कोरोना महामारी के चलते इस समय भगवान शिव की पूजा-अर्चना घर पर ही करने की सलाह दी जाती है। अपनी सभी इच्छाओं की पूर्ति, अपने जीवन में सुख-समृद्धि और शांति के लिए भगवान शिव की आराधना के लिए साल का यह समय बिलकुल उपयुक्त है। हालाँकि अगर आपके जीवन में ऐसी कोई समस्या आ रही हो जिसका आप जल्द-से-जल्द और ज्योतिषीय समाधान हासिल करना चाहते हों तो अभी हमारे जाने-माने ज्योतिषियों से प्रश्न पूछें और अपनी समस्याओं का सटीक हल जानें।
एस्ट्रोसेज वार्ता से दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें फ़ोन पर बात!
आइये अब जानते हैं श्रावण माह में मनाई जाने वाली शिवरात्रि के महत्व और पूजन विधि की सम्पूर्ण जानकारी।
सबसे पहले तो यह जानना बेहद ज़रूरी है कि, हिंदू पंचाग के अनुसार हर महीने कृष्ण पक्ष के 14वें दिन को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। हाँ लेकिन, फाल्गुन और श्रावण मास की शिवरात्रि को विशेष फलदायी माना जाता है। इस बार श्रावण मास की शिवरात्रि 19 जुलाई, 2020 रविवार के दिन मनायी जायेगी।
क्या आपकी कुंडली में हैं शुभ योग? जानने के लिए खरीदें एस्ट्रोसेज बृहत् कुंडली
शिवरात्रि भगवान शिव को समर्पित त्यौहार है। इस दौरान भगवान शिव, माता पार्वती, नंदी, गणेश भगवान, कार्तिकेय भगवान की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। सावन शिवरात्रि का दिन कांवड़ यात्रा का समापन दिन भी माना जाता है। (क्या होती है कांवड़ यात्रा- इसका महत्व-और इससे जुड़ी पौराणिक कथा जानने के लिए आप हमारा विस्तृत लेख यहाँ क्लिक करके पढ़ सकते हैं)।
सावन में घर बैठे करें चमत्कारी शिव मंदिरों के दर्शन
कोरोना की वजह से कांवड़ यात्रा पर रोक
प्रतिवर्ष बेहद ही धूमधाम से होने वाली कांवड़ यात्रा में शिव के भक्त हिंदू तीर्थ स्थानों जैसे, हरिद्वार, गौमुख और गंगोत्री, सुल्तानगंज में गंगा नदी, काशी विश्वनाथ, बैद्यनाथ, नीलकंठ और देवघर सहित अन्य पवित्र जगहों से गंगाजल भरकर लाते हैं और शिव मंदिरों में भगवान शिव का इसी जल से अभिषेक करते हैं। हालाँकि इस वर्ष महामारी को ध्यान में रखते हुए कांवड़ यात्रा रोक दी गयी है।
हालाँकि इस वर्ष कांवड़ यात्रा तो नहीं हुई है लेकिन जो लोग शिवलिंग पर जलाभिषेक करना चाहते हैं, उनके लिए शुभ मुहूर्त क्या रहेगा? कहा जाता है कि जलाभिषेक करने के लिए यूँ तो आप कोई भी मुहूर्त ग्रहण कर सकते हैं लेकिन अगर शुभ मुहूर्त की बात करें तो 19 जुलाई को सूर्योदय के पश्चात् 2 बजकर 45 मिनट का समय इसके लिए सर्वश्रेष्ठ माना जा रहा है। हालाँकि कुछ लोग प्रदोषकाल में चारों प्रहर पूजा के बाद जलाभिषेक करते हैं।
शिव पूजा और जलाभिषेक मुहूर्त
जलाभिषेक मुहूर्त: 19 जुलाई, सूर्योदय के पश्चात् 5:35:24 से दोपहर 2:45 तक
जानकारी के लिए बता दें कि शिव पूजा के लिए आर्द्रा नक्षत्र और मिथुन लग्न विशेष रूप से शुभ माना गया है।
- प्रातः 5 बजकर 40 मिनट से 8 बजकर 25 मिनट तक (सुबह 7:52 तक मिथुन लग्न विशेष शुभ)
- 19 बजकर 28 मिनट से 21 बजकर 30 मिनट तक (प्रदोषकाल )
- सांयकाल 21:30 से 23:33 (निशीथकाल)
- रात्रि : 23:33 से 24:10 तक ( महानिशीथ एवम चतुर्दशी में )
पढ़ें शिव की महिमा – शिव महिम्न स्तोत्र
शिवरात्रि के दिन का महत्व
