एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको मंगल का कन्या राशि में गोचर के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेंगे। बता दें कि साहस, शौर्य, वीरता आदि के कारक ग्रह मंगल अगस्त के महीने में कन्या राशि में गोचर करेंगे। आइये अब जानते हैं कि मंगल का कन्या राशि में गोचर से राशि चक्र की 5 राशियों पर किस तरह का प्रभाव पड़ेगा। पूरी जानकारी के लिए ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़ें।
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वैदिक ज्योतिष में, मंगल ऊर्जा, क्रोध, भावुक, साहस, पराक्रम, शौर्य के कारक हैं और इन्हें नौ ग्रहों का सेनापति और योद्धा माना गया है। मंगल का शाब्दिक अर्थ शुभ, पावन इत्यादि है। ज्योतिष में लाल ग्रह यानी मंगल को ‘भूमि पुत्र’ के रूप में जाना जाता है। यह एक उग्र ग्रह है और इसके संबंध क्रोध से है। माना जाता है कि जिस जातक की कुंडली में मंगल का शुभ प्रभाव होता है वो लोग साहसी, आवेगी और आगे बढ़ना पसंद करते हैं।
मंगल करीब 40 से 45 दिन बाद एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं। इसी क्रम में मंगल 18 अगस्त 2023 की दोपहर 03 बजकर 14 मिनट पर कन्या राशि में गोचर करेंगे। कन्या राशि की बात करें तो यह राशि चक्र की छठी और पृथ्वी तत्व की राशि है। यह प्रकृति में दोहरी और स्त्री राशि है। कन्या राशि कुंवारी और अविवाहित लड़की का प्रतिनिधित्व करती है। इस राशि के जातक स्वभाव में परिपूर्णतावादी यानी परफ़ेक्शनिस्ट और थोड़े आलोचक होते हैं। मंगल का कन्या राशि में गोचर सभी 12 राशि के जातकों को सकारात्मक व नकारात्मक दोनों प्रकार के परिणाम प्रदान करेगा लेकिन 5 राशियां ऐसी होंगी जिन्हें इस दौरान बेहद शानदार परिणाम प्राप्त होंगे। तो आइए बिना देरी किए आए बढ़ते हैं और जानते हैं मंगल का गोचर किन पांच राशि के जातकों के लिए शुभ साबित होगा।
मंगल का कन्या राशि में गोचर: इन पांच राशियों को मिलेगा हर समस्या से छुटकारा!
मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए मंगल पहले और आठवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके छठे भाव में गोचर करेंगे। छठे भाव में मंगल की मौजूदगी आपके लिए बेहद शुभ साबित होगी क्योंकि इसके परिणामस्वरूप आप अपने शत्रुओं पर काबू पाने में सक्षम होंगे और रेस में अपने प्रतिद्वंद्वियों से आगे रहेंगे। वहीं छठे भाव में मंगल की मौजूदगी के कारण कानूनी-मामलों में फैसला आपके पक्ष में आने की संभावना है और आपको उस मामले में जीत भी हासिल होगी। हालांकि, मंगल का कन्या राशि में गोचर आपको स्वभाव में चिड़चिड़ा बना सकता है।
स्वास्थ्य की बात करें तो छठे भाव में मंगल की मौजूदगी आपके लिए अनुकूल स्थिति है। इसके फलस्वरूप आपको कोई गंभीर या दीर्घकालिक बीमारी परेशान नहीं करेगी। हालांकि, हीट स्ट्रोक, किडनी स्टोन या रक्त संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं से आप ग्रस्त हो सकते हैं लेकिन अच्छी बात यह है कि इन समस्याओं से आपको जल्द ही राहत मिल जाएगी और आप पूरी तरह फिट महसूस करने लगेंगे। इस दौरान आपको अपने पिता के स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता हो सकती है।
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मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए मंगल ग्यारहवें और छठे भाव के स्वामी हैं और यह आपके चौथे भाव में गोचर करेंगे, जिसके परिणामस्वरूप आपकी मुलाकात आपके माता-पिता या चाचा से हो सकती है। मंगल चौथे भाव से आपके सातवें, दसवें और ग्यारहवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं और इसके परिणामस्वरूप आपको अपने बिज़नेस में वृद्धि देखने को मिलेगी। आप अपने कार्य के प्रति पूरी तरह समर्पित रहेंगे और आपका व्यापार तेज़ी से फलेगा-फूलेगा। आप करियर में बिल्कुल वैसे ही आगे बढ़ेंगे जैसा आपने कल्पना की थी। हालांकि चौथे भाव में मंगल के गोचर के परिणामस्वरूप आपके घर का माहौल खराब होने की आशंका है। हो सकता है कि आप अपनी भावनाओं को जाहिर करने में असमर्थ हो जिसके चलते आपको निराशा हो सकती है और अंदर ही अंदर आप तनाव में आ सकते हैं। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि खुलकर अपनी भावनाओं को दूसरों के सामने रखें।
