वक्री शनि का मकर राशि में गोचर जल्द: दुनिया भर के लोगों पर पड़ेगा खास असर और आएंगे बड़े बदलाव!

वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह को विरक्ति और न्याय का प्रतीक माना गया है। यह सेवा के प्रतीक ग्रह हैं इसलिए नौकरी को लेकर शनि का विशेष प्रभाव माना गया है क्योंकि यह आपके सेवक अर्थात नौकर का प्रतिनिधित्व भी करते हैं। शनि का एक विशेष प्रभाव यह है कि चाहे कितनी भी विपरीत परिस्थितियां ना आ जाएं, यह यदि कुंडली में अच्छी स्थिति में हैं तो व्यक्ति को सदैव एक उम्मीद देते रहते हैं जिसके दम पर वह परिस्थितियों से बाहर निकलने और उन से जूझने की स्थिति में रहता है और सफल हो जाता है। 

ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि इन्हें न्याय का देवता या न्यायाधीश माना जाता है क्योंकि यह व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर फल देते हैं। यदि कर्म अच्छे हैं तो फल भी अच्छे होंगे। यदि हम बुरे हैं तो फल भी बुरे ही प्राप्त होंगे। शनिदेव जी किसी के साथ भेदभाव नहीं करते और व्यक्ति को जीवन में सतत प्रयासरत रहने और सही मार्ग पर चलने की शिक्षा देते हैं। शनि से प्रभावित जातक जीवन में अनुशासित रहना पसंद करते हैं और दूसरों के मामलों में व्यर्थ हस्तक्षेप करने से बचते हैं।  

शनि को सबसे मंद गति का ग्रह माना जाता है इसलिए इन्हें शनैश्चर भी कहा जाता है। यह एक राशि में लगभग ढाई वर्ष की अवधि तक रहते हैं और चंद्रमा से चौथे और आठवें भाव में ढैय्या अथवा पनौती और चंद्रमा से द्वादश प्रथम और द्वितीय भाव में गोचर करते समय साढ़ेसाती का प्रभाव देते हैं। जीवन में साढ़ेसाती या पनौती हमेशा बुरा प्रभाव नहीं देती अपितु आपकी राशि और कर्मों के आधार पर आपको शुभाशुभ परिणाम प्रदान करती है। शनि की दशा में व्यक्ति राजा से रंक और रंक से राजा हो सकता है।  यह सदैव आपको अच्छे कर्म करने की प्रेरणा देते हैं और दूसरों पर दया दिखाने की ओर प्रेरित करते हैं।  

किसी भी निर्णय को लेने में आ रही है समस्या, तो अभी करें हमारे विद्वान ज्योतिषियों से फोन पर बात

मकर राशि में वक्री शनि का गोचर: क्या पड़ेगा प्रभाव

शनि ग्रह जल्द ही अपने ही स्वामित्व वाली मकर राशि में वक्री चाल से प्रवेश करने वाले हैं। बात करें समय और तिथि की तो वक्री शनि देव का यह गोचर 12 जुलाई, 2022 को सुबह 10 बजकर 28 मिनट पर हो जाएगा।

बात करें मकर राशि की तो यह एक पृथ्वी तत्व की राशि है जिसके स्वामी शनि महाराज हैं। शनि महाराज की गिनती वैसे तो क्रूर ग्रहों में होती है लेकिन यह अपने प्रभाव से जातक को अत्यंत अनुशासित और सामर्थ्यवान बनाते हैं। व्यक्ति के अंदर जुझारू होने की प्रवृत्ति बढ़ाने और उसके आशावादी होने में तथा जीवन की हर कठिनाई का साहस के साथ सामना करने के योग्य बनाने का काम शनिदेव के हिस्से में आता है। 

मकर राशि के जातक व्यावहारिक होने के साथ-साथ अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ प्रतिज्ञ होते हैं। कभी-कभी आलसी होते हैं लेकिन जब कोई इनके स्वाभिमान को जगा दे या यह किसी उद्देश्य के प्रति कोई धारणा बना लें तो उसे प्राप्त करके ही रहते हैं, चाहे इसके लिए इन्हें कितना ही परिश्रम क्यों ना करना पड़े।  कई बार इनके आसपास के लोग इन्हें स्वार्थी मान लेते हैं जबकि यह वास्तविकता नहीं होती। 

इस राशि के जातकों को जल में रहना ज्यादा पसंद होता है लेकिन इसके साथ ही ये एक जगह पर टिकना पसंद नहीं करते बल्कि जिस प्रकार जल जिस स्थान पर जाकर जिस तरह के प्रभाव में हो जाता है, ठीक उसी तरह से मकर राशि के जातक भी ग्रहणशील होते हैं और वस्तुस्थिति के अनुसार अपने आप को ढाल लेने में उन्हें महारत हासिल होती हैं। 

