माघ महीना 2021 (Magh Month 2021) 29 जनवरी से शुरू हो चुका है जो अब 27 फरवरी को खत्म होगा। माघ महीने (Magh Mahina) के दौरान स्नान,दान और पूजन का विशेष महत्व बताया गया है। माघ के महीने को पहले माध का महीना कहा जाता था। माध शब्द भगवान श्री कृष्ण के स्वरूप माधव से संबंधित माना जाता है।
माघ के इस महीने को हिंदू धर्म में बेहद ही पवित्र और महत्वपूर्ण माना गया है। माघ महीने में ढेरों व्रत और धार्मिक पर्व मनाए जाते हैं। साथ ही इस दौरान स्नान, दान, पूजन और व्रत उपवास का भी महत्व माना गया है। माघ के इस पावन महीने में बहुत से लोग संगम के तट पर कल्पवास भी करते हैं।
क्या है कल्पवास (Kalpwas)
कल्पवास माघ के महीने में सबसे ज्यादा महत्व रखता है और यह पौष माह के 11वें दिन से माघ माह के 12वें दिन तक रहता है। कल्पवास का यह समय धैर्य, अहिंसा और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। इस दौरान लोग दिन में केवल एक ही समय भोजन करते हैं कल्पवास के बारे में ऐसी मान्यता है कि, जो कोई भी व्यक्ति कल्पवास की प्रतिज्ञा करता है उसे अगले जन्म में राजा का जन्म मिलता है।
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माघ महीने के व्रत, उपवास, पर्व और उनका महत्व (Magh Mahina Vrat-Tyohar)
माघ महीने 2021 (Magh Month 2021) में कई व्रत-त्योहार और उपवास किये जाते हैं। तो आइये जानते हैं कि, इस दौरान कौन से दिन कौन सा पर्व मनाया जायेगा और उस पर्व का महत्व क्या होता है।
- संकष्टी चतुर्थी: माघ महीने की शुरूआत ही संकष्टी चतुर्थी के व्रत से हुई है। माताएं इस दिन का व्रत अपने संतान की लंबी आयु और उनके जीवन से हर एक परेशानी के निवारण के लिए करती हैं। साथ ही संतान प्राप्ति के लिए भी भगवान गणेश का यह व्रत बेहद ही शुभ और महत्वपूर्ण माना गया है।
- षटतिला एकादशी: माघ महीने में षटतिला एकादशी का व्रत किया जाएगा। इस दिन विशेष तौर पर तिल का प्रयोग करने की सलाह दी जाती है। जिससे व्यक्ति का जीवन रोगों से मुक्त होता है और व्यक्ति को जीवन में समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- मौनी अमावस्या: माघ महीने में आने वाला तीसरा महत्वपूर्ण पर्व है मौनी अमावस्या का। इस दिन साधक पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और अपनी यथा शक्ति के अनुसार ज़रूरतमंदों को दान पुण्य करते हैं। साथ ही इस दिन मौन रहने का विधान बताया गया है। कहा जाता है ऐसा करने से व्यक्ति के पाप और बुरे कर्म नष्ट होते हैं और आत्मा की शुद्धि होती है।
- बसंत पंचमी: माघ महीने का चौथा पर्व होगा बसंत पंचमी का। इस दिन विद्या और ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा उपासना की जाती है।
- जया एकादशी: माघ महीने का पांचवा महत्वपूर्ण व्रत जया एकादशी का व्रत होगा। यूं तो साल में आने वाली सभी एकादशी बेहद महत्वपूर्ण होती है लेकिन माघ माह में आने वाली दोनों एकादशियों को अन्य सभी एकादशी से ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन सच्ची आस्था से व्रत करने से व्यक्ति को उसके ऋण और दोषों से मुक्ति मिलती है।
- (Magh Purnima) माघी पूर्णिमा: माघ महीने (Magh Mahina) का आखिरी पर्व माघी पूर्णिमा के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन भगवान शिव और विष्णु की पूजा का विधान बताया जाता है।
माघ महीने में भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए अवश्य करें यह काम (Magh Month Upay)
माघ महीने (Magh Maah) के बारे में ऐसी मान्यता है कि, भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए साल का यह समय सबसे ज्यादा सुगम रास्ता होता है। इस दौरान लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और साथ ही जीवन में सुख और शांति के लिए कुछ उपाय भी करते हैं। तो आइए जानते हैं (Magh Mahina Upay) माघ माह में विशेष तौर पर किए जाने वाले इन उपायों के बारे में।
- गीता का पाठ करें: मुमकिन हो तो माघ माह के प्रत्येक दिन गीता का पाठ अवश्य करें। आप इसे खुद भी पढ़ सकते हैं या दूसरों से सुन सकते हैं। गीता का पाठ करने से मन शांत होता है और भगवान नारायण का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके अलावा गीता का पाठ करने से व्यक्ति के अंदर की सभी नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है।
- भगवान विष्णु को तिल अर्पित करें: माघ माह (Magh Mahine) के इस पावन मौके पर रोजाना भगवान विष्णु को तिल अर्पण करें। सिर्फ इतना ही नहीं इस एक महीने के समय काल में आप चाहें तो रोजाना तिल खाने और स्नान के जल में डालकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे भी पुण्य प्राप्त होता है।
- भगवान विष्णु और तुलसी की रोजाना पूजा: माघ माह में रोजाना भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu)और तुलसी जी की पूजा करने का विधान बताया गया है। इसके अलावा इस दौरान नियमित रूप से सुबह और शाम दीपक भी जलाना चाहिए। ऐसा करने वाले व्यक्तियों के जीवन से सभी तरह की नकारात्मकता दूर होती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होने लगता है। सिर्फ इतना ही नहीं आर्थिक संपन्नता के लिए भी यह उपाय बेहद कारगर माना गया है।
- माघ माह में अपनी यथाशक्ति अनुसार करें दान और पुण्य: माघ माह (Magh Mahine) में स्नान और दान का विशेष महत्व बताया गया है। कहा जाता है कि, जो कोई भी व्यक्ति इस दौरान दूसरों की मदद करता है अपनी यथाशक्ति अनुसार दान और पुण्य करता है उससे भगवान विष्णु अवश्य प्रसन्न होते हैं। ऐसे में आप चाहे तो माघ माह के समय ज़रूरतमंदों को गर्म और ऊनी कपड़ों का दान कर सकते हैं, क्योंकि इस दौरान हल्की-फुलकी ठंड होती है इसलिए गर्म कपड़ों और कंबल आदि पर विशेष जोर दिया जा रहा है। अन्यथा आप अपनी यथाशक्ति अनुसार ज़रूरतमंदों को किसी वस्तु का भी दान कर सकते हैं।
- (Magh Snan) माघ माह में स्नान का महत्व: बताया गया है इस दौरान महाकुंभ मेले (Maha Kumbh Mela) का आयोजन भी होता है जो इस साल हरिद्वार (Haridwar Kumbh Mela 2021) में आयोजित किया जा रहा है। मुमकिन हो तो ऐसे में कुंभ मेले (Kumbh Mela 2021) में जाकर पवित्र नदियों में स्नान करने का विधान बताया जाता है। हालांकि यदि ऐसा मुमकिन नहीं हो तो आप घर के पानी में ही गंगा जल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। इससे भी आपको पुण्य प्राप्त होगा।
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- मूली का सेवन करने से बचें: माघ के महीने में मूली का सेवन वर्जित माना गया है। इस दौरान मूली को मदिरा समान माना जाता है। ऐसे में माघ माह (Magh Month) के दौरान इसका उपयोग ना करने की सलाह दी जाती है।
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