बुध ग्रह को वैदिक ज्योतिष में सभी ग्रहों का युवराज कहा गया है। अब बुध ग्रह 03 जून को वृषभ राशि में गोचर करने वाले हैं। फिलहाल बुध की चाल वक्री है। ऐसे में बुध के गोचर का सभी पर प्रभाव भी विशेष पड़ेगा। आपको बता दें कि किसी ग्रह के वक्री होने की स्थिति में यदि वो ग्रह किसी जातक की कुंडली में अशुभ स्थान पर बैठा हुआ है तो जातक को और भी अशुभ फल देता है और यदि वह ग्रह जातक की कुंडली में शुभ स्थान पर बैठा हो तो इस अवधि में उसे अत्यधिक शुभ फल मिलते हैं।
जीवन से जुड़ी समस्याओं का समाधान जानने के लिए हमारे विद्वान ज्योतिषियों से अभी करें फोन पर बात
ऐसे में आज हम आपको इस लेख में वक्री बुध ग्रह के वृषभ राशि में गोचर करने की वजह से वृषभ राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इसकी जानकारी देने वाले हैं। लेकिन उससे पहले बुध ग्रह का वैदिक ज्योतिष में महत्व और गोचर के बारे में आपको बता देते हैं।
वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह
बुध ग्रह को वैदिक ज्योतिष में एक बेहद ही शुभ ग्रह माना गया है। सभी बारह राशियों में बुध ग्रह का मिथुन और कन्या राशि पर आधिपत्य है। कन्या राशि में बुध ग्रह उच्च होता है जबकि मीन राशि में यह नीच का हो जाता है। वहीं 27 नक्षत्रों के बीच अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र के स्वामी भी बुध ही हैं।
बुध किसी भी जातक की कुंडली में संचार, गणित, व्यापार आदि का कारक माना जाता है। बुध यदि किसी जातक की कुंडली में शुभ स्थान पर विराजमान हो तो ऐसा जातक बुद्धि से तीक्ष्ण होता है। ऐसे जातक हाजिर जवाबी होते हैं और गणित में बेहतर प्रदर्शन करते हैं। इनकी संवाद शैली बरबस ही किसी का भी ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर लेती है। ऐसे व्यक्ति व्यापार के क्षेत्र में भी बढ़िया प्रदर्शन करते हैं। वहीं अगर बुध किसी जातक की कुंडली में अशुभ स्थान पर बैठा हो तो ऐसा जातक मानसिक तनाव का सामना करता है। उसे अपनी बात दूसरों तक पहुंचाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। व्यापार में घाटा और विभिन्न प्रकार की छोटी बीमारियां उसे घेर लेती हैं।
आइये अब वक्री बुध के गोचर के बारे में आपको थोड़ी सी जानकारी दे देते हैं।
वक्री बुध का वृषभ राशि में गोचर
बुध अभी फिलहाल वक्री चाल चल रहा है। ऐसे में 03 जून को गुरुवार के दिन वक्री बुध ग्रह 03 बजकर 46 मिनट पर वृषभ राशि में गोचर करेगा। वक्री बुध वृषभ राशि में 07 जुलाई, 2021 को मंगलवार के दिन सुबह 10 बजकर 59 मिनट तक रहने वाला है। इसके बाद बुध मिथुन राशि में प्रवेश कर जाएगा।
ये भी पढ़ें : बुध का वक्री होना आम लोगों के लिए शुभ या अशुभ, जान लीजिये
आइये अब देखते हैं कि वक्री बुध के वृषभ राशि में गोचर से वृषभ राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
वक्री बुध गोचर का वृषभ राशि पर प्रभाव
वृषभ राशि के जातकों को इस गोचर की अवधि में आर्थिक रूप से सजग रहने की सलाह दी जाती है। इस दौरान किसी भी प्रकार का निवेश करने से पहले काफी सोच-विचार लें अन्यथा नुकसान हो सकता है।साथ ही कोई भी नया व्यापार शुरू करने से पहले भी हर नजरिए से उसकी जांच परख कर लें। खास कर के ऐसा कोई व्यापार जिसमें ज्यादा धन निवेश किया जा रहा हो। वहीं प्रेम संबंध के लिहाज से यह समय वृषभ राशि के जातकों के लिए बेहतर रहने की संभावना है। इस दौरान आप दोनों एक दूसरे के करीब आ सकते हैं। यदि कोई पुरानी गलतफहमी थी तो वह भी इस दौरान दूर होती नजर आ सकती है। एक तरह से यदि ये कहा जाये कि प्रेम सम्बन्धों में यह समय आपके लिए रिश्ते में मजबूती लाने वाला साबित होगा तो गलत नहीं होगा। वहीं स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से यह समय आपके लिए शुभ है। स्वास्थ्य में सुधार होता दिख सकता है। वृषभ राशि के विद्यार्थी भी इस गोचर के दौरान अच्छा प्रदर्शन करते नजर आ सकते हैं।
सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख जरूर पसंद आया होगा। एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए धन्यवाद!