पौष माह में पड़ेंगे कई महत्वपूर्ण त्योहार, राशि अनुसार करें ये उपाय होगी हर मनोकामना पूरी!

पौष माह में पड़ेंगे कई महत्वपूर्ण त्योहार, राशि अनुसार करें ये उपाय होगी हर मनोकामना पूरी!

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, दसवें महीने को पौष का महीना कहते हैं। मार्गशीर्ष पूर्णिमा के बाद इस माह की शुरुआत होती है। पौष माह को पूस का महीना भी कहा जाता है। इस माह में पितरों और भगवान सूर्यदेव की पूजा करने का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पौष माह में भगवान सूर्य देव की पूजा करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस माह में सफला एकादशी, संकष्टी चतुर्थी, मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, पौष अमावस्या जैसे महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार पड़ रहे हैं। चलिए जानते हैं पौष माह में पड़ने वाले सभी व्रत-त्योहारों के तिथि के बारे में।

आज इस ब्लॉग में हम पौष मास से जुड़ी तमाम रोमांचक चीज़ों के बारे में विस्तार से बताएंगे जैसे कि इस माह के दौरान कौन-कौन से व्रत-त्योहार आएंगे? इस माह में कौन से उपाय किए जाने चाहिए? इस माह का धार्मिक महत्व क्या है? और इस मास में जातकों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए? ऐसी ही कई जानकारियों से लबालब है एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग, इसलिए अंत तक ज़रूर पढ़ें।

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पौष मास 2024: तिथि

पौष माह का आरंभ 16 दिसंबर 2024 सोमवार को होगा जिसकी समाप्ति 13 जनवरी 2025 सोमवार को हो जाएगी। इस माह में सूर्यदेव की पूजा करने का विधान है और उनकी आराधना करने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।

पौष मास का महत्व

पौष मास हिंदू पंचांग का दसवां महीना है और यह धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। पौष मास का संबंध सूर्य देव से है और इसे सूर्य उपासना और व्रत-त्योहारों के लिए उत्तम समय माना जाता है। पौष मास में सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं जिसे मकर संक्रांति के रूप में मनाया जाता है। इस समय सूर्य देव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और स्नान, दान, तथा उपवास का विशेष महत्व होता है।

पौष मास में दान का अत्यधिक महत्व है। विशेषकर तिल, गुड़, और अन्य वस्त्रों का दान पुण्य माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस माह में किए गए दान और पुण्य कर्मों से व्यक्ति को जीवन में सुख-समृद्धि मिलती है। पौष मास के अंत में मकर संक्रांति का पर्व आता है, जो सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का प्रतीक है। इस दिन विशेष रूप से गंगा स्नान, दान-पुण्य और खिचड़ी, तिल के लड्डू आदि का सेवन शुभ माना जाता है। पौष मास को कुछ स्थानों पर विवाह और अन्य धार्मिक कार्यों के लिए भी शुभ माना जाता है।

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पौष मास में आने वाले प्रमुख व्रत-त्योहार

पौष मास यानी कि 16 दिसंबर 2024 से 13 जनवरी 2025 के दौरान हिन्दू धर्म के कई प्रमुख व्रत-त्योहार आने वाले हैं, जो कि इस प्रकार हैं:

तिथिवारपर्व
18 दिसंबर, 2024बुधवारसंकष्टी चतुर्थी
26 दिसंबर, 2024गुरुवारसफला एकादशी
28 दिसंबर, 2024शनिवारप्रदोष व्रत (कृष्ण)
29 दिसंबर, 2024रविवारमासिक शिवरात्रि
30 दिसंबर, 2024सोमवारपौष अमावस्या
10 जनवरी, 2025शुक्रवारपौष पुत्रदा एकादशी
11 जनवरी, 2025शनिवारप्रदोष व्रत (शुक्ल)
13 जनवरी, 2025सोमवारपौष पूर्णिमा व्रत

पौष मास में जन्म लेने वाले लोगों के गुण

पौष मास में जन्म लेने वाले लोगों के गुण और व्यक्तित्व पर सूर्य देव का विशेष प्रभाव होता है क्योंकि यह महीना सूर्य की उपासना का समय माना जाता है। इन लोगों के स्वभाव और जीवनशैली में कुछ खास गुण देखे जाते हैं। आइए चर्चा करते हैं इस महीने में जन्म लेने वाले लोगों के अंदर कौन से गुण पाए जाते हैं।

