साप्ताहिक राशिफल 25 मार्च से 31 मार्च 2024: एस्ट्रोसेज का यह ब्लॉग आपके लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है जिसमें आपको साप्ताहिक राशिफल 25 मार्च से 24 मार्च, 2024 की जानकारी प्राप्त होगी। इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि मार्च महीने का यह अंतिम सप्ताह राशि चक्र की 12 राशियों के लिए कैसे परिणाम लेकर आएगा। साथ ही, इस राशिफल की मदद से कैसे आप इस सप्ताह को बेहतर बना सकते हैं, तो आइए बिना देर किये शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की।
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साप्ताहिक राशिफल 25 मार्च से 31 मार्च, 2024: राशि अनुसार राशिफल और उपाय
मेष राशि
सप्ताह के शुरुआती हिस्से अर्थात 25 मार्च से लेकर 26 मार्च के बीच की अवधि में परिणाम अच्छे मिल सकते हैं। आप अपने कामों में बेहतर करते हुए देखे जा सकेंगे, लेकिन आवेगी होकर काम करने से बचें। धैर्य के साथ शांतिपूर्ण काम करने पर हर मामले में अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।
सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 27 मार्च से लेकर 29 मार्च की दोपहर 2:10 के बीच का समय आपके लिए अनुकूल रहेगा। चंद्रमा पर बृहस्पति की दृष्टि आपके दांपत्य जीवन में अनुकूलता देने का काम करेगी। आप साझेदारी के कामों में अच्छा कर सकेंगे। घर-गृहस्थी से जुड़े मामलों के लिए समय उत्तम रहेगा।
सप्ताहांत अर्थात 29 मार्च की दोपहर 2:10 से लेकर 31 मार्च की रात्रि 11:00 बजे के मध्य परिणाम कमज़ोर रह सकते हैं। इस अवधि में आपके मन में कोई चिंता रह सकती है। ऐसे में, न केवल घर-गृहस्थी का बल्कि अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना भी जरूरी होगा। वहीं, सप्ताह का अंतिम घंटा अर्थात 31 मार्च की रात 11:00 से 12:00 के बीच यदि आप सक्रिय रहते हैं तो इस दौरान आपको बेहतर परिणाम मिल सकते हैं।
उपाय: अत्यधिक क्रोध व भावनाओं में बहने से बचें।
वृषभ राशि
सप्ताह के शुरुआती हिस्से अर्थात 25 मार्च से लेकर 26 मार्च के बीच की अवधि में आपको मिले-जुले परिणाम मिल सकते हैं। विद्यार्थी अपने सब्जेक्ट पर फोकस करने की लगातार कोशिश करेंगे, तो उन्हें अच्छे परिणाम मिलेंगे। प्रेम जीवन में यथासंभव विवादों से बचें।
सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 27 मार्च से लेकर 29 मार्च की दोपहर 2:10 के बीच का समय आपको अच्छे परिणाम दे सकता है। आप प्रतिस्पर्धात्मक कामों में शानदार करेंगे। शासन-प्रशासन से जुड़े मामलों के लिए भी समय उत्तम रहेगा।
सप्ताहांत अर्थात 29 मार्च की दोपहर 2:10 से लेकर 31 मार्च की रात 11:00 बजे के मध्य आपको एवरेज या फिर एवरेज से बेहतर परिणाम भी मिल सकते हैं। यद्यपि चंद्रमा की स्थिति अच्छी रहेगी लेकिन चंद्रमा नीच का रहेगा और उस पर शनि की दृष्टि भी रहेगी। अतः करीबी रिश्तों में किसी भी प्रकार की लापरवाही उचित नहीं रहेगी। वहीं, सप्ताह का अंतिम घंटा अर्थात 31 मार्च की रात 11:00 से 12:00 के बीच परिणाम कुछ कमज़ोर रह सकते हैं। बेहतर होगा कि इस अवधि में कोई जोखिम न उठाएं।
उपाय: मंदिर में जाकर वहां की साफ-सफाई करें।
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मिथुन राशि