जातकों पर वक्री शनि गोचर का प्रभाव

  • इस गोचर के दौरान जातक अधिक परिश्रम करने की कोशिश करेंगे और उनके व्यवहार में मजबूती महसूस होगी। 
  • मकर राशि में वक्री शनि के गोचर के प्रभाव से लोगों की संघर्ष क्षमता बढ़ेगी और आप ज्यादा अनुशासित हो जाएंगे। 
  • आप व्यावहारिकता भी रखेंगे और अपने उद्देश्य के प्रति दृढ़ निश्चय से आगे बढ़ने की पूरी कोशिश करते नजर आएँगे। 
  • जातक अपने भविष्य को लेकर काफी उत्साहित नजर आएंगे और नई योजनाओं पर काम करते हुए कुछ लीक से हट कर करना पसंद करेंगे। 

देश और दुनिया पर वक्री शनि के मकर राशि में होने वाले इस गोचर का प्रभाव

  • भारत के साथ-साथ पूरे विश्व में तेल की कीमतों में उछाल के बाद थोड़ी गिरावट देखने को मिलेगी।  
  • प्राकृतिक गैस, तेल, पाम ऑयल, पेट्रोल, डीजल और मिनरल के दामों में कमी देखने को मिल सकती है।  
  • शनि देव के इस वक्री गोचर के प्रभाव से विश्व स्तर पर चले आ रहे तनाव में कुछ समय के लिए विराम लग सकता है और विश्व की अर्थव्यवस्था थोड़ी सुधरती नजर आएगी।  
  • भारत देश का अन्य देशों से अच्छा संबंध स्थापित होगा और सैन्य क्षमता में अच्छी वृद्धि देखने को मिलेगी। कुछ जगहों पर सेना की तैनाती बढ़ाई जा सकती है।  
  • खाड़ी देशों के मध्य आपसी तनाव बढ़ने की संभावना बन रही है।  
  • शेयर बाजार के संबंध में अनिश्चितता का माहौल रहेगा लेकिन कोयला, तेल, गैस के शेयर थोड़ा सा उठकर फिर से नीचे जा सकते हैं। हालांकि दीर्घकालीन निवेश के लिए यह समय बढ़िया रहेगा।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

इन राशियों को मिलेगा वक्री शनि के गोचर का शुभ परिणाम

  • वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातक इस गोचर अवधि के दौरान अच्छा लाभ और संभावनाओं से भरा समय प्राप्त कर पाएंगे। आपका भाग्य फिर से प्रबल हो जाएगा और जो काम आधे अधूरे बीच में अटक गए थे, वे भी अब पूरे होने लगेंगे। इस वजह से ना केवल आपके पास धन की प्राप्ति होगी बल्कि आप के मान सम्मान में भी बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है।  

इस गोचर के दौरान आप की यात्राओं में बढ़ोतरी होगी। यह यात्राएं धार्मिक होने के साथ-साथ आपके व्यापारिक संबंधों को भी मजबूत बनाएंगी। व्यापार में उत्तम लाभ के योग बनेंगे। विदेशी व्यापार में लाभ होगा और सेहत में आ रही गिरावट दूर होगी लेकिन पिताजी की सेहत में कुछ कमी आ सकती है। यह गोचर आपको करियर में स्थापित करेगा।

  • सिंह राशि

वक्री शनि के मकर राशि में इस गोचर के दौरान सिंह राशि के जातकों को भी अच्छा लाभ होगा। आप अपने विरोधियों पर जीत हासिल करेंगे। आपके विरोधी कोई भी चाल नहीं चल पाएंगे और आपको अपने ऑफिस में चले आ रहे तनाव से मुक्ति मिलेगी। इस दौरान आप कोर्ट – कचहरी के मामलों में सफलता अर्जित करेंगे और भविष्य के सपनों को साकार करने की कोशिश करते नजर आएंगे।

वक्री शनि देव के इस गोचर के प्रभाव से आपको अपनी नौकरी में उत्तम परिणाम मिलेंगे। आपकी मेहनत और आपका लक्ष्य के प्रति एकनिष्ठ होना आपको नौकरी में उत्तम परिणाम प्रदान करेगा। आपको अपनी नौकरी में प्रमोशन भी प्राप्त हो सकता है जिसकी बदौलत आप बहुत अच्छा महसूस करेंगे। 

इसके अलावा आप काम के सिलसिले में काफी यात्राएं कर सकते हैं। ये यात्राएं आपको थकान और कमजोरी का शिकार बना सकती हैं इसलिए इस दौरान आपको अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा, नहीं तो स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं आपको समय-समय पर पीड़ित करती रहेंगी।

  • मकर राशि

मकर राशि के जातकों के लिए शनिदेव का वक्री अवस्था में वापस लौट कर आना अच्छे फल ही लेकर आएगा। आप अपने व्यक्तित्व को लेकर बहुत ज्यादा संजीदा रहेंगे। इस दौरान आपको अपने कार्यक्षेत्र में उत्तम परिणामों की प्राप्ति होगी। आपकी मेहनत और आपकी कार्यकुशलता आपके व्यापार में आपको तेज गति से आगे बढ़ाएंगे।

