मंगल की मिथुन राशि में स्थिति बना रही है तीन खतरनाक योग

मंगल ग्रह का मिथुन राशि में गोचर हुआ था। मंगल ग्रह मिथुन राशि में 22 जून 2019 तक रहेगा। मिथुन राशि में मंगल का गोचर तीन अलग-अलग अशुभ योगों का निर्माण कर रहा है। यह अशुभ योग हैं शनि-मंगल का समसप्तक योग, गुरु-मंगल का षडाष्टक योग और राहु-मंगल का अंगारक योग। आइये अब हम आपको बताते हैं इन योगों के बारे में और इनसे लोगों पर पड़ने वाले असर के बारे में।

शनि-मंगल का समसप्तक योग

मंगल ग्रह के मिथुन राशि में गोचर से शनि और मंगल के बीच समसप्तक योग का निर्माण हो रहा है क्योंकि मंगल से शनि सप्तम और शनि से मंगल भी सप्तम स्थान में स्थित है। शनि और मंगल को सम ग्रही कहा जाता है। इन दोनों ग्रहों के बीच बनने वाले इस योग से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। मंगल दोष, शनि की साढ़ेसाती या मंगल की महादशा के अंतर्गत आने वाले जातकों को इस समय वाद-विवाद का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही आपको बीमारियां भी घेर सकती हैं।

मंगल-गुरु का षडाष्टक योग

मिथुन राशि में मंगल ग्रह के गोचर से गुरु और मंगल के बीच षडाष्टक योग बन रहा है। षडाष्टक योग का अर्थ है जब दो राशियों के बीच दूरी का संबंध 6-8 का हो जाता है। मंगल जब मिथुन राशि में होगा तो गुरु वृश्चिक राशि में होगा। इस तरह से मंगल से गुरु की स्थिति छठे घर में और गुरु से मंगल की स्थिति आठवें घर में होने से षडाष्टक योग बनेगा।

बृहस्पति और मंगल ग्रह परस्पर शत्रु हैं। यह योग लोगों में तामसिक गुणों की वृद्धि करेगा। इस समय लोग लंबी बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। इसके साथ ही मानसिक रुप से भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। चलते हुए काम रुक सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि इसी योग के कारण भगवान राम को भी 14 वर्ष का वनवास भोगना पड़ा था।

राहु-मंगल के बीच बन रहा है अंगारक योग

राहु की स्थिति पहले से ही मिथुन राशि में है। मिथुन राशि में ही मंगल के प्रवेश कर जाने से राहु-मंगल की युति हो रही है। इस युति के कारण अंगारक योग का निर्माण हो रहा है। इस योग के चलते लोगों के बीच वाद-विवाद की स्थितियां बनेंगी। क्रोध की अधिकता भी इस समय लोगों में देखी जा सकती है। इस योग की वजह से दुर्घटनाएं होने की भी संभावनाएं बढ़ सकती हैं।

ऊपर दिये गये दुर्योगों से बचने के उपाय

  1. भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र ॐ नम: शिवाय का प्रतिदिन जाप करें।
  2. मंगल यंत्र को घर में स्थापित करें और उसकी रोजाना पूजा करें।
  3. हनुमान जी की पूजा करके भी आपको अच्छे परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।
  4. जरुरत मंदों को भोजन करवाएं।