सप्ताह के शुरुआती हिस्से अर्थात 25 मार्च से लेकर 26 मार्च के बीच की अवधि में आपको कुछ कमज़ोर परिणाम मिल सकते हैं। आप आर्थिक या पारिवारिक मामले में थोड़े चिंतित रह सकते हैं। घर-गृहस्थी के कामों में भी मनचाही उपलब्धि न मिलने के कारण मन में असंतोष के भाव रह सकते हैं।
सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 27 मार्च से लेकर 29 मार्च की दोपहर 2:10 के बीच का समय आपको एवरेज से बेहतर परिणाम दे सकता है। पंचम भाव में स्थित चंद्रमा पर बृहस्पति की दृष्टि आपके प्रेम संबंधों में नई ऊर्जा भरने का काम करेगी। संतान या शिक्षा से संबंधित मामलों में अच्छी अनुकूलता मिलने के योग बनेंगे।
सप्ताहांत अर्थात 29 मार्च की दोपहर 2:10 से लेकर 31 मार्च की रात्रि 11:00 बजे के मध्य एवरेज या फिर एवरेज से बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। यद्यपि चंद्रमा नीच का रहेगा, लेकिन छठे भाव में होने के कारण आप प्रतिस्पर्धात्मक कामों में अच्छा कर सकेंगे। इसके बावजूद भी प्रैक्टिकल रूप से काम करने की सलाह हम आपको देना चाहेंगे। वहीं, सप्ताह का अंतिम घंटा अर्थात 31 मार्च की रात 11:00 से 12:00 के बीच सक्रिय रहने पर आपको अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं।
उपाय: मां या मां समान स्त्रियों की सेवा-सत्कार करके उनका आशीर्वाद लें।
कर्क राशि
सप्ताह के शुरुआती हिस्से अर्थात 25 मार्च से लेकर 26 मार्च के बीच की अवधि में सामान्य तौर पर आपको अनुकूल परिणाम मिलने की संभावनाएं हैं। कहीं से कोई अच्छी खबर भी सुनने को मिल सकती है। आपका संतुलित आत्मविश्वास आपको सफलता दिलाने में मददगार बनेगा।
सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 27 मार्च से लेकर 29 मार्च की दोपहर 2:10 के बीच का समय तुलनात्मक रूप से कमज़ोर रह सकता है। हालांकि, चंद्रमा पर बृहस्पति की दृष्टि अध्यात्म से जोड़ने का काम करेगी और अध्यात्म से जुड़ाव आपको राहत देने का काम कर सकता है, लेकिन अन्य मामलों में किसी भी प्रकार का रिस्क लेने से बचें।
सप्ताहांत अर्थात 29 मार्च की दोपहर 2:10 से लेकर 31 मार्च की रात 11:00 बजे के मध्य परिणाम तुलनात्मक रूप से बेहतर रह सकते हैं। इसके बावजूद नीच के चंद्रमा को देखते हुए आपको अपने स्वास्थ्य और आत्मीय संबंधों का ख्याल रखना होगा। वहीं, सप्ताह का अंतिम घंटा अर्थात 31 मार्च की रात 11:00 से 12:00 के बीच सक्रिय रहने पर आपको अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं।
उपाय: भगवान भोलेनाथ की पूजा-आराधना करें।
सिंह राशि
सप्ताह के शुरुआती हिस्से अर्थात 25 मार्च से लेकर 26 मार्च के बीच की अवधि में आपको मिले-जुले परिणाम मिल सकते हैं। यद्यपि दूसरे भाव के चंद्रमा पर राहु-केतु, सूर्य और मंगल का प्रभाव रहेगा जो संवाणी संयमित रखने का संकेत कर रहा है, तभी जाकर कुछ परिणाम आपके फेवर में आ सकेंगे, अन्यथा संबंधों में कुछ कमज़ोरी भी देखने को मिल सकती है।
सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 27 मार्च से लेकर 29 मार्च की दोपहर 2:10 के बीच का समय काफ़ी अच्छे परिणाम देने का काम कर सकता है। इस अवधि में की गई यात्राएं फायदा दिलाने का काम करेंगी। कहीं से कोई अच्छी खबर भी सुनने को मिल सकती है। आपके चाहने वाले आपके सहयोग में तत्पर रह सकते हैं।
सप्ताहांत अर्थात 29 मार्च की दोपहर 2:10 से लेकर 31 मार्च की रात्रि 11:00 बजे के मध्य परिणाम कमज़ोर रह सकते हैं। इस अवधि में कुछ चिंताएं आपको परेशान कर सकती हैं। साथ ही, अच्छी नींद लेना भी आपके लिए जरूरी होगा। वहीं, सप्ताह का अंतिम घंटा अर्थात 31 मार्च की रात 11:00 से 12:00 के बीच सक्रिय रहने पर आपको तुलनात्मक रूप से बेहतर परिणाम मिल सकते हैं।
