सनातन धर्म का सबसे खूबसूरत त्यौहार नवरात्रि का त्योहार जल्द ही शुरू होने वाला है। हम बात कर रहे हैं शारदीय नवरात्रि की। दरअसल वर्ष में कुल चार नवरात्रि पड़ती है जिनमें से दो गुप्त नवरात्रि कहलाती है और एक चैत्र नवरात्रि कही जाती है और एक शारदीय नवरात्रि काही जाती है। गुप्त नवरात्रि की तुलना में शारदीय और चैत्र नवरात्रि का महत्व अधिक माना जाता है।
आज के अपने इस खास ब्लॉग में हम शारदीय नवरात्रि के बारे में जानकारी हासिल करेंगे। साथ ही जानेंगे कि इस वर्ष शारदीय नवरात्रि किस दिन से प्रारंभ हो रही है, इस दिन घट स्थापना का मुहूर्त क्या रहेगा, इस दिन कौन-कौन से शुभ और दुर्लभ योग बन रहे हैं, साथ ही जानेंगे मां इस वर्ष कौन से वाहन पर बैठकर आगमन करने वाली हैं और उसका क्या अर्थ होता है।
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इस दिन से शुरू हो रही है शारदीय नवरात्रि
सबसे पहले बात करें नवरात्रि प्रारंभ कब हो रही है तो दरअसल वर्ष 2024 में अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि अर्थात 3 अक्टूबर को सुबह 12:19 तक रहेगी और यह अगले दिन यानी 4 अक्टूबर को सुबह 2:58 पर समाप्त होगी। ऐसे में उदय तिथि के हिसाब से शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ 3 अक्टूबर 2024 गुरुवार से होगा और 12 अक्टूबर 2024 शनिवार के दिन शारदीय नवरात्रि का समापन हो जाएगा।
शारदीय नवरात्रि 2024- घट स्थापना का शुभ मुहूर्त
हिंदू मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है और साथ ही इस दिन कलश भी स्थापित किया जाता है जिसे घट स्थापना कहते हैं। घट स्थापना हमेशा शुभ मुहूर्त में ही करना फलदाई रहता है। ऐसे में बात करें वर्ष 2024 में घट स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या रहने वाला है तो 3 अक्टूबर को 6:19 से लेकर 7:23 तक घट स्थापना का शुभ मुहूर्त रहेगा।
साथ ही इस दिन अभिजीत मुहूर्त 11:52 से लेकर 12:40 तक रहेगा। ऐसे में इस दौरान घट स्थापना की जा सकती है। इससे आपको शुभ परिणाम प्राप्त होंगे।
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क्या रहेगा मां का आगमन वाहन?
नवरात्रि के बारे में एक बेहद दिलचस्प बात होती है जो बहुत लोगों को नहीं पता होती है दरअसल यह है कि माँ किसी एक निश्चित वाहन पर बैठकर आगमन करती हैं और एक अन्य वाहन से उनका प्रस्थान हो जाता है। इसका अपने आप में एक अलग और महत्वपूर्ण अर्थ होता है।
बात करें शारदीय नवरात्रि में मां का आगमन वाहन क्या रहेगा तो दरअसल वर्ष 2024 में चूंकि नवरात्रि गुरुवार के दिन से प्रारंभ हो रही है ऐसे में मां का आगमन डोली से होगा। इसके अर्थ की बात करें तो जब भी माँ डोली से आगमन करती हैं तो यह सुख समृद्धि लेकर आने वाला साबित होता है।
इसके अलावा मां के प्रस्थान वाहन की बात करें अर्थात माँ किस वाहन पर बैठकर वापस अपने लोक को जाएंगी तो दरअसल इस वर्ष का माँ का प्रस्थान वाहन चरणायुध होने वाला है अर्थात बड़े पंजे वाला मुर्गा। जहां एक तरफ डोली की सवारी को शुभ माना गया है वहीं दूसरी तरफ मुर्गे की सवारी का देश पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है।
इस नवरात्रि पर बन रहे हैं कई दुर्लभ और शुभ योग
घटस्थापना अपने आप में बेहद महत्वपूर्ण होती है। हालांकि इस वर्ष जो बात घट स्थापना को और भी ज्यादा खास और महत्वपूर्ण बना रही है वो है इस दिन बनने वाले तमाम अद्भुत और शुभ योग। दरअसल इस साल घट स्थापना के दिन दुर्लभ योग इंद्र योग का निर्माण हो रहा है। इसके अलावा भी कई योग बन रहे हैं।
ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि अगर इन योगों में मां देवी दुर्गा की पूजा की जाए तो साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है। इन दुर्लभ योगों के बारे में विस्तार से बात करें तो एक तरफ तो इंद्र योग बन रहा है। इस योग का समापन 4 अक्टूबर को सुबह 4:24 पर होगा। इसके बाद आश्विन माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर शिव वास योग का निर्माण होता है। इस दिन भगवान शिव कैलाश पर जगत की देवी मां गौरी के साथ विराजमान रहेंगे। ऐसे में इन योगों में अगर मां शक्ति दुर्गा की पूजा की जाए तो इससे व्यक्ति को मनोरथ सिद्धियों की प्राप्त होती है।
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शारदीय नवरात्रि के चमत्कारी उपाय
नवरात्रि का यह समय मां दुर्गा का आशीर्वाद पाने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। ऐसे में यहां हम आपको कुछ ऐसे बेहद ही सरल और चमत्कारी उपाय बताने जा रहे हैं जिन्हें अपना कर आप अपने जीवन में सफलता, सुख, समृद्धि, संपन्नता, हासिल कर सकते हैं।
- अगर आपके जीवन में आर्थिक परेशानी बनी हुई है तो इसके लिए शारदीय नवरात्रि के दौरान एक पीला कपड़ा लेकर इसमें लौंग बांधकर घर की तिजोरी में रख दें। आप खुद महसूस करेंगे कि धीरे-धीरे आपके जीवन में आर्थिक स्थिति में सुधार होने लग रहा है और कर्ज और दरिद्रता की परेशानी दूर हो रही है।
- इसके अलावा अगर आपके जीवन में लड़ाई झगड़ा बहुत बढ़ गया है, घर में नकारात्मकता फैली हुई है, उदासी छाई रहती है तो नवरात्रि के दौरान सुबह के समय कपूर में दो लौंग डालकर जला दें और ऐसा आपको पूरी 9 दिनों तक करते रहना है। ऐसा करने से गृह कलेश और घर में फैली नकारात्मकता दूर होती है।
- अगर आपके काम पूरे ना हो पा रहे हों, आपकी मेहनत के बावजूद आपको सफलता नहीं मिल रही हो जिससे आपका तनाव बढ़ रहा हो तो इसके लिए नवरात्रि के पूरे 9 दिनों तक चमेली के तेल में दो लौंग डालकर जलाएं और इस दीपक को बजरंगबली की तस्वीर के सामने रख दें। इस दौरान आपको दुर्गा चालीसा और हनुमान चालीसा का पाठ भी करना है। धीरे-धीरे आपको महसूस करेंगे कि आपके सभी रुके और अटके काम पूरे होने लग रहे हैं।
- अगर आप अपने जीवन में सुख समृद्धि बनाए रखना चाहते हैं तो नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा को दो लौंग अवश्य अर्पित करें। ऐसा करने से आपके जीवन में सुख समृद्धि आने लगेगी और घर पर लगा नजर दोष भी दूर होगा।
- अगर आपके घर में कोई बार-बार बीमार पड़ रहा है या आपका खुद का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता तो नवरात्रि के दौरान तवे पर भुने हुए सात आठ लौंग घर के किसी कोने में रख दें। ऐसा करने से सेहत में धीरे-धीरे सुधार आने लगेगा।
घटस्थापना की सही विधि
- शारदीय नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा की चौकी उत्तर पूर्व दिशा में रख दें।
- इसके बाद इस पर लाल रंग का साफ कपड़ा बिछा दें।
- फिर मां दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति इस पर स्थापित कर दें।
- इसके बाद पहले गणेश भगवान की पूजा करें और फिर कलश स्थापना करें।
