सावन के अंतिम सप्ताह में जानिए महादेव के अनूठे परिवार से जुड़े ये रोचक तथ्य

जैसा सभी जानते हैं कि 17 जुलाई से आरंभ हुए सावन माह का अब आखिरी हफ्ता शुरू हो चुका है, जिसकी समाप्ति 15 अगस्त, गुरूवार के दिन होगी। ऐसे में आज हम आपको इस माह से जुड़ी कुछ पौराणिक बातों से तो अवगत कराएँगे ही साथ ही आपको देवों के देव महादेव के अनूठे परिवार के उन रोचक तथ्यों के बारे में भी बताएँगे जिसे जानकार आप भी आश्चर्य-चकित रह जाएंगे। 

बेहद ख़ास है भगवान शिव का परिवार 

आपको बता दें कि भगवान शिव को यूँ ही नहीं देवों का देव कहा जाता हैं। इस उपाधि के लिए उनके दान-बलिदान से हर कोई भीली-भाँती अवगत है। जिस प्रकार भगवान भोलेनाथ का स्वरूप बेहद अनोखा है, ठीक उसी परिवार उनके परिवार में भी आपको कई विचित्र लेकिन रोचक बाते नज़र आ जाएंगी। 

महादेव के अनोखे परिवार से जुड़े कुछ रोचक तथ्य  

भगवान शिव का परिवार मानव जाति को इस बात का संदेश देता है कि विभिन्नताओं में एकता और विषमताओं में किस तरह ज़रूरी संतुलन बिठाया जाता है और ये बात आप भी भगवान शिव के परिवार से सीख सकते हैं। शिव परिवार को देखें तो उसमें आपको एकजुटता का सही मेल दिखाई देगा, जैसे:-

  • शिव पुत्र कार्तिकेय का वाहन मयूर होता है, और शिवजी के तो आभूषण ही सर्प के होते हैं। क्योंकि स्वभाव से ये दोनों ही एक दूसरे के दुश्मन होते हैं। 
  • इसके अलावा अगर श्री गणपति की बात करें तो उनका वाहन होता चूहा है, जबकि सांप को मूषकभक्षी जीव माना जाता है। 
  • अगर मां पार्वती जो स्वयं शक्ति हैं, उनका वाहन की बात करें तो वो होता शेर है। मगर शिवजी का वाहन नंदी बैल को बताया गया है और इसी तरह बैल और सिंह भी प्रवृत्ति से एक दूसरे से बिलकुल भिन्न होते हैं। 

इतनी असमानता और ऊंचे-नीचे स्तरों के भी बावजूद शिव का परिवार शांति के साथ कैलाश पर्वत पर प्रसन्नतापूर्वक एक साथ समय बिताता है।

शिव का परिवार देता हैं मानव जाति को ये अनोखा उदाहरण 

माना जाता है कि शिव-पार्वती एक साथ कैलाश पर चौपड़ खेलते थे। जबकि भगवान गणपति माता-पिता की परिक्रमा करने को दुनिया के भ्रमण के समक्ष मानते हुए उन्हें सबसे सर्वश्रेष्ठ स्थान देते हैं। एक दूसरे के स्वभावों की विपरीतताओं, विसंगतियों और असहमतियों के बावजूद भगवान शिव के संपूर्ण परिवार में सब कुछ सदियों से सुगम है। 

भगवान शिव के परिवार का चित्र लगाना होता है बेहद शुभ 

चूँकि भगवान शिव का परिवार युगों-युगों से विसंगतियों के बीच संतुलन का सबसे अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करता रहा है। इसी कारण माना जाता है कि जिस भी घर में भगवान शिव के संपूर्ण परिवार का चित्र लगा होता है उस परिवार के लोगों के बीच आपस में पारिवारिक एकता, प्रेम और सामजस्यता सदैव बनी रहती है।

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