पौष मास में पैदा हुए लोगों में सूर्य का प्रभाव होता है और सूर्य का प्रभाव इन लोगों को स्वाभाविक रूप से नेतृत्व क्षमता प्रदान करता है। वे आत्मविश्वासी और दृढ़ संकल्पी होते हैं और किसी भी समूह में नेतृत्व करने में सक्षम होते हैं। पौष मास में जन्मे लोग आत्मविश्वासी और साहसी होते हैं। वे अपने विचारों और फैसलों में दृढ़ रहते हैं और किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम होते हैं। ये लोग अनुशासन और समय का पाबंद रहते हैं। वे अपने जीवन में नियमों और सिद्धांतों का पालन करते हैं और दूसरों से भी यही उम्मीद रखते हैं।

पौष मास सूर्य की पूजा का महीना है इसलिए इस समय में जन्मे लोग अक्सर धर्म और आध्यात्मिकता की ओर आकर्षित होते हैं। वे धार्मिक और पारंपरिक मान्यताओं को महत्व देते हैं और अपने जीवन में आध्यात्मिक संतुलन बनाए रखने की कोशिश करते हैं। इन लोगों में स्वाभिमान और स्वतंत्रता की भावना प्रबल होती है। वे अपने आत्मसम्मान से समझौता नहीं करते और अपनी शर्तों पर जीवन जीने की कोशिश करते हैं।

इसके अलावा, ये लोग परिश्रमी होते हैं और अपने कार्य के प्रति समर्पित रहते हैं। वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करने से नहीं कतराते। इनमें सकारात्मक सोच और ऊर्जा की प्रचुरता होती है। वे मुश्किल हालातों में भी धैर्य रखते हैं और अपने सकारात्मक दृष्टिकोण से समस्याओं का समाधान खोजने की कोशिश करते हैं। इनका पारिवारिक जीवन के प्रति विशेष झुकाव होता है। वे अपने परिवार और संबंधों को महत्व देते हैं और हमेशा अपने परिवार के लिए समर्पित रहते हैं।

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पौष मास में सूर्य देव की पूजा कैसे करें

पौष मास में सूर्य देव की पूजा विशेष महत्व रखती है। सूर्य देव को ऊर्जा, स्वास्थ्य और समृद्धि के देवता माना जाता है और इस समय उनकी आराधना से व्यक्ति को जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सफलता प्राप्त होती है। आइए जानते हैं पौष मास में सूर्य देव की पूजा कैसे करें:

  • पौष मास में सूर्य देव की पूजा के लिए सबसे पहले सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें। यह पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक है।
  • स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा स्थल को शुद्ध करें।
  • सूर्योदय के समय तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें लाल फूल, चावल और रोली मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें।
  • अर्घ्य देते समय सूर्य मंत्र ऊँ सूर्याय नमः का जाप करें। इससे सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है और मानसिक शांति मिलती है।
  • “ऊँ आदित्याय नमः” या “ऊँ घृणि सूर्याय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे सूर्य देव की कृपा से स्वास्थ्य, समृद्धि और ऊर्जा प्राप्त होती है।
  • यदि संभव हो, तो सूर्य उपासना के लिए “आदित्य हृदय स्तोत्र” का पाठ करें, यह भी अत्यंत फलदायक माना जाता है।
  • पूजा स्थल पर सूर्य देव की प्रतिमा या चित्र रखें और उसे जल, चंदन, फूल, धूप, दीप, और नैवेद्य अर्पित करें।
  • सूर्य देव को गुड़, तिल और लाल रंग के फलों का भोग चढ़ाएं क्योंकि ये सूर्य देव को प्रिय माने जाते हैं।
  • “ऊँ भास्कराय विद्महे, महातेजाय धीमहि, तन्नः सूर्यः प्रचोदयात्” का जाप करें। इस मंत्र का जाप सूर्य की कृपा और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने में सहायक होता है।
  • पौष मास में सूर्य देव की कृपा पाने के लिए तिल, गुड़, लाल वस्त्र, और अन्न का दान करें। ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति प्राप्त होती है।
  • इस समय विशेषकर तिल और गुड़ से बने लड्डू का दान करना और उसका सेवन करना शुभ माना जाता है।

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पौष माह में इन मंत्रों का करें जाप

पौष माह में सूर्य देव की पूजा और साधना का विशेष महत्व है और इस दौरान कुछ विशेष मंत्रों का जाप करना अत्यधिक फलदायी माना जाता है। इन मंत्रों के जाप से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है और साधक को स्वास्थ्य, ऊर्जा, समृद्धि और मानसिक शांति मिलती है। पौष मास में किए जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण मंत्र इस प्रकार हैं:

सूर्य गायत्री मंत्र:

मंत्र: ऊँ भास्कराय विद्महे, महातेजाय धीमहि, तन्नः सूर्यः प्रचोदयात्।

लाभ: इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और उसका आत्मबल बढ़ता है। 

आदित्य मंत्र:

