सावन में इन कारगर उपायों से बनायें अशुभ ग्रहों को भी शुभ!

जैसा सभी जानते हैं कि सावन का शुभ महीना चल रहा है और इस महीने में विशेष तौर पर भक्तों के ऊपर भगवान महादेव की असीम कृपा बनी रहती है। ऐसे में इस महीने का महत्व और भी ख़ास हो जाता है। इस वर्ष के सावन माह की ख़ास बात पर नज़र डालें तो इस बार कुछ ऐसे योग बनते नज़र आ रहे हैं जिससे कोई भी व्यक्ति इस महीने में कुछ बेहद साधारण से उपाय करके अपनी कुंडली में मौजूद कोई भी पाप ग्रह के अशुभ प्रभाव को न केवल कम कर सकता है बल्कि उनके प्रभाव को सकारात्मक बनाते हुए उन्हें अपने लिए शुभ फलदायी भी बना सकता है। तो आइए जानते हैं कि आखिर कौन से हैं वो ख़ास ग्रह जो आपके लिए होते है अशुभ। साथ ही जानिये कि उन पापी ग्रहों का व्यक्ति की कुंडली पर कैसा पड़ता है प्रभाव।  

वैदिक ज्योतिष अनुसार संसार में कुल नौ ग्रहों और सताईस नक्षत्रों का उल्लेख किया जाता रहा है और इन्ही नौ ग्रहों में से कुछ ग्रहों को शुभ माना गया है तो वहीं कुछ ग्रहों को क्रूर और कुछ ग्रहों को पापी ग्रहों की संज्ञा दी गई है। पाप ग्रहों में सबसे पहले शनि, राहु और केतु का नाम आता है, जिसके संदर्भ में माना गया है कि ये ग्रह जातक को उसके जीवन में पाप कर्म की भावना की तरफ प्रेरित करने की क्षमता रखते हैं। दूसरे ग्रहों की तुलना में इन ग्रहों का प्रभाव सबसे तेज होता है। ये प्रभाव इतना तेज होता है कि इनके बुरे प्रभाव में आकर बिना इच्छा के और न चाहते हुए भी एक व्यक्ति पाप कर्मों की और बढ़ जाता है। लेकिन इस सावन आप इन सभी पापी ग्रहों को भी न केवल अपनी कुंडली में प्रभावी बना सकते हैं बल्कि इनसे शुभ परिणाम भी हासिल कर सकते हैं। 

शनि का पाप प्रभाव होने से जातक में आते हैं ये बदलाव 

– शनि का किसी जातक की कुंडली में निर्बल होना जातक को आलसी, लापरवाह और कठोर बनता है। 

– शनि के अशुभ प्रभाव से पीड़ित जातक तामसिक देवताओं की उपासना की ओर रुख कर लेता है। 

– ऐसे लोग आमतौर पर बिना साफ़ सफाई के रहना और गंदगी में अपना नियमित कार्य करना पसंद करने लगते हैं। 

– किसी कुंडली में जब शनि शुभ परिणाम देने लगता है तो जातक अनुशासित हो जाता है। 

– शनि की कृपा से जातक का मन धर्म और ध्यान के माध्यम से ईश्वर की तरफ बढ़ जाता है। 

इस सावन ऐसे पाएँ शनि देव से शुभ फल

– अपनी कुंडली में शनि के शुभ प्रभाव को बढ़ाने के लिए आप इस सावन में शनिवार के दिन पीपल के छोटे-छोटे दो पौधे किसी स्थान पर लगा सकते है। 

– शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करना भी इस सावन आपके लिए शुभ साबित होगा। 

राहु का पाप प्रभाव होने से जातक में आते हैं ये बदलाव 

– कुण्डी में राहु की अशुभ स्थिति जातक को चरित्र पतन और नशे की तरफ ले जाती है। 

– राहु जातक को षडयंत्र और दूसरों को परेशान करने का स्वभाव प्रदान करता है। 

– राहु के अशुभ प्रभावों के कारण ही एक जातक धर्म और आध्यात्म की आलोचना करना शुरू कर देता है। 

– किसी कुंडली में राहु का शुभ प्रभाव होना जातक को जन्म से ही सिद्ध बनाता है। 

– ऐसी स्थिति में व्यक्ति खुद ही आध्यात्म और धर्म का नया मार्ग खोज लेने में सक्षम होता है।

सावन महीने में ऐसे पाएँ राहु ग्रह के शुभ परिणाम

– अपनी कुंडली में राहु के शुभ फल प्राप्त करने के लिए इस सावन केवल सात्विक आहार ही ग्रहण करें। 

– इस सावन शिव जी की उपासना करके भी राहु के शुभ फलों की प्राप्ति की जा सकती है।  

– इस सावन रोगियों और विकलांगों की सेवा कर अपनी कुंडली में राहु को बनाए शुभ ग्रह। 

– राहु के सकारात्मक परिणाम हेतु योग और ध्यान का अभ्यास अवश्य ही करें। 

केतु का पाप प्रभाव होने से जातक में आते हैं ये बदलाव 

– कुंडली में केतु का अशुभ प्रभाव होने से जातक धर्म और ईश्वर का विरोधी हो जाता है। 

– ऐसे लोग अपनी असफलता और जीवन की हर समस्या के लिए भगवान को ही जिम्मेदार मानने लगते हैं। 

– केतु से पीड़ित जातक कभी-कभी उलटी सीधी तांत्रिक क्रियाओं या टोन-टोटके का प्रयोग भी करने से पीछे नहीं हटते हैं, जिससे वो कई बार मानसिक रूप से असंतुलित हो जाते हैं। 

– इसके विपरीत अगर केतु जातक को पुण्य की और ले जाए तो तीर्थयात्राएं करवाता है। 

– कुंडली में केतु की अच्छी स्थिति व्यक्ति को सद्गुरु और संत बनाने में मदद करती है। 

सावन महीने में ऐसे पाएँ केतु ग्रह के शुभ परिणाम

– इस पूरे सावन नियमित रूप से स्नान करें। 

– अगर मुमकिन हो तो इस महीने तीर्थ स्थानों और शुभ जगहों की यात्रा करें। 

– अगर ये यात्रा भगवान शिव जी से जुड़ी हो तो परिणाम और भी शुभ मिलेंगे। 

– इस सावन गणेश जी की उपासना करके भी आप केतु के शुभ फलों की प्राप्ति कर सकते हैं।