ज्योतिष में मंगल ग्रह को उग्र ग्रह का दर्जा प्राप्त है। साथ ही यह ग्रह क्रोध और साहस को भी दर्शाता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार मंगल ग्रह भाई, भूमि, ऊर्जा, शक्ति, पराक्रम, का कारक ग्रह भी होता है। कुंडली में मंगल ग्रह यदि शुभ स्थिति में हो तो ऐसे जातक निडर और साहसी होते हैं। हालांकि कुंडली में मंगल ग्रह अशुभ स्थिति में हो इससे व्यक्ति को अलग-अलग क्षेत्रों में तमाम कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
आज अपनी विशेष ब्लॉग के माध्यम से जानेंगे 7 अप्रैल को होने वाले मंगल गोचर के बारे में। इस गोचर के समय के बारे में, और साथ ही जानेंगे विभिन्न राशियों पर मंगल के इस गोचर का क्या प्रभाव पड़ेगा और साथ ही मंगल गोचर के दुष्परिणाम को दूर करने के लिए क्या कुछ उपाय किए जा सकते हैं इस बात की जानकारी भी आपको यहां प्रदान की जा रही है।
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मंगल गोचर 2022: समय और महत्व
मंगल गोचर का अर्थ होता है जब मंगल ग्रह एक राशि से निकल कर दूसरी राशि में गोचर करता है। मंगल के गोचर के समय अवधि की बात करें तो मंगल ग्रह किसी भी राशि में डेढ़ महीने तक रहता है और इसके बाद दूसरी राशि में गोचर कर जाता है। मंगल गोचर का जातक के जीवन पर कैसा प्रभाव पड़ेगा यह बात इस पर निर्भर करती है कि मंगल जातक की कुंडली के किस भाव में गोचर कर रहा है।
अब बात करें समय की तो 7 अप्रैल को होने वाला मंगल गोचर गुरुवार 7 अप्रैल को 14 बजकर 24 मिनट पर अपनी उच्च राशि मकर से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएगा। इसके बाद मंगल ग्रह 17 मई, 2022 तक इसी अवस्था और इसी राशि में रहने वाला है।
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जीवन पर मंगल ग्रह का प्रभाव और मंगल के शुभ परिणाम प्राप्त करने के कुछ बेहद सरल उपाय
ज्योतिष के अनुसार यदि किसी कुंडली में मंगल ग्रह बलि अवस्था में होता है तो ऐसे व्यक्ति निडर स्वभाव के होते हैं और बेहद ही ऊर्जावान होते हैं। इसके अलावा ऐसे जातक खुद भी हर क्षेत्र में उन्नति करते हैं और उनके भाई बहन भी कार्यक्षेत्र में उन्नति करते हैं। इसके अलावा यदि पीड़ित मंगल किसी की कुंडली में हो तो ऐसे व्यक्तियों के जीवन में तमाम समस्याएं खड़ी होने लगती है। साथ ही व्यक्ति को दुर्घटना का सामना भी करना पड़ सकता है।
अब जान लेते हैं मंगल से संबंधित कुछ बेहद ही सरल उपाय
- हनुमान जी की पूजा करें।
- सुंदरकांड का पाठ करें।
- अपने जीवन में ज्यादा से ज्यादा लाल रंग के वस्त्र शामिल करें।
- अपनी मातृभूमि और सेना का सम्मान करें।
- मंगलवार के दिन किसी से पैसे उधार ना लें।
- इसके अलावा आप मंगल ग्रह से संबंधित वस्तुएं जैसे साबुत मूंग, गेहूं, लाल मसूर, तांबे के बर्तन, आदि का जरुरतमंदों को दान दें।
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मंगल गोचरफल और राशिनुसार उपाय
मेष राशि
मंगल देव आपकी राशि के प्रथम और आठवें भाव के स्वामी होते हैं और अब अपने इस गोचर के दौरान वे आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करेंगे जो महत्वाकांक्षा, सफलता व लंबी यात्रा को दर्शाता है। ऐसे में मंगल का ये गोचर ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि के लोगों के लिए मंगल आपके सातवें तथा बारहवें भाव के स्वामी हैं और अपने इस गोचर के दौरान मंगल देव आपके करियर और व्यवसाय के दशम भाव में विराजमान होंगे। मंगल का यह गोचरकाल….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के लोगों के लिए मंगल छठे तथा ग्यारहवें भाव के स्वामी होते हैं और अपने इस गोचर के दौरान मंगल देव आपके भाग्य, शिक्षा, पिता, गुरू और धर्म के नवम भाव में विराजमान होंगे। यह अवधि आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कर्क राशि
