भारत जिसे विविधताओं का देश कहा जाता है यहां मंदिर, मस्जिदों और अन्य धार्मिक स्थानों की कोई कमी नहीं है। यहां लोगों की आस्था के प्रतीक ढेरों मंदिर मौजूद हैं। अपने इस आर्टिकल में आज हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि, आखिर मां दुर्गा के मंदिर पहाड़ों या फिर ऊंचे स्थानों पर क्यों स्थित होते हैं? आखिर क्यों माता को पहाड़ों वाली मैया कहा जाता है? इसके पीछे क्या रहस्य है, आइये जानते हैं इन सभी बातों का जवाब।
जीवन की दुविधा दूर करने के लिए विद्वान ज्योतिषियों से करें फोन पर बात और चैट
माता के मंदिर अधिकतर पहाड़ या फिर ऊंचे स्थानों पर क्यों होते हैं?
इस तरह का सवाल जब सामने आता है तो स्वाभाविक उत्तर यह होता है कि, पहाड़ों या फिर ऊंची जगहों पर साधना का केंद्र माना जाता है। ऐसे में सदियों पहले जब ऋषि मुनि तपस्या, साधना, आदि किया करते थे तो अमूमन तौर पर ऐसी ही एकांत, शांत और रमणीय जगह का चयन करते थे जहां पर उन्हें चैन से तपस्या करने को मिले। तो यही वजह है कि, ऐसी जगहों पर माता के मंदिर बनाए जाने या मंदिरों के होने को महत्व दिया गया है।
इस बात को तो कोई भी नकार नहीं सकता कि, पहाड़ों या फिर ऐसी सुदूर जगहों पर एकाग्रता बेहद ही आसानी से मिल जाती है और यही वजह है कि मौन, ध्यान करने या फिर जाप आदि करने के लिए पहाड़ों से शानदार और कोई जगह हो ही नहीं सकती। इसके अलावा आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में जहाँ हर व्यक्ति काम के पीछे भाग रहा है और अपना पेट पालने के पीछे पड़ा है ,ऐसे में पहाड़ी क्षेत्रों पर इंसानों का आना जाना काफी कम है। यही वजह है कि, यहां पर प्राकृतिक सुन्दरता आज भी बरकरार है और एकांत भी यहां पर काफी ज्यादा होता है।
तथ्य को और ज्यादा मजबूत और सिद्ध करने के लिए मनोवैज्ञानिक तथ्य भी यही कहता है कि, सुंदरता इंसान को उस स्फूर्ति और ताजगी प्रदान करती है। शायद यही वजह है कि जब इंसान को मानसिक रूप से परेशानियां होती हैं और हम डॉक्टर से परामर्श लेते हैं तो डॉक्टर आदि भी ऐसी जगहों पर जाने की सलाह देते हैं जहां पर भीड़भाड़ कम हो और खूबसूरती ज्यादा हो। कहते हैं निचले स्थानों की बजाय ऊंचाई पर इंसान का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और लगातार ऊंचे स्थान पर रहने से जमीन पर होने वाली बीमारियों का खतरा भी काफी कम या खत्म हो जाता है और यही वजह है कि पहाड़ी जगह पर इंसान की धार्मिक और आध्यात्मिक भावनाएं जल्दी विकसित होती हैं।
यह भी पढ़ें :पातालेश्वर महादेव मंदिर : जहां देवों के देव महादेव को झाड़ू अर्पित करते हैं भक्त
देश में पहाड़ों पर स्थित मां के कुछ ऐसे ही खास मंदिर
- मां वैष्णो मंदिर: पहाड़ या ऊंचाई पर स्थित मां के मंदिरों की बात होती है तो सबसे पहला जिक्र मां वैष्णो देवी मंदिर का होता है। यह मंदिर जम्मू कश्मीर जिले में कटरा पहाड़ियों पर स्थित है। यह मंदिर तकरीबन 5200 फीट ऊंचाई और 12 किलोमीटर की दूरी तक स्थित है।
- पूर्णागिरी देवी मंदिर: मां दुर्गा का यह मंदिर उत्तराखंड के टनकपुर में अन्नपूर्णा शिखर पर तकरीबन 5500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस मंदिर को 108 सिद्धपीठों में से एक माना जाता है।
- नैना देवी मंदिर: नैना देवी मंदिर उत्तराखंड के नैनीताल में स्थित है। यह मंदिर 1880 में भूस्खलन की वजह से नष्ट हो गया था। हालांकि इसे दोबारा बनाया गया है। यहां मां के सती के शक्ति रूप की पूजा की जाती है।
- हाट काली मंदिर: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ मां महाकाली का यह मंदिर स्थित है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि, यहां पेड़ पर चढ़कर मां महाकाली खुद भगवान विष्णु और भगवान महादेव को आवाज लगाती थीं।
- मनसा देवी मंदिर: हरिद्वार में हर की पौड़ी के पास मनसा देवी मंदिर बेहद खूबसूरत है और इस मंदिर का उल्लेख पुराणों में भी मौजूद है। कहते हैं मां मनसा देवी का जन्म संत कश्यप के मस्तक से हुआ था और उन्हें नागराज वासुकी पत्नी के रूप में भी जाना जाता है।
सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।