हिन्दू पंचांग के अनुसार आज सर्वार्थ सिद्धि योग है। इस योग को अत्यंत शुभ योग माना जाता है। कहा जाता है कि इस योग में जिस भी कार्य को किया जाता है वह सफल होता है। आइए जानते हैं सर्वार्थ सिद्धि योग का महत्व क्या है। सर्वार्थ सिद्धि योग तीन शब्दों से मिलकर बना है। इनमें सर्वार्थ यानि सभी, सिद्धि यानि लाभ व प्राप्ति एवं योग से तात्पर्य संयोजन से है। अत: हर प्रकार से लाभ की प्राप्ति को ही सर्वार्थ सिद्धि योग कहा गया है। यह एक शुभ योग है इसलिए इस योग में संपन्न होने वाले कार्यों से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
ऐसे बनता है सर्वार्थ सिद्धि योग
जैसा कि हमने जाना कि यह योग शुभ कार्यों की शुरुआत के लिए विशेष फलदायी होता है और समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करता है। सर्वार्थ सिद्धि योग सभी शुभ कार्यों के शुभारंभ के लिए उपयुक्त समय होता है। सर्वार्थ सिद्धि योग एक निश्चित वार और निश्चित नक्षत्र के संयोग से बनता है। वार और नक्षत्र के ये संयोग हमेशा निर्धारित रहते हैं। जैसे –
- रविवार- अश्विनी, हस्त, पुष्य, मूल, उत्तरा फाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, उत्तरा भाद्रपद
- सोमवार- श्रवण, रोहिणी, मृगशिरा, पुष्य, अनुराधा
- मंगलवार- अश्विनी, उत्तरा भाद्रपद, कृतिका, अश्लेषा
- बुधवार- रोहिणी, अनुराधा, हस्त, कृतिका, मृगशिरा
- गुरुवार- रेवती, अनुराधा, अश्विनी, पुनर्वसु, पुष्य
- शुक्रवार- रेवती, अनुराधा, अश्विनी, पुनर्वसु, श्रवण
- शनिवार- श्रवण, रोहिणी, स्वाति
सर्वार्थ सिद्धि योग का महत्व
यदि किसी शुभ कार्य को करने के लिए आवश्यक और सही मुहूर्त नहीं मिल पा रहा है तो आप सर्वार्थ सिद्धि योग में अपना शुभ कार्य कर सकते है। इन मुहूर्तों में शुक्र अस्त, पंचक, भद्रा आदि पर विचार करने की भी आवश्यकता नहीं होती है। क्योंकि ये मुहूर्त अपने आप में भी सिद्ध मुहूर्त होते है। इसके अलावा कुयोग को समाप्त करने की शक्ति भी इस मुहूर्त में होती है।
सर्वार्थ सिद्धि योग किसी भी नए तरह का करार करने का सबसे अच्छा समय होता है। इस योग के प्रभाव से नौकरी, परीक्षा, चुनाव, खरीदी-बिक्री से जुड़े कार्यों में सफलता मिलती है। भूमि, गहने और कपड़ों की ख़रीददारी में सर्वार्थ सिद्धि योग अत्यंत लाभकारी है। इसके प्रभाव से मृत्यु योग जैसे कष्टकारी योग के दुष्प्रभाव भी नष्ट हो जाते हैं।
सर्वार्थ सिद्धि योग में हर वस्तु की खरीददारी शुभ मानी जाती है लेकिन मंगलवार के दिन नए वाहन और शनिवार के दिन इस योग में लोहे का सामान खरीदना अशुभ माना जाता है। सर्वार्थ सिद्धि योग को एक शुभ योग की संज्ञा दी गई है। यह योग एक ऐसा सुनहरा अवसर लेकर आता है जिसके प्रभाव से आपकी समस्त इच्छा और सपने पूर्ण होते हैं।