मकर संक्रांति के दिन धरती पर अवतरित होते हैं देव, मिथुन सहित इन राशियों पर होगी धन वर्षा!

हिंदू धर्म में मकर संक्रांति 2023 का ​विशेष महत्व है। पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। हालांकि मकर संक्रांति को देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग नामों जैसे- लोहड़ी, उत्तरायण, खिचड़ी, टिहरी, पोंगल आदि नामों से भी जाना जाता है। हर साल जब सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तो उसे सूर्य की मकर संक्रांति कहा जाता है। इस दिन से गुरु और सूर्य के प्रभाव में तेजी आने लगती है। मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन देव भी धरती पर अवतरित होते हैं और आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है। इस दिन से खरमास का समापन होता है और शुभ और मांगलिक कार्यों जैसे कि शादी, सगाई, मुंडन, गृह प्रवेश आदि के लिए मुहूर्त देखे जाने लगते हैं। 

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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन से सूर्य देव अपने रथ से खर (गधे) को निकालकर सातों घोड़े में सवार हो जाते हैं और उनकी मदद से चारों दिशाओं में भ्रमण करने लगते हैं और सूर्य की चमक तेज हो जाती है। मकर संक्रांति का त्योहार सूर्य को समर्पित होता है। इस दिन स्नान, दान और तिल खाने की परंपरा है। आइए जानते हैं एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में मकर संक्रांति 2023 की पूजा विधि, महत्व, किस राशि के जातकों की चमकेगी किस्मत और इससे जुड़ी कई अन्य महत्वपूर्ण बातें।

मकर संक्रांति 2023: तिथि व मुहूर्त

साल 2023 में मकर संक्रांति और लोहड़ी की तारीख को लेकर लोग असमंजस में हैं। तो आइए जानते हैं कि सटीक तारीख कौन सी है:

मकर संक्रांति तिथि: 15 जनवरी 2023, रविवार

पुण्य काल मुहूर्त: सुबह 07 बजकर 15 मिनट से 12 बजकर 30 मिनट तक।

अवधि: 05 घंटे, 14 मिनट

महा पुण्य काल: सुबह 07 बजकर 15 मिनट से सुबह 09 बजकर 15 मिनट तक।

अवधि: 02 घंटे

लोहड़ी 2023: तिथि व मुहूर्त

लोहड़ी 2023 तिथि: 14 जनवरी 2023, दिन शनिवार

लोहड़ी संक्रांति मुहूर्त: 14 जनवरी को रात 08 बजकर 57 मिनट पर

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मकर संक्रांति 2023 का महत्व

मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने खुद उनके घर जाते हैं। बता दें कि  शनिदेव मकर राशि के स्वामी हैं। उनके भाव में सूर्य के प्रवेश मात्र से शनि का प्रभाव खत्म हो जाता है। सूर्य के प्रकाश के सामने कोई भी नकारात्मकता नहीं टिकती है। मान्यता है कि मकर संक्रांति पर सूर्य की आराधना और इससे संबंधित दान करने से शनि दोष से छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ ही इस दिन खिचड़ी का भोग अवश्य लगाना चाहिए। इससे सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और सभी ग्रह दोषों से छुटकारा मिलता है। 

ज्योतिष शास्त्र में उड़द की दाल को शनिदेव से जोड़ा गया है। ऐसे में इस दिन उड़द दाल की खिचड़ी खाने और दान करने से जातकों पर सूर्य देव और शनि देव की विशेष कृपा बनी रहती है। बता दें कि साथ ही चावल को चंद्रमा, नमक को शुक्र, हल्दी को बृहस्पति, हरी सब्जियों को बुध के लिए शुभ माना जाता है। वहीं मंगल का संबंध गर्मी से है। इसलिए मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाने से कुंडली में सभी ग्रहों की स्थिति में सुधार होता है।

कैसे प्रसन्न होंगे भगवान सूर्य नारायण? 

  • मकर संक्रांति के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करके साफ कपड़े धारण कर लें।
  • अब उगते हुए सूर्य भगवान की तरफ मुंह करके कुश का आसन लगाएं। फिर उस आसन पर खड़े होकर तांबे के पात्र में जल लें। जल में मिश्री डाल लें। इससे सूर्य नारायण प्रसन्न होते हैं।
  • इसके अलावा तांबे के लोटे में रोली, चंदन, लाल पुष्प, चावल, गुड़ आदि मिलाकर भी सूर्यदेव को जल देना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से सूर्य देवता की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
  • जब सूर्य की पहली किरण दिखनी शुरू हो जाए, तो आप अपने दोनों हाथों से तांबे के लोटे को पकड़कर सूर्य देव को जल चढ़ाएं। ध्यान रहे कि जल चढ़ाते समय पानी आपके पैर पर न गिरे।
  • जल देते समय इन मंत्रों का जाप करें-
  1. ऊँ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते।
  2. अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।
  3. ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।
  • सूर्य को जल देने के बाद अपने स्थान पर ही 3 बार परिक्रमा करें।
  • अब आसन उठाकर उस स्थान को प्रणाम करें।

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इन चीज का करें दान, शनिदेव और सूर्यदेव की बरसेगी कृपा

