मोहिनी एकादशी 2023: सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। प्रत्येक मास शुक्ल और कृष्ण पक्ष में एकादशी का व्रत रखा जाता है। सभी एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती हैं। वैशाख माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इसी तिथि पर समुद्र मंथन के दौरान अमृत निकला था तब भगवान विष्णु ने दैत्यों से अमृत की रक्षा करने के लिए मोहिनी का रूप धारण किया था और सभी देवताओं को अमृत पान करवाया था। भगवान श्री हरि विष्णु के इस रूप को देखकर भगवान शिव भी मोहित हो गए थे। पुराणों के अनुसार इस व्रत को विधि-विधान के साथ करने से मनुष्य मोह माया से निकल जाता है और उत्तम लोक में स्थान पाता है। साथ ही, इस व्रत को रखने वाले श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। तो आइए बिना देरी किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं मोहिनी एकादशी व्रत की तिथि, पूजा मुहूर्त, महत्व और प्रचलित पौराणिक कथा के बारे में।
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मोहिनी एकादशी 2023: तिथि व मुहूर्त
इस वर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी 01 मई 2023 को पड़ेगी। मोहिनी एकादशी तिथि का आरंभ 30 अप्रैल 2023 रविवार की रात 08 बजकर 30 मिनट से होगा जबकि समापन अगले दिन 01 मई 2023 की रात 10 बजकर 11 मिनट पर होगा।
मोहिनी एकादशी 2023: व्रत पारण मुहूर्त
मोहिनी एकादशी पारण मुहूर्त: 02 मई 2023 की सुबह 05 बजकर 40 मिनट से 08 बजकर 19 मिनट तक।
अवधि: 2 घंटे 39 मिनट
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मोहिनी एकादशी का महत्व
जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि इस एकादशी के दिन भगवान विष्णुजी के मोहिनी स्वरूप का पूजन-अर्चन किया जाता है। मोहिनी एकादशी के महत्व के बारे में भगवान श्री कृष्ण युधिष्ठिर को बताया था। पद्म पुराण के अनुसार भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि हे! युधिष्ठिर त्रेता युग में महर्षि वशिष्ठ के कहने से परम प्रतापी श्री राम ने इस व्रत को किया था। यह व्रत सब प्रकार के दुखों का निवारण करने वाला, पापों को हरने वाला है। इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति सभी प्रकार के कष्टों और पापों से छुटकारा पा लेता है व बैकुंठ धाम को जाता है
मोहिनी एकादशी 2023: पूजा विधि
- मोहिनी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
- साफ व नए कपड़े पहनें और फिर अपने घर के मंदिर की साफ सफाई करें।
- एक चौकी पर साफ पीले या लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और फिर भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें। भगवान को चंदन का तिलक जरूर लगाएं।
- भगवान विष्णु को पीले रंग के फूल अर्पित करें और साथ ही धूप, दीप, नैवेद्य चढ़ाएं।
- मोहिनी एकादशी की कथा का पाठ अवश्य करें क्योंकि इसके बिना व्रत व पूजा अधूरी मानी जाती है।
- इस दिन गरीबों व जरूरतमंदों को दान करना शुभ माना जाता है।
- शाम के समय आरती करें और अगले दिन द्वादशी तिथि के दिन व्रत पारण करें।
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मोहिनी एकादशी: व्रत कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, सरस्वती नदी के पास भद्रावती नाम का एक सुंदर नगर था। उस नगर में धनपाल नाम का एक अमीर व्यक्ति रहता था। वह स्वभाव में बहुत ही दयालु और दानपुण्य करने वाला व्यक्ति था। उसके पांच पुत्र थे। जिसमें सबसे छोटे बेटे का नाम धृष्टबुद्धि था। वह गलत कामों में अपने पिता का पैसा बर्बाद करता था। एक दिन पिता धनपाल ने उसकी बुरी आदतों से परेशान होकर उसे घर से निकाल दिया। धृष्टबुद्धि दुखी होकर जंगल की तरफ चला गया और दिन-रात शोक में डूबा रहने लगा। भटकते- भटकते एक दिन वह महर्षि कौण्डिन्य के आश्रम पर जा पहुंचा। उस समय महर्षि गंगा में स्नान करके आए थे।
धृष्टबुद्धि शोक के भार से पीड़ित होकर कौण्डिन्य ऋषि के पास गया और रोते बिलकते हुए हाथ जोड़कर बोला, हे! ‘ऋषि मुझ पर दया करके कोई ऐसा उपाय बताएं जिसके अच्छे प्रभाव से मैं अपने दुखों से मुक्त हो जाऊँ.’ तब महर्षि कौण्डिन्य बोले, मोहिनी नाम से सबसे फलदायी एकादशी का व्रत के बारे में उसे बताया और कहा कि इस व्रत को करने से व्यक्ति के जन्मों जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। धृष्टबुद्धि ने ऋषि की बताई गई विधि के अनुसार व्रत किया। जिसे करने से वह अपने किए गए सभी पापों से मुक्त हो गया और श्री विष्णुधाम को चला गया। माना जाता है कि मोहिनी एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति बड़े से बड़े पापों से मुक्ति पा लेता है।
मोहिनी एकादशी 2023: ख़ास उपाय
मोहिनी एकादशी के दिन किए जाने वाले कुछ ख़ास उपाय हैं, जिन्हें करने से आपका घर धन-धान्य से भर जाएगा। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में।
धन प्राप्ति के लिए
मोहिनी एकादशी के दिन दक्षिणावर्ती शंख की पूजा करने से भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी बेहद प्रसन्न होती है और सदैव अपनी कृपा बनाए रखती हैं। साथ ही, व्यक्ति को कभी भी धन की हानि नहीं होती है।
कर्ज से मुक्ति के लिए
अगर आप किसी भी प्रकार के कर्ज/लोन से परेशान हैं और कई प्रयास करने के बाद भी छुटकारा नहीं मिल पा रहा है तो मोहिनी एकादशी के दिन तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें चीनी मिलाकर पीपल के पेड़ में चढ़ाएं और शाम में वृक्ष के सामने घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से व्यक्ति हर प्रकार के कर्ज से छुटकारा पा लेता है। मान्यता है कि पीपल के वृक्ष में भगवान विष्णु का वास होता है।
शुभ फलों की प्राप्ति के लिए
एकादशी के इस शुभ दिन पीपल व तुलसी की पूजा जरूर करनी चाहिए और इसके साथ ही दूध में थोड़ा सा केसर डाल लें और इससे भगवान विष्णु का अभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
धन व सुख-समृद्धि के लिए
इस एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर श्री हरि विष्णु का विधि विधान से पूजन करें और उसके बाद रात्रि में विष्णु जी की प्रतिमा के सामने नौ बत्तियों का दीपक जलाएं। इस बात का ध्यान रखें कि यह दीपक रात भर जलता रहना चाहिए। मान्यता है कि इससे भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद बनाए रखती हैं। ऐसा करने से कभी भी धन के साथ सुख-समृद्धि की कमी नहीं होती।
सकारात्मक ऊर्जा के लिए
मोहिनी एकादशी के दिन शाम के वक्त तुलसी के पौधे के सामने गाय के घी का दीपक जलाएं और साथ ही ‘ॐ वासुदेवाय नमः’ मंत्र का जाप करें। इसके बाद तुलसी की 11 व 21 बार परिक्रमा करें। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और साथ ही परिवार के सभी सदस्यों में प्रेम की भावना में वृद्धि होती है।
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