हिंदू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या का अत्यंत महत्व है। कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या कहा जाता है, तो वहीं शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा कहा जाता है। श्रद्धालु इन दोनों ही तिथियों को भिन्न तरीके से मनाते हैं। पूर्णिमा पर चंद्रमा पूर्ण दिखाई देते हैं, तो वहीं अमावस्या पर चांद नज़र नहीं आता है। हिंदू धर्म में हर महीने की पूर्णिमा तिथि को कोई न कोई पर्व पड़ता है।
वैसे तो साल में कई पूर्णिमा तिथियां आती हैं लेकिन पौष पूर्णिमा और माघ पूर्णिमा का अधिक महत्व होता है। वैदिक ज्योतिष में पौष पूर्णिमा को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। आगे जानिए कि वर्ष 2024 में पौष पूर्णिमा कब पड़ रही है, इसका महत्व क्या है और पौष पूर्णिमा के दिन कौन-से ज्योतिषीय उपाय कर सकते हैं।
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पौष पूर्णिमा 2024 कब है
25 जनवरी, 2024 को पौष पूर्णिमा पड़ रही है। 24 जनवरी, 2024 को रात्रि 09 बजकर 52 मिनट पर पूर्णिमा तिथि आरंभ होगी और इसका समापन 25 जनवरी, 2024 को रात्रि 11 बजकर 26 मिनट पर होगा।
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पौष पूर्णिमा 2024 को बन रहा है शुभ योग
इस दिन प्रीति योग भी बन रहा है जो 25 जनवरी की सुबह 07 बजकर 31 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 26 जनवरी को सुबह 07 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगा। ज्योतिषशास्त्र में प्रीति योग को बहुत शुभ माना गया है। कहा जाता है कि इस योग में कोई भी मंगल कार्य शुरू किया जा सकता है। प्रीति योग में कोई भी नया काम, प्रोजेक्ट या गृह प्रवेश करना आदि शुभ रहता है। यह योग वैवाहिक सुख का आशीर्वाद भी देता है।
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पौष पूर्णिमा 2024 का महत्व
पाैष मास के समाप्त होने के बाद माघ का महीना आता है। पौष पूर्णिमा से माघ के महीने में पवित्र नदी में स्नान करने का रिवाज़ शुरू होता है। जो लोग मोक्ष की प्राप्ति की कामना रखते हैं, उनके लिए पौष पूर्णिमा का दिन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति पौष पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान करता है और पूरे विधि-विधान से पूजन करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। पौष पूर्णिमा से किसी भी नए कार्य की शुरुआत करना बहुत लाभकारी माना जाता है।
पौष पूर्णिमा के दिन दान करने का भी बहुत महत्व है। ऐसा भी कहा जाता है पौष का महीना सूर्य देव को समर्पित होता है और इसकी पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा की चमक अपने चरम पर होती है। इस प्रकार चंद्रमा और सूर्य का एकसाथ आना आपकी सभी मनोकामाओं को पूरा करने और आपके जीवन की अड़चनों को दूर कर सकता है।
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पौष पूर्णिमा 2024 की पूजन विधि
कई लोग पौष पूर्णिमा पर व्रत और पूजन करते हैं। इस दिन निम्न विधि से सूर्य देव की उपासना की जाती है:
- पौष पूर्णिमा के दिन प्रात:काल जल्दी उठें और व्रत करने का संकल्प लें।
- इसके बाद किसी पवित्र नदी या कुंड में स्नान करें और वरुण देवता की उपासना करें।
- इसके पश्चात् सूर्य मंत्र का जाप करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दें।
- अब भगवान मधुसुदन की पूजा करें और उन्हें नैवेद्य अर्पित करें।
- पौष पूर्णिमा के दिन ब्राह्मण या जरूरतमंद लोगों को भोजन करवाएं और अपने सामर्थ्यानुसार दान दें।
- इस दिन तिल, गुड़, कंबल और ऊनी कपड़े भी दान में दे सकते हैं।
पौष पूर्णिमा 2024 पर क्या करें
- पौष पूर्णिमा के दिन शरीर पर सरसों का तेल लगाकर स्नान करें और अपने नहाने के पानी में थोड़ा-सा परफ्यूम डालकर उस पानी से स्नान करें।
- लड्डू गोपाल की मूर्ति पर घी चढ़ाएं।
- श्री विष्णु, देवराज और बृहस्पति देव के मंत्रों का जाप करें।
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पौष पूर्णिमा 2024 के लिए ज्योतिषीय उपाय
पौष पूर्णिमा के दिन आप अपनी मनोकामना के अनुसार निम्न उपाय कर सकते हैं:
जिन लोगों की चंद्रमा की महादशा चल रही है या जो मानसिक रूप से अस्वस्थ महसूस कर रहे हैं, वे पौष पूर्णिमा के दिन नौ रत्ती का मोती रत्न अपने दाएं हाथ की कनिष्ठिका उंगली में चांदी की धातु में जड़वाकर पहनें।
इस दिन व्रत रखने का संकल्प लें और पवित्र नदी में स्नान कर के देवताओं का पूजन एवं पितरों का तर्पण करें।
इस पूर्णिमा की रात्रि को मां लक्ष्मी का पूजन करें और श्री सूक्त, कनकधारा स्तोत्र और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और आपके जीवन से दरिद्रता दूर होती है।
पौष पूर्णिमा साल की पहली पूर्णिमा भी है। इस दिन मां लक्ष्मी को चावल की खीर का भोग लगाएं। इसे आप और आपका परिवार प्रसाद के रूप में ग्रहण करें। इस उपाय को करने से परिवार में सुख-शांति का आगमन होता है।
शीघ्र विवाह करने के इच्छुक हैं या आपके विवाह में कोई अड़चन आ रही है, तो आप पौष पूर्णिमा के दिन देवी लक्ष्मी को हरसिंगार के फूल चढ़ाएं।
वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनाए रखने के लिए पौष पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान करने के बाद पीपल के पेड़ में जल चढ़ाएं। इससे आपको मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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