मंगल कन्या राशि में अस्त: साहस, पराक्रम और युद्ध आदि के कारक ग्रह मंगल को रक्त, विवाद, बिजली और तकनीक जैसे क्षेत्रों पर विशेष आधिपत्य प्राप्त हैं। अब मंगल ग्रह 24 सितंबर 2023 को कन्या राशि में गोचर करते हुए अस्त हो रहे हैं। विशेष बात यह है कि मंगल 24 सितंबर से लेकर पूरे साल 2023 में अस्त रहेंगे और 16 जनवरी 2024 को जाकर उदित होंगे। 24 सितंबर 2023 के बाद से लेकर मंगल साल 2023 में अस्त ही बने रहेंगे। आइए जानते हैं कि मंगल के अस्त होने का भारतवर्ष पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है?
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मंगल अस्त का भारत पर प्रभाव
मंगल के अस्त होने से हमारे पड़ोसी राष्ट्र जैसे कि चीन और पाकिस्तान देश की सीमा में घुसने की या भारत की जमीन पर कब्ज़ा करने की कोशिश कर सकते हैं। इन सबके बीच चिंता की बात यह रहेगी कि हमारे देश की सुरक्षा प्रणाली इन गतिविधियों से अनजान रह सकती है क्योंकि मंगल पांचवें भाव में अस्त हो रहा है। साथ ही, विद्यार्थी अथवा युवा वर्ग शासन-प्रशासन की नीतियों से असंतुष्ट रह सकता है। कहीं-कहीं पर विद्यार्थियों के द्वारा असंतुष्ट होकर प्रदर्शन इत्यादि भी किए जा सकते हैं। किसी शिक्षण संस्थान आदि से जुड़े कुछ नकारात्मक समाचार भी सुनने को मिल सकते हैं। व्यक्तिगत लेवल पर बात करें तो, मंगल का यह गोचर कुछ लोगों के लिए अच्छा तो वहीं कुछ लोगों के लिए कमज़ोर परिणाम भी दे सकता है। आपके लिए मंगल का कन्या राशि में अस्त होना कैसे परिणाम देगा? आइए जानते हैं।
मंगल कन्या राशि में अस्त: 12 राशियों पर प्रभाव और उपाय
मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए मंगल आपकी कुंडली में आपके राशि स्वामी होने के साथ-साथ आठवें भाव के भी स्वामी हैं और फिलहाल मंगल आपके छठे भाव में होकर अस्त हो रहे हैं क्योंकि छठे भाव में मंगल का गोचर सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला कहा गया है। ऐसे में मंगल का अस्त होना अच्छाइयों में कुछ कमी देने का काम कर सकता है। यद्यपि कोर्ट-कचहरी से जुड़े मामलों में कोई बड़ी परेशानी नहीं आएगी, लेकिन परिणामों में थोड़ी कमी रह सकती है या फिर किसी मामले में थोड़ा सा अधिक समय लग सकता है। वैसे तो स्वास्थ्य की दृष्टिकोण से मंगल का छठे भाव में गोचर अच्छा है क्योंकि आपका राशि स्वामी होकर मंगल अस्त हो रहा है, लिहाजा स्वास्थ्य के प्रति अब थोड़ी अधिक जागरूकता जरूरी रहेगी। मंगल का यह गोचर अच्छे परिणाम ही देता रहेगा लेकिन अस्त होने के कारण अच्छाई के ग्राफ में थोड़ी सी कमी देखने को मिल सकती है।
उपाय: मित्रों को नमकीन खाद्य सामग्री खिलाना शुभ रहेगा।
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए मंगल आपकी कुंडली में सातवें और द्वादश भाव के स्वामी हैं और यह आपके पंचम भाव में गोचर करते हुए अस्त हो रहे हैं। मंगल के गोचर को पंचम भाव में अच्छा नहीं माना गया है। लिहाजा, मंगल के अस्त होने से पंचम भाव पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। लेकिन क्योंकि सप्तम भाव का स्वामी अस्त हो रहा है तो ऐसी स्थिति में विवाहित जातकों को अपने लाइफ पार्टनर के स्वास्थ्य का ख्याल रखना होगा। साथ ही, यदि एक-दूसरे को समझने में कुछ कठिनाई आए तो शांतचित्त होकर उन्हें दोबारा जानने की कोशिश करें। विदेश आदि से संबंधित मामलों में भी तुलनात्मक रूप से थोड़ी कठिनाई देखने को मिल सकती है। विद्यार्थियों को भी अधिक मेहनत करने की जरूरत होगी अर्थात मंगल के अस्त होने से आपको कोई बड़ी नकारात्मकता देखने को नहीं मिलेगी। बस परिणाम में कुछ छोटी-मोटी कमियां देखने को मिल सकती हैं। ज्यादातर मामले पहले के जैसे ही चलते रहने चाहिए।
