बुद्धि, वाणी, तर्क, संवाद का ग्रह बुध अगस्त के महीने में दो बार गोचर करने वाला है। एक बार महीने की शुरुआत में ही यानि 1 अगस्त को और दूसरा 21 अगस्त को। ऐसे में अगस्त महीने में बुध के इन दो गोचरों को बेहद ही प्रभावशाली और महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अपने इस विशेष ब्लॉग में हम बात करेंगे 1 अगस्त को होने वाले गोचर की।
इसके साथ ही जानेंगे इस गोचर का समय क्या रहने वाला है, इस गोचर से सबसे ज्यादा कौन सी राशियां प्रभावित होने वाली हैं और किन राशियों को इससे शुभ परिणाम हासिल होगा, साथ ही राशि अनुसार क्या कुछ उपाय करके बुध ग्रह के शुभ परिणाम हासिल किए जा सकते हैं इसकी जानकारी भी हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से प्रदान कर रहे हैं।
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तो सबसे पहले जान लेते हैं 1 अगस्त को होने वाले बुध गोचर का समय और अवधि क्या रहने वाली है।
बुध गोचर (1 अगस्त, 2022):: समय और अवधि
सौरमंडल का सबसे छोटा और सूर्य के सबसे निकटतम ग्रह बेहद ही प्रभावशाली होता है। यह सूर्य के इर्द गिर्द अपनी परिक्रमा बेहद ही जल्दी पूरी कर लेता है। ऐसे में ज्योतिष के अनुसार बुध ग्रह के गोचर की अवधि 23 दिनों के आसपास की होती है। यानी की एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने के लिए बुध को लगभग इतने ही दिनों का समय लगता है।
बात करें 1 अगस्त को होने वाले बुध गोचर की तो, बुध 1 अगस्त, 2022 दिन सोमवार को 03:38 सिंह राशि में गोचर करेगा और 21 अगस्त, 2022 दिन रविवार तक इसी राशि में स्थित रहेगा और फिर यह अगली राशि यानी कि कन्या राशि में प्रवेश करेगा।
सिंह राशि में बुध का प्रभाव
बात करें सिंह राशि में बुध ग्रह के प्रभाव की तो ऐसे जातक स्वभाव में अहंकारी होते हैं। हालांकि यह किसी भी टीम से जुड़ कर उसका महत्वपूर्ण हिस्सा बनने की काबिलियत रखते हैं। ये लोग अपने जीवन में रिस्क लेने से डरते नहीं हैं और अपने विचारों में बेहद ही दृढ़ संकल्प वाले होते हैं। इनके जीवन का मकसद होता है किसी बड़े काम को पूरा करना। इसके अलावा यह कोई भी काम बेहद गर्व, शक्ति, और अधिकार के साथ पूरा करते हैं। ऐसे जातक अपने पार्टनर के साथ बेहद ही वफादार होते हैं और वही ईमानदारी ये लोग उनसे भी उम्मीद करते हैं।
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कमजोर और बली बुध के प्रभाव और लक्षण
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मिथुन और कन्या राशि का स्वामी बुध ग्रह कुंडली में बेहद ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जिन व्यक्तियों की कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होता है उन्हें व्यापार, शिक्षा और करियर में शानदार परिणाम प्राप्त होते हैं। वहीं इसके विपरीत अगर कुंडली में बुध ग्रह कमजोर है तो ऐसे व्यक्तियों को तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ता है। साथ ही बुध कमजोर होने पर तमाम लक्षण भी देता है जैसे कि,
- ऐसे व्यक्ति लगातार कर्ज़ के बोझ में दबते जाते हैं।
- इनके पद, यश और प्रतिष्ठा में कमी होने लगती है।
- चेहरे से तेज गायब हो जाता है।
- त्वचा संबंधी रोग होने लगते हैं।
- पढ़ाई लिखाई, व्यापार, करियर में बुरा असर दिखने लगता है।
- ऐसे लोग चीज़ें याद करने के बावजूद भूल जाते हैं।
- स्वभाव में अहंकारी हो जाते हैं।
- ऐसे लोगों की वाणी में दोष आने लगते हैं।
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कुंडली में बुध ग्रह को ऐसे बनाएँ मजबूत
कमजोर बुध के प्रभाव को दूर करने के लिए ज्योतिष के जानकार कुछ उपाय करने की सलाह देते हैं। क्या हैं वो उपाय आइए जान लेते हैं:
- नियमित रूप से भगवान गणेश की पूजा करें।
- रोज सुबह बुध ग्रह से संबंधित मंत्र का 108 बार जाप करें।
- इसके अलावा बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए पन्ना रत्न भी धारण किया जा सकता है।
- बुधवार के दिन हरी मूंग, हरी सब्जियों का दान करें।