उपाय: मंदिर जाकर भगवान के चरणों में दंडवत प्रणाम करें।
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कन्या राशि
सप्ताह के शुरुआती हिस्से अर्थात 25 मार्च से लेकर 26 मार्च के बीच की अवधि में आपको एवरेज या फिर एवरेज से बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। यद्यपि, लाभ भाव के स्वामी का प्रथम भाव में जाना विभिन्न माध्यमों से लाभ करवाने का संकेत करता है। लेकिन, चंद्रमा पर राहु-केतु, सूर्य और मंगल जैसे ग्रहों का प्रभाव कभी-कभी मन में बेचैनी के भाव दे सकता है। अतः शांत मन से काम करते रहें, तभी परिणाम अच्छे मिल सकेंगे।
सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 27 मार्च से लेकर 29 मार्च की दोपहर 2:10 के बीच का समय एवरेज या फिर एवरेज से बेहतर परिणाम दे सकता है। आपकी बातों का प्रभाव लोगों पर बहुत ही सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। आप आर्थिक और पारिवारिक मामले में काफ़ी अच्छा कर सकते हैं।
सप्ताहांत अर्थात 29 मार्च की दोपहर 2:10 से लेकर 31 मार्च की रात्रि 11:00 बजे के मध्य भले ही चंद्रमा नीच का रहेगा, लेकिन आप कई कामों को अच्छे ढंग से अंजाम दे सकेंगे। लेकिन, शांतचित्त होकर काम करना होगा। ऐसा करने की स्थिति में आप विभिन्न मामलों में अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। वहीं, सप्ताह का अंतिम घंटा अर्थात 31 मार्च की रात 11:00 से 12:00 के बीच आपको किसी बात को लेकर कुछ चिंता रह सकती है।
उपाय: भगवान शिव के मंदिर में पानी वाले नारियल चढ़ाएं।
तुला राशि
सप्ताह के शुरुआती हिस्से अर्थात 25 मार्च से लेकर 26 मार्च के बीच की अवधि में कुछ कमज़ोर परिणाम मिल सकते हैं। इस दौरान बेकार की भागदौड़ देखने को मिल सकती है। हालांकि, दूर के स्थान से संबंधित कुछ काम बन सकते हैं, परंतु कार्यक्षेत्र को लेकर किसी भी प्रकार का जोखिम उठाने से बचें।
सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 27 मार्च से लेकर 29 मार्च की दोपहर 2:10 के बीच का समय आपको काफ़ी अच्छे परिणाम दे सकता है। व्यापार-व्यवसाय से जुड़े मामलों में आप अच्छा करेंगे। क्रिएटिव कामों को करने के लिए भी यह अवधि उत्तम रहेगी।
सप्ताहांत अर्थात 29 मार्च की दोपहर 2:10 से लेकर 31 मार्च की रात्रि 11:00 बजे के मध्य आपको मिले-जुले परिणाम मिल सकते हैं। यद्यपि दूसरे भाव में चंद्रमा नीच का है लेकिन यदि आप संतुलित और सभ्य तरीके से बातचीत करेंगे तो आपकी बातचीत आपके कामों को बनवाने में मददगार बनेगी। वहीं सप्ताह के अंतिम घंटे अर्थात 31 मार्च की रात 11:00 से 12:00 के बीच का समय आपके लिए राहत लेकर आ सकता है।
उपाय: पीपल के पेड़ पर नियमित रूप से जल चढ़ाएं।
वृश्चिक राशि
सप्ताह के शुरुआती हिस्से अर्थात 25 मार्च से लेकर 26 मार्च के बीच की अवधि में सामान्य तौर पर आपको अनुकूल परिणाम मिलने की संभावनाएं हैं। मन में अध्यात्म के भाव मजबूत हो सकते हैं। पिता और पिता तुल्य व्यक्तियों का सहयोग आपको आगे ले जाने में मददगार बन सकता है।
सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 27 मार्च से लेकर 29 मार्च की दोपहर 2:10 के बीच का समय तुलनात्मक रूप से कमज़ोर परिणाम दे सकता है। यद्यपि भाग्य भाव के स्वामी का द्वादश भाव में जाना दूर के स्थान से लाभ करवाने का काम कर सकता है, उस पर भी बृहस्पति की दृष्टि इस मामले में अच्छे परिणाम दे सकती है। लेकिन, सामान्य तौर पर आप किसी भी प्रकार का जोखिम न उठाएं अर्थात सावधानी से काम लेने की स्थिति में कमज़ोर समय भी कुछ परिणाम अनुकूल दे सकता हैं।
सप्ताहांत अर्थात 29 मार्च की दोपहर 2:10 से लेकर 31 मार्च की रात्रि 11:00 बजे के मध्य नीच का चंद्रमा आपके प्रथम भाव में रहेगा। यद्यपि, प्रथम भाव में चंद्रमा का गोचर अनुकूलता देता है, मन को प्रसन्न रखने का प्रयास करता है, लेकिन नीच का होने के कारण कुछ अच्छे तो कुछ खराब परिणाम भी मिल सकते हैं। बेहतर होगा कि इस समय पूरी तरह शांत चित्त होकर ही कोई काम करें, तभी आप अनुकूल परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। वहीं, सप्ताह का अंतिम घंटा अर्थात 31 मार्च की रात 11:00 से 12:00 के बीच यदि आप सक्रिय रहते हैं तो आपको तुलनात्मक रूप से बेहतर परिणाम मिल सकेंगे।
उपाय: नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करें।
धनु राशि
सप्ताह के शुरुआती हिस्से अर्थात 25 मार्च से लेकर 26 मार्च के बीच की अवधि में परिणाम काफ़ी हद तक आपके फ़ेवर में रह सकते हैं। हालांकि, यह समय आपके कामों को सही दिशा देने का काम कर सकता है, लेकिन चंद्रमा पर राहु-केतु और मंगल जैसे ग्रहों के प्रभाव को देखते हुए, अपने सहकर्मियों और वरिष्ठों के साथ किसी भी प्रकार का विवाद नहीं करना है। व्यापार-व्यवसाय में भी कोई जोखिम भरी डील नहीं करनी है।
सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 27 मार्च से लेकर 29 मार्च की दोपहर 2:10 के बीच का समय आपको काफ़ी अच्छे परिणाम दे सकता है। आपके लाभ का परसेंटेज तेजी के साथ आगे बढ़ सकता है। आपकी बुद्धि और आपके मित्र तथा सहयोगी आपको आगे ले जाने में मददगार बन सकते हैं। ये सब आपके कामों में सहयोगी बन सकते हैं।
सप्ताहांत अर्थात 29 मार्च की दोपहर 2:10 से लेकर 31 मार्च की रात्रि 11:00 बजे के मध्य प्रणाम कमज़ोर रह सकते हैं। अतः इस अवधि में किसी भी प्रकार का जोखिम बिल्कुल नहीं उठाना है। अपने स्वास्थ्य का भी पूरा ख्याल रखना जरूरी रहेगा। वहीं सप्ताह का अंतिम घंटा अर्थात 31 मार्च की रात 11:00 से 12:00 के बीच यदि आप सक्रिय रहते हैं, तो इस आखिरी घंटे में आपको राहत भरे परिणाम मिल सकते हैं। पुरानी समस्याएं दूर होने लग जाएंगी।
उपाय: नियमित रूप से मंदिर जाना हितकारी रहेगा।
मकर राशि
सप्ताह के शुरुआती हिस्से अर्थात 25 मार्च से लेकर 26 मार्च के बीच की अवधि में आपको मिले-जुले परिणाम मिल सकते हैं। इस अवधि में दूर की यात्राओं से यथासंभव बचाव जरूरी होगा। वहीं, अध्यात्म की तरफ मन लगाना फायदेमंद रहेगा। वरिष्ठों की सलाह पर चलकर काम करने की स्थिति में अच्छे परिणाम मिल सकेंगे।
सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 27 मार्च से लेकर 29 मार्च की दोपहर 2:10 के बीच का समय आपको आपके कामों में सफलता दिलाने का काम कर सकता है। सामाजिक पद प्रतिष्ठा दिलाने में भी यह अवधि आपके लिए मददगार हो सकती है। कामों के बनने से वरिष्ठों की प्रशंसा भी मिलती हुई प्रतीत हो रही है।