उपाय: नीम के पेड़ की जड़ों पर जल चढ़ाना शुभ रहेगा।
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मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए मंगल आपकी कुंडली में छठे तथा लाभ भाव के स्वामी हैं और यह आपके चौथे भाव में गोचर करते हुए अस्त हो रहे हैं। हालांकि, मंगल को चौथे भाव में अच्छा नहीं माना जाता है। लिहाजा, मंगल के अस्त होने से चौथे भाव से संबंधित मामलों में कोई बड़ी नकारात्मकता देखने को नहीं मिलेगी अर्थात भूमि, भवन, वाहन और गृहस्थ मामलों में जो जैसा चल रहा था ज्यादातर परिणाम वैसे ही चलने चाहिए। लेकिन, फिर भी इन तमाम मामलों को लेकर थोड़ा सा अधिक जागरूक रहेंगे तो अच्छा रहेगा। लाभ भाव का स्वामी अस्त हो रहा है, लिहाजा आमदनी के स्रोतों पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है यानी कि कार्यों में की गई मेहनत के परिणामों को प्राप्त करने में देरी देखने को मिल सकती है। नौकरीपेशा लोगों को अपनी नौकरी को लेकर थोड़ा सा असंतोष भी देखने को मिल सकता है। सारांश यह है कि मंगल का अस्त होना मिथुन राशि वालों को कोई बड़ी नकारात्मकता नहीं देगा। जो जैसा चल रहा था वैसा ही चलेगा। छोटे-मोटे परिवर्तन संभावित है, जिनका उल्लेख मैंने कर दिया है।
उपाय: बरगद की जड़ों पर मीठा दूध चढ़ाएं।
कर्क राशि
कर्क राशि वालों के लिए मंगल आपकी कुंडली में पांचवें तथा दशम भाव के स्वामी हैं और यह गोचर करके आपके तीसरे भाव में होकर अस्त हो रहे हैं। मंगल आपके लिए अच्छे ग्रह माने गए हैं और गोचर में भी मंगल अच्छी पोजीशन में हैं। ऐसी स्थिति में मंगल का अस्त होना अच्छे परिणामों में थोड़ी कमी देने का काम कर सकते हैं। हालांकि, कोई बहुत बड़ी कमी नहीं आएगी क्योंकि तीसरे भाव में मंगल का गोचर अपनी अच्छाइयों को देता रहेगा। अस्त होने के कारण वह उतनी दमदारी या मजबूती के साथ परिणाम नहीं दे पाएगा जैसा कि पहले दे रहा था। इस कारण से आपको अपने आत्मविश्वास को मेंटेन करने की जरूरत होगी। प्रतिस्पर्धात्मक कार्यों में आपको अच्छे परिणाम मिल रहे थे और आगे भी अच्छे परिणाम मिले इसके लिए मजबूती के साथ अपने प्रतिस्पर्धियों से लड़ने या उनसे आगे जाने की जरूरत होगी। शासन-प्रशासन से जुड़े मामलों में अच्छे परिणाम मिलेंगे, लेकिन मामला थोड़ा लंबित हो सकता है यानी कि कुछ देरी या व्यवधान के बाद आप अपनी मंजिल तक पहुंच सकेंगे। अच्छे समाचारों को सुनने के लिए भी आपको इंतज़ार करना पड़ सकता है अर्थात अच्छे परिणाम थोड़े से व्यवधान या देरी के बाद मिलते रहेंगे।
उपाय: क्रोध और अहंकार से बचना तथा भाइयों और मित्रों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना उपाय का काम करेगा।
सिंह राशि