मकर राशि के जातकों को शनि के गोचर के प्रभाव से कार्यस्थल में परिवर्तन करने का मौका मिल सकता है और यदि नौकरी की तलाश में थे तो एक नई नौकरी मिल सकती है। व्यापार में वृद्धि के प्रबल संकेत मिलेंगे। आपको अपने माता-पिता का स्वागत और सत्कार करना चाहिए क्योंकि उनके आशीर्वाद से ही शनि देव जी का शुभ प्रभाव आपको मिल पाएगा और जीवन के अनेक क्षेत्रों में आप सफलता अर्जित करेंगे।

करियर की हो रही है टेंशन! अभी ऑर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट

वक्री शनि के इस गोचर से ये राशियाँ रहें विशेष सावधान

  • कुम्भ राशि 

वक्री शनि आपकी राशि के स्वामी भी हैं और आप ही की राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस प्रकार आपका बारहवां भाव सक्रिय हो जाएगा जिससे आपके खर्चों में बढ़ोतरी साफ तौर पर दर्ज की जाएगी। इसके साथ ही आपको अपने ऑफिस के काम के सिलसिले में बाहर भेजा जा सकता है। विदेश यात्रा के योग भी इस दौरान बन सकते हैं। नींद को लेकर समस्या हो सकती है। यदि आपकी रिलेशनशिप में कोई समस्या चली आ रही थी तो इस दौरान वह बढ़ सकती है।

यदि शनि देव के इस वक्री गोचर की बात करें तो यह आपकी राशि पर साढ़ेसाती के प्रभाव में बढ़ोतरी करेगा। आपको मानसिक तनाव का सामना करना पड़ेगा। इस दौरान आपके अपने परिवार से दूर जाने की संभावनाएं बनेंगी। यदि आप विवाहित हैं तो जीवन साथी से भी दूरी कुछ समय के लिए आ सकती है।

  • मिथुन राशि 

वक्री शनि महाराज का यह गोचर आपकी राशि से अष्टम भाव में होगा, जिससे एक बार फिर आपकी कुंडली में कंटक शनि का प्रभाव शुरू हो जाएगा। इस गोचर के प्रभाव से आपके कार्यों में रुकावटें आएंगी। मानसिक तनाव तो चरम पर होगा ही लेकिन स्वास्थ्य भी डगमगा सकता है और स्वास्थ्य से जुड़ी कोई बड़ी समस्या फिर से सिर उठा सकती है। ऐसी स्थिति में आपको तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए नहीं तो समस्या बढ़ सकती है। 

शनि महाराज के गोचर काल में आपको कोई भी नया व्यापार शुरु नहीं करना चाहिए क्योंकि यदि आप ऐसा करते हैं तो उसमें धन लाभ होने के स्थान पर नुकसान होने के योग बनेंगे। इसके अतिरिक्त शेयर मार्केट में निवेश करना भी आपके लिए अच्छा नहीं रहने वाला है।

  • तुला राशि

तुला राशि के जातकों के लिए भी यह गोचर ज्यादा अनुकूल नहीं रहने वाला है क्योंकि एक बार फिर से उनकी शनि देव जी की ढैया शुरू हो जाएगी। शनि का यह गोचर आपका स्थान परिवर्तन कराने में सहयोग कर सकता है अर्थात् आप इस दौरान नौकरी बदलने या घर बदलने में कामयाब हो सकते हैं। परिवार वालों के लिए आपके पास समय की कमी दिखाई देती है।  

पारिवारिक जीवन में वाद विवाद और समस्याएं बढ़ सकती हैं। माताजी की स्वास्थ्य समस्याएं आपकी चिंता का कारण बन सकती हैं इसलिए उनकी स्वास्थ्य समस्याओं पर पूरा ध्यान दें। इस समय में कोई प्रॉपर्टी खरीदना नुकसानदायक हो सकता है क्योंकि वह प्रॉपर्टी किसी झगड़े की हो सकती है। परिजनों से थोड़ा अलग अलग कटे से रहेंगे जिससे तनाव बढ़ेगा।

ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से मुफ्त जन्म कुंडली प्राप्त करें।

इस अवधि के दौरान वक्री शनि देव के लाभकारी प्रभाव को बढ़ाने के उपाय

  • प्रतिदिन 41 बार “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जाप करें।
  • शनिदेव की कृपा प्राप्ति के लिए शनिवार के दिन व्रत रखें अथवा शनिदेव का हवन कराएं। 
  • शनिवार के दिन चीटियों को आटा डालना भी अनुकूल रहेगा।
  • शनिवार के दिन श्री शनि देव जी के मंदिर जाकर पीपल के पेड़ के नीचे शाम के समय में सरसों के तेल का दीपक जलाएं और मनचाही मुराद मांगें।
  • सरसों का तेल का दीपक जलाकर भगवान शनिदेव जी की पूजा उपासना करें और महाराज दशरथ द्वारा रचित नील शनि स्तोत्र का पाठ करें।
  • शनि देव जी के बीज मंत्र ‘ॐ प्रां प्री प्रौं सः शनैश्चराय नमः’ का जाप करें।

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।