रुद्राष्टक स्त्रोत पाठ: सोमवार के दिन महादेव को प्रसन्न करने का आसान उपाय

सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। मान्यता है कि इस दिन अगर भगवान शिव की पूजा-स्तुति की जाए तो भगवान शिव के द्वारा उनके भक्तों को विशिष्ट फल प्राप्त होता है। भगवान शिव को भोलेनाथ भी कहा जाता है क्योंकि मान्यता है कि सभी देवताओं में महादेव को प्रसन्न करना सबसे आसान है। श्रद्धा भाव मात्र से याद कर लेने पर प्रसन्न हो जाने वाले महादेव से अगर विशिष्ट फल प्राप्त करना हो तो सोमवार के दिन रुद्राष्टक स्त्रोत का पाठ करना चाहिए और इसका फल भी तुरंत मिलता है।

क्या है रुद्राष्टक स्त्रोत?

शिव रुद्राष्टक स्त्रोत श्री तुलसीदास द्वारा भगवान शिव की स्तुति है। इसका वर्णन श्री तुलसीदास द्वारा रचित श्री रामचरितमानस में उत्तर काण्ड में मिलता है। इस लयबद्ध मंत्र को याद करना बेहद आसान है और लगभग तीन से चार पाठ के बाद यह कंठस्थ हो जाता है। भगवान शिव को यह स्तुति बेहद प्रिय है और जो भक्त इसका पाठ करते हैं उन पर भगवान शिव की कृपा दृष्टि होती है। रुद्राष्टक स्त्रोत का लाभ तभी मिलता है जब इसका सही और सटीक उच्चारण किया जाए। ऐसे में आइये जानते हैं रुद्राष्टक स्त्रोत मंत्र –  

    ‘ॐ नमः शिवायः’  

    नमामीशमीशान निर्वाण रूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदः स्वरूपम्‌ ।

    निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाश माकाशवासं भजेऽहम्‌ ॥

    निराकार मोंकार मूलं तुरीयं, गिराज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम्‌ ।

    करालं महाकाल कालं कृपालुं, गुणागार संसार पारं नतोऽहम्‌ ॥

    तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं, मनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरम्‌ ।

    स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारू गंगा, लसद्भाल बालेन्दु कण्ठे भुजंगा॥

    चलत्कुण्डलं शुभ्र नेत्रं विशालं, प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम्‌ ।

    मृगाधीश चर्माम्बरं मुण्डमालं, प्रिय शंकरं सर्वनाथं भजामि ॥

    प्रचण्डं प्रकष्टं प्रगल्भं परेशं, अखण्डं अजं भानु कोटि प्रकाशम्‌ ।

    त्रयशूल निर्मूलनं शूल पाणिं, भजेऽहं भवानीपतिं भाव गम्यम्‌ ॥

    कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी, सदा सच्चिनान्द दाता पुरारी।

    चिदानन्द सन्दोह मोहापहारी, प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ॥

    न यावद् उमानाथ पादारविन्दं, भजन्तीह लोके परे वा नराणाम्‌ ।

    न तावद् सुखं शांति सन्ताप नाशं, प्रसीद प्रभो सर्वं भूताधि वासं ॥

    न जानामि योगं जपं नैव पूजा, न तोऽहम्‌ सदा सर्वदा शम्भू तुभ्यम्‌ ।

    जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं, प्रभोपाहि आपन्नामामीश शम्भो ॥

    रूद्राष्टकं इदं प्रोक्तं विप्रेण हर्षोतये

    ये पठन्ति नरा भक्तयां तेषां शंभो प्रसीदति।। 

      ॥  इति श्रीगोस्वामी तुलसीदासकृतं श्रीरुद्राष्टकं सम्पूर्णम् ॥

सोमवार के दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के उपाय

  • भगवान शिव को सफ़ेद रंग बेहद प्रिय है। ऐसे में सोमवार की सुबह जल्दी उठ कर स्नान कर के सफ़ेद वस्त्र धारण करने से भी भगवान शिव की कृपा होती है। 
  • इस दिन भगवान महादेव को चंदन, अक्षत, बेलपत्र, धतूरा, दूध आदि चढ़ाने से भगवान बेहद प्रसन्न होते हैं। 
  • सोमवार के दिन उत्तर दिशा की ओर मुख कर के भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। 
  • धन लाभ व करियर में तरक्की के लिए सोमवार के दिन काले तिल और कच्चे चावल का दान करना चाहिए। इस दान से पितृ दोष भी काम होता है।
  • अगर आपको मानसिक तनाव ज्यादा हो रहा है तो आप सोमवार के दिन दूध में शक्कर मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करें। मान्यता है कि ऐसा करने से बुद्धि तीक्ष्ण होती है और मानसिक तनाव भी कम होता है। 
  • ध्यान रखें कि भगवान शिव को चढ़ने वाले पंचामृत में तुलसी का उपयोग न करें। भगवान शिव की पूजा में तुलसी का उपयोग वर्जित माना गया है।

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