सिंह राशि वालों के लिए मंगल आपकी कुंडली में चौथे तथा भाग्य भाव के स्वामी हैं। इस कारण से मंगल को आपकी कुंडली के लिए योगकारक ग्रह माना जाता है यानी मंगल सामान्य तौर पर आपको अच्छे परिणाम दिलाना चाहते हैं। लेकिन, वर्तमान में मंगल आपके दूसरे भाव में गोचर कर रहे हैं और दूसरे भाव में मंगल के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता है। लिहाजा, यहां का गोचर आपको मिले-जुले परिणाम दे रहा होगा। अब जबकि मंगल ग्रह अस्त हो रहे हैं तो उन परिणाम में थोड़ा विलंब या व्यवधान भी देखने को मिल सकता है। जैसे कि आर्थिक मामलों में कुछ छोटी-मोटी परेशानियां देखने को मिल सकती हैं। भूमि, भवन, वाहन आदि से संबंधित मामले कुछ समय के लिए लंबित हो सकते हैं। पिता अथवा पिता से जुड़े कार्य भी विलंब के बाद संपन्न हो सकते हैं। जैसे कि दूसरे भाव में मंगल के गोचर को अच्छा नहीं माना गया है। लिहाजा, शासन-प्रशासन तथा घर-गृहस्थी से जुड़े मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतनी है। साथ ही, इन मामलों में किसी भी प्रकार का जोखिम भी नहीं उठाना है। ऐसा करके आप परिणाम को संतुलित रखने में कामयाब हो सकेंगे।
उपाय: नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करें।
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कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए मंगल आपकी कुंडली में तीसरे तथा आठवें भाव के स्वामी हैं और वर्तमान में मंगल आपके पहले भाव में गोचर करते हुए अस्त हो रहे हैं। पहले भाव में मंगल के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता है क्योंकि ऐसा मंगल क्रोध या आवेश को बढ़ावा देने का काम कर सकता है। शरीर में अग्नि तत्वों के बढ़ जाने से चीज़ें कुछ हद तक असंतुलित होने लगती हैं। हालांकि, प्रथम भाव का मंगल यदि आपको नकारात्मक परिणाम दे रहा था तो अस्त होने के कारण उन नकारात्मक परिणामों में थोड़ी सी कमी आ सकती है। इसके बावजूद भी अपने मन को शांत रखने की जरूरत होगी। साथ ही, मौसम जनित बीमारियां जैसे कि जुकाम, खांसी, बुखार जैसी समस्याएं अगर आती हैं, तो उन्हें हल्के में न लेकर उनका उचित इलाज करवाना समझदारी का काम होगा। आग, बिजली या एसिड आदि से जुड़े काम करने वाले व्यक्तियों को सावधानीपूर्वक काम करने की आवश्यकता होगी। यदि संभव हो, तो इस अवधि में बेकार की यात्राओं से बचें। खासकर कम दूरी की यात्राएं कुछ हद तक कठिनाई भरी रह सकती हैं। यदि वाहन स्वयं चलाते हैं तो सावधानीपूर्वक वाहन चलाने की सलाह हम आपको देना चाहेंगे। साथ ही, निजी संबंधों में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें।
उपाय: मुफ्त में कोई भी चीज स्वीकार न करें, चाहे वह कोई गिफ्ट या उपहार ही क्यों न हो।
तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए मंगल आपकी कुंडली में दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं और वर्तमान में यह द्वादश भाव में गोचर करते हुए अस्त हो रहे हैं। सामान्य तौर पर द्वादश भाव में मंगल के गोचर को अच्छा नहीं माना गया है। ऐसी स्थिति में मंगल का अस्त होना नकारात्मक परिणामों में कुछ कमी करवा सकता है यानी द्वादश भाव में मंगल का गोचर यदि आपको नकारात्मक परिणाम दे रहा था तो उन परिणाम में कुछ कमी देखने को मिल सकती है। जैसे कि यदि खर्च अचानक से बढ़ गए थे और आपके नियंत्रण में नहीं आ रहे थे, तो मंगल के अस्त होने से आप उन खर्चों को नियंत्रित करने में कुछ हद तक सफल भी रह सकते हैं। हालांकि, जीवनसाथी या जीवन संगिनी के साथ यदि किसी भी प्रकार का विवाद रहा है तो मंगल के अस्त होने से वह कुछ कम हो सकता है, लेकिन मंगल साथी के स्वास्थ्य में कुछ कमज़ोरी देने का काम भी कर सकता है यानी विवाद तो शांत होंगे लेकिन चिंताएं रह सकती हैं। मंगल के अस्त होने के कारण नींद में भी कुछ व्यवधान देखने को मिल सकते हैं। भूमि-भवन आदि से संबंधित मामले में किसी भी प्रकार का रिस्क लेना ठीक नहीं रहेगा। साथ ही, अपनी पद-प्रतिष्ठा के प्रति जागरूक बने रहना भी समझदारी का काम होगा।
