ज्योतिष में, शनिदेव को कर्मफल दाता और न्याय देवता कहा जाता है। भगवान सूर्य के छाया पुत्र शनिदेव व्यक्ति को उसके कर्मों के हिसाब से शुभ या फिर अशुभ फल प्रदान करते हैं। पौराणिक कथा के अनुसार, शनिदेव ने भगवान शिव की कठोर तपस्या कर उन्हें प्रसन्न किया था और भगवान शिव प्रसन्न होकर शनिदेव को कर्म फलदाता का वरदान प्रदान किया। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनिदेव की कृपा से रंक राजा बन जाता है और उसे अपार सुख सुविधा प्राप्त होती है। वहीं, बुरे कर्म करने वाले लोगों को शनिदेव दंडित करते हैं। ज्योतिषियों की माने तो साढ़े साती के दौरान व्यक्ति को जीवन में कई प्रकार की समस्याओं से दो-चार होना पड़ सकता है। वर्तमान में मीन राशि, कुंभ राशि और मकर राशि के जातक साढ़ा साती के प्रकोप से पीड़ित है। मीन राशि में शनि की साढ़े साती का पहला चरण चल रहा है।
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विषम परिस्थिति से गुजरना पड़ता है। वर्तमान समय में मीन, कुंभ और मकर राशि के जातक साढ़े साती से पीड़ित हैं। देव गुरु बृहस्पति की स्वामित्व वाली राशि मीन राशि में साढ़े साती का प्रथम चरण चल रहा है। मीन राशि में साढ़े साती 29 अप्रैल 2022 से आरंभ हुई है। हिंदू पंचांग के अनुसार, मीन राशि वाले जातकों पर लगभग 22 वर्ष बाद शनि की साढ़े साती आरंभ हुई है। ऐसे में, यदि आप भी मीन राशि के जातक हैं और शनि के साढ़े साती से बचने के उपाय तलाश रहे हैं तो एस्ट्रोसेज आपके लिए लेकर आया है ये ख़ास ब्लॉग। जिसमें शनि के साढ़े साती से बचने के कुछ ज्योतिषीय उपाय बताए जा रहे हैं, जिसे अपनाकर आप इससे छुटकारा पा सकते हैं।
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कब तक मिलेगी मीन राशि के जातकों को साढ़ेसाती से मुक्ति
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि एक राशि में ढाई साल तक विराजमान रहते हैं और ढाई साल के बाद अपनी राशि में परिवर्तन करते हैं। साढ़े साती में एक चरण ढाई साल का माना जाता है। वर्तमान समय में मीन राशि पर साढ़े साती का पहला चरण चल रहा है, जो 29 मार्च 2025 तक रहेगा। इसके बाद साढ़े साती का दूसरे चरण की शुरुआत होगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, 7 अप्रैल 2030 को मीन राशि वालों को साढ़ेसाती से पूरी तरह से मुक्ति मिल पाएगी, लेकिन इस बीच कुछ ख़ास उपाय हैं, जो उन्हें जरूर अपनाना चाहिए।
साढ़ेसाती के पहले चरण का प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र में शनि के साढ़ेसाती के पहले चरण को उदय चरण कहा गया है। शनि साढ़े साती के पहले चरण में मानसिक तनाव, अज्ञात रोग, अज्ञात भय और आर्थिक जीवन में समस्या देते हैं। इन सभी समस्याओं से बचने के लिए शनि की उपासना करनी चाहिए। शनि के प्रकोप से बचने के लिए कुछ ख़ास उपाय बताए जा रहे हैं।
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मीन राशि के जातकों के लिए साढ़ेसाती के लिए उपाय
मीन राशि के जातकों के लिए शनि की साढ़ेसाती से बचने के लिए कुछ खास उपाय बताए जा रहे हैं, जो इस प्रकार है:
गरीब व जरूरतमंदों की करें मदद
ज्योतिषियों की मानें तो गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता व मदद करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। अतः मीन राशि जातकों को गरीबों को जरूरत का सामान वितरित करना चाहिए।
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भगवान शिव का जलाभिषेक करें
यदि आप साढ़े साती से निजात पाना चाहते हैं, तो प्रतिदिन स्नान-ध्यान के करने के बाद गंगाजल में काले तिल मिलाकर भगवान शिव का जल अभिषेक करें। साथ ही इस समय शिव पंचाक्षरी मंत्र का लगातार जाप करें।
शनि यंत्र की स्थापना करें
शनिवार के दिन कर्मफल दाता शनि देव की पूजा की जाती है। इस दिन स्नान-ध्यान करके विधि-विधान से शनिदेव की पूजा करें। साथ ही, पूजा के समय शनि यंत्र को घर पर स्थापित करें और इसके बाद रोजाना शनि यंत्र की पूजा करें। इस उपाय को करने से शनि दोष से मुक्ति मिल सकती है।
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पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाएं
मीन राशि के जातक साढ़ेसाती से निजात पाने हेतु गुरुवार और रविवार को छोड़कर सभी दिन पीपल के वृक्ष में जल का अर्घ्य दें और तीन बार पीपल वृक्ष की परिक्रमा करें। इस उपाय को करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
शमी की जड़ से करें उपाय
यदि आप शनि देव की कृपा पाना चाहते हैं, तो शमी की जड़ को काले कपड़े में बांधकर दाहिने हाथ में बांध लें। इस उपाय को करने से भी मीन राशि के जातकों को शनि की साढ़े साती से मुक्ति मिलती है। इस उपाय को शनिवार के दिन ही करना अनिर्वाय होगा।
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हनुमान चालीसा का पाठ करें
शनिवार का दिन भगवान शनिदेव का माना जाता है। ऐसे में, शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा करने से शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति पाया जा सकता है। इसके अलावा, शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना भी साढ़े साती के अशुभ प्रभावों को दूर करने का एकमात्र शानदार उपाय है। हनुमान चालीसा का पाठ शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति दिलाता है।
इन चीज़ों का करें दान
साढ़ेसाती से छुटकारा पाने के लिए शनिवार के दिन दान-पुण्य के कार्य करना चाहिए। इसके साथ ही, गरीबों और जरूरतमंदों को दान पुण्य करना चाहिए। इससे शनि के अशुभ प्रभाव से बचा जा सकता है। इसके अलावा, शनिवार के दिन लोहा, तिल, सरसों का तेल और छाया पात्र का दान करना चाहिए क्योंकि शनिदेव को यह अत्यधिक प्रिय हैं। माना जाता है कि इन चीजों का दान करने से शनि के अशुभ प्रभाव से बचा जा सकता है।
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नीलम रत्न धारण करें
यदि आप शनि के प्रकोप से पीड़ित हैं तो किसी ज्योतिषी की सलाह नीलम रत्न धारण करें। इससे भी शनि के साढ़ेसाती के प्रकोप से बचा जा सकता है।
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