  • मकर संक्रांति के दिन तिल के दान को बेहद शुभ माना जाता है, इसलिए इसे तिल संक्रांति भी कहा जाता है। इस दिन काले तिल के दान से जीवन की सभी समस्याओं का निवारण होता है।
  • इस दिन खिचड़ी के दान से भी पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन चावल और काली उड़द की दाल से बनी खिचड़ी दान करनी चाहिए। काले उड़द से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और सभी दोषों से छुटकारा मिलता है।
  • मकर संक्रांति के दिन गुड़ के दान का भी विशेष महत्व है। गुड़ से बनी चीजें खाने और दान करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। इसके दान से शनि, गुरु और सूर्य तीनों की कृपा प्राप्त होती है।
  • रोगों से छुटकारा पाने के लिए इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को गर्म कपड़े और कंबल का दान जरूर करें। 
  • इस दिन देसी घी का दान करना बेहद लाभकारी माना जाता है। इससे आपके मान-सम्मान में बढ़ोतरी होती है। 

देश के विभिन्न राज्यों में कैसे मनाते हैं मकर संक्रांति 

मकर संक्रांति के त्योहार को नई ऋतु और नई फसल के आगमन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार सहित तमिलनाडु में नई फसल की कटाई की जाती है। अलग- अलग राज्यों में मकर संक्रांति के पर्व को भिन्न-भिन्न रूपों में मनाते हैं। 

लोहड़ी: मकर संक्रांति के एक दिन पहले उत्तर भारत में लोहड़ी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। लोहड़ी के दिन दोस्तों और रिश्तेदारों को बधाइयां और मिठाई भेजी जाती हैं। इस त्योहार को मनाने के लिए खुली जगह पर अग्नि जलाई जाती है और लोक नृत्य करते हुए गाना-बजाना किया जाता है। फिर पवित्र अग्नि में मूंगफली, गजक, तिल आदि डालकर परिक्रमा की जाती है।

पोंगल: पोंगल दक्षिण भारत के लोगों का प्रमुख पर्व है। यह मुख्य रूप से केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में मनाया जाता है। यह पर्व विशेष रूप से किसानों का होता है। इसे तीन दिनों तक मनाया जाता है। इसमें सूर्य देव और इंद्र देव की पूजा की जाती है। पोंगल मनाते हुए सभी किसान अपनी अच्छी फसल के लिए ईश्वर का धन्यवाद करते हैं। 

उत्तरायण: उत्तरायण पर्व को विशेष रूप से गुजरात में मनाया जाता है। मकर संक्रांति के अवसर पर गुजरात में पतंग उड़ाने की परंपरा है। इस पर्व को लोग पतंग महोत्सव के रूप में भी मनाते हैं। कई लोग उत्तरायण के दिन व्रत भी रखते हैं और घरों में तिल व मूंगफली दाने की चिक्की (पट्टी) बना कर रिश्तेदारों में बांटते हैं।

बिहू: माघ माह की संक्रांति के पहले दिन से बिहू का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से फसल की कटाई का पर्व है, जो असम में प्रसिद्ध है। बिहू के अवसर पर घरों में कई तरह के पकवान बनाए जाते हैं। बिहू के दिन अलाव जलाकर तिल और नारियल से बने व्यंजनों से अग्नि देवता को भोग लगाया जाता है।

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इन राशियों पर होगी धनवर्षा

मिथुन राशि

मकर संक्रांति के दिन यानी सूर्य का मकर में गोचर, मिथुन राशि के लोगों के लिए बेहद शुभ साबित हो सकता है। जो लोग शोध के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं, उनको सफलता मिल सकती है। वहीं स्‍वास्‍थ्‍य के लिहाज से भी यह समय फलदायी साबित हो सकता है। कोई पुरानी शारीरिक समस्या से छुटकारा मिल सकता है। निवेश में अच्छा रिटर्न मिलने की भी संभावना है।

तुला राशि 

यह समय आर्थिक दृष्टि से आपके लिए फलदायी साबित हो सकता है। आपको भौतिक सुखों की प्राप्ति के योग बन रहे हैं। वहीं जो लोग रियल एस्टेट, प्रापर्टी डीलर का काम करते हैं, उनके लिए यह समय शानदार साबित होगा। इस दौरान आप वाहन या कोई और लग्जरी आइटम खरीद सकते हैं।

मीन राशि 

आप लोगों के लिए सूर्य का गोचर अनुकूल साबित होगा। धन लाभ के योग बन रहे हैं। वहीं इस समय आपको भाग्य का साथ मिलता दिख रहा है। आपके रुके हुए काम पूरे हो सकते हैं। इस समय आपको व्यापार में रुका हुआ कोई पुराना पेमेंट मिल सकता है। अगर आप कहीं निवेश करना चाहते है तो यह अनुकूल समय है। इस समय आप बचत करने में भी कामयाब हो सकते हैं।

कर्क राशि

आप लोगों के लिए सूर्य देव का गोचर लाभप्रद साबित हो सकता है। इस राशि के जो लोग इंपोर्ट-एक्सपोर्ट से संबंधित काम करते हैं, वे इस दौरान अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं। वहीं जो लोग शादी की योजना बना रहे हैं उनके लिए भी विवाह के योग बनते नजर आ रहे हैं।

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