- रोजाना बुध स्त्रोत का पाठ करें।
- बुधवार के दिन गणेश मंदिर जाकर उन्हें 11 मोदक का भोग लगाएं और पूजा के बाद इसे गरीब बच्चों में प्रसाद के रूप में वितरित कर दें।
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बुध का सिंह राशि में गोचर: गोचरफल और उपाय
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और छठे भाव का स्वामी है और इस गोचर काल के दौरान बुध आपके पांचवें भाव यानी कि प्रेम, रोमांस और संतान के भाव में गोचर करेगा। बुध का सिंह राशि में गोचर आपको….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि के लिए बुध दूसरे और पांचवें भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान बुध आपके चौथे भाव यानी कि आराम, माता और विलासिता के भाव में गोचर करेगा। इस दौरान आप….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के लिए बुध प्रथम भाव और चौथे भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान बुध आपके तीसरे भाव यानी कि संचार, लघु यात्रा और भाई-बहन के भाव में गोचर करेगा। आप इस दौरान….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कर्क राशि
कर्क राशि के लिए बुध तीसरे और बारहवें भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान बुध आपके दूसरे भाव यानी कि धन, परिवार और वाणी के भाव में गोचर करेगा। इस दौरान आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
सिंह राशि
सिंह राशि के लिए बुध दूसरे और ग्यारहवें भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान बुध आपके प्रथम/लग्न भाव यानी कि व्यक्तित्व और चरित्र के भाव में गोचर करेगा। पेशेवर रूप से यह अवधि….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कन्या राशि
कन्या राशि के बुध प्रथम और दशम भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान बुध आपके बारहवें भाव यानी कि मोक्ष, व्यय और विदेशी लाभ के भाव में गोचर करेगा। इस गोचर के दौरान….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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तुला राशि
तुला राशि के लिए बुध नौवें और बारहवें भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान बुध आपके ग्यारहवें भाव यानी कि आय और लाभ के भाव में गोचर करेगा। बुध के सिंह राशि में गोचर की यह अवधि….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध ग्यारहवें और आठवें भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान बुध आपके दशम भाव यानी कि पेशे और प्रसिद्धि के भाव में गोचर करेगा। इस दौरान वृश्चिक राशि के जातकों को….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए बुध सातवें और दसवें भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान बुध आपके नौवें भाव यानी कि भाग्य, अध्यात्म और धर्म के भाव में गोचर करेगा। पेशेवर जीवन की बात करें तो आपके लिए बुध का यह गोचर….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए बुध छठे और नौवें भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान बुध आपके आठवें भाव यानी कि रहस्य विज्ञान, अचानक लाभ/हानि तथा विरासत के भाव में गोचर करेगा। बुध के सिंह राशि में गोचर के दौरान….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कुम्भ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध पांचवें और आठवें भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान बुध आपके सातवें भाव यानी कि विवाह, और साझेदारी के भाव में गोचर करेगा। पेशेवर रूप से यह अवधि….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए बुध चौथे और सातवें भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान बुध आपके छठे भाव यानी कि रोग, प्रतिस्पर्धा और ऋण के भाव में गोचर करेगा। पेशेवर रूप से देखा जाए आपको इस दौरान….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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