बहुत चमत्कारी है आठ मुखी रुद्राक्ष

आठ मुखी रुद्राक्ष के प्रधान देव भगवान श्री गणेश को माना गया है। इसे धारण करने से भैरव बाबा की भी कृपा प्राप्त होती है। इसके साथ ही आठ मुखी रुद्राक्ष आठ दिशाओं और आठ सिद्धियों का नेतृत्व करता है। आज कोरोना काल में जिस प्रकार से लोग शारीरिक रूप से परेशानियां उठा रहे हैं और विभिन्न प्रकार के मानसिक तनावों से परेशान हैं, ऐसे में आठ मुखी रुद्राक्ष उनके लिए एक वरदान साबित हो सकता है।

जिस प्रकार हिन्दू धर्म में गंगा जी को बहुत ही पवित्र माना गया है और गंगा नदी में स्नान करने मात्र से सभी पाप दूर होते हैं, उसी प्रकार आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करने से भी सभी पाप दूर होते हैं। विशेष रूप से जो लोग बहुत झूठ बोलते हैं, या फिर चोरी आदि करते हैं, ऐसे पाप इस रुद्राक्ष के धारण करने से स्वतः ही दूर होने लगते हैं। 

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जो लोग भैरव बाबा की उपासना करते है, उन्हें इस रुद्राक्ष को अवश्य ही धारण करना चाहिए।  किन्तु ध्यान दें, इसे पूर्ण विधि अनुसार ही धारण किया जाना चाहिए और रुद्राक्ष की पवित्रता को बनाये रखना चाहिए, तभी भैरव बाबा की कृपा प्राप्त होती है।  इस रुद्राक्ष के अधिपति देव गणेश जी हैं, इसलिए इसे धारण करने से ज्ञान, बुद्धि, धन, यश में वृद्धि के साथ-साथ पद में उन्नति के अवसर भी प्राप्त होते है।

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रुद्राक्ष की खास बातें

पुराणों के अनुसार यह ज्ञात होता है किरुद्राक्षमें प्राकृतिक रूप से छिद्र व धारियाँ होती हैं, जिन्हें मुखकहा जाता है। शास्त्रों में 1 से लेकर 14 मुखी तक के रुद्राक्षका वर्णन मिलता है। रुद्राक्ष मुख्यतः चार आकारों में पाए जाते हैं: गोल, बेलनाकार, चपटे और अर्द्धचंद्राकार। इन सभी में गोल रुद्राक्ष सर्वश्रेष्ठ होता है।

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आठ मुखी रुद्राक्ष का ग्रह सम्बन्ध

आठ मुखी रुद्राक्ष के स्वामी ग्रह राहू हैं, इसलिए राहु जनित दोषों को दूर करने में भी आठ मुखी रुद्राक्ष का बड़ा महत्व माना गया है। आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मन से हर प्रकार की ईर्ष्या, द्वेष आदि दूर होते हैं और मन में सात्विक विचारों का जन्म होता है। पैरों में दर्द, चर्म रोग और श्वास रोग में आठ मुखी रुद्राक्ष से लाभ प्राप्त होता है। 

जो जातक इस रुद्राक्ष को धारण करते हैं, उन पर किसी प्रकार की तांत्रिक क्रियाओं का असर नहीं होता व भूत-प्रेत से छुटकारा प्राप्त होता है। पराई स्त्री के साथ संबंध बनाने से जातक जिस पाप का भागी बनता है, वह भी इस आठ मुखी रुद्राक्ष के पहनने से दूर होता है। मानसिक तनाव को दूर करने में भी तथा मतिभ्रम के उपाय के रूप में भी आठ मुखी रुद्राक्ष को धारण किया जा सकता है। 

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ग्रहण और रुद्राक्ष

यदि किसी की भी जातक की जन्म कुंडली में सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण योग बन रहा हो तो उसके लिए सूर्य ग्रहण योग हेतु एक मुखी, आठ मुखी या नौ मुखी रुद्राक्ष लाल धागे में रविवार को धारण करें तथा चन्द्र से बनने वाले ग्रहण योग के लिए दो मुखी, आठ मुखी व नौ मुखी रुद्राक्ष सफ़ेद धागे में सोमवार को धारण करना चाहिए।

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आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करने की  विधि

रुद्राक्ष की माला या आठ मुखी रुद्राक्ष को शुक्ल पक्ष में सोमवार के दिन धारण करें। सर्वप्रथम रुद्राक्ष को गंगाजल और दूध से स्नान कराएं तथा ॐ नमः शिवायइस पंचाक्षर मंत्र का जाप करते रहें। शुद्ध करने के बाद इसको चंदन, बिल्वपत्र तथा लाल पुष्प अर्पित करें तथा धूप और दीप दिखा कर पूजन करके अभिमंत्रित करें। रुद्राक्ष को शिवलिंग से स्पर्श कराकर पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके मंत्र जाप करते हुए इसे धारण करना चाहिए। 

इस प्रकार इस कोरोना काल में आठ मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से आपको मानसिक शांति प्राप्त होगी और जीवन में अनेक प्रकार की समस्याओं से मुक्ति मिलेगी। इसके साथ ही भगवान गणेश तथा भैरव बाबा की कृपा प्राप्त होती है और राहु ग्रह जनित दोष से मुक्ति मिलती है।

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