ज्योतिष शास्त्र में दो ग्रह ऐसे हैं जो बेहद अशुभ माने जाते हैं। एक है राहु और दूसरा केतु। हालांकि राहु और केतु हमेशा ही जातकों को बुरे फल नहीं देते लेकिन अधिकतर स्थिति में ये दोनों ग्रह किसी भी जातक की कुंडली में बुरे फल ही देते हैं। राहु और केतु यदि एक साथ युति कर लें तो जातक की कुंडली में ‘कालसर्प दोष’ का निर्माण भी करते हैं।
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ऐसे में राहु और केतु के उपायों को करना जरूरी हो जाता है। इसलिए आज के लेख में हम आपको ये बताने वाले हैं कि यदि राहु और एतौ आपको अशुभ फल दे रहे हैं तो किस खास दिन किन चीजों का दान करने से आपको इन दोनों ग्रहों के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिल सकती है।
राहु
राहु यदि किसी जातक की कुंडली में बुरी स्थिति में बैठा हो तो यह जातक को अपराधी तक बना सकता है। इसके प्रभाव में जातक नशे की आदत का शिकार हो जाता है। साथ ही ऐसे जातकों की मंशा धूर्त व धोखा देने की बनी रहती है। ऐसे जातक गलत तरीके से भी पैसा कमाने में नहीं हिचकते हैं।
ऐसे में राहु को शांत करने के लिए जातकों को शनिवार के दिन सूर्यास्त के बाद दान कार्य करना चाहिए। ऐसे जातक राहु को शांत करने के लिए अगरबत्ती, चायपत्ती, सिक्के और काला-सफ़ेद रंग के कपड़ों का दान कर सकते हैं। ध्यान रहे कि जब आप यह दान करें तब मन ही मन राहु के बीज मंत्र ‘ॐ रां राहवे नमः’ का जाप करते रहें। इसके अलावा आप इस बीज मंत्र का शाम के 07 बजे 11, 21, 51 या 108 बार प्रतिदिन जरूर जाप करें। इससे राहु आपको परेशान करना कम कर देगा।
राहु को शांत करने के लिए आपको विकलांगों की सहायता करनी चाहिए। चींटियों को भोजन डालने से भी राहु शांत होते हैं। यदि आपको कोई नेत्रहीन या फिर कुष्ठ रोग से पीड़ित व्यक्ति दिखे तो उसकी मदद जरूर करें। राहु अति प्रसन्न होंगे।
केतु
राहु की तरह केतु भी एक अशुभ ग्रह है। जिस जातक की कुंडली में केतु अशुभ स्थान पर बैठा हो ऐसे जातकों के मन में हमेशा भ्रम की स्थिति बनी रहती है। साथ ही उसके कार्यों में अचानक से बाधा आ जाती है जिससे उसका कार्य पूरा होते-होते टल जाता है। केतु यदि कमजोर हो तो ऐसे जातकों के पैर कमजोर होते हैं या उन्हें पैरों में समस्या रहती है। साथ ही केतु से प्रभावित व्यक्ति को कई सारी बीमारियां भी घेर लेती हैं।
ऐसे में केतु को शांत करने के लिए जातकों को मंगलवार और बुधवार के दिन मन ही मन केतु के बीज मंत्र ‘ ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः’ का जाप करते हुए दान करना चाहिए। इन जातकों को काला-सफ़ेद वस्त्र नींबू, चाकू, आंवला, आंवले का अचार या फिर आमचूर का दान करना चाहिए। इससे केतु शांत होता है। साथ ही केतु के बीज मंत्र का शाम के 07 बजे 11, 21, 51 या फिर 108 बार प्रतिदिन जाप करना चाहिए।
केतु से पीड़ित जातकों को कुत्ते को रोटी खिलानी चाहिए। ऐसे जातक कुत्ते पाल भी सकते हैं। इससे केतु शांत होता है।
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