02 अक्टूबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लग रहा है और इसी दिन पितृ पक्ष भी समाप्त हो रहे हैं। इसके अगले दिन यानी 03 अक्टूबर से ही शारदीय नवरात्र आरंभ हो रहे हैं। साल में चार बार नवरात्र आते हैं जिसमें से दो गुप्त नवरात्र होते हैं। शारदीय और चैत्र नवरात्र को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। शारदीय नवरात्र को महानवरात्र भी कहा जाता है।
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ये नवरात्र आश्विन मास की प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर नवमी तिथि तक रहते हैं। नवरात्र के नौ दिनों तक मां दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है। देश के कुछ हिस्सों में इन दिनों गरबा भी खेला जाता है और दशहरे के दिन रावण के पुतले का दहन किया जाता है। चूंकि, यह नवरात्र शरद ऋतु में आते हैं इसलिए इन्हें शारदीय नवरात्र के नाम से जाना जाता है। इस ब्लॉग में आगे बताया है कि इस बार नवरात्र में मां दुर्गा किस पर सवार होकर आ रही हैं।
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शारदीय नवरात्र की तिथि
शारदीय नवरात्र 03 अक्टूबर से शुरू होकर 11 अक्टूबर तक हैं। 11 अक्टूबर को नवमी है और फिर 12 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाता है। 03 अक्टूबर को पहले नवरात्र पर कलश स्थापना होती है और फिर नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस बार नवरात्र पूरे नौ दिनों के होंगे।
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क्या होगी मां दुर्गा की सवारी
हर बार नवरात्र में मां दुर्गा अलग सवारी पर आती हैं और उनकी सवारी से भविष्य में होने वाली घटनाओं का अंदाज़ा लगाया जाता है। इस बार नवरात्र में मां दुर्गा पालकी पर सवार होकर आ रही हैं। देवी पुराण के अनुसार माता के पालकी में सवार होकर आने को शुभ माना गया है लेकिन इस मां दुर्गा के इस सवारी पर आने का संबंध महामारी से भी बताया जाता है। मां के पालकी पर बैठकर आने की वजह से देश में बीमारी और महामारी की आशंका जताई जा रही है।
मां का पालकी पर आना अर्थव्यवस्था के बिगड़ने का एक संकेत हो सकता है। इस दौरान प्राकृतिक आपदाओं का खतरा मंडरा सकता है। पड़ोसी देशों में हिंसा फैल सकती है और लोग बीमारियों का शिकार हो सकते हैं।
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शारदीय नवरात्र में इन बातों का रखें ध्यान
यदि आप शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित कर रहे हैं और कलश स्थापना कर रहे हैं, तो आपको कुछ नियमों का पालन करना होगा, जैसे कि:
- नवरात्र के दिनों में घर की अच्छे से सफाई करनी चाहिए। घर के किसी भी कोने में धूल या गंदगी नहीं होनी चाहिए। कहते हैं कि जो घर गंदा रहता है, वहां पर कभी भी मां लक्ष्मी वास नहीं करती हैं। वहां पर पैसों की तंगी होने का डर बना रहता है।
- जो श्रद्धालु नवरात्र में कलश स्थापना कर रहे हैं और अखंड ज्योत जला रहे हैं, तो अपने घर को बिलकुल भी खाली न छोड़ें। घर में किसी न किसी सदस्य का होना बहुत जरूरी है। कहते हैं कि माता रानी को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए।
- इसके अलावा नवरात्र के दौरान बाल भी नहीं कटवाने चाहिए। नाखून और दाढ़ी काटने से भी बचना चाहिए। ऐसा करने पर अशुभ परिणाम मिलते हैं।
- नवरात्र में सात्विक भोजन का पालन करें और मास-मदिरा आदि का सेवन न करें। इस समय लहसुन-प्याज़ का उपयोग करने से भी बचना चाहिए।
- अगर आपने नवरात्र में व्रत रखा है, तो आपको दिन में सोने से बचना चाहिए। किसी के भी बारे में बुरी बात न करें और मन को नकारात्मक विचारों से दूर रखें। ऐसा करने से आपका व्रत खंडित हो सकता है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर. शारदीय नवरात्र 03 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं।
उत्तर. 03 अक्टूबर को पहले नवरात्र पर ही कलश स्थापना होगी।
उत्तर. इस बार नवरात्र पूरे दिनों के हैं।
उत्तर. नवरात्र में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है।
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