धनु में मंगल का उदय इन राशियों के लिए बेहद ‘मंगल-कारी’, हर काम में मिलेगी अपार सफलता!

धनु में मंगल का उदय इन राशियों के लिए बेहद 'मंगल-कारी', हर काम में मिलेगी अपार सफलता!

मंगल का धनु राशि में उदय : 2024 जनवरी महीने में अगला अहम परिवर्तन होगा मंगल का जिस दौरान मंगल धनु राशि में उदय होने जा रहे हैं। धनु राशि में उदय होकर मंगल आपकी राशि को किस तरह से प्रभावित करेंगे, मंगल उदय होने का क्या अर्थ होता है और इसका क्या प्रभाव पड़ता है, इसका समय और तिथि क्या रहने वाली है, यह इन सभी बातों की जानकारी लेकर एस्ट्रोसेज का यह खास ब्लॉग आपके सामने पेश है। 

तो आईए जानते हैं मंगल उदित से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें और इसका राशि अनुसार प्रभाव और उपाय। लेकिन सबसे पहले जान लेते हैं मंगल का यह उदित होना किस दिन और किस समय पर होने वाला है।

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मंगल उदय 2024: तिथि और समय 

मंगल उदित की बात करें तो यह 16 जनवरी 2024 को होगा। बात करें समय की तो मंगल 16 जनवरी, 2024 को 23 बजकर 07 मिनट पर धनु राशि में उदित हो जाएगा। 

मंगल उदय महत्व 

वर्ष 2024 की शुरुआत में ही मंगल ग्रह उदित होने जा रहे हैं। मंगल ग्रह को वैदिक ज्योतिष में भूमिपुत्र कहा जाता है। इसके अलावा देखा गया है कि जब भी मंगल उदित होते हैं तो यह व्यक्ति को अपना पूर्ण फल प्रदान करते हैं। इसके अलावा साहस, भूमि, शौर्य, पराक्रम, जैसे क्षेत्रों में मंगल के उदित होने का विशेष प्रभाव देखने को मिलता है। 

ज्योतिष की जानकार मानते हैं कि मंगल ग्रह के उदित होने से कुछ राशियों की धन संपत्ति में अपार बढ़ोतरी भी देखने को मिल सकती है। आपकी राशि के लिए मंगल का उदित होना क्या प्रभाव लेकर आएगा यह जानने के लिए हमारे खास ब्लॉग अंत तक अवश्य पढ़ें। 

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मजबूत मंगल के प्रभाव 

ज्योतिष में मंगल ग्रह को महत्वपूर्ण ग्रह का दर्जा प्राप्त है। ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि जब कुंडली में मंगल ग्रह मजबूत स्थिति में होता है तो ऐसे व्यक्ति स्वभाव से निडर और साहसी होते हैं।

पीड़ित मंगल के संकेत और उपाय 

जैसा कि हमने पहले भी बताया कि कुंडली में मजबूत मंगल के प्रभाव से व्यक्ति साहसी और निडर होता है वहीं इसके विपरीत अगर मंगल अशुभ स्थिति में मौजूद हो या पीड़ित अवस्था में हो तो इससे जातक को जीवन के तमाम क्षेत्र में कठिनाइयां उठानी पड़ती हैं। इसके अलावा ऐसे व्यक्ति गुस्सैल स्वभाव के हो जाते हैं, चिड़चिड़े हो जाते हैं, नए काम की शुरुआत नहीं कर पाते हैं, उन्हें अपने जीवन में असफलता का भय लगा रहता है। 

ऐसे व्यक्ति हमेशा थका हुआ महसूस करते हैं। इसके साथ ही पीड़ित मंगल के प्रभाव से व्यक्ति दुर्घटना के शिकार भी बनते हैं।

मंगल से बनता है मंगल दोष: इसके अलावा यहां यह भी जानना बेहद आवश्यक है कि जब कुंडली में मंगल पीड़ित अवस्था में होता है तो इससे रक्त संबंधित परेशानियां भी होती हैं। साथ ही विवाह में देरी और मंगल दोष जैसे जटिल दोष भी व्यक्ति के जीवन में बनने लगते हैं। ऐसी स्थिति में ज्योतिष के जानकार मंगल को मजबूत करने के उपाय अपनाने की सलाह देते हैं। क्या कुछ हैं ये उपाय इसके बारे में आगे जानेंगे। 

अगर आप जाना चाहते हैं कि मंगल दोष क्या है तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, जब मंगल किसी व्यक्ति की कुंडली के पहले, चौथे, सातवें, आठवें या 12वें भाव में बैठा होता है तो इससे मांगलिक या फिर मंगल दोष बनता है। यह दोष विवाह के लिए अनुकूल नहीं माना जाता है। साथ ही वैवाहिक जीवन में भी इस दोष की वजह से तमाम उथल-पुथल मचने की आशंका रहती है।

मंगल के शुभ अशुभ योग 

मंगल से बनने वाले शुभ अशुभ योगों की बात करें तो, सबसे पहले अशुभ योग के बारे में जान लेते हैं:  

