कब मिलेगी आपको चिलचिलाती गर्मी से राहत? जानें मानसून कुंडली से!

कब मिलेगी आपको चिलचिलाती गर्मी से राहत? जानें मानसून कुंडली से!

मई-जून के महीने में गर्मी अपने चरम पर होती है जिससे लोगों का हाल-बेहाल रहता है। इस गर्मी से राहत पाने के लिए सब एसी, कूलर के आगे बैठे रहना पसंद करते हैं, लेकिन फिर भी गर्मी हमारे पसीने छुड़ा देती है। ऐसे में, सिर्फ बारिश ही होती है जो हमें गर्मी से राहत दिला सकती है। अगर आप भी कर रहे हैं मानसून का इंतज़ार, तो हमारा यह ब्लॉग आपके लिए ही तैयार किया गया है। एस्ट्रोसेज के इस ख़ास ब्लॉग में मानसून कुंडली के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि आपके शहर में इस साल बरसाता कब होगी और कब आपको भीषण गर्मी से राहत मिलेगी। तो चलिए बिना देर किये शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की। 

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ज्योतिष के अनुसार, कब बनेंगे बारिश के योग?

दिनी ज्योतिष का ग्रंथ भविष्यफल भास्कर कहता है कि जब गोचर करते समय बृहस्पति सूर्य से पीछे भ्रमण करते हैं, तब वह पृथ्वी पर जल की कमी नहीं होने देते हैं यानी कि वर्षा ऋतु में अच्छी मात्रा में बरसात होती है। मई के आख़िरी चरण में गोचर करते हुए बृहस्पति सूर्य से वृषभ राशि में अंशात्मक दृष्टि से पीछे होंगे। ऐसे में, ग्रहों की स्थिति साल 2024 में मानसून के समय से पहले आने की तरफ इशारा कर रही है और साथ ही, जून में अच्छी बारिश के भी योग बनेंगे। 

हालांकि, मई के अंत और जून माह के शुरुआती समय में वृषभ राशि में सूर्य ग्रह गुरु, शुक्र एवं बुध के साथ युति करेंगे, उस समय दक्षिण भारत और पश्चिम बंगाल में भारी बारिश होने के आसार है। इसके अलावा, 6 जून को अमावस्या के दिन देश के उत्तर और पूर्व हिस्से में भूकंप आने की आशंका है और इसके परिणामस्वरूप, कुछ जगहों पर जन-धन की हानि भी देखने को मिल सकती है। 

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अमावस्या तिथि यानी कि 06 मई के दिन वृषभ राशि में पांच ग्रहों की युति हो रही है और ऐसे में, जून माह में दक्षिण, पश्चिम और मध्य भारत में औसत से ज्यादा बारिश होने की संभावना बन रही है। अमावस्या के आसपास उत्तर भारत में भी आंधी-तूफ़ान के साथ-साथ बारिश आने के योग बनेंगे। वहीं, गोवा में मानसून 05 जून को दस्तक देगा जबकि मुंबई में 10 जून और 15 मई से  पहले ही मानसून रायपुर एवं नागपुर में आ सकता है।

सूर्य के आर्द्रा नक्षत्र में गोचर का महत्व

ज्योतिष में वर्णन किए गए 27 नक्षत्रों में से शुरुआती 10 नक्षत्र अर्थात आर्द्रा से लेकर स्वाति नक्षत्र स्त्री संज्ञक हैं और इनमें से किसी भी नक्षत्र में सूर्य के रहने पर भारत के मानसून पर इसका प्रभाव देखने को मिलता है।  बता दें कि हर साल सूर्य 21 जून के आसपास आर्द्रा नक्षत्र में गोचर करते हैं और इस नक्षत्र में सूर्य के प्रवेश से निर्मित होने वाली कुंडली में ग्रहों की स्थिति के आधार पर पूरे मानसून सीजन के दौरान होने वाली वर्षा की गणना की जाती है। सामान्य शब्दों में कहें, तो देश में कहां-कितनी बारिश होगी, इसका अंदाज़ा लगाया जाता है।   

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कब होगा सूर्य का आर्द्रा नक्षत्र में गोचर?

इस साल की बात करें, तो सूर्य का आर्द्रा नक्षत्र में गोचर 22 जून 2024 की देर रात 12 बजकर 06 मिनट पर होगा, उस समय मीन लग्न उदय हो रहा होगा। भविष्यफल भास्कर के मुताबिक, अगर सूर्य का आर्द्रा नक्षत्र में गोचर रात के समय होता है और लग्न या चंद्र जल राशि में होता है, तो यह  अच्छी वर्षा का सूचक होता है।

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सूर्य का आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश: प्रभाव

जैसे कि हम आपको ऊपर बता चुके हैं कि वर्ष 2024 में सूर्य का आर्द्रा नक्षत्र में गोचर आधी रात को हो रहा है और लग्न जल राशि मीन का है। साथ ही, सूर्य का यह गोचर पूर्णिमा तिथि और दिन शुक्रवार को होने जा रहा है और ऐसे में, इसे वर्षा के लिए बेहद शुभ माना जाएगा। 

सूर्य के आर्द्रा नक्षत्र में गोचर की कुंडली की बात करें, तो गुरु महाराज की राशि धनु में चंद्रमा दसवें भाव में होकर सूर्य, शुक्र और बुध से समसप्तक योग में होंगे। सूर्य देव के 22 जून को आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश के साथ ही चंद्रमा पर जल तत्व के ग्रहों शुक्र और बुध की दृष्टि होगी और ऐसे में, उत्तर भारत को मानसून से पहले की बारिश गर्मी में राहत देने का काम करेगी। 

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वर्ष 2024 में जून से लेकर सितंबर के दौरान मंगल गोचर में सूर्य से पीछे होंगे और उस समय कोई पापी ग्रह सूर्य से आगे नहीं होगा। इसके परिणामस्वरूप, देशभर में वर्षा का प्रतिशत 95 % से 100% तक रह सकता है। 

चावल, गन्ने, पशुचारे और कपास की खेती करने वाले किसानों को विशेष रूप से लाभ प्राप्त होगा। लेकिन, जून माह में पहाड़ी क्षेत्रों विशेषतः उत्तराखंड और बिहार से लेकर झारखंड में आंधी, तूफान और बादल फटने जैसी घटनाएं सामने आ सकती हैं।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. 2024 में मानसून कब आएगा? 

उत्तर 1. इस साल मानसून 01 जून से भारत में दस्तक दे सकता है।

प्रश्न 2. ज्येष्ठ माह में गर्मी क्यों होती है?

उत्तर 2. ज्योतिष के अनुसार, ज्येष्ठ के माह में सूर्य काफ़ी शक्तिशाली होते हैं इसलिए इस माह भीषण गर्मी पड़ती है।

प्रश्न 3. भारत में मानसून कितने महीने रहता है?

उत्तर 3. भारत में सामान्य तौर पर मानसून जून से लेकर सितंबर तक रहता है।