13 या 14 जनवरी कब मनाई जाएगी लोहड़ी? जानें सही तिथि एवं राशि अनुसार उपाय!

13 या 14 जनवरी कब मनाई जाएगी लोहड़ी? जानें सही, तिथि एवं राशि अनुसार उपाय!

लोहड़ी 2025 का यह विशेष ब्लॉग एस्ट्रोसेज एआई अपने पाठकों के लिए लेकर आया है जिसके माध्यम से आपको नए वर्ष के पहले बड़े पर्व लोहड़ी के बारे में समस्त जानकारी प्राप्त होगी जैसे कि तिथि, समय आदि। साथ ही, इस त्योहार का धार्मिक महत्व, रीति-रिवाज़ों और इस दिन किन उपायों को करने से चमक सकती है आपकी किस्मत, इससे भी हम आपको अवगत करवाएंगे। सिर्फ इतना ही नहीं, लोहड़ी के दिन अपनी राशि के आधार पर अग्नि में कौन सी चीज़ें अर्पित की जाएं, इस बारे में आपको बताएंगे। लेकिन, सबसे पहले बिना देर किये शुरुआत करते हैं लोहड़ी 2025 स्पेशल ब्लॉग की। 

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भारत को एक धर्मनिरपेक्ष देश का दर्जा प्राप्त है जहाँ हर धर्म का त्योहार पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है। साल भर मनाये जाने वाले पर्वों में से एक है लोहड़ी का पर्व जो कि सिख समुदाय के लोग बहुत जोश और धूमधाम के साथ मनाते हैं। इस त्योहार की एक अलग ही रौनक पंजाब और हरियाणा में देखने को मिलती है। बता दें कि यह उत्तर भारत का प्रमुख पर्व है जिसे मकर संक्रांति से ठीक एक दिन पहले मनाया जाता है। इस दिन उपलों और लकड़ियों से घर के बाहर या खुले स्थान पर आग जलाकर अग्नि की परिक्रमा की जाती हैं। लोहड़ी के बारे में हम विस्तार से बात करेंगे, लेकिन सबसे पहले जान लेते हैं कि इस साल कब मनाई जाएगी लोहड़ी और क्या रहेगा पूजा का मुहूर्त। 

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लोहड़ी 2025 तिथि और पूजा मुहूर्त 

लोहड़ी की तिथि को लेकर हर साल कन्फ्यूजन रहता है कि 13 या 14 कब है लोहड़ी? इसलिए हम अपने ब्लॉग में आपको लोहड़ी की सही डेट बताने जा रहे हैं। हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि मकर संक्रांति से एक दिन पहले लोहड़ी का पर्व मनाया जाता है। इस बार मकर संक्रांति 14 जनवरी 2025 को पड़ रही है इसलिए लोहड़ी 13 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी। मकर संक्रांति की पूर्व संध्या पर लोहड़ी की पवित्र अग्नि जलाने का विधान है। इस साल लोहड़ी का क्षण 14 जनवरी 2025 की सुबह 09 बजकर 03 मिनट पर होगा। 

क्यों ख़ास है लोहड़ी 2025?

नए साल अर्थात वर्ष 2025 में पड़ने वाली लोहड़ी बेहद खास होगी क्योंकि इस दिन पौष पूर्णिमा भी पड़ रही है जो कि अपने आप में ही शुभ दिन माना जाता है। ऐसे में, लोहड़ी पर्व का महत्व बढ़ जाता है और इस दिन जब रात को पूजा के लिए अग्नि जलाई जाएगी, तब आसमान में चंद्र देव अपने पूर्ण आकार में होंगे। चलिए अब हम आपको रूबरू करवाते हैं लोहड़ी के धार्मिक महत्व से। 

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लोहड़ी का धार्मिक महत्व 

लोहड़ी 2025 सिखों एवं पंजाबियों का प्रमुख त्योहार है। यह दिन किसानों के लिए बेहद ख़ास होता है क्योंकि पारंपरिक रूप से लोहड़ी पुरानी फसल की कटाई और नई फसल की बुआई से जुड़ा है। इस दिन से किसान अपनी फसलों की कटाई की शुरुआत करते हैं और इसका सबसे पहले भोग अग्नि देव को लगाते हैं। लोहड़ी पर किसान अच्छी फसल के लिए ईश्वर के प्रति आभार व्यक्त करते हैं और साल भर अच्छी फसल के लिए प्रार्थना करते हैं। 

इस अवसर पर अग्नि देव की पूजा का भी विधान है और ऐसी मान्यता है कि इनके पूजन से व्यक्ति को जीवन में धन-धान्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, लोहड़ी का पर्व उत्तरायण के दिन मनाया जाता है और इस दिन से रातें छोटी होने लगती हैं और दिन बड़े। सामान्य शब्दों में कहें तो, लोहड़ी से सर्दी कम होने लगती है और गर्मी धीरे-धीरे दस्तक देने लगती है। 

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लोहड़ी से जुड़े रीति-रिवाज़ एवं परंपराएं 