उपाय: हनुमान जी के मंदिर में लाल रंग की मिठाई चढ़ना और लोगों में विशेषकर मित्रों में प्रसाद रूप में बांटना शुभ रहेगा।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए मंगल आपके राशि स्वामी होने के साथ-साथ छठे भाव के स्वामी भी हैं जो गोचर करके आपके लाभ भाव में रहते हुए अस्त हो रहे हैं। सामान्य तौर पर मंगल का लाभ भाव में गोचर काफ़ी अच्छा माना गया है। ऐसी स्थिति में मंगल से मिलने वाले अच्छे परिणामों में कुछ हद तक कमी देखने को मिल सकती है। जैसे कि आप आर्थिक मामलों में अच्छा कर रहे थे तो इस अवधि में उन अच्छे परिणामों में थोड़ी कमी देखने को मिल सकती है यानी कि आप बहुत अच्छा नहीं सिर्फ अच्छा ही कर सकेंगे। साथ ही, मंगल के अस्त होने के कारण आपको अपने स्वास्थ्य को मेंटेन करने के लिए अब ज्यादा जागरूक रहने की जरूरत होगी। नौकरीपेशा लोगों को अपनी स्थिति मजबूत बनाए रखने के लिए थोड़ी एक्स्ट्रा मेहनत करनी पड़ सकती है। यदि आप जॉब में परिवर्तन करने के लिए सोच रहे थे, तो अब नई जगह ज्वाइन करने से पहले अच्छे से जांच-पड़ताल करेंगे तभी संतोष परिणाम मिल सकेंगे। जमीन-जायदाद से संबंधित मामलों में भी कोशिश करने के बाद ही अच्छे परिणाम मिल सकेंगे। आप अपने प्रतिस्पर्धियों से बेहतर तो कर सकेंगे, लेकिन प्रतिस्पर्धियों को हल्के में लेना फिलहाल के लिए ठीक नहीं रहेगा। कुल मिलाकर, परिणाम अच्छे ही मिलेंगे लेकिन बहुत अच्छे परिणाम पाने के लिए थोड़ी ज्यादा कोशिश करनी होगी।
उपाय: शिव जी का दूध से अभिषेक करें।
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धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए मंगल आपकी कुंडली में पांचवें और द्वादश भाव के स्वामी हैं और यह गोचर करके आपके कर्म स्थान में अस्त हो रहे हैं। वैसे तो, सामान्य तौर पर गोचर शास्त्र दशम भाव में मंगल के गोचर को अच्छा नहीं मानता है, लेकिन यहां बैठा मंगल आपको अच्छी ऊर्जा देता है और यदि आपने उस ऊर्जा को अच्छी तरह से उपयोग किया तो आपको परिणाम अच्छे मिल सकते हैं। वहीं, अनियंत्रित होने की अवस्था में अथवा मनमानी करने की अवस्था में परिणाम कमज़ोर मिल सकते हैं। इस भाव में मंगल का अस्त होना आपको मिले-जुले परिणाम दिलवाने का काम कर सकता है अर्थात अब पिछले दिनों की तुलना में कार्यक्षेत्र में अधिक जागरूकता दिखाने की जरूरत होगी। विदेश से संबंधित मामले थोड़े धीमी गति से संपन्न होंगे। यदि आप विद्यार्थी हैं तो अब आपको अपने सब्जेक्ट पर फोकस करने के लिए अधिक मेहनत करने की आवश्यकता होगी अर्थात कुछ सावधानियां को रखने के पश्चात आप पिछले दिनों की तरह ही परिणाम प्राप्त करने में कामयाब हो सकेंगे।
उपाय: निसंतान व्यक्तियों की सहायता करना और उनकी शुभकामनाएं लेना शुभ रहेगा।
मकर राशि
