैं। हालांकि इस वर्ष इन तिथियों को और भी ज्यादा शुभ और फलदाई बनाने के लिए हर एक तिथि पर कोई ना कोई शुभ योग भी बन रहा है। तो आइए जान लेते हैं किस दिन कौन सा योग बनेगा।
- सावन के पहले सोमवार यानी 18 जुलाई के दिन पंचमी तिथि है, पूर्व भाद्रपद नक्षत्र रहेगा, और इस दिन शोभन योग का संयोग बन रहा है।
- सावन का दूसरा सोमवार 25 जुलाई को होगा। इस दिन मृगशिरा नक्षत्र रहने वाला है जिससे भगवान शिव का सबसे प्रिय नक्षत्र माना गया है, इसके अलावा इस दिन प्रदोष और ध्रुव योग बन रहा है।
- इसके बाद तीसरा सावन सोमवार का व्रत 1 अगस्त को किया जाएगा। इस दिन चतुर्थी तिथि रहेगी, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र रहेगा, और इस दिन परिधि योग का संयोग बन रहा है।
- सावन का चौथा और आखिरी सोमवार 8 अगस्त को पड़ेगा। इस दिन एकादशी तिथि रहेगी, जिसे भगवान विष्णु को समर्पित माना गया है, ज्येष्ठा नक्षत्र रहेगा और वैधृति योग का संयोग बनेगा।
महत्वपूर्ण बात: इस वर्ष 26 जुलाई के दिन श्रावण मास की शिवरात्रि मनाई जाएगी। 1 वर्ष में यूं तो कुल 12 शिवरात्रि तिथि पड़ती है। हालांकि इनमें से फाल्गुन मास और श्रावण मास की शिवरात्रि को सबसे अधिक फल देने वाली और महत्वपूर्ण माना गया है।
अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!
बात करें सावन शिवरात्रि व्रत की तो यह 26 जुलाई, मंगलवार को पड़ेगा।
निशिता काल पूजा मुहूर्त- 26 जुलाई , मंगलवार को शाम 6 बजकर 46 मिनट से होगी और 27 जुलाई 2022 की रात 09 बजकर 11 मिनट तक रहेगी.
पूजा अवधि- मात्र 43 मिनट तक रहेगी
शिवरात्रि व्रत पारण मुहूर्त- 27 जुलाई 2022 की सुबह 05 बजकर 41 मिनट से – दोपहर 3 बजकर 52 मिनट तक रहेगा
सावन सोमवार की सही पूजा विधि
कोई भी पूजा तभी फलित होती है जब उसे सही विधि के साथ किया जाए। ऐसे में सावन के महीने या सावन सोमवार की सही पूजा विधि क्या है आइए इस पर भी एक नजर डाल लेते हैं।
- इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके साफ वस्त्र धारण करें।
- व्रत करना चाहते हैं तो व्रत का संकल्प लें या पूजा का संकल्प लें।
- पूजा शुरू करें और सबसे पहले सभी देवी देवताओं को गंगाजल से स्नान कराएं।
- भगवान शिव का जलाभिषेक करते समय ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें।
- इसके बाद भगवान शिव को अक्षत, सफेद फूल, सफेद चंदन, भांग, धतूरा, गाय का दूध, धूप, दीप, पंचामृत, सुपारी, और उनका सबसे प्रिय बेलपत्र चढ़ाएं।
- इसके बाद शिव चालीसा का पाठ करें।
- ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जप करें।
- भगवान शिव का ध्यान करें।
- स्वयं पढ़ सकते हो तो ठीक अन्यथा किसी और से सावन सोमवार व्रत कथा सुनें।
- अंत में भगवान शिव की आरती उतारें।
- पूजा में शामिल किए गए भोग को स्वयं भी प्रसाद रूप में ग्रहण करें और ज्यादा से ज्यादा लोगों में वितरित करें।
आपकी कुंडली में भी है राजयोग? जानिए अपनी राजयोग रिपोर्ट
सावन के महीने में भूलकर भी ना करें यह काम
- सावन के महीने में बैंगन खाना वर्जित माना जाता है।
- सावन के महीने में क्योंकि दूध से भगवान शिव का अभिषेक करते हैं ऐसे में विशेष तौर पर इस महीने किसी भी तरह से दूध का अनादर ना करें।
- शिवलिंग पर हल्दी, सिंदूर नहीं चढ़ाना चाहिए।
- इसके अलावा आप सावन के महीने में सात्विक जीवन का पालन करें।
- लोगों का अपमान करने से बचें और खुद पर संयम रखें।
- सावन के महीने में शरीर पर तेल लगाने से बचें।
- विशेष तौर पर इस महीने में गाय बैल और अन्य किसी भी जानवर को प्रताड़ित ना करें। इस महीने गाय या बैल को मारना भगवान शिव को अप्रसन्न कर सकता है क्योंकि इसे नंदी के अपमान के समान माना गया है।
- भगवान शिव की पूजा में कभी भी केतकी का फूल शामिल ना करें।
सावन महीने में राशि अनुसार ये उपाय सुनिश्चित करेंगे सुनहरा भविष्य
मेष राशि: जल में गुड़ मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें।
वृषभ राशि: दही से भगवान शिव का अभिषेक करें।
मिथुन राशि: गन्ने के रस से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करें।
कर्क राशि: घी से भगवान शिव का अभिषेक करें।
सिंह राशि: जल में गुड़ मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें।
कन्या राशि: गन्ने के रस से भगवान शिव का अभिषेक करें।
तुला राशि: इत्र या सुगंधित तेल से भगवान शिव का अभिषेक करें।
वृश्चिक राशि: पंचामृत से भोलेनाथ का अभिषेक करें।
धनु राशि: दूध में हल्दी मिलाकर इस से भगवान शिव का अभिषेक करें।
मकर राशि: नारियल पानी से भगवान शिव का अभिषेक करें।
कुंभ राशि: तिल के तेल से भगवान शिव का अभिषेक करें।
मीन राशि: दूध में केसर मिलाकर इस से भगवान शिव का अभिषेक करें।
सावन के महीने में भगवान शिव इन 3 राशियों पर रहेंगे विशेष मेहरबान: हर क्षेत्र में होगी बल्ले-बल्ले
मेष राशि, मकर राशि, और मिथुन राशि, यह तीन ऐसी राशियां है जिन्हें सावन के महीने में भगवान शिव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होने वाला है। इस दौरान कार्यक्षेत्र, पारिवारिक जीवन, प्रेम जीवन, और आर्थिक पक्ष इन 3 राशियों का बेहद ही शानदार रहने वाला है। इस दौरान आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी और हर क्षेत्र में सफलता भी प्राप्त होगी।
सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!