त्रिग्रही योग 2023: वैदिक ज्योतिष में राजकुमार कहे जाने वाले ग्रह बुध बुद्धि, बेहतर तर्क क्षमता और अच्छे संचार कौशल का प्रतिनिधित्व करते हैं। चंद्रमा के बाद बुध सबसे छोटे और सबसे तेज गति से चलने वाले ग्रह हैं। यह जातक की बुद्धि, सीखने की क्षमता, अच्छी भाषा शैली आदि को प्रभावित करते हैं। नक्षत्रों में बुध को अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र का स्वामित्व प्राप्त है। बता दें कि बुध ग्रह अपनी नीच राशि मीन से निकलकर 31 मार्च 2023 को मेष राशि में प्रवेश कर चुके हैं। इस राशि में पहले से ही राहु और शुक्र ग्रह मौजूद हैं और इसके परिणामस्वरूप मेष राशि में त्रिग्रही योग का निर्माण हुआ है। इस योग का प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ेगा लेकिन 3 राशियां ऐसी हैं जिनको इस दौरान अधिक सावधान रहने की जरूरत होगी। तो आइए एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में जानते हैं उन 3 राशियों के बारे में जिन्हें इस योग से अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है लेकिन इससे पहले जान लेते हैं कैसे होता है त्रिग्रही योग का निर्माण।
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जानिए, कैसे बनता है त्रिग्रही योग
त्रिग्रही योग तब बनता है जब तीन ग्रह एक ही राशि में विराजमान होते हैं। ‘त्रिग्रही’ शब्द संस्कृत से लिया गया है, जहां ‘त्रि’ का अर्थ तीन और ‘ग्रह’ का अर्थ ग्रह है। इसलिए त्रिग्रही योग बनने पर राशियों पर तीन ग्रहों का प्रभाव पड़ता है। इस बार मेष राशि में त्रिग्रही योग का निर्माण हो रहा है। यह योग बुध, शुक्र और राहु की युति से बन रहा है।
इन 3 राशियों के लिए बन रहे हैं धन हानि के योग!
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए त्रिग्रही योग प्रतिकूल सिद्ध हो सकता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से देखा जाए तो इस दौरान आपको अपने पार्टनर के स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता है क्योंकि चिंता, विकार, अवसाद के कारण तंत्रिकाओं की समस्या बढ़ सकती है जिसके कारण दवाओं या अन्य चिकित्सा उपचार पर धन खर्च करना पड़ सकता है। इस अवधि में आपके फिजूली खर्चे बढ़ सकते हैं। प्रेम जीवन की बात करें तो जो जातक प्यार के बंधन में बंधे हैं उन्हें इस दौरान धोखा मिलने की संभावना है। वहीं जो लोग पार्टनशिप में बिज़नेस कर रहे हैं उन्हें भी अपने बिज़नेस पार्टनर से धोखा मिल सकता है। साथ ही किसी भी तरह का कोई बड़ा निवेश करने से बचना चाहिए अन्यथा आपको धोखाधड़ी या हानि होने की आशंका है। इस दौरान आपके अंदर अहंकार की भावना विकसित हो सकती है जिसके परिणामस्वरूप कार्यस्थल या परिवार में किसी के साथ वाद- विवाद भी हो सकता है इसलिए आपको लगातार बहस से दूर रहने की सलाह दी जाती है।
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कन्या राशि
त्रिग्रही योग कन्या राशि के जातकों के लिए अनुकूल प्रतीत होती नहीं दिख रही है क्योंकि इस युति का निर्माण आपके आठवें भाव में हुआ है। इसके परिणामस्वरूप आपको कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इस योग का सबसे ज्यादा प्रभाव आपकी सेहत पर देखने को मिलेगा इसलिए इस दौरान आपको अपनी सेहत को लेकर थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है। आप त्वचा से संबंधित समस्याओं से ग्रस्त हो सकते हैं और अचानक से होने वाली समस्याएं आपको मानसिक तनाव दे सकती हैं। इसके अलावा आप इस दौरान स्वभाव में आक्रमक हो सकते हैं जिसके परिणामस्वरूप निजी जीवन व पेशेवर जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आपको अपने व्यवहार पर नियंत्रण रखने की सलाह दी जाती है। यदि आप कोई नया काम शुरू करने का विचार बना रहे हैं तो उसे आगे के लिए टाल देने में ही समझदारी है अन्यथा हानि होने की संभावना है।
वृश्चिक राशि
त्रिग्रही योग वृश्चिक राशि के लोगों के लिए थोड़ा हानिकारक सिद्ध हो सकता है क्योंकि यह युति आपकी राशि से छठे भाव में बन रही है। इस दौरान आपको अपनी सेहत पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होगी क्योंकि आप पथरी का दर्द, फैटी लिवर, अपेंडिक्स का दर्द, त्वचा संबंधी समस्या से परेशानी से ग्रस्त हो सकते हैं। इस अवधि में आपके मित्र आपके साथ शत्रु जैसा व्यवहार कर सकते हैं इसलिए किसी पर भी आसानी से भरोसा करना आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। आपको सलाह दी जाती है कि इस समय किसी को उधार पैसा देने से बचें क्योंकि संभव है कि पैसा वापस न मिले। आर्थिक मामलों में आपको उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है इसलिए कोई भी बड़ा फैसला लेने से बचें। इसके अलावा आपको कोर्ट-कचहरी के मामलों में निराशा हाथ लग सकती है। आपको अपने विचारों पर संयम रखने का जरूरत है अन्यथा अनिष्ट हो सकता है।
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त्रिग्रही योग के अशुभ प्रभाव से बचने के आसान उपाय
- त्रिग्रही योग के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए किसी कोढ़ी को कपड़े का दान करना चाहिए।
- मां दुर्गा के मंदिर जाकर लाल चुनरी चढ़ाएं।
- भगवान शिव और श्री हरि विष्णु की पूजा करें। इसके साथ ही नियमित रूप से शनिवार और सोमवार के दिन जल में थोड़े से काले तिल डालकर शिवलिंग पर अभिषेक करें।
- भोजन करने से पहले कुछ हिस्सा गाय, कौवे, और कुत्ते को खिलाएं।
- किसी ज्योतिषी की सलाह लेकर 5-6 कैरेट का पन्ना, चांदी या सोने की अंगूठी में धारण करें।
- अपने पिता जी या घर की किसी बड़े बुजुर्ग को हरे रंग की कोई वस्तु उपहार में दें।
- ज़रूरतमंद बच्चों और विद्यार्थियों को किताबें व कपड़ें दान करें।
- रोजाना तुलसी के पौधे के आगे देशी घी का दीपक जलाएं और पौधे की पूजा करें।
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