मंत्र: ऊँ आदित्याय नमः।

लाभ: इस सरल मंत्र का जाप करने से सूर्य देव की कृपा मिलती है और मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। 

सूर्य बीज मंत्र:

मंत्र: ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः।

लाभ: बीज मंत्र का जाप करने से सूर्य देव की शक्ति प्राप्त होती है और जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है।

सूर्य नमस्कार मंत्र:

मंत्र: ऊँ घृणि सूर्याय नमः।

लाभ: यह मंत्र सूर्य नमस्कार के दौरान जपा जाता है और इसे प्रतिदिन करने से व्यक्ति के शरीर में ऊर्जा और उत्साह बना रहता है। 

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पौष मास में राशि अनुसार करें ये ख़ास उपाय

पौष महीने में राशि अनुसार कुछ विशेष उपाय करने से व्यक्ति को सूर्य देव की कृपा मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। आइए जानते हैं, पौष मास में कौन-सी राशि वाले लोग कौन-से उपाय कर सकते हैं:

मेष राशि

प्रतिदिन सुबह तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें लाल फूल और चावल डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। इससे मानसिक शांति प्राप्त होगी और करियर में सफलता मिलेगी।

वृषभ राशि

सूर्य देव का ध्यान करते हुए “ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करें। साथ ही गुड़ और तिल का दान करें। इस उपाय से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और पारिवारिक जीवन में शांति मिलती है।

मिथुन राशि

पौष मास में तांबे का कड़ा धारण करें और सूर्य नमस्कार करें। साथ ही, गरीबों को तांबे के बर्तन दान करें। इससे स्वास्थ्य में सुधार होगा और मानसिक तनाव दूर होगा।

कर्क राशि

रविवार को सूर्य देव को गुड़ का भोग अर्पित करें और तांबे के लोटे में जल भरकर अर्घ्य दें। साथ ही “आदित्य हृदय स्तोत्र” का पाठ करें। इससे आपके घर में सुख-शांति बनी रहेगी और संबंधों में मधुरता आएगी।

सिंह राशि

रोजाना सुबह स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें और “ऊँ आदित्याय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। यह उपाय करियर में सफलता और प्रमोशन प्राप्त करने में मदद करेगा।

कन्या राशि

सूर्योदय के समय तांबे के लोटे में जल और तिल डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। साथ ही, रविवार के दिन तिल और गुड़ का दान करें। इससे आपके आर्थिक जीवन में सुधार होगा और शारीरिक समस्याओं से राहत मिलेगी।

तुला राशि

सूर्य देव के सामने सुबह “सूर्य गायत्री मंत्र” का जाप करें और गरीबों को लाल वस्त्र दान करें। यह  उपाय आपके रिश्तों में मधुरता लाएगा और जीवन में समृद्धि लाएगा।

वृश्चिक राशि

पौष माह में रोजाना सूर्य नमस्कार करें और “ऊँ घृणि सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करें। साथ ही, जरूरतमंदों को तिल के लड्डू दान करें। इससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होगा और आपको सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होगी।

धनु राशि

सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद “आदित्य हृदय स्तोत्र” का पाठ करें और अपने घर के मुख्य द्वार पर तांबे का सूर्य प्रतीक लगाएं। यह उपाय आपके करियर और व्यवसाय में वृद्धि करेगा और आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा।

मकर राशि

पौष मास के दौरान विशेष रूप से मकर संक्रांति के दिन गुड़ और तिल का दान करें और “सूर्य बीज मंत्र” का जाप करें। इससे आपके आर्थिक जीवन में स्थिरता आएगी और भाग्य में वृद्धि होगी।

कुंभ राशि

रविवार को सूर्य देव की पूजा करें और उन्हें तांबे के लोटे में जल, चावल और लाल फूल अर्पित करें। साथ ही, तांबे के बर्तन का दान करें। इस उपाय को करने से आपके जीवन में सुख-समृद्धि आएगी और आपको सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होगी।

मीन राशि

प्रतिदिन प्रातः सूर्य देव को अर्घ्य दें और “ऊँ भास्कराय नमः” मंत्र का जाप करें। साथ ही, गरीबों को अन्न और वस्त्र दान करें। इससे आपकी मानसिक शांति बढ़ेगी और आप जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव करेंगे।

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1- पौष माह की शुरुआत कब से हो रही है?

मार्गशीर्ष माह का आरंभ 16 दिसंबर 2024 सोमवार को होगा जिसकी समाप्ति 13 जनवरी 2025 सोमवार को हो जाएगी। 

2- पौष माह में किस देवता की पूजा की जाती है?

मार्गशीर्ष माह में सूर्य की पूजा करने का विधान है।

3- पौष कौन से महीने को कहते हैं?

यह हिंदी कैलेंडर का दसवां महीना होता है।