बुध ग्रह 02 जून को शाम 06 बजकर 10 मिनट पर वृषभ राशि में अस्त हो जाएंगे। इसके बाद बुध 14 जून को मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे और 27 जून को मिथुन राशि में ही उदित होंगे। बुध का वृषभ राशि में अस्त होना काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
इसका प्रभाव लोगों के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर देखने को मिलेगा। किसी को बुध के अस्त होने पर लाभ प्राप्त होगा, तो वहीं कुछ लोगों के लिए यह नुकसान लेकर आएगा। बुध के अस्त होने पर कुछ राशियों के लोगों को अपने करियर में अड़चनों और चुनौतियों का सामना भी करना पड़ सकता है।
इस ब्लॉग में हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि 02 जून को बुध के अस्त होने पर किन राशियों के लोगों के करियर में गिरावट आने की आशंका है।
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इन राशियों के करियर में आएंगी चुनौतियां
मेष राशि
मेष राशि के लिए बुध तीसरे और छठे घर के स्वामी हैं और अब वह आपके दूसरे घर में अस्त होने जा रहे हैं। बुध के अस्त होने पर मेष राशि के लोगों के सामने मुश्किलें खड़ी होने वाली हैं। इन्हें पैसों की तंगी का सामना भी करना पड़ सकता है। करियर में भी इनके सामने कई तरह की चुनौतियां आने वाली हैं। वहीं आपका मन अपनी नौकरी को लेकर असंतुष्ट रह सकता है और इसकी वजह से आपकी प्रगति में बाधा आने की आशंका है।
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वृषभ राशि
वृषभ राशि के स्वामी ग्रह शुक्र हैं और अब इसी राशि में बुध अस्त होने जा रहे हैं। वृषभ राशि के लिए बुध दूसरे और पांचवें घर के स्वामी हैं और अब इनके प्रथम भाव में अस्त होने वाले हैं। बुध के वृषभ राशि में अस्त होने पर आपको अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं में चुनौतियां देखनी पड़ सकती हैं और इसमें आपका करियर भी शामिल है। आप अपने सहकर्मियों से बात करते समय धैर्य ये काम लें वरना उनके साथ कोई गलतफहमी पैदा हो सकती है जो कि आपके करियर के लिए अच्छी साबित नहीं होगी।
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मिथुन राशि
मिथुन राशि का स्वामी ग्रह बुध ही हैं और इनके पहले और चतुर्थ भाव के स्वामी बुध हैं। बुध आपके बारहवें घर में अस्त होने जा रहे हैं। इस दौरान काम के सिलसिले में आपके अंदर उत्साह और आकर्षक की कमी हो सकती है। इस बात की भी संभावना है कि काम को लेकर आपको अपने भाग्य का साथ न मिल पाए। व्यापारियों को भी कम लाभ से ही खुद को संतुष्ट कररना पड़ेगा। उनके सामने भी चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं।
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सिंह राशि
सिंह राशि के दूसरे और बारहवें भाव पर बुध का आधिपत्य है। अब बुध इस राशि के दसवें घर में अस्त होने जा रहे हैं। इस दौरान आपके सामने कई तरह की चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं। आपको हर छोटे काम को लेकर सावधानी बरतने की ज़रूरत है। कार्यक्षेत्र में आपके ऊपर काम का दबाव बढ़ सकता है और हो सकता है कि आपको अपनी कड़ी मेहनत के लिए प्रशंसा भी न मिले। नौकरीपेशा जातकों के लिए यह समय थोड़ा नाज़ुक रहने वाला है।
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तुला राशि
तुला राशि के स्वामी ग्रह शुक्र हैं और बुध इनके नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। अब बुध इनके आठवें भाव में अस्त होने जा रहे हैं। आपके सामने अड़चनें और बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं। कार्यक्षेत्र में आपको काम का दबाव महसूस हो सकता है और आपके मन में अपनी नौकरी को लेकर असुरक्षा की भावना पैदा हो सकती है। व्यापारियों को अचानक से नुकसान होने की आशंका है।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के स्वामी ग्रह मंगल हैं और बुध इनके आठवें एवं ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। बुध अब आपके सातवें भाव में अस्त होने जा रहे हैं। आपके ऊपर काम का दबाव बहुत ज्यादा बढ़ सकता है और इसकी वजह से आपके पद की हानि या मान्यता में भी कमी आने की आशंका है। व्यापारियों को भी कम मुनाफे से ही खुद को संतुष्ट करना पड़ेगा।
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वृषभ राशि में बुध का अस्त होना
वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध को वृषभ में कमज़ोर स्थिति का माना गया है। ऐसा इसलिए है क्यों कि वृषभ पृथ्वी तत्व की राशि है जबकि बुध का संबंध संचार, सीखने और बुद्धिमानी से है। वृषभ के गुण बुध से एकदम विपरीत हैं और इसकी वजह से व्यक्ति को सीखने और संचार में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
जिस क्षण बुध वृषभ राशि में अस्त होता है, उस समय सूर्य के नज़दीक होने के कारण यह और ज्यादा कमज़ोर हो जाता है। ऐसी स्थिति में जातक जिद्दी स्वभाव का बन जाता है और उसकी चीज़ों को ग्रहण करने की क्षमता भी कमज़ोर हो जाती है। उसे नए विचारों या योजनाओं को सीखने और अपने मन की बात को व्यक्त करने में भी दिक्कत आती है।
ज्योतिष के अनुसार व्यक्ति की कुंडली में उसके जन्म के समय ग्रहों की स्थिति का उसके व्यक्तित्व, ताकत, कमज़ोरी और अनुभवों पर महत्वपूर्ण असर पड़ता है। हर एक ग्रह की कुछ खूबियां और ऊर्जाएं होती हैं और कुंडली में किसी राशि एवं भाव पर उसका आधिपत्य होता है। वृषभ में बुध के अस्त होने से जातक के जीवन और व्यवहार पर इसका गहरा असर पड़ता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर. बुध नीच राशि मीन या छठे, आठवें भाव में नीच ग्रह के साथ बैठा हो।
उत्तर. चंद्रमा और मंगल के साथ इसकी शत्रुता है।
उत्तर. भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें।
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