कर्क राशि के लोगों के लिए मंगल आपके पंचम भाव अर्थात त्रिकोण तथा दशम भाव अर्थात केंद्र भाव का स्वामी होकर, आपके लिए योगकारक ग्रह है और अपने इस गोचर के दौरान ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
सिंह राशि
सिंह राशि के लोगों के लिए मंगल एक योगकारक ग्रह हैं, क्योंकि यह आपके चौथे (केंद्र भाव) तथा नौवें (त्रिकोण भाव) के स्वामी हैं। मंगल का गोचर आपकी राशि से सातवें भाव में होगा जो जीवनसाथी, व्यवसाय, साझेदारी और विदेशी संबंधों से संबंधित होता है। ऐसे में….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कन्या राशि
कन्या राशि के लोगों के लिए मंगल तीसरे तथा आठवें भाव के स्वामी होते हैं और अब अपने इस गोचर के दौरान वे आपकी राशि से छठे भाव में विराजमान होंगे जो ऋण, शत्रु, स्वास्थ्य, व्यवसाय और कठिन परिश्रम से संबंधित होता है। ऐसे में ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
तुला राशि
तुला राशि के लिए मंगल दूसरे और सातवें भाव का स्वामी होने के कारण मारक भी है और अब अपने इस गोचर के दौरान मंगल आपकी राशि से पंचम भाव में विराजमान होंगे जो बुद्धि, विद्या, प्रेम संबंध और संतान को दर्शाता है। ऐसे में….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के लोगों के लिए मंगल आपके छठे भाव और प्रथम भाव के स्वामी होते हैं और अपने इस गोचर के दौरान वे अब आपकी राशि से चौथे भाव में विराजमान होंगे जो आपके सुख, परिवार, माता, वाहन और प्रॉपर्टी का कारक होता है। ये अवधि….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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धनु राशि
धनु राशि के लोगों के लिए मंगल आपके पंचम भाव तथा द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और अब अपने इस गोचर के दौरान वे आपकी राशि से तृतीय भाव में गोचर कर रहे हैं। कुंडली में ये भाव छोटे भाई-बहन, छोटी यात्रा, पराक्रम और धैर्य से संबंधित होता है। ऐसे में ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मकर राशि
मकर राशि के लोगों के लिए मंगल आपके चतुर्थ भाव तथा एकादश भाव के स्वामी होते हैं और अब अपने इस गोचर के दौरान वे आपकी राशि से दूसरे भाव में गोचर कर रहे हैं। कुंडली में ये भाव भाषा, संचार, परिवार और आर्थिक पक्ष को दर्शाता है। ऐसे में ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कुम्भ राशि
कुंभ राशि के लोगों के लिए मंगल आपके तृतीय भाव तथा दशम भाव के स्वामी होते हैं और अब अपने इस गोचर के दौरान वे आपकी ही राशि यानी आपके प्रथम भाव में गोचर कर रहे हैं। कुंडली में प्रथम भाव स्वभाव, स्वयं, व्यक्तित्व और चरित्र को दर्शाता है। ऐसे में ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मीन राशि
राशिचक्र की अंतिम राशि मीन के जातकों के लिए मंगल दूसरे भाव तथा नवम भाव के स्वामी होते हैं और अब अपने इस गोचर के दौरान वे आपकी राशि से द्वादश भाव में गोचर कर रहे हैं। कुंडली में यह भाव आपके सुख, अनिद्रा, विदेश मामले और यात्रा से संबंधित होता है। ऐसे में मंगल का ये गोचर….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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