कर्क राशि
कर्क राशि वालों के लिए मंगल पांचवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके तीसरे भाव में गोचर करेंगे। ऐसे में, यह समय कर्क राशि के छात्रों के लिए बेहद अनुकूल साबित होगा। आपको अपनी पढ़ाई के संदर्भ में अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। मंगल तीसरे भाव से छठे भाव, नौवें भाव और दसवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं और इसके फलस्वरूप जो छात्र उच्च शिक्षा या प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं तो उनको इस दौरान सफलता प्राप्त होगी।
वहीं प्रेम जीवन की बात करें तो, सिंगल लोगों की इस दौरान अपने किसी परिचित या अपने करीबी मित्र मंडली में किसी ख़ास शक से मुलाकात हो सकती है। अपने शत्रुओं या विरोधियों पर विजय पाने के लिए यह अच्छा समय साबित होगा। इस दौरान आपके शत्रु आपको किसी भी प्रकार की हानि नहीं पहुंचा पाएंगे। साथ ही, आपको अपने पिता और गुरुजनों का पूरा सहयोग भी प्राप्त होगा लेकिन आपको उनके स्वास्थ्य के प्रति थोड़ा सजग रहना होगा क्योंकि उनका स्वास्थ्य प्रभावित होने की संभावना है।
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वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए मंगल पहले और छठे भाव के स्वामी हैं और यह आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करेंगे। मंगल की यह स्थिति वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शानदार साबित होगी। इस दौरान आपकी सभी इच्छाएं पूरी होंगी। कुछ नये लोगों से आपके संपर्क भी स्थापित होंगे और आप एक मजबूत नेटवर्क बनाने में समय व्यतीत करेंगे। साथ ही, आपको अपने चाचा का भी पूरा सहयोग प्राप्त होगा।
छठे भाव के स्वामी मंगल का ग्यारहवें भाव में गोचर के फलस्वरूप आपके प्रतिस्पर्धी आपके मित्र बन सकते हैं। हालांकि, फिर भी आपको अपने आस-पास के लोगों से सावधान रहने की आवश्यकता हो सकती है क्योंकि कुछ करीबी लोग आपके पीठ में छुरा घोंप सकते हैं।
इस अवधि यदि आप अपनी आवश्यकताओं या बेहतरी के लिए लोन या ऋण लेने की तैयारी कर रहे हैं तो उसमें आपको सफलता प्राप्त होगी और यदि आपको किसी प्रकार का कर्ज चुकाना है तो उसका भी भुगतान करने में आप सफल होंगे। स्वास्थ्य की दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह आपके लिए बेहतरीन समय है क्योंकि यदि आप किसी पुरानी बीमारी से जूझ रहे थे तो अब आपको उससे निजात मिल जाएगी और आपकी सेहत में सुधार देखने को मिलेगा।
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धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए मंगल पांचवें और बाहरवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके पहले, चौथे और पांचवें भाव में दृष्टि डाल रहे हैं। मंगल का गोचर आपके पेशेवर जीवन के लिए अच्छा साबित होगा और इस दौरान आप आत्मविश्वास और नई ऊर्जा से भरपूर महसूस करेंगे। हालांकि आशंका है कि कार्यक्षेत्र में अधिक जिम्मेदारी और व्यस्तता के कारण आप अपने निजी जीवन को अनदेखा करें और इससे आपका पारिवारिक जीवन उथल-पुथल हो सकता है व सुख की कमी महसूस हो सकती है।
चौथे भाव पर मंगल दृष्टि डाल रहे हैं, जिसके फलस्वरूप आपको अपनी माता का पूरा सहयोग प्राप्त होगा लेकिन आपको उनके स्वास्थ्य के प्रति अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होगी क्योंकि उनका स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। पांचवें भाव पर मंगल की आठवीं दृष्टि धनु राशि के छात्रों के लिए मुश्किल भरी साबित हो सकती है जिसके कारण छात्रों की पढ़ाई में बाधा उत्पन्न होने की संभावना है और साथ ही, छात्रों को अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने में भी कठिनाई हो सकती है।
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मंगल का कन्या राशि में गोचर: अचूक उपाय
- प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- मंगलवार का व्रत रखें।
- छोटे बच्चों को बेसन के लड्डू या बूंदी वितरित करें।
- बजरंग बाण का पाठ करें।
- अपने घरों और कार्यस्थल पर मंगल यंत्र स्थापित करें और उसकी पूजा करें।
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