मकर राशि वालों के लिए मंगल आपकी कुंडली में चौथे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ लाभ भाव के भी स्वामी हैं और वर्तमान में यह आपके भाग्य स्थान पर रहते हुए अस्त हो रहे हैं। मंगल के गोचर को नवम भाव में अच्छा नहीं माना जाता है, लेकिन इस स्थिति को ख़राब भी नहीं कहा जा सकता है। यह गोचर आपको एवरेज लेवल के परिणाम दे सकता है। बशर्ते आप अपनी ऊर्जा को सही ढंग से इस्तेमाल कर पाएं। जैसे कि कॉन्फिडेंस होना अच्छी बात है लेकिन ओवरकॉन्फिडेंट होना खराब बात है। ऐसी स्थिति में संतुलित रहकर काम करते हुए आप अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। अस्त होने के कारण मंगल ग्रह घर-गृहस्थी से संबंधित मामलों में कुछ कमज़ोर परिणाम दे सकता है। साथ ही, लाभ के रास्ते में कुछ छोटे-मोटे व्यवधान नए सिरे से उत्पन्न हो सकते हैं। वरिष्ठों के साथ तालमेल बिठाकर काम करने की स्थिति में परिणाम तुलनात्मक रूप से बेहतर मिल सकेंगे।
उपाय: शिव जी का दूध मिले हुए जल से अभिषेक करें।
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कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों के लिए मंगल आपकी कुंडली में तीसरे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ कर्म स्थान के भी स्वामी हैं और गोचर करके आपके आठवें भाव में अस्त हो रहे हैं। आठवें भाव में मंगल के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता है। अस्त होने के कारण मंगल के नकारात्मक परिणामों में थोड़ी कमी देखने को मिल सकती है अर्थात आठवें भाव में होने से मंगल जो भी नकारात्मक परिणाम आपको दे रहे थे, अब उन परिणाम में कुछ कमी देखने को मिल सकती है, जो आपके लिए अच्छी बात होगी। हालांकि, कर्म स्थान के स्वामी का अस्त होना कामों में कुछ विलंब या व्यवधान देने का काम कर सकता है। साथ ही, मंगल तीसरे भाव के स्वामी हैं और ऐसी स्थिति में अपने कॉन्फिडेंस को मेंटेन करने की भी जरूरत रहने वाली है। कुछ सावधानियां को रखने की स्थिति में आप पिछले दिनों की तरह परिणाम प्राप्त करते रहेंगे। इस दौरान नकारात्मकता में कुछ हद तक कमी भी देखने को मिल सकती है।
उपाय: मंदिर में चने की दाल का दान करना शुभ रहेगा।
मीन राशि
मीन राशि वालों के लिए मंगल आपकी कुंडली में दूसरे तथा आठवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके सप्तम भाव में होकर अस्त हो रहे हैं। सप्तम भाव में मंगल के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता है। लिहाजा, मंगल के अस्त होने से सप्तम भाव से संबंधित मामलों में मिलने वाले नकारात्मक परिणामों में कमी देखने को मिल सकती है अर्थात यदि जीवनसाथी या जीवन संगिनी के साथ कोई विवाद चल रहा था तो अब अब उसे शांत करने के मौके आपको मिल सकते हैं। शांतिपूर्वक अपना स्पष्टीकरण देकर आप मामले को शांत कर सकते हैं। साझेदारी के कामों में भी यदि किसी तरह की विवादास्पद स्थितियां रही हैं तो उन स्थितियों में बेहतरी देखने को मिल सकती है। हालांकि, इन सबके बावजूद भी आपको अपने साथी के स्वास्थ्य का ख्याल रखना होगा। पिता या पिता से संबंधित मामलों में भी अब अपेक्षाकृत अधिक जागरूकता दिखाने की जरूरत होगी। आर्थिक मामलों को लेकर अब पहले से ज्यादा सजग और जागरूक रहना होगा।
उपाय: कन्याओं का पूजन करके उन्हें मिठाई खिलाना तथा उनका आशीर्वाद लेना शुभ रहेगा।
हम आशा करते हैं कि मंगल के अस्त होने से मिलने वाले परिणामों को जानकर आप आने वाले समय को बेहतर ढंग से प्लान कर सकेंगे और बेहतर परिणाम भी प्राप्त कर सकेंगे। भगवती आप सब का कल्याण करें।
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