साल में कुल 24 एकादशियां होती हैं और प्रत्येक मास में दो एकादशी तिथि पड़ती हैं। हिंदू धर्म में एकादशी के व्रत का बहुत महत्व है। कहते हैं कि जो भी व्यक्ति सच्चे मन से एकादशी का व्रत रखता है एवं इस दिन भगवान विष्णु का पूजन करता है, उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।


आज एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको पापमोचनी एकादशी 2025 के बारे में बताने जा रहे हैं। इसके साथ ही इस बारे में भी चर्चा करेंगे कि इस दिन राशि अनुसार क्या उपाय किए जा सकते हैं एवं पापमोचनी एकादशी का क्या महत्व है और किस विधि से इस एकादशी पर पूजन किया जाता है। तो चलिए अब बिना देर किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं पापमोचनी एकादशी के व्रत आदि के बारे में।
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पापमोचनी एकादशी 2025 पर किसकी पूजा होती है
प्रत्येक एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। चैत्र मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी तिथि को पापमोचनी एकादशी कहा जाता है। सभी एकादशियों में इसे सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना गया है।
पापमोचनी एकादशी का अर्थ है पाप को नष्ट करने वाली एकादशी। इस तिथि पर पूरे विधि-विधान के साथ विष्णु जी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति इस दिन व्रत रखता है, उसे अपने पाप कर्मों से मुक्ति मिल जाती है। इससे भक्त का तन और मन दोनों शुद्ध हो जाते हैं।
पापमोचनी एकादशी तिथि व समय
इस बार 25 मार्च को पापमोचनी एकादशी पड़ रही है। 25 मार्च, 2025 को सुबह 05 बजकर 08 मिनट पर एकादशी तिथि आरंभ होगी और इसका समापन 25 मार्च की अर्ध रात्रि को 03 बजकर 48 मिनट पर होगा।
पारणा मुहूर्त: 26 मार्च को दोपहर 01 बजकर 40 मिनट से लेकर शाम 04बजकर 08 मिनट तक है।
अवधि: 02 घंटे 27 मिनट
हरि वासर समाप्त होने का समय: 26 मार्च को 09 बजकर 18 मिनट पर।
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पापमोचनी एकादशी 2025 पर बन रहा है शुभ योग
इस दिन शिव योग बन रहा है जिसे वैदिक ज्योतिष में अत्यंत शुभ और मंगलकारी माना जाता है। शिव योग के अलावा इस एकादशी पर सिद्ध योग भी बन रहा है। ये दोनों ही योग शुभ माने जाते हैं।
शिव योग का समय: 24 मार्च को शाम 04 बजकर 43 मिनट पर शिव योग आरंभ होकर 25 मार्च को दोपहर 02 बजकर 52 मिनट पर समाप्त होगा।
सिद्ध योग का समय: 25 मार्च को 02 बजकर 52 मिनट पर सिद्ध योग शुरू होगा और 26 मार्च को 12 बजकर 25 मिनट पर यह योग समाप्त होगा।
पापमोचनी एकादशी 2025 की पूजन विधि
पापमोचनी एकादशी पर आप निम्न विधि से पूजन कर सकते हैं:
- एकादशी तिथि पर सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लें और फिर व्रत का संकल्प लें एवं पूजा आरंभ करें।
- इसके बाद आप भगवान विष्णु को जल, पीले रंग के फूल, माला और चंदन एवं अक्षत अर्पित करें।
- अब आप विष्णु जी को केले के साथ अन्य चीज़ों का भोग लगाएं। भोग में तुलसी का प्रयोग करें।
- घी का दीपक और धूप जलाएं। फिर मंत्र के साथ एकादशी की व्रत कथा पढ़ लें। कथा पढ़नी जरूरी है क्योंकि इसके बिना व्रत अधूरा माना जाता है।
