मई 2023: अप्रैल हमसे विदा लेने के लिए और मई का महीना अपने आगाज़ के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। वैसे तो, वर्ष 2023 का प्रत्येक महीना अपने साथ कुछ न कुछ ख़ास लेकर आया है चाहे जनवरी में मकर सक्रांति का पर्व हो, फरवरी में महाशिवरात्रि का उत्सव हो या फिर मार्च में होली के रंग हो। अब इसी क्रम को मई 2023 भी बरकरार रखेगा। ऐसे में, आप भी यह जानने के लिए उत्सुक होंगे कि यह महीना आपकी नौकरी, प्रेम जीवन, घर-परिवार और व्यापार के लिए कैसा रहने वाला है? तो आपको इन सभी सवालों के जवाब मिलेंगे एस्ट्रोसेज के मई 2023 के इस विशेष ब्लॉग में।
भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके
हमारे इस ख़ास ब्लॉग में आपको न सिर्फ मन में उठने वाले सवालों का जवाब मिलेगा, बल्कि मई 2023 में पड़ने वाले व्रत, त्योहार,ग्रहण, गोचर समेत बैंक अवकाशों की तिथियों के बारे में भी जानकारी प्राप्त होगी। साथ ही जानेंगे, मई में जन्मे लोगों के व्यक्तित्व से जुड़ी रोचक और दिलचस्प बातों के बारे में। तो आइये बिना देर किये शुरुआत करते हैं इस विशेष लेख की।
कौन सी बातें बनाती हैं मई 2023 के इस ब्लॉग को बेहद ख़ास?
- मई 2023 का यह ब्लॉग अपने आप में विशेष है क्योंकि इस लेख में हम आपको मई में आने वाले व्रत-त्योहारों की तिथियों से अवगत कराएंगे।
- साथ ही, उन लोगों के व्यक्तित्व से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के बारे में जानेंगे जिनका जन्म मई के महीने में हुआ है।
- बैंक हॉलिडे इस महीने में कब-कब पड़ रहे हैं?
- मई 2023 में कौन सा ग्रह कब करने जा रहा है राशि परिवर्तन और क्या इस महीने पर पड़ेगा ग्रहण का साया? इस बात से भी हम आपको रूबरू कराएंगे।
- इसके अलावा, राशि चक्र की सभी 12 राशियों के लिए मई का महीना अपने साथ क्या कुछ लेकर आएगा? इसकी जानकारी भी आपको इस ब्लॉग में प्राप्त होगी।
तो चलिए आगे बढ़ते हैं और नज़र डालते हैं मई पर आधारित इस ब्लॉग में।
मई 2023 का ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू पंचांग की गणना
साल 2023 के पांचवें महीने यानी कि मई का आरंभ पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के तहत शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को होगा और इसका समापन हस्त नक्षत्र के अंतर्गत शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि यानी कि 31 मई 2023 को होगा। आपको बता दें कि इस महीने के पहले और अंतिम दिन एकादशी का व्रत किया जाएगा, लेकिन 31 मई 2023 को एकादशी तिथि दोपहर 01 बजकर 47 मिनट तक रहेगी और उसके बाद द्वादशी तिथि लग जाएगी। सबसे पहले अब हम जानेंगे मई में जन्म लेने वालों के व्यक्तित्व के बारे में।
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मई में जन्मे लोगों के व्यक्तित्व में पाई जाती हैं ये विशेषताएं
मई में जन्मे लोगों का व्यक्तित्व
हर इंसान के स्वभाव में अच्छे और बुरे दोनों ही तरह के गुण मौजूद होते हैं। साथ ही, प्रत्येक व्यक्ति के व्यक्तित्व में कुछ ऐसे लक्षण पाए जाते हैं जो उन्हें सबसे हट कर बनाते हैं। ऐसे ही, ज्योतिष में साल के 12 महीनों का अपना अलग महत्व होता है और इसी प्रकार, व्यक्ति का जन्म जिस भी महीने में होता है उसी के आधार पर मनुष्य के व्यवहार और स्वभाव के बारे में काफ़ी कुछ पता लगाया जा सकता है। यहां हम बात कर रहे हैं मई में पैदा होने वाले लोगों के बारे में और अगर आपका जन्म भी मई में हुआ है, तो अपने स्वभाव के बारे में जानने के लिए इस ब्लॉग को पढ़ना जारी रखें।
