हस्तरेखा विज्ञान वैदिक ज्योतिष का ही एक हिस्सा है। हस्तरेखा विज्ञान का मानना है कि किसी जातक के जीवन में क्या हुआ, क्या हो रहा है और क्या होने वाला है जैसे सभी सवालों का जवाब सभी जातक अपनी हथेली में ही लिए फिरते हैं। हथेली में मौजूद रेखाएं, चिह्न और पर्वत हमारे बारे में लगभग वो सब कुछ बताती हैं जो हम जानना चाहते हैं।
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ऐसे में आज हम आपको इस लेख में ये बताने वाले हैं कि आप अपने हाथ की रेखाओं, चिह्न या पर्वत से कैसे जान सकते हैं कि भविष्य में आपके लिए कौन सा पेशा सबसे बेहतर रह सकता है।
तो आप बन सकते हैं डॉक्टर
यदि किसी जातक की हथेली में मंगल, सूर्य और बुध पर्वत बेहतर स्थिति में हो तो उस जातक के डॉक्टर बनने की संभावना ज्यादा रहती है। आपको बता दें कि मंगल पर्वत हथेली में दो जगहों पर होती है। पहली जीवन रेखा के ठीक नीचे अंगूठे के पास और दूसरी हृदय रेखा के ठीक नीचे और मस्तिष्क रेखा के ऊपर। वहीं सूर्य पर्वत अनामिका उंगली के ठीक नीचे मौजूद होता है और बुध पर्वत कनिष्ठा उंगली के नीचे मौजूद होता है।
लेखन और कला का क्षेत्र
यदि आपकी हथेली में चंद्रमा का पर्वत स्पष्ट रूप से उभरा हुआ है तो आप लेखन, साहित्य व कला के क्षेत्र में नाम कमा सकते हैं। आपको बता दें कि चंद्रमा पर्वत हमारी हथेली में वहाँ होता है जहां मस्तिष्क रेखा खत्म होती है। चूंकि चंद्रमा मन का मालिक होता है, ऐसे में वे जातक जिनकी हथेली में चंद्रमा पर्वत में उभार होता है, वे काफी ही कल्पनाशील होते हैं।
सरकारी नौकरी
सूर्य सभी ग्रहों में राजा का स्थान रखते हैं। सूर्य यदि बली हो तो जातक को मान-सम्मान और समाज में उच्च पद पर स्थापित करता है। ऐसे में यदि किसी जातक की हथेली में सूर्य का पर्वत उभरा हुआ हो तो उस जातक की सरकारी नौकरी लगने की संभावना अधिक होती है।
फैशन इंडस्ट्री
शुक्र भौतिक सुखों का दाता है। वह किसी भी जातक के जीवन में यदि मजबूत अवस्था में हो तो उस जातक का जीवन सुख-सुविधाओं से भरा रहता है। हथेली में यदि शुक्र का पर्वत उभरा हुआ दिखे तो इसका अर्थ है कि आपके लिए फैशन इंडस्ट्री में अपार संभावनाएं हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शुक्र पर्वत का हिस्सा अंगूठे के ठीक नीचे होता है।
उच्च अधिकारी
यदि किसी जातक की हथेली में मणिबंध से शुरू होकर कोई रेखा शनि पर्वत तक पहुंचे तो वह जातक समाज में उच्च अधिकारी बनता है। आपको बता दें कि शनि पर्वत का स्थान मध्यमा उंगली के ठीक नीचे होता है। भाग्य रेखा को शनि रेखा भी कहते हैं।
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