21 दिसंबर को साल का सबसे छोटा दिन माना जाता है। इस दिन सूर्य की रोशनी सबसे कम समय तक पृथ्वी पर पड़ती है। इस तारीख को दिन छोटा और रात लंबी होती है। इस साल यह तारीख़ काफी खास होने वाली है क्योंकि इस दिन प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि एक साथ पड़ रही है। हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रदोष व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि और मासिक शिवरात्रि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि दोनों ही भगवान भोलेनाथ को प्रिय हैं।
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इस बार 21 दिसंबर 2022 (पौष माह) को विशेष संयोग बन रहा है। प्रदोष व्रत और शिवरात्रि एक ही तिथि को मनाई जाएगी, वह भी साल के सबसे छोटे दिन। इस दिन सूर्य देव की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। तो आइए जानते हैं कि 21 दिसंबर के दिन किए जाने वाले कुछ खास उपायों व इस दिन से जुड़ी तमाम महत्वपूर्ण बातों के बारे में।
21 दिसंबर को क्यों होता है छोटा दिन
21 दिसंबर को भारत समेत कई देशों में सबसे छोटा दिन होता है। दिन का तात्पर्य है कि सूरज उगने से लेकर अस्त होने तक का समय। इस दिन सूरज अपने निश्चित समय से कम समय तक रहता है और फिर जल्द ही डूब जाता है। इससे दिन छोटा हो जाता है और रात बड़ी। दूसरे शब्दों में कहें तो सूरज ज्यादा देर तक धरती पर अपनी किरणों से प्रकाश नहीं फैलाता है। इसलिए 21 दिसंबर को साल के सबसे छोटे दिन के रूप में जाना जाता है।
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बता दें कि 21 दिसंबर को दुनिया भर के कई देशों में अलग-अलग तरीकों से जश्न मनाया जाता है। चीन में इस दिन को सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।
21 दिसंबर 2022: सूर्योदय व सूर्यास्त का समय
इस साल 21 दिसंबर 2022, बुधवार को 07 बजकर 09 मिनट पर सूर्योदय होगा और शाम 05 बजकर 28 मिनट पर सूर्य अस्त हो जाएगा यानी कि सूरज की दृश्यता 10 घंटे 17 मिनट तक रहेगी।
इस दिन बन रहे हैं विशेष संयोग
साल का आखिरी प्रदोष व्रत व साल की आखिरी मासिक शिवरात्रि एक ही दिन यानी कि 21 दिसंबर 2022 को पड़ रही है, जिसके चलते इस दिन का महत्व काफी ज्यादा बढ़ जाता है। प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि व्रत दोनों ही भगवान शिव को समर्पित होते हैं। इस दिन दो बेहद शुभ योग बन रहे हैं, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग। विशेष बात यह है कि ये दोनों योग एक ही समय में बनेंगे।
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21 दिसंबर को सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग सुबह 08 बजकर 33 मिनट से शुरू होंगे और अगले दिन यानी कि 22 दिसंबर की सुबह 07 बजकर 09 मिनट तक रहने वाले हैं।
प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि 2022: शुभ मुहूर्त
- पौष कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि प्रारंभ- 21 दिसंबर रात्रि 12:48 से
- पौष कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि समाप्ति- 21 दिसंबर रात्रि 10:18 पर
- पौष कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि प्रारंभ- 21 दिसंबर रात्रि 10:18 से
- पौष कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि समाप्ति- 22 दिसंबर संध्या 07:15 तक
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इस खास दिन करें ये खास उपाय
- इस दिन सूर्य देव की उपासना करने से हर मनोकामना पूरी होती है। ऐसे में सुबह स्नान करने के बाद तांबे के पात्र में गंगाजल, रोली, चंदन, लाल पुष्प और अक्षत मिलाकर सूर्यदेव को जल दें।
- 21 दिसंबर को सूर्यदेव के मंत्र – “ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:” और “ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः” का जाप करना चाहिए।
- इसके अलावा बच्चों के हाथ से जरूरतमंद बच्चों को मिठाई और हरी चीजों का दान कराएं।
- इस दिन 5 सुपारी, 5 इलायची और 5 मोदक भगवान गणपति को अर्पित करें।
- भगवान गणेश के सामने घी का दीपक जलाएं और ‘ॐ गं गणपतये नमः’ मंत्र का जाप करें।
- यदि आप प्रेम विवाह करना चाहते हैं और शादी में अड़चन आ रही है तो इस दिन मध्यरात्रि यानी कि रात 12 बजे एक धतूरे में मौली बांधकर अपनी मनोकामना कहते हुए शिवलिंग पर अर्पित कर दें। इसके बाद ‘श्री शिवाय नमस्तुभ्यम’ मंत्र का 108 बार जाप करें। फिर ये धूतरा एक लाल कपड़े में बाधकर अपने पास सुरक्षित रख लें। मान्यता है कि ऐसा करने से हर काम बनने लगते हैं।
- इसके अलावा इस दिन 5 नारियल लेकर शिव मंदिर जाएं। भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक करें। फिर ‘ॐ श्रीं वर प्रदाय श्री नमः’ मंत्र का 5 माला जाप करें। हर एक माला पूरी होने पर भगवान शिव जी को एक नारियल अर्पित करें। कहते हैं ऐसा करने से जल्द ही विवाह का योग बनता है।
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