जिन लोगों का जन्म मई के महीने में होता है वह आमतौर पर लोकप्रिय होते हैं। अगर इनके व्यक्तित्व की बात करें तो, यह आकर्षक पर्सनालिटी के मालिक होते हैं। दूसरे लोग जल्द ही इनसे प्रभावित हो जाते हैं। ये लोग हमेशा जोश से भरे रहते हैं और बहुत ही महत्वाकांक्षी होते हैं। मई में जन्मे लोगों को सपने देखना बेहद पसंद होता है और ज्यादातर इन्हें सपने बुनते हुए देखा जा सकता है। हालांकि, यह लोग काफ़ी समय तक एक काम में लगे नहीं रह सकते हैं और जल्द ही उस काम से ऊब जाते हैं। साथ ही, इन लोगों को किसी के दबाव में आकर काम करना बिल्कुल पसंद नहीं होता है।
मई में पैदा होने वाले व्यक्तियों की कल्पना शक्ति काफ़ी शानदार होती है और इनका दिमाग भी तेज़ होता है। बड़ी से बड़ी समस्या का भी समाधान अपनी बुद्धि के बल पर ढूंढ लेते हैं। इस महीने में जन्मी महिलाओं की बात करें तो, यह अपने व्यक्तित्व से अन्य लोगों को जल्द ही प्रभावित करने में सक्षम होती है। जहाँ तक प्रेम जीवन का सवाल है, तो इन जातकों पर शुक्र का प्रभाव देखने को मिलता है जिसके चलते ये लोग बहुत ही रोमांटिक किस्म के होते हैं। हालांकि, इन्हें लोगों के साथ घुलने-मिलने में थोड़ा समय लगता है।
मई में जन्म लेने वालों के करियर पर दृष्टि डालें तो, यह लोग ज्यादातर पायलट, कंप्यूटर इंजीनियर, पत्रकार या फिर प्रशासनिक अधिकारी होते हैं जबकि इस माह में जन्म लेने वाली लड़कियों का फैशन सेंस काफ़ी अच्छा होता है और अगर ये फैशन इंडस्ट्री में करियर बनाती हैं, तो निश्चित रूप से सफलता हासिल करती हैं। हालांकि, हम इस महीने जन्म लेने वाली महिलाओं के नकारात्मक पक्ष की बात करें तो, इनके व्यक्तित्व में अहंकार की भावना पाई जाती है और इस वजह से ये छोटी-छोटी बातों पर रूठ जाया करती हैं। अगर ये किसी से एक बार नाराज़ हो जाएं तो दोबारा उस इंसान पर भरोसा करना इनके लिए मुश्किल होता है।
वहीं, मई में जन्मे पुरुष ज्यादातर गुस्सैल और ज़िद्दी स्वभाव के होते हैं। इन्हें गुस्सा जल्दी आता है इसलिए इन अवगुणों के चलते इन्हें कई बार सफलता पाने की राह में समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
मई में जन्मे लेने वालों के लिए भाग्यशाली अंक: 2,3,7,8
मई में जन्मे लेने वालों के लिए भाग्यशाली रंग: सफ़ेद, मरीन ब्लू, मेहंदी रंग
मई में जन्मे लेने वालों के लिए शुभ दिन: रविवार, सोमवार, शनिवार
मई में जन्मे लेने वालों के लिए भाग्यशाली रत्न: ब्लू टोपाज (नीला पुखराज)
मई में जन्मे लोगों के व्यक्तित्व के बारे में जानने के बाद अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं मई 2023 में आने वाले बैंक अवकाशों के बारे में।
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मई 2023 में आने वाले बैंक अवकाशों की सूची
दिन | बैंक अवकाश | किस राज्य में मान्य होगा |
1 मई 2023, सोमवार | महाराष्ट्र दिवस | महाराष्ट्र |