  • अगर कुंडली में मंगल राहु के साथ मौजूद होता है तो इससे अंगारक योग बनता है। यह योग दुर्घटना की वजह बनता है। इसके अलावा इस योग के चलते लोगों को रक्त से संबंधित गंभीर समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। अगर आपके जीवन में अंगारक योग का साया है तो आपको मंगलवार के दिन व्रत करने की सलाह दी जाती है। 
  • मंगल से बनने वाला दूसरा अशुभ योग होता है मंगल दोष। यह दोष अगर किसी व्यक्ति के जीवन में लग जाए तो इससे उनके व्यक्तित्व और रिश्ते नाज़ुक बनने लगते हैं। कुंडली के पहले, चौथे, सातवें, आठवें या 12वें स्थान में मंगल मौजूद हो तो इससे यह दोष बनता है। मंगल दोष के दौरान जन्म लेने वाले लोगों को मांगलिक कहा जाता है और यह स्थिति विवाह के लिए ज्यादा अनुकूल नहीं होती है। अगर आपके जीवन में मंगल दोष का साया है तो आपको रोज हनुमान जी को चोला चढ़ाने की सलाह दी जाती है। 
  • मंगल से बनने वाले तीसरे अशुभ योग की बात करें तो यह होता है नीच योग। इस योग में कर्क राशि में मंगल नीच का हो जाता है। जिन व्यक्तियों के कुंडली में नीच मंगल योग होता है उनमें विश्वास और साहस की कमी देखने को मिलती है। ऐसे में इससे बचने के लिए तांबा पहनाना भी अधिक शुभ साबित हो सकता है। 
  • मंगल से बनने वाला चौथा अशुभ योग होता है शनि मंगल योग जिसे अग्नि योग भी कहते हैं। यह योग अगर किसी व्यक्ति के जीवन में बनने लगे तो इससे व्यक्ति को जानलेवा घटनाएं भी झेलनी पड़ सकती है। इससे बचने के लिए रोज सुबह अपने माता-पिता के पैर अवश्य छूएँ। 

अब इसके अलावा बात करें मंगल से बनने वाले शुभ योगों की तो, 

  • यह होता है लक्ष्मी योग, पंच महापुरुष योग जिसे रूचक योग भी कहते हैं। यह दोनों ही योग बेहद ही शुभ होते हैं। यह अगर किसी व्यक्ति के जीवन में बनने लगे तो ऐसे व्यक्ति धनवान बनता है, ऐसे व्यक्ति को भू-स्वामी, अध्यक्ष और प्रशासक जैसे बड़े पद हासिल होते हैं। हालांकि अगर आपके जीवन में यह दो योग भी हैं तो भी आपको कुछ उपाय करने की सलाह दी जाती है ताकि इनका प्रभाव आपके जीवन में हमेशा बना रहे। उपाय के तौर पर आप दान अवश्य करें और गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद करें।

इन सरल ज्योतिषीय उपायों से करें मंगल को मजबूत 

बात करें मंगल को मजबूत बनाने के उपाय के बारे में तो, 

  • अगर आपकी कुंडली में मंगल कमजोर अवस्था में मौजूद है तो ऐसी स्थिति में आपको मंगलवार के दिन उपवास अवश्य करना चाहिए।  
  • इसके अलावा मंगलवार के दिन स्नान करने के बाद लाल रंग के कपड़े धारण करें फिर मंगल के मंत्रों का 3, 5 या फिर 7 माला जाप करें। 
  • मंगलवार के दिन बजरंगबली को चमेली का तेल मिलाकर सिंदूर अर्पित करें। 
  • मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर जाकर उन्हें चोला अर्पित करें। 
  • मंगल अगर कमजोर स्थिति में है तो आप मूंगा रत्न भी धारण कर सकते हैं लेकिन कोई भी रत्न हमेशा विद्वान ज्योतिषों की सलाह के बाद ही धारण करें। 
  • इसके अलावा मंगल से संबंधित वस्तुएं जैसे लाल रंग के कपड़े, तांबा, गुड, गेहूं आदि का दान करने से भी कुंडली में मंगल को मजबूत बनाया जा सकता है।

इस महीने का अगला गोचर: बात करें जनवरी महीने के अगले गोचर की तो मंगल उदय के बाद जनवरी में अगला गोचर शुक्र का होने जा रहा है जो की 18 जनवरी को होगा। इस गोचर के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे साथ बने रहें। हम इससे संबंधित ब्लॉग लेकर जल्दी आपके सामने पेश होंगे।

मंगल उदय 2024: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय  

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए मंगल पहले घर और आठवें घर का स्वामी है और इस अहम परिवर्तन के दौरान…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए मंगल सातवें और बारहवें भाव का स्वामी है और इस गोचर के दौरान आपके अष्टम भाव…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए मंगल छठे और ग्यारहवें भाव का स्वामी है और इस परिवर्तन के दौरान आपके…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कर्क राशि 

कर्क राशि के जातकों के लिए मंगल पांचवें और दसवें घर का स्वामी है और आपके छठे घर में मंगल उदय होने …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए मंगल चतुर्थ और नवम भाव का स्वामी है और मंगल आपके पांचवे घर में उदित…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए मंगल तीसरे और आठवें भाव का स्वामी है और इस परिवर्तन के दौरान आपके…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

तुला राशि 

तुला राशि के जातकों के लिए मंगल दूसरे और सातवें घर का स्वामी है और आपके तीसरे घर में उदय होने जा…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए मंगल पहले और छठे घर का स्वामी है और आपके दूसरे घर में उदय होने …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए मंगल बारहवें और पांचवें घर का स्वामी है और इस परिवर्तन के दौरान आपके पहले…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए मंगल चतुर्थ और ग्यारहवें भाव का स्वामी है और आपके बारहवें घर में उदित…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कुम्भ राशि 

कुंभ राशि के जातकों के लिए मंगल तीसरे और दसवें घर का स्वामी है और इस दौरान आपके ग्यारहवें घर में…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मीन राशि 

मीन राशि के जातकों के लिए मंगल दूसरे और नवम भाव का स्वामी है और इस दौरान आपके दसवें घर में उदित…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

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