सप्ताहांत अर्थात 29 मार्च की दोपहर 2:10 से लेकर 31 मार्च की रात्रि 11:00 बजे के मध्य आपको एवरेज या फिर एवरेज से बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। भले ही चंद्रमा नीच का रहेगा, लेकिन लाभ भाव में होकर वह आपको विभिन्न माध्यमों से लाभ दिलवाने का काम करेगा। विशेषकर यदि आपका काम साझेदारी का है, तो आप अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। वहीं सप्ताह का अंतिम घंटा अर्थात 31 मार्च की रात 11:00 से 12:00 के बीच यदि आप सक्रिय रहते हैं तो इस आखिरी घंटे में आपको कमज़ोर परिणाम मिल सकते हैं।
उपाय: धर्म, धार्मिक व्यक्तियों और देवी देवताओं की निंदा से बचें।
कुंभ राशि
सप्ताह के शुरुआती हिस्से अर्थात 25 मार्च से लेकर 26 मार्च के बीच की अवधि में परिणाम कमज़ोर रह सकते हैं। अतः इस दौरान किसी भी प्रकार का जोखिम बिल्कुल न उठाएं। आप अपने विरोधियों से बेहतर स्थिति में रह सकते हैं लेकिन विरोधियों को कमज़ोर आंकना ठीक नहीं रहेगा। बेहतर होगा कि इस समय जो जैसा चल रहा है, उसी को निष्ठा पूर्वक मेंटेन करते रहें।
सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 27 मार्च से लेकर 29 मार्च की दोपहर 2:10 के बीच का समय आपको राहत भरे परिणाम दे सकता है। किसी वरिष्ठ की सलाह से आपके बिगड़े हुए काम बनना शुरू हो सकते हैं। मन में धर्म और अध्यात्म के प्रति आपकी रुचि भी बढ़ सकती है।
सप्ताहांत अर्थात 29 मार्च की दोपहर 2:10 से लेकर 31 मार्च की रात्रि 11:00 बजे के मध्य आपको एवरेज या फिर एवरेज से बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। यद्यपि नौकरीपेशा लोग इस दौरान काफ़ी अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन वरिष्ठों के साथ उनके संबंध कुछ हद तक तनावपूर्ण रह सकते हैं जिसे रोकने की कोशिश हितकर रहेगी। वहीं सप्ताह का अंतिम घंटा अर्थात 31 मार्च की रात 11:00 से 12:00 के बीच आपको काफ़ी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।
उपाय: श्रद्धापूर्वक बुजुर्गों की सेवा करके उनका आशीर्वाद लेना शुभ रहेगा।
मीन राशि
सप्ताह के शुरुआती हिस्से अर्थात 25 मार्च से लेकर 26 मार्च के बीच की अवधि में आपको एवरेज या फिर एवरेज से बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। साझेदारी के कामों में यदि कोई जोखिम नहीं उठाएंगे तो परिणाम अच्छे मिलते रहेंगे। विवाहित होने की स्थिति में जीवनसाथी या जीवन संगिनी के साथ बेहतर तालमेल बिठाने की कोशिश कामयाब रहेगी।
सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 27 मार्च से लेकर 29 मार्च की दोपहर 2:10 के बीच का समय कमज़ोर परिणाम दे सकता है। हालांकि यदि आप अध्यात्म से जुड़ाव रखते हैं तो इस समय अवधि में कुछ अप्रत्याशित लाभ भी मिल सकते हैं। प्रेम संबंधों में किसी भी प्रकार की लापरवाही न दिखाने की स्थिति में सब कुछ संतुलित बना रहेगा, अन्यथा कुछ दिक्कतें रह सकती हैं।
सप्ताहांत अर्थात 29 मार्च की दोपहर 2:10 से लेकर 31 मार्च की रात्रि 11:00 बजे के मध्य परिणाम बेहतर होने शुरू हो जाएंगे। आप किसी नई योजना पर काम करने की सोच सकते हैं। बेहतर होगा कि उस योजना पर किसी वरिष्ठ का मार्गदर्शन भी ले लेंगे, तो योजना की कमियों को बेहतर ढंग से दूर किया जा सकेगा। वहीं, सप्ताह का अंतिम घंटा अर्थात 31 मार्च की रात 11:00 से 12:00 के बीच यदि आप सक्रिय रहते हैं तो यह आखिरी घंटा आपको अच्छे परिणाम दे हैं।
उपाय: किसी पूर्वज के निमित्त यथासामर्थ्य गरीबों को भोजन करवाएं।
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