1 मई 2023, सोमवार | मई दिवस | असम, बिहार, गोवा, कर्नाटक, केरल, मणिपुर, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी |
5 मई 2023, शुक्रवार | बुद्ध पूर्णिमा | अंडमान और निकोबार, अरुणाचल प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, चंडीगढ़, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, जम्मू और कश्मीर, महाराष्ट्र, उड़ीसा, मिजोरम, त्रिपुरा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल |
9 मई 2023, मंगलवार | गुरु रवींद्रनाथ जयंती | त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल |
16 मई 2023, मंगलवार | राज्य दिवस | सिक्किम |
22 मई 2023, सोमवार | महाराणा प्रताप जयंती | हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान |
24 मई 2023, बुधवार | काजी नजरूल इस्लाम जयंती | त्रिपुरा |
मई 2023 का धार्मिक महत्व
साल के हर महीने का अपना महत्व होता है और इसी तरह मई माह भी धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। एक तरफ, जहां मई की शुरुआत वैशाख माह के अंतर्गत होगी जो कि बेहद शुभ महीना माना गया है, तो वहीं इसका समापन ज्येष्ठ माह के तहत होगा। इन दोनों महीनों को ही हिंदू धर्म में विशेष स्थान प्राप्त है। हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख का आरंभ चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि के बाद होता है यानी कि ये हिंदू वर्ष का दूसरा माह होता है। वर्ष 2023 में वैशाख माह की शुरुआत 07 अप्रैल 2023 को होगी और इसकी समाप्ति बुद्ध पूर्णिमा के साथ 05 मई को होगी।
धार्मिक दृष्टि से, वैशाख का महीना गंगा स्नान के साथ-साथ दान-पुण्य करने के लिए बेहद शुभ होता है और इस दौरान किये गए पुण्य कार्यों से व्यक्ति को कई गुना फलों की प्राप्ति होती हैं। धार्मिक ग्रंथों में वैशाख को पाप कर्मों से मुक्ति प्रदान करने वाला बताया गया है। वैसे तो, इस माह को माधव मास भी कहा जाता है जो कि भगवान विष्णु का ही एक नाम है इसलिए वैशाख में श्रीहरि विष्णु की पूजा का विधान है। लेकिन इस दौरान विष्णु जी के साथ महादेव और ब्रह्मा जी अर्थात त्रिदेव की भी पूजा की जाती हैं, तो यह विशेष रूप से फलदायी साबित होती है। इस दौरान प्रतिदिन तांबे के लोटे से सुबह-सवेरे सूर्य देव को अर्घ्य देने से मनुष्य को सभी पापों से मुक्ति मिलती हैं। बुद्ध पूर्णिमा के साथ ही वैशाख माह का अंत हो जाएगा और ज्येष्ठ माह का आगाज़ हो जाएगा।
हिंदू कैलेंडर में ज्येष्ठ का महीना तीसरा होता है जो कि बेहद ख़ास माना जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, यह माह सामान्य तौर पर मई और जून में पड़ता है और इसे ज्येष्ठ के अलावा जेट के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि, वर्ष 2023 में ज्येष्ठ मास की शुरुआत 6 मई को होगी और 4 जून 2023 को ज्येष्ठ पूर्णिमा के साथ इसका अंत होगा। आपको बता दें कि सनातन धर्म में प्रत्येक महीने का नाम नक्षत्र पर आधारित होता है। इसी प्रकार, ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा के दिन चंद्रमा ज्येष्ठ नक्षत्र में होता है इसलिए इस महीने को ज्येष्ठ मास कहा जाता है।
