सनातन धर्म में एकादशी के व्रत का बड़ा महत्व है। हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने दो एकादशी पड़ती है। इस तरह से एक साल में 24 एकादशी पड़ती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का प्रावधान है। यही वजह है कि एकादशी को हरिवासर भी कहा जाता है यानी कि भगवान विष्णु का दिन। ऐसे में आज हम आपको इस लेख में निर्जला एकादशी का महत्व, तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि की जानकारी देने वाले हैं।
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निर्जला एकादशी
निर्जला एकादशी के व्रत को भीमसेनी व्रत भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि महर्षि वेदव्यास के आदेश पर पांडु पुत्र भीम ने इस व्रत को रखा था। एकादशी के इस व्रत को निर्जला व्रत इसलिए कहते हैं क्योंकि इस दिन से द्वादशी के सूर्योदय तक जल और अन्न, दोनों को ही ग्रहण नहीं किया जाता है।
यूं तो सभी एकादशी का अपना विशेष महत्व है लेकिन इस सब के बीच निर्जला एकादशी का महत्व सबसे ज्यादा माना गया है क्योंकि इस एक व्रत से साल के सभी एकादशी का फल प्राप्त हो जाता है। यही वजह है कि निर्जला एकादशी का सभी एकादशी के बीच ज्यादा महत्व है।
साल 2021 में कब है निर्जला एकादशी?
प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस साल यानी कि साल 2021 में यह व्रत 21 जून को सोमवार के दिन रखा जाएगा।
आइये अब आपको निर्जला एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त बता देते हैं।
निर्जला एकादशी शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि प्रारम्भ : 20 जून 2021 को शाम के 04 बजकर 21 मिनट पर
एकादशी तिथि समापन : 21 जून 2021 को दोपहर के 01 बजकर 31 मिनट पर
पारणा मुहूर्त : 22 जून 2021 को 05:23:49 से 08:11:28 तक
पारणा अवधि : 02 घंटे 47 मिनट
आइये अब आपको निर्जला एकादशी की पूजा विधि बता देते हैं।
निर्जला एकादशी पूजा विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठ कर स्नान करें व साफ वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। भगवान विष्णु का गंगाजल से अभिषेक करें और इसके बाद उन्हें पुष्प और तुलसी पत्र जरूर अर्पित करें। व्रत का संकल्प लें। भगवान विष्णु की आरती करने के बाद उन्हें भोग लगाएं। माता लक्ष्मी की भी पूजा करें।
पूजा के बाद पूरे दिन भगवान विष्णु का ध्यान करें, भजन और कीर्तन करें। इस दिन न अन्न और न ही जल ग्रहण करने का विधान है। निर्जला एकादशी के दिन दान का भी विशेष महत्व है। आइये जान लेते हैं कि इस दिन किन वस्तुओं का दान करने से विशेष फल प्राप्त होता है।
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निर्जला एकादशी के दिन करें इन चीजों का दान
निर्जला एकादशी के दिन अपने सामर्थ्य के अनुसार जातकों को अन्न, वस्त्र, जल, जूता, छाता, फल आदि का दान करना चाहिए। खास कर के इस दिन जल कलश दान करने से साल भर के सभी एकादशियों का फल प्राप्त होता है। जल कलश दान करने के लिए एक कलश में जल भर कर उसे एक सफ़ेद कपड़े से ढक दें। इसके बाद उस कलश के ऊपर चीनी व कुछ दक्षिणा रख कर ब्राह्मणों को दान कर दें। इससे सभी एकादशियों का फल जातकों को प्राप्त होगा।
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