कर्क राशि में बुध संकेत देता है कि आपकी बुद्धि लगातार गतिशील रहती है और आपके अंदर कुछ बेचैन करने वाली भावनाएं पैदा हो सकती है। कर्क राशि पूरी तरह से भावनाओं से संबंधित मानी गई है और बुध तर्क और बुद्धि से संबंधित ग्रह होता है जो ऊर्जा पैदा करता है।
अब जल्द ही अर्थात 26 अगस्त को बुध कर्क राशि में उदित होने वाले हैं। आपकी राशि पर बुध का यह अहम परिवर्तन क्या प्रभाव डालेगा यही जानने के लिए हम लेकर आए हैं हमारा यह खास ब्लॉग जिसके माध्यम से आपको कर्क राशि में बुध का सभी 12 राशियों पर प्रभाव हम बताने वाले हैं।
साथ ही यहां हम आपको इसके नकारात्मक प्रभावों से बचने के उपायों की जानकारी भी देंगे। तो चलिए बिना देरी किए शुरू करते हैं यह ब्लॉग और सबसे पहले जान लेते हैं कि इस महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना का समय क्या रहने वाला है।
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बुध का कर्क राशि में उदय- क्या रहेगा समय?
सबसे पहले बात करें समय की तो 26 अगस्त 2024 को 18:14 पर बुध कर्क राशि में उदित होने वाले हैं।
अधिक जानकारी: उदित होने का अर्थ यह हुआ कि अब बुध सूर्य से दोबारा दूर जाने लगेगा और वापस अपनी शक्तियां प्राप्त कर लेगा।
बुध का कर्क राशि में उदय- कैसा रहेगा प्रभाव?
जब बुध कर्क राशि में होता है तो यह सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के प्रभाव प्रदान करने की क्षमता रखता है और कुल मिलाकर यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप ऊर्जा को कैसे प्रसारित करते हैं। अगर आप अपनी भावनाओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो आप आत्मनिरीक्षण और आत्मबोध के संबंध में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। वहीं दूसरी तरफ अगर आप अपनी भावनाओं पर प्रतिक्रिया करते हैं, उदाहरण के लिए किसी भी व्यक्ति से बदला लेने के लिए षड्यंत्र बनाते हैं तो यह आपके लिए विनाशकारी भी साबित हो सकता है। कुलमिलाकर ये चंद्रमा की स्थिति पर निर्भर करता है।
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कर्क राशि में बुध आपको अंतर ज्ञान, मानसिक क्षमता में और भावनाओं की गहराई प्रदान करता है। वहीं दूसरी तरफ बुध आपको अपना ध्यान केंद्रित करने की क्षमता देता है और जब कर्क राशि में बुध आता है तो यह आपको अपनी भावनाओं से बाहर निकलने में असमर्थ बन सकता है और अवसाद, चिंता, हताशा, ज्यादा स्वामित्व और अन्य मनोवैज्ञानिक और मानसिक समस्याएं आपके जीवन में खड़ी हो सकती है। हालांकि कर्क राशि में बुध अगर अच्छी स्थिति में हो तो यह उपचार क्षमता भी लेकर आता है। यह आपको चिकित्सा, ज्योतिष, आयुर्वेद, अध्यात्म, शिक्षक और जनसंचार के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने में मददगार साबित होता है। बुध एक व्यावसायिक विचारधारा वाला ग्रह है। चंद्रमा की राशि में अन्य व्यावसायिक विचारधारा वाला ग्रह नवोन्वेषी उद्यमियों का निर्माण करता है।
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अगर आपका जन्म कर्क राशि में बुध के साथ हुआ है तो,
जिन लोगों का जन्म कर्क राशि में बुध के साथ हुआ होता है वह दुनिया के प्रति नरम रवैया रखते हैं। आप जो कुछ भी करते हैं उसमें आपकी भावनाएं शामिल होती है और आप अकेले महसूस करने के आधार पर निर्णय या फैसला और योजना बनाते हैं। आप अपने आसपास की वास्तविक दुनिया को वैसे ही देखते हैं जैसे हर कोई देखता है लेकिन आप उनसे अधिक संवेदनशील और सहज होते हैं क्योंकि आपका अंतर ज्ञान बहुत मजबूत होता है।
ऐसे में आप दूसरों की इच्छाओं को, उनकी जरूरतों को और चिंताओं को समझ सकते हैं। आपको प्यार का इजहार करना पसंद होता है और आप अक्सर इसका इजहार भी करते हैं। आप अपने शब्दों को तरीके से बोलते हैं जिससे दूसरों को आपकी उपस्थिति में सहजता और खुशी मिलती है।
हालांकि आप कभी-कभी दूसरों की भावनाओं की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण जानकारी अपने तक ही सीमित रखते हैं। बातचीत के माध्यम से दूसरों के साथ रिश्ते बनाना आपके लिए काफी आसान रहता है। आपके जीवन में सबसे मजबूत रिश्ते तब स्थापित होते हैं जब आप अपने व्यक्तिगत विचारों, भय, कमजोरी और खुशियों को किसी अन्य व्यक्ति के साथ साझा करते हैं।
वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह का महत्व
आपके जीवन में बुध की मजबूत स्थिति संतुष्टि, अच्छे स्वास्थ्य के साथ एक मजबूत दिमाग, लेकर आती है। यह व्यवसाय में सफलता, ठोस निर्णय लेने और अत्यधिक ज्ञान की ओर भी ले जाता है लेकिन वहीं दूसरी तरफ जब बुध राहु, केतु और मंगल के साथ संबंध बनाता है तो ऐसे व्यक्तियों को जीवन में संघर्ष, बुद्धि की कमी और स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं उठानी पड़ सकते हैं।
इसके अलावा वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध ग्रह को मिथुन और कन्या राशि के स्वामी होने का दर्जा दिया गया है। इसके अलावा इन्हें ग्रहों का राजकुमार कहा जाता है। कुंडली में तीसरे और छठे भाव के स्वामी बुध कौशल, सफलता, तर्क क्षमता, बुद्धि के कारक माने जाते हैं।
अगर व्यक्ति की कुंडली में बुध की स्थिति मजबूत हो तो ऐसे व्यक्ति व्यापार व्यवसाय में अपार सफलता हासिल करते हैं और जीवन में सफल होते हैं। वहीं इसके विपरीत अगर कुंडली में बुध की स्थिति कमजोर हो तो ऐसे व्यक्तियों को जीवन में कई तरह की परेशानियां और उतार-चढ़ाव आदि देखने को मिलते हैं। बुध जब एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है या फिर उदय होता है तो इसका प्रभाव निश्चित तौर पर देश-दुनिया, कारोबार और आर्थिक स्थिति पर पड़ता है।
अब जब कर्क राशि में बुध का उदय होने जा रहा है तो निश्चित रूप से यह कुछ राशियों को तो फायदा करवाएँगे और कुछ राशियों को इसके नकारात्मक परिणाम भी मिल सकते हैं। चलिए जान लेते हैं कर्क राशि में बुध उदय का सभी राशियों पर क्या और कैसा प्रभाव पड़ेगा।
कर्क राशि में बुध के उदय का आपके जीवन पर इस प्रकार का प्रभाव पड़ेगा।
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और छठे घर का स्वामी है और आपके चौथे घर में उदित ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और पंचम भाव का स्वामी है और आपके तीसरे घर में उदय होने….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध पहले और चतुर्थ घर का स्वामी है। अब अपने इस अहम परिवर्तन….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और बारहवें घर का स्वामी है और आपके पहले घर….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और एकादश भाव का स्वामी है और आपके बारहवें ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए बुध पहले और दसवें घर का स्वामी है और आपके ग्यारहवें….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए बुध नवम और बारहवें घर का स्वामी है और दशम भाव में उदित….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध आठवें और ग्यारहवें घर का स्वामी है और आपके नवम भाव में उदित….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए बुध सप्तम और दशम भाव का स्वामी है और आपके आठवें घर में ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए बुध छठे और नवम भाव का स्वामी है और आपके सप्तम भाव में….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कुम्भ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध पंचम और अष्टम भाव का स्वामी है और आपके छठे घर में उदित ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए बुध चतुर्थ और सप्तम भाव का स्वामी है और पंचम भाव में उदित….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
26 अगस्त 2024 को 18:14 पर बुध कर्क राशि में उदित होने वाले हैं।
उदित होने का अर्थ यह हुआ कि अब बुध सूर्य से दोबारा दूर जाने लगेगा और वापस अपनी शक्तियां प्राप्त कर लेगा।
जब बुध कर्क राशि में होता है तो यह सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के प्रभाव प्रदान करने की क्षमता रखता है और कुल मिलाकर यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप ऊर्जा को कैसे प्रसारित करते हैं। अगर आप अपनी भावनाओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो आप आत्मनिरीक्षण और आत्मबोध के संबंध में अच्छा प्रदर्शन करेंगे
बुध ग्रह को बुद्धि, तर्क और मित्र का कारक माना जाता है।