ज्येष्ठ के महीने में ही सूर्य वृषभ राशि में प्रवेश करता है और इस माह में सूर्य काफ़ी शक्तिशाली स्थिति में होते हैं इसलिए इस दौरान भयंकर रूप से गर्मी पड़ती है। साथ ही, इस माह में सूर्य की ज्येष्ठा को देखते हुए भी इसे ज्येष्ठ कहते हैं। हालांकि, यह महीना मनुष्य को जल के महत्व को समझाने का कार्य भी करता है। सूर्य देव की उपासना और उनका आशीर्वाद पाने की दृष्टि से भी ज्येष्ठ माह महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्येष्ठ में पड़ने वाले मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करना भी अत्यंत शुभ होता है।
दूसरी तरफ, व्रत और त्योहारों की दृष्टि से ज्येष्ठ मास को एक अलग स्थान प्राप्त है क्योंकि इस दौरान शनि जयंती, निर्जला एकादशी और गंगा दशहरा जैसे प्रमुख पर्वों को मनाया जाता है। मई 2023 में आने वाले त्योहारों के बाद अब हम आपको इन पर्वों की तिथियों से रूबरू करवाते हैं।
मई 2023: व्रत एवं त्योहारों की तिथि
तिथि | दिन | त्यौहार या पर्व |
1 मई, 2023 | सोमवार | मोहिनी एकादशी |
3 मई, 2023 | बुधवार | प्रदोष व्रत(शुक्ल) |
5 मई, 2023 | शुक्रवार | वैशाख पूर्णिमा व्रत |
8 मई, 2023 | सोमवार | संकष्टी चतुर्दशी |
15 मई, 2023 | सोमवार | अपरा एकादशी, वृषभ संक्रांति |
17 मई, 2023 | बुधवार | मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
19 मई, 2023 | शुक्रवार | ज्येष्ठ अमावस्या |
31 मई, 2023 | बुधवार | निर्जला एकादशी |
मई में मनाये जाने वाले व्रत एवं त्योहारों का धार्मिक महत्व
मोहिनी एकादशी व्रत (01 मई 2023, सोमवार): सनातन धर्म में वर्ष भर में आने वाली 24 एकादशियों का अपना विशिष्ट महत्व होता है और इस दिन भक्तों द्वारा व्रत किया जाता है। इसी क्रम में, मोहिनी एकादशी को अत्यंत शुभ और फलदायी माना गया है जो कि प्रतिवर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को मनाई जाती है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा-आराधना करने और उपवास रखने से भक्त को मोह माया के बंधन से मुक्ति मिलती है। साथ ही, घर-परिवार में सुख-समृद्धि में भी बढ़ोतरी होती है।
प्रदोष व्रत (शुक्ल) (03 मई 2023, बुधवार): हिंदू धर्म में हर माह में अनेक प्रकार के व्रतों को श्रद्धापूर्वक किया जाता है और उन्हीं में से एक है प्रदोष व्रत। हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रदोष व्रत को हर माह के शुक्ल और कृष्ण की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है जो कि माता पार्वती और भगवान शिव को समर्पित होता है। धार्मिक ग्रंथों में ऐसा वर्णित है कि इस व्रत को करने से दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है। कहा जाता है कि जो भक्त प्रदोष व्रत को सच्चे दिल से करते हैं उन्हें मनचाही वस्तु की प्राप्ति होती है।
वैशाख पूर्णिमा व्रत (05 मई 2023, शुक्रवार): सनातन धर्म में प्रत्येक माह में पूर्णिमा आती है और इस प्रकार, एक साल में 12 पूर्णिमा तिथि पड़ती है। इन्हीं में से एक है वैशाख पूर्णिमा जिसे बुद्ध पूर्णिमा, सत्य विनायक पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। पंचांग के अनुसार, यह पूर्णिमा वैशाख माह में आती है और इस दिन धार्मिक कार्यों समेत दान-पुण्य आदि करने का विशेष महत्व माना गया है। वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था इसलिए बौद्ध धर्म के अनुयायी इस दिन को बेहद धूमधाम से मनाते हैं। इस पूर्णिमा के अवसर पर धर्मराज की पूजा भक्ति भाव से की जाती है और मान्यता है कि ऐसा करने से जातकों को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है।