- इसके लिए शुद्ध मिट्टी में जौ मिला लें और इसे चौकी के बगल में रख दें। इसके ऊपर मिट्टी के कलश में जल भरकर रख दें। इसके साथ ही इसमें लौंग, हल्दी की गांठ, सुपारी, दूर्वा और ₹1 का सिक्का डालकर आम के पत्ते रखकर मिट्टी के ढक्कन से बंद कर दें। अब इसके ऊपर चावल या फिर गेहूं भर दें।
- अब आपको पूरी नवरात्रि भर मां दुर्गा के साथ इस कलश की भी विधि व्रत पूजा करते रहना है।
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शारदीय नवरात्रि पर इन बातों का रखें विशेष ध्यान
सनातन धर्म में शारदीय नवरात्रि का यह समय बेहद ही शुभ, पावन और फलदाई माना जाता है। ऐसे में इस दौरान कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होता है जैसे कि,
- सुबह की पूजा करने के बाद साधक को सोना नहीं है।
- शारदीय नवरात्रि के दौरान लड़ाई, झगड़ा, अपशब्दों का इस्तेमाल भूल से भी ना करें।
- शराब, मांस, मदिरा, नॉनवेज खाने से परहेज करें।
- शारदीय नवरात्रि शुरू होने से पहले घर की साफ सफाई अच्छे से कर लें।
- नवरात्रि में मंदिर को अच्छे से साफ करके नया आसान तैयार करें।
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की करें पूजा
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा का विधान बताया गया है। बात करें मां के स्वरूप की तो मां ने दाहिने हाथ में त्रिशूल लिया हुआ है, बाएं हाथ में कमल का फूल है और मां बैल की सवारी करती हैं। मां शैलपुत्री का रूप बेहद ही दिव्य और मनमोहक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि अगर मां शैलपुत्री की पूजा सच्चे मन और श्रद्धा के साथ की जाए तो इससे कुंडली में मौजूद चंद्रमा के बुरे प्रभाव दूर किए जा सकते हैं।
इसके अलावा क्योंकि माँ शैलपुत्री का जन्म पर्वत राज हिमालय के घर में हुआ था इसलिए माँ के इस स्वरूप को शैलपुत्री नाम से जाना जाता है।
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मां शैलपुत्री की पूजा का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवी दुर्गा के मां शैलपुत्री स्वरूप की पूजा करने से व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि जिन लोगों के विवाह में दिक्कत आ रही है उन्हें माँ शैलपुत्री की पूजा अवश्य करनी चाहिए। ऐसा करने से विवाह से जुड़ी सभी तरह की रुकावटें, परेशानियां दूर होती है। इसके अलावा मां शैलपुत्री पूजा से प्रसन्न होकर अच्छी सेहत का भी आशीर्वाद देती हैं।
मां शैलपुत्री को अत्यंत प्रिय है यह भोग
भोग की बात करें तो पहले दिन की पूजा में सफेद रंग को शामिल करना बेहद ही शुभ माना गया है। कहा जाता है मां शैलपुत्री को सफेद रंग बेहद ही प्रिय होता है। ऐसे आप उन्हें सफेद रंग की चीज अर्पित कर सकते हैं। साथ ही सफेद रंग के फूल, सफेद रंग के वस्त्र भी पूजा में शामिल करें। भोग की बात करें तो माता रानी को सफेद बर्फी या दूध से बनी कोई भी शुद्ध मिठाई अर्पित की जा सकती है। यह माता रानी को बेहद ही प्रिय होती है।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
वर्ष 2024 में शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर 2024 गुरुवार से प्रारंभ हो जाएगी और 12 अक्टूबर 2024 शनिवार के दिन समापन हो जाएगा।
घट स्थापना का शुभ मुहूर्त 6:19 से 7:23 तक रहने वाला है।
शारदीय नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की जाती है।
वर्ष 2024 में चूंकि शारदीय नवरात्रि गुरुवार के दिन से प्रारंभ हो रही है ऐसे में मां का आगमन वाहन डोली रहेगा और इस वर्ष मां चरणयुद्ध पर बैठकर विदा लेंगी। अर्थात उनका प्रस्थान वाहन चरणयुद्ध रहेगा।