- व्रत के अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर पूजन करने के साथ ब्राह्मणों को दान करने के बाद पारण मुहूर्त में व्रत तोड़ें।
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पापमोचनी एकादशी 2025 की व्रत कथा
पापमोचनी एकादशी की कथा है कि प्राचीन समय में चैत्ररथ नाम का एक बहुत सुंदर जंगल था। इस जंगल में च्यवन ऋषि के पुत्र मेधावी ऋषि तपस्या कर रहे थे। इसी वन में देवराज इंद्र गंधर्व कन्याओं, अप्सराओं एवं देवताओं के साथ विचरण कर रहे थे। मेधावी ऋषि भगवान शिव के भक्त थे जबकि अप्सराएं शिवद्रोही कामदेव का अनुसरण करती थीं। एक बार कामदेव ने मेधावी ऋषि की तपस्या को भंग करने की योजना बनाई।
इस कार्य के लिए उन्होंने मंजू घोषा नाम की अप्सरा को चुना। मंजू ने अपने नृत्य, गान और सौंदर्य से मेधावी ऋषि की तपस्या भंग कर दी और वह मंजू पर पूरी तरह से मोहित हो गए। इसके बाद दोनों कई वर्षों तक एक साथ रहे। जब मंजू ने वापस जाने के लिए ऋषि से अनुमति मांगी, तब उन्हें अपनी इस भूल और तपस्या के भंग होने का आत्म ज्ञान हुआ और उन्होंने उसी क्षण क्रोध में आकर मंजू को पिशाचिनी होने का श्राप दे दिया। इसके बाद अप्सरा ने ऋषि से अपने कृत्य की मांफी मांगी और उनसे श्राप से मुक्ति पाने का उपाय पूछा।
तब ऋषि ने मंजू अप्सरा को पापमोचनी एकादशी के व्रत के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि इस व्रत को करने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। ऋषि ने बताया कि इस व्रत को करने के बाद वह अपने पूर्व रूप और सौंदर्य को प्राप्त कर सकती है। इसके बाद ऋषि अपने पिता महर्षि च्यवन के पास चले गए। यहां पर उन्होंने अपने पिता को सारा वृतांत बताया। इस पर उनके पिता ने कहा कि पुत्र यह तुमने अच्छा नहीं किया। ऐसा कर के तुम भी पाप के भागी बन गए हो इसलिए अब तुम भी पापमोचनी एकादशी का व्रत करो। इससे तुम्हें भी अनजाने में किए गए अपने पाप से मुक्ति मिल जाएगी। इस प्रकार पापमोचनी एकादशी 2025 का व्रत कर के मंजू घोषा को अपने श्राप एवं पाप कर्म से मुक्ति मिली और मेधावी ऋषि भी अपने पाप से मुक्त हो गए।
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पापमोचनी एकादशी 2025 पर इन बातों का ध्यान रखें
- यदि आपने एकादशी का व्रत रखा है, तो आपको अनाज का सेवन इस दिन नहीं करना चाहिए।
- इस दिन फलों का सेवन करना चाहिए। फल के अलावा आप दूध और सूखे मेवे भी खा सकते हैं।
- एकादशी पर तामसिक भोजन एवं मास-मदिरा और शराब इत्यादि से दूर रहना चाहिए।
- इसके अलावा पापमोचनी एकादशी पर क्रोध, ईर्ष्या और नकारात्मक चीज़ों से भी दूर रहना चाहिए।
- एकादशी पर दान-पुण्य करने का भी बहुत महत्व है।
पापमोचनी एकादशी पर करें ये उपाय
पापमोचनी एकादशी पर निम्न उपाय कर सकते हैं:
- गाय को हरा चारा खिलाएं। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है।
- गरीबों और ब्राह्मणों को अन्न एवं वस्त्रों का दान करें एवं उन्हें दक्षिणा भी दें।
- एकादशी के दिन पीतल के लोटे में जल भरकर, इसे किसी गरीब या ज़रूरतमंद व्यक्ति को दान कर दें।
- इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने का भी बहुत महत्व है। इससे मनुष्य के सारे पाप धुल जाते हैं।