संकष्टी चतुर्थी (08 मई 2023, सोमवार): संकष्टी चतुर्थी का पर्व प्रथम पूज्य विघ्नहर्ता गणेश को समर्पित होता है जो कि हिंदू धर्म का एक लोकप्रिय त्यौहार है। संकष्टी चतुर्थी के अर्थ के बारे में बात करें तो, इसका मतलब है कि संकट को हरने वाली चतुर्थी और सनातन धर्म में भगवान गणेश को भक्तों के कष्टों एवं दुखों को हरने वाला माना गया है इसलिए इन्हें प्रसन्न करने के लिए भक्तों द्वारा संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जाता है। इस दिन भक्तजन सूर्योदय से लेकर चंद्रमा के उदय होने तक व्रत करते हैं।
अपरा एकादशी (15 मई 2023, सोमवार): अपरा एकादशी को अति शुभ एवं पावन माना जाता है और इस एकादशी को अजला के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की ग्यारस यानी कि ग्यारहवां तिथि को अपरा एकादशी मनाई जाती है। भक्तों को इस एकादशी का व्रत रखने से धन-धान्य और अपार पुण्य की प्राप्ति होती है। यदि कोई जातक अपरा एकादशी का व्रत करता है तो उसे केदारनाथ-बद्रीनाथ के दर्शन के समान फल मिलता है। मान्यता है कि इस एकादशी का वर्णन द्वापर युग में स्वयं श्रीकृष्ण ने पांडवों को बताया था।
वृषभ संक्रांति (15 मई 2023, सोमवार): जब-जब सूर्य देव एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो इस घटना को संक्रांति के तौर पर मनाया जाता है और साल में कुल 12 बार सूर्य अपना राशि परिवर्तन करते हैं। इस प्रकार, वर्षभर में कुल 12 बार संक्रांति आती हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, सूर्य ग्रह जब मेष राशि से वृषभ राशि में प्रवेश करते हैं, तो इसे वृषभ संक्रांति के नाम से जाना जाता है। जिस दिन सूर्य अपनी राशि बदलते हैं वह दिन सभी तरह के धार्मिक कार्यों के लिए शुभ माना जाता है।
मासिक शिवरात्रि (17 मई 2023, बुधवार): सनातन धर्म में महाशिवरात्रि और मासिक शिवरात्रि का पर्व भगवान शिव को समर्पित होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का त्यौहार मनाया जाता है और इस पर्व से जुड़ी ऐसी मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से व्यक्ति की बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान हो जाता है। इस तिथि पर शिव जी का विधि-विधान से पूजन किया जाता है।
ज्येष्ठ अमावस्या (19 मई 2023, शुक्रवार): अमावस्या तिथि को पितरों की शांति के लिए किये जाने वाले दान-पुण्य और तर्पण आदि कार्यों के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इन्हीं में से एक है ज्येष्ठ अमावस्या जो कि ज्येष्ठ माह में आती है इसलिए इसे ज्येष्ठ अमावस्या कहा जाता है। ज्येष्ठ माह में पड़ने वाली अमावस्या के दिन ही शनि जयंती भी मनाई जाती है जो इस तिथि के महत्व को और बढ़ाती है। उत्तर भारत में सौभाग्यवती महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी आयु के लिए वट सावित्री व्रत भी करती हैं।
