बुध वृषभ राशि में 02 जून 2024 को 18:10 पर वृषभ राशि में अस्त होने वाले हैं। वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि से जुड़ा ग्रह माना जाता है। यदि बुध अपनी ही राशि अर्थात मिथुन या फिर कन्या में विराजमान हों, तो इसका मनुष्य के जीवन पर ज्यादा प्रभावशाली असर पड़ता है।
जब बुध कन्या राशि में अर्थात अपनी उच्च राशि में होते हैं तब इस स्थिति को बुध की शक्तिशाली स्थिति माना जाता है और यह जातकों को व्यवसाय, व्यापार और सट्टेबाजी में सफलता प्राप्त करने में अनुकूल परिणाम देता है।
अब जून में बुध अस्त होने पर कुछ राशियों के लोगों की लव लाइफ में प्यार और खुशियां लेकर आने वाले हैं। इस ब्लॉग में आगे उन्हीं राशियों के बारे में विस्तार से बताया गया है जिन्हें बुध के अस्त होने पर अपने प्रेम जीवन में अपने पार्टनर का खूब प्यार और सहयोग मिलने वाला है।
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वैदिक ज्योतिष में बुध अस्त
बुध ग्रह को बुद्धि, तर्क, शिक्षा और संचार कौशल का कारक माना गया है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध कमज़ोर हो, तो इससे उस जातक के मन में असुरक्षा की भावना और एकाग्रता की कमी उत्पन्न हो सकती है। वह चीज़ों को समझ नहीं पाता है और कभी-कभी याद्दाश्त भी कमज़ोर हो जाती है।
ग्रहों के अस्त होने की बात करें, तो जब कोई भी ग्रह अस्त होता है तो उससे मिलने वाले सकारात्मक परिणाम क्षीण हो जाते हैं। अस्त होने का मतलब है ग्रहों की शक्ति में कमी आना।
राहु केतु के अलावा कोई भी अन्य ग्रह जब सूर्य के 10 डिग्री के अंदर आ जाता है तो उसे सूर्य की शक्ति प्राप्त हो जाती है और वह खुद क्षीण हो जाता है। वृषभ राशि में बुध के इस अस्त होने से लोगों को धन और पारिवारिक सुख में कमी देखने को मिल सकती है।
तो चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि बुध अस्त होने पर किन राशियों के प्रेम जीवन में प्यार के फूल खिलाने वाले हैं।
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सिंह राशि
सिंह राशि के दूसरे और ग्यारहवें घर के स्वामी बुध हैं। रिश्तों के मामले में सिंह राशि के लोग अपने पार्टनर से बात करते समय खुद को भावनात्मक रूप से संवेदनशील स्थिति में महसूस कर सकते हैं। उपाय के तौर पर आप रोजाना 19 बार ‘ॐ भास्कराय नमः’ मंत्र का जाप करें।
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कन्या राशि
कन्या राशि के लिए बुध पहले और दसवें घर के स्वामी हैं और अब वह आपके नवम भाव में अस्त होने जा रहे हैं। रिश्ते के मामले में भाग्य आपका पूरा साथ देने वाला है। आप और आपका पार्टनर एक-दूसरे से भावनात्मक रूप से अधिक करीब महसूस करेंगे। इससे आपका रिश्ता भी मज़बूत होगा। आप उपाय के तौर पर शनिवार के दिन राहु ग्रह के लिए यज्ञ हवन करें।
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वैवाहिक जीवन में बुध का महत्व
वैवाहिक संबंध में बातचीत, बोली और बोलने का तरीका, सेंस ऑफ ह्यूमर, युवास्था, बुद्धि, साझेदारी की भावना, आत्म-सम्मान और दोस्ती बहुत महत्व रखते हैं और ये सभी चीज़ें बुध के अंतर्गत आती हैं।
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बुध का विवाह के भाव में होना
जन्मकुंडली में सातवां भाव विवाह का कारक होता है। इस भाव में बुध इस घर में स्थित राशि के आधार पर फल देता है।
नीचे बताए गए सामान्य परिणाम निम्नलिखित कारकों के आधार पर वास्तविक कुंडली से थोड़े भिन्न हो सकते हैं।
अन्य ग्रहों के साथ बुध की युति
- किस नक्षत्र में बुध है।
- बुध और सातवें भाव पर किन ग्रहों की दृष्टि पड़ रही है।
- नवांश कुंडली में बुध की स्थिति।
सभी लग्न राशियों में सातवें भाव में बुध के होने पर निम्न प्रभाव मिलते हैं:
- मेष लग्न: यहां पर बुध विवाह में देरी और जीवनसाथी के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। पति-पत्नी के बीच अशांति पैदा हो सकती है।
- वृषभ लग्न: यहां पर वैवाहिक जीवन में संतुलन रहता है लेकिन कभी-कभी अशांति का माहौल बन सकता है।
- मिथुन लग्न: जातक का अपने जीवनसाथी के साथ मज़बूत रिश्ता होता है।
- कर्क लग्न: इनकी शादी में देरी होती है और जीवनसाथी की सेहत खराब रहती है।
- सिंह लग्न: बुध शुभ प्रभाव में होने पर नकारात्मक फल नहीं देता है लेकिन अशुभ प्रभाव में होने के कारण जीवनसाथी की सेहत प्रभावित हो सकती है।
- कन्या लग्न: यहां पर बुध की उपस्थिति जीवनसाथी की सेहत को लेकर चिंता पैदा करती है लेकिन दोनों का रिश्ता मज़बूत होता है।
- तुला लग्न: शुभ प्रभाव में होने पर बुध विवाह के उपरांत व्यक्ति का भाग्य खोलता है।
- वृश्चिक लग्न: इनका पार्टनर आकर्षक व्यक्तित्व का होता है।
- धनु लग्न: यहां पर बुध राजयोग बनाकर समय पर विवाह करवाता है। इनका अपने पार्टनर के साथ अच्छा संबंध होता है।
- मकर लग्न: समय पर विवाह होता है लेकिन कभी-कभी पति-पत्नी के बीच विवाद हो सकता है।
- कुंभ लग्न: प्रेम विवाह की संभावना अधिक रहती है। वैवाहिक जीवन में सुख-शांति रहती है।
- मीन लग्न: समय पर शादी होती है और वैवाहिक सुख मिलता है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर. व्यक्ति बुद्धिमान और मिलनसार बनता है।
उत्तर. कन्या बुध की उच्च राशि है।
उत्तर. मीन बुध की नीच राशि है।
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