भगवान शिव का सबसे पवित्र दिन शिवरात्रि, भगवान शिव की प्रसन्नता हासिल करने के साथ-साथ, सकारात्मक उर्जा का एक सर्वश्रेष्ठ श्रोत माना गया है। कहा जाता है कि इस दिन की पूजा करने से, भगवान शिव पर जलाभिषेक या रुद्राभिषेक करने मात्र से जीवन में शांति आती है, और कितनी भी कठिन राहें हो वो आसान लगने लग जाती है। इसके अलावा शिवरात्रि का व्रत-पूजन करने से मनचाहा वर भी मिलता है और समस्त मनोकामनाएं भी अवश्य पूरी होती हैं।
श्रावण माह में घर लायें पारद शिवलिंग
शिव पूजा में अवश्य करें इन मन्त्रों का जप
इस दिन की पूजा में भगवान शिव के कुछ बेहद आसान मंत्रो का जप अवश्य करें।
ॐ नमः शिवायः।।
बोल बम, बम बम, बम बम भोले।।
हर हर महादेव।।
करियर को लेकर हैं परेशान! तो अभी आर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट
सावन शिवरात्रि पूजन विधि
- इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें।
- इसके बाद व्रत करना हो तो पूजा-व्रत का संकल्प लें।
- इसके बाद घर के मंदिर में शिवलिंग पर पंचामृत चढ़ाएं। (दूध, दही, शहद, घी और गन्ने का रस या चीनी का मिश्रण से पंचामृत बनाएं)
- इसके बाद ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जप करते हुए शिवलिंग पर बेलपत्र, फल, फूल इत्यादि अर्पित करें।
- इसके बाद शिव चालीसा का पाठ करें या सुनें, और अंत में घर के सभी लोग मिलकर भगवान की आरती करें।
पाएँ आपकी कुंडली में मौजूद राज योग की समस्त जानकारी
इसके अलावा आप इस दिन की पूजा में कुछ उपाय करके अपनी मनोकामनाएं भी पूरी कर सकते हैं। जैसे,
- पाप को नाश करने के लिए इस दिन की पूजा के दौरान भगवान शिव को तिल का तेल चढ़ाएं। इससे आपके समस्त पाप अवश्य नष्ट हो जायेंगे।
- ऐसे ही अगर किसी कन्या को मनचाहे वर की आस हो तो, इस दिन भगवान शिव को चने की दाल का भोग लगाने की सलाह दी जाती है।
- इसके अलावा घर में सुख-शांति और समृद्धि चाहते हैं तो, भगवान शिव पर धतूरे का फूल या फल का भोग लगायें तो अच्छा रहता है।
- इसके अलावा कोई कानूनी कार्यवाही जीतनी हो या अपने शत्रुओं पर जीत हासिल करनी हो तो, इस दिन भगवान शिव को भांग चढ़ाएं। आपकी मनोकामना अवश्य पूरी होगी।
- इसके अलावा अगर आपका मन शांत नहीं रहता है या आप बुरे विचारों से घिरे रहते हैं, तो इस दिन पंचमुखी रुद्राक्ष की माला लेकर ऊं नम: शिवाय का जाप करें।
विस्तृत स्वास्थ्य रिपोर्ट करेगी आपकी हर स्वास्थ्य संबंधित परेशानी का अंत
श्रावण माह की शिवरात्रि के बारे में ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो कोई भी इंसान व्रत रखता है और पूजन करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस व्रत में फलाहार भोजन किया जाता है। इसके अलावा आप इस दिन सुबह और शाम दोनों समय स्नान कर के शिव पुराण, शिव पंचाक्षर, शिव स्तुति, शिव अष्टक, शिव चालीसा, शिव रुद्राष्टक और शिव श्लोक का पाठ करें, तो उसे अति-उत्तम और पुण्यदायी बताया गया है।
सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर
इस महीने का अगला व्रत/त्यौहार है सोमवती अमावस्या, जो 20 जुलाई 2020, सोमवार के दिन मनाई जाएगी। सोमवती अमावस्या के बारे में सम्पूर्ण जानकारी जानने के लिए हमारे साथ जुड़े रहे।
हम आशा करते हैं कि श्रावण शिवरात्रि पर लिखा हमारा यह लेख आपके लिए सहायक साबित होगा। एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।