निर्जला एकादशी (31 मई 2023, बुधवार): साल भर में आने वाली सभी एकादशियों में निर्जला एकादशी को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। महर्षि वेदव्यास के कहने पर भीम ने निर्जला एकादशी का व्रत किया था इसलिए इसे भीमसेन एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस व्रत की गिनती वर्ष के सबसे कठोर व्रतों में होती हैं क्योंकि निर्जला एकादशी का व्रत बिना पानी पिये सूर्योदय से लेकर अगले दिन द्वादशी तिथि के सूर्योदय तक किया जाता है। जातक को निर्जला एकादशी व्रत करने से साल भर की एकादशियों का पुण्य प्राप्त होता है।
मई 2023 में पड़ने वाले ग्रहण और गोचर
अगर हम मई में लगने वाले ग्रहण और ग्रहों के होने वाले गोचर के बारे में बात करें, तो इस माह में बड़े 4 ग्रहों के गोचर होने जा रहे हैं जबकि 1 ग्रह अपनी स्थिति में दो बार परिवर्तन करेगा। हालांकि, इस दौरान चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। आइये जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
शुक्र का मिथुन राशि में गोचर (02 मई 2023): प्रेम के कारक ग्रह शुक्र 02 मई 2023 की दोपहर 01 बजकर 46 मिनट पर अपनी राशि वृषभ से निकलकर अपने मित्र बुध के स्वामित्व वाली राशि मिथुन में प्रवेश करेंगे और इस राशि में शुक्र ग्रह 30 मई 2023 तक रहेंगे।
मंगल का कर्क राशि में गोचर (10 मई 2023): लाल ग्रह के नाम से विख्यात मंगल 10 मई 2023 की दोपहर 01 बजकर 44 मिनट पर चंद्रमा की आधिपत्य वाली राशि कर्क में गोचर करेंगे। इस राशि में मंगल ग्रह 01 जुलाई 2023 तक विराजमान रहेंगे।
बुध का मेष राशि में उदय (10 मई 2023): जिस दिन मंगल कर्क राशि में गोचर करेंगे उसी दिन यानी कि 10 मई 2023 की रात 12 बजकर 53 मिनट पर बुध अपनी अस्त अवस्था से बाहर आते हुए मेष राशि में उदय हो जाएंगे।
सूर्य का वृषभ राशि में गोचर (15 मई 2023): ग्रहों के राजा कहे जाने वाले सूर्य 15 मई 2023 की सुबह 11 बजकर 32 मिनट पर मेष राशि से निकलकर राशि चक्र की दूसरी राशि वृषभ में प्रवेश करेंगे और तक़रीबन एक महीने तक इसी राशि में मौजूद होंगे।
बुध मेष राशि में मार्गी (15 मई 2023): मई के महीने में बुध अपनी स्थिति में दोबारा परिवर्तन करते हुए 15 मई 2023 की सुबह 08 बजकर 30 मिनट पर अपनी वक्री अवस्था से पुनः मेष राशि में मार्गी हो जाएंगे।
शुक्र का कर्क राशि में गोचर (30 मई 2023): मई माह का अंतिम गोचर शुक्र ग्रह का होगा जो कि 30 मई 2023 की शाम 07 बजकर 39 मिनट पर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। शुक्र मिथुन राशि से चंद्रमा के स्वामित्व वाली राशि कर्क में गोचर करेंगे।
मई 2023 में लगने वाला ग्रहण
उपच्छाया चंद्र ग्रहण (05 मई 2023): वर्ष 2023 का दूसरा ग्रहण 05 मई 2023 को लगने जा रहा है जो कि एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा। यह साल का पहला चंद्र ग्रहण होगा जो कि वैशाख पूर्णिमा के दिन लगेगा। इस उपच्छाया ग्रहण की शुरुआत रात 08 बजकर 44 मिनट पर होगी और इसका अंत 06 मई की रात 01 बजकर 02 मिनट पर होगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा इसलिए सूतक काल मान्य होगा।
राशि चक्र की 12 राशियों के लिए मई 2023 का राशिफल
मेष राशि
- मेष राशि वालों पर इस महीने काम का दबाव अत्यधिक होगा और आपके सामने कुछ नई चुनौतियां आ सकती हैं।
