जैसा सभी जानते हैं कि एक सप्ताह में 7 दिन होते हैं और हिन्दू धर्म में प्रत्येक दिन किसी न किसी देवता या देवी को समर्पित होता है। इसलिए माना जाता है कि उस दिन उस देवी व देवता की कृपा पाने के लिए उनकी पूर्ण विधि अनुसार पूजा अर्चना की जाती है। उस विशेष दिन उनसे जुड़े खास मंत्रों, चालीसा और विशेष पाठ करने से न केवल भगवान जल्द प्रसन्न होते हैं बल्कि भक्त की सच्ची आराधना को देख वो उनके सारे संकट भी दूर कर देते हैं, जिससे उनकी हर मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। उस दिन की विशेषता को देखते हुए कुछ ख़ास ज्योतिषीय उपाय भी सुझाए गए हैं, जिनको अपनाकर व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
बुधवार को करें भगवान गणेश की आराधना
अगर बुधवार की बात करें तो इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव के छोटे पुत्र गजानन यानी श्री गणेश की पूजा-अर्चना किये जाने का विधान है। गणेश जी को हमेशा प्रसन्न रहने वाले देवता के तौर पर देखा जाता है। क्योंकि माना गया है कि भगवान गणेश जल्द ही अपने भक्तों द्वारा की गई पूजा-अर्चना से प्रसन्न होकर उन्हें दिल खोलकर खुशहाली और समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। इसी कारण यदि बुधवार के दिन या चतुर्थी के दिन कोई भी व्यक्ति गणेश जी को उनकी पसंद की चीजें अर्पित करता या उनका प्रयोग कर बुधवार के दिन पूजा करता है तो वे जल्द प्रसन्न होते हैं और भक्त को मनचाहा वरदान देते हैं। उनके इस वरदान के बाद उस व्यक्ति को अपने जीवन में कभी भी धन-संपदा, ज्ञान आदि की कमी नहीं रहती।
तो आइए जानते हैं कि आखिर वो कौन सी पांच चीज़े हैं जिन्हे भगवान शिव और मां पार्वती के पुत्र गणेश जी को पूजा के समय अर्पित करना बेहद शुभ माना गया है:-
- दूर्वा
गणेश जी की पूजा-अर्चना के दौरान उन्हें 21 दूर्वा अर्पित करने का विधान है। इसके पीछे भी एक पौराणिक कथा हैं, जिसके अनुसार जब अनलासुर और गणपति के बीच भयंकर युद्ध हुआ था, तब गजानन ने अनलासुर को निगल लिया था। जिसके बाद भगवान गणेश को असहनीय तेज जलन होने लगी थी। जिसे देख कश्यप ऋषि ने दूर्वा की 21 गांठ बनाकर गणपति को खिलाई, जिससे उनकी पीड़ा कम हुई और वे स्वस्थ हो गए। इसलिए ही बुधवार गणेश जी का व्रत करने वालों को उन्हें 21 दूर्वा चढ़ाना शुभ माना जाता है।
- मोदक
मोदक को गणेश जी का सबसे प्रिय व्यंजन बताया गया है। इसकी महत्वता के बारे में कई पौराणिक कथाओं में भी वर्णन किया गया है। उन्ही में से एक कथा के अनुसार, जब परशुराम जी से युद्ध के दौरान गजानन का एक दाँत टूट गया और वे एक दंत हो गए थे, तब से माना जाता है कि उन्हें अन्य खाद्य पदार्थों को खाने में कुछ परेशानी आने लगी थी। जिसके बाद ही उनके खाने के लिए मोदक बनाया गया, जिसे गणपति ने आराम से बेहद चाव के साथ उसे खाया। उन मोदकों को खाकर श्री गणेश का मन प्रसन्नचित हो उठा और उसी के बाद से ही मोदक उनका सबसे पसंदीदा व्यंजन बन गए। इसलिए गणेश जी को जल्द प्रसन्न करने के लिए मोदक का भोग लगाना शुभ माना गया है।
- शंख
गणेश जी की पूजा-आराधना के दौरान तेज आवाज में शंख बजाने का विधान है। जिसके पीछे का विशेष कारण यह है कि गजानन की चार भुजाएं हैं, जिनमे से अपनी एक भुजा में वे शंख धारण करे रहते हैं। माना गया है कि गजानन को शंख से निकलने वाली ध्वनि और उसकी आवाज़ बेहद प्रिय होती है, इसलिए उनकी पूजा में इसका इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है।
- गेंदा के फूल
माना जाता है कि गणपति को लाल या पीले गेंदे का फूल चढ़ाने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। क्योंकि उन्हें गेंदे के फूल बेहद अच्छे लगते हैं इसलिए यदि कोई व्यक्ति उन्हें विशेष तौर से बुधवार के दिन गेंदे के फूल की माला अर्पित करें या उन्हें गेंदे के फूल चढ़ाएं तो इससे भगवान गणेश जल्द ही भक्त की मनोकामना सुन लेते हैं।
- केला
गणेशा जी का एक नाम गजानन भी है, जिसका अर्थ अपने नाम के अनुसार ही होता है कि गज मुख वाले। जिस प्रकार हाथी को केला बेहद प्रिय होता है, ठीक उसी प्रकार गज मुख होने के कारण गजानन को भी केला सबसे ज्यादा पसंद है। इसलिए माना जाता है कि बुधवार की पूजा में गणपति को केला चढ़ाने से वे जल्द ही प्रसन्न होते हैं।
ये भी पढ़ें:-