- पितरों की शांति के लिए एकादशी पर गंगा जल में काले तिल डालकर पितरों को अर्पित करना चाहिए। इस उपाय को करने से कालसर्प दोष भी दूर हो जाता है।
- एकादशी पर दूध, चावल और मिठाई का दान पितरों के नाम से करना चाहिए। ऐसा करने से पितरों की कृपा मिलती है।
- पापमोचनी एकादशी पर रात के समय चंद्रमा को जल में दूध और केसर डालकर अर्घ्य देने से मन को शांति मिलती है एवं ग्रह दोष दूर होने के साथ-साथ मानसिक तनाव भी दूर होता है।
- अगर पति-पत्नी के बीच कलह चल रही है या दोनों की आपस में बनती नहीं है, तो एकादशी के दिन एक लोटे में जल भरकर, उसमें थोड़ी-सी पिसी हुई हल्दी डाल दें। इसमें एक सिक्का डालकर अपने ऊपर से सात बार वारकर बहते हुए जल या नदी में प्रवाहित कर दें।
पापमोचिनी एकादशी 2025 पर करें राशि अनुसार उपाय
पापमोचिनी एकादशी पर राशि अनुसार उपाय कर के आप भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
- मेष राशि: आप एकादशी के दिन लाल रंग के फूल और गुड़ भगवान विष्णु को अर्पित करें। इसके अलावा आप किसी गरीब व्यक्ति को मसूर की दाल दान में दें।
- वृषभ राशि: इस राशि वाले जातक भगवान विष्णु को दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं। आप गरीब और ज़रूरतमंद लोगों को सफेद रंग के वस्त्र और मिश्री का दान कर सकते हैं।
- मिथुन राशि: यदि आपकी मिथुन राशि है, तो आप विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें और भगवान विष्णु को केले एवं तुलसी की माला चढ़ाएं। आपको हरी मूंग दाल और हरी सब्जी का दान करना चाहिए।
- कर्क राशि: पापमोचनी एकादशी 2025 पर कर्क राशि वाले भगवान विष्णु को खीर का प्रसाद चढ़ाएं एवं गंगाजल से स्नान करें। आप सफेद चावल और दूध का दान कर सकते हैं।
- सिंह राशि: आप इस एकादशी पर विष्णु जी को चने और गुड़ का भोग लगाएं। इसके अलावा गेहूं और गुड़ का दान भी करें।
- कन्या राशि: एकादशी के दिन आप तुलसी दल भगवान विष्णु को अर्पित कर सकते हैं। आप विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें और आंवले एवं हल्दी का दान करें।
- तुला राशि: एकादशी पर तुला राशि वाले विष्णु जी को सफेद रंग की मिठाई का भोग लगाएं और सुगंधित पुष्प अर्पित करें। आपको एकादशी पर चीनी और सफेद रंग के वस्त्रों का दान करना चाहिए।
- वृश्चिक राशि: आप केसर का दूध और लाल रंग के पुष्प विष्णु जी को चढ़ाएं। मसाले और अनाज का दान करें एवं विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
- धनु राशि: इस दिन आप पीले रंग के पुष्प और केले विष्णु जी को चढ़ाएं। आपको पीले रंग के वस्त्रों और चने की दाल का दान करना चाहिए।
- मकर राशि: पापमोचनी एकादशी 2025 पर मकर राशि वाले जातक भगवान विष्णु को नीले रंग के फूल और तिल चढ़ाएं। आप उड़द की दाल और तिल के लड्डू दान में दे सकते हैं।
- कुंभ राशि: आपको नीले और सफेद रंग के फूल चढ़ाने चाहिए। इसके अलावा आप साबुत चावल और छाता दान में दें।
- मीन राशि: इस राशि वाले पीले रंग के वस्त्र और चंदन चढ़ाएं। आपको हल्दी और मीठा प्रसाद दान में देना चाहिए।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर. 25 मार्च, 2025 को पापमोचनी एकादशी है।
उत्तर. इस दिन व्रत करने से अनजाने में किए पाप भी नष्ट हो जाते हैं।
उत्तर. इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा होती है।