- 15 मई के बाद सूर्य, राहु और बुध का पहले भाव में होना उन जातकों के लिए फलदायी होगा जो विदेश में पढ़ाई कर रहे हैं।
- इन जातकों को पारिवारिक जीवन में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, परिवार के सदस्यों के साथ विवाद होने की आशंका है।
- प्रेम संबंधों में मधुरता बनाए रखने में आपको मुश्किल हो सकती है।
उपाय: मंगलवार के दिन राहु और केतु के लिए हवन करें।
वृषभ राशि
- इन जातकों को करियर में उतार-चढ़ावों से जूझना पड़ सकता है। साथ ही, ट्रांसफर होने की भी संभावना है।
- वृषभ राशि वालों का स्वास्थ्य इस महीने अच्छा रहेगा लेकिन महीने के दूसरे भाग में आप चिंतित नज़र आ सकते हैं।
- व्यापारी वर्ग को इस दौरान कम लाभ होने की आशंका है लेकिन प्रतिस्पर्धियों से कड़ी टक्कर मिल सकती है।
- आर्थिक रूप से ये महीना थोड़ा कमज़ोर रह सकता है और आर्थिक तंगी आपकी परेशानी का कारण बन सकती है।
उपाय: शनिवार के दिन राहु के लिए हवन/यज्ञ करें।
मिथुन राशि
- मिथुन राशि के जातकों के लिए मई का महीना अच्छा रहेगा और आपको धन कमाने के अनेक अवसर प्राप्त होंगे।
- शनि के नौवें भाव में होने से आपको करियर के क्षेत्र में अच्छे परिणामों की प्राप्ति होगी।
- इन लोगों को अपनी नौकरी के माध्यम से विदेश जाने का अवसर मिल सकता है।
- पारिवारिक जीवन की बात करें तो, इस महीने आपका परिवार सुख-शांति और समृद्धि से पूर्ण रहेगा।
उपाय: प्रतिदिन “ऊँ नमो नारायणा” का 41 बार जाप करें।
कर्क राशि
- बिज़नेस करने वाले को प्रतिद्वंदियों से कड़ा मुकाबला मिल सकता है। ऐसे में, रणनीति बदलना आपके लिए फलदायी साबित होगा।
- इन जातकों को पढ़ाई में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और इसका असर शिक्षा पर दिखाई दे सकता है।
- आशंका है कि शनि की आठवें भाव में मौजूदगी प्रेम और वैवाहिक जीवन में बाधाओं का कारण बनें। ऐसे में, रिश्ते में खटास आ सकती है।
- कर्क राशि वालों के ख़र्चों में वृद्धि हो सकती हैं क्योंकि इन्हें अपनी माता के स्वास्थ्य पर धन खर्च करना पड़ सकता है।
उपाय: सोमवार के दिन चंद्रमा के लिए यज्ञ और हवन करें।
सिंह राशि
- करियर के क्षेत्र में इन जातकों को अपने सहकर्मियों के साथ कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
- हो सकता है कि सिंह राशि वालों को परिवार के सदस्यों के बीच अहंकार के चलते मतभेद से जूझना पड़ें।
- इस अवधि में आपको धन कमाने के नए-नए अवसर मिलेंगे। हालांकि, खर्चे पूरे करना आपको चुनौतीपूर्ण लग सकता है।
- इस महीने आप एकदम फिट रहेंगे जिसके चलते आप ऊर्जा से भरे रहेंगे।
उपाय: प्रतिदिन सुबह-सवेरे सूर्य की पूजा करें।
कन्या राशि
- आर्थिक दृष्टि से, मई में कन्या राशिवालों के ख़र्चों में बढ़ोतरी होने की आशंका है जिन्हें पूरा करने में आप असफल रह सकते हैं।
- इन जातकों को करियर में तरक्की हासिल करने का कोई बेहतरीन अवसर हाथ लग सकता है।
- जो छात्र पढ़ाई करते हैं उन्हें मई में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
- परिवार में कलह और मतभेद होने की आशंका है। साथ ही, जीवनसाथी के साथ आप किसी बहस में पड़ सकते हैं।
उपाय: प्रतिदिन मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करें।
तुला राशि
- तुला राशि वालों को करियर में कुछ उतार-चढ़ावों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, कार्यों में भी देरी हो सकती हैं।
- बिज़नेस करने वाले जातकों को मई के महीने में मुनाफा होने की संभावना है।
- शुक्र के दसवें भाव में होने से आपके रिश्ते में समस्याएं पैदा हो सकती हैं और तालमेल में कमी भी देखने को मिल सकती है।
- जो जातक शेयर बाजार से संबंध रखते हैं उन्हें इस दौरान फायदा हो सकता है।
उपाय: रोज़ाना 41 बार “ऊँ केतवे नमः” का जाप करें।
वृश्चिक राशि
- वृश्चिक राशि वालों को धन से जुड़े मामलों में योजना बनाकर चलना होगा जिससे आप आर्थिक नुकसान से बच सकें।
- इन जातकों को ऑफिस का काम बेहद ध्यान से करना होगा क्योंकि आपसे गलती होने की आशंका है।
- संभव है कि इस राशि के छात्रों का मन पढ़ाई में न लगे जिसका असर आपके परीक्षा परिणामों पर पड़ सकता है।
- मई के महीने में आपको सिर दर्द और पाचन से संबंधित समस्याएं परेशान कर सकती हैं।
उपाय: प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें।
धनु राशि
- धनु राशि वालों को विदेश में नौकरी के अवसर प्राप्त हो सकते हैं जो आपके लिए फलदायी साबित हो सकते हैं।
- जिन जातकों का अपना बिज़नेस है वह इस माह अच्छा मुनाफा कमाएंगे और प्रतिद्वंदियों पर भी जीत हासिल करेंगे।
- इस राशि के छात्र शिक्षा में तेज़ी से आगे बढ़ेंगे। साथ ही, पढ़ाई करने के लिए ये लोग विदेश भी जा सकते हैं।
- यह जातक धन लाभ कमाने के साथ-साथ उसकी बचत करने में भी सक्षम होंगे।
उपाय: मंगलवार के दिन राहु के लिए हवन/यज्ञ करें।
मकर राशि
- मकर राशि के जातकों को करियर में मिले-जुले परिणाम प्राप्त होने की संभावना है।
- इन लोगों को पारिवारिक जीवन में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, संपत्ति से संबंधित विवाद होने की आशंका है।
- जो लोग पहले से रिलेशनशिप में हैं उन्हें ये महीना थोड़ा मुश्किल लग सकता है।
- आपको धन कमाने के लिए मई में कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है।
उपाय: प्रतिदिन “ऊँ हनुमते नमः” का 21 बार जाप करें।
कुंभ राशि
- मई के महीने में कुंभ राशि वालों को करियर के क्षेत्र में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
- सेहत की दृष्टि से, यह महीना थोड़ा मुश्किल रह सकता है क्योंकि आपको पीठ में दर्द की शिकायत हो सकती है।
- इस माह धन को लेकर सावधानी बरतनी होगी क्योंकि हानि होने की आशंका है।
- जो जातक इस महीने शादी की योजना बना रहे हैं उन्हें इस योजना को आगे टालना पड़ सकता है।
उपाय: प्रतिदिन “ऊँ नमो नारायण” का 108 बार जाप करें।
मीन राशि
- मीन राशि वालों को नौकरी में अधिकारियों की तरफ से परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
- व्यापार करने वाले जातको को बिज़नेस में सोच-समझकर आगे बढ़ना होगा, अन्यथा हानि हो सकती है।
- शादीशुदा जातकों के वैवाहिक जीवन में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। पार्टनर के साथ आपसी समझ में कमी रह सकती है।
- इन जातकों के सामने ऐसे खर्चे आ सकते हैं जिन्हें टालना आपको मुश्किल लग सकता है।
उपाय: नियमित रूप से हनुमान जी की पूजा-अर्चना करें।
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