पंजाब एवं हरियाणा राज्य में बड़े स्तर पर मनाये जाने वाले पर्व लोहड़ी की लोक्रप्रियता देशभर में फैली है इसलिए इसे पूरे देश में प्रेम एवं उत्साह से लोग मनाते हैं। हालांकि, लोहड़ी के पर्व से कुछ परंपराएं भी जुड़ी हैं जिसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं। 

●  इस पर्व के दिन बच्चे घर-घर जाकर लोक गीत गाते हैं और लोग उन्हें मिठाई और पैसे देते हैं। 

●  मान्यता है कि बच्चों को खाली हाथ वापिस भेजना अशुभ होता है इसलिए उन्हें गजक, चीनी, मूँगफली, गुड़ और मक्का आदि दी जाती है, इसे ही लोहड़ी कहते हैं।  

● रात को आग जलाकर सभी लोगों में लोहड़ी बांटी जाती है और दुल्ला-भट्टी के गीत गाये जाते हैं। 

●  लोहड़ी के अवसर पर सबके घर पर अधिकांश पंजाब का सांस्कृतिक भोजन सरसों का साग और मक्के की रोटी बनाई जाती है। 

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

नवविवाहितों के लिए क्यों ख़ास होती है लोहड़ी?

लोहड़ी का पर्व नव विवाहितों के लिए विशेष होता है क्योंकि इसका संबंध भगवान शिव और माता सती से है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, प्रजापति दक्ष ने यज्ञ में शिव जी और माता सती का अपमान किया था जिससे क्रोधित होकर देवी सती ने प्राण त्याग दिए थे। इसके बाद, महादेव ने क्रोधवश राजा दक्ष का सिर धड़ से अलग कर दिया था, परंतु ब्रह्मा जी के कहने पर भगवान शिव ने राजा दक्ष को पुनः जीवनदान देते हुए उनके शरीर पर बकरे का सिर लगा दिया। 

जब माता सती का पुनर्जन्म देवी पार्वती के रूप में हुआ, तब लोहड़ी के दिन प्रजापति दक्ष ने अपनी गलती की क्षमा मांगते हुए माता पार्वती के ससुराल में उपहार भेजे थे। उस समय से ही लोहड़ी पर नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद और उपहार देने की परंपरा आज भी चली आ रही है। साथ ही, इस दिन लोग नव विवाहितों के सुखी दांपत्य जीवन की कामना करते हैं। 

लोहड़ी की पौराणिक कथा 

लोहड़ी के पर्व से एक पौराणिक कथा जुड़ी है जिसका संबंध दुल्ला भट्टी से माना गया है। मान्यता है कि लोहड़ी की कथा के बिना यह त्योहार अधूरा रहता है। मध्यकाल के दौर में भारत में दुल्ला भट्टी नाम का साहसी और वीर व्यक्ति रहता था और उस समय पंजाब पर मुगल राजा अकबर का शासन था। पौराणिक कथा के अनुसार, जब पंजाब के संदल में लड़कियों को अमीर सौदागरों को बेचा जा रहा था उस समय दुल्ला भट्टी ने उनकी रक्षा की थी। दुल्ला भट्टी ने इन सौदागरों से लड़कियों को आज़ाद करवाकर उनकी शादी करवाई थी। इस प्रकार, प्रत्येक वर्ष लोहड़ी पर दुल्ला भट्टी को याद किया जाता है जो हमें गलत कामों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित करते हैं। 

आइए अब हम बात करते हैं लोहड़ी के दिन किये जाने वाले अचूक उपायों के बारे में। 

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धन-समृद्धि पाने के लिए लोहड़ी पर करें ये 3 उपाय 

  • लोहड़ी 2025 के दिन लाल रंग के कपड़े में गेहूं बांधें और किसी गरीब या जरूरतमंद को दान करें। ऐसा करने से देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है।
  • लोहड़ी के पर्व पर अग्नि देव और माता लक्ष्मी का पूजन करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं और जीवन से समस्याएं दूर होती हैं। 
  • घर में चल रहे कलह को दूर करने और शांति के लिए काली उड़द की खिचड़ी बनाकर गाय को खिला दें। ऐसे करने में परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। 

इस लोहड़ी पवित्र अग्नि में राशि अनुसार डालें ये चीज़ें, संकट होंगे दूर 

मेष राशि

मेष राशि वाले लोहड़ी के दिन अग्नि में बताशे के साथ लौंग का जोड़ा डालें। ऐसा करने से आरोग्यता प्राप्त होती है। 

वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों को इस अवसर पर अग्नि में एक मुट्ठी चावल डालने चाहिए। इससे आपके घर में धन-संपदा आती है। 

मिथुन राशि

मिथुन राशि वाले एक मुट्ठी मूंग अग्नि में अर्पित करें और ऐसा करने से परिवार में प्रेमपूर्ण माहौल बना रहेगा। 

कर्क राशि

कर्क राशि के जातक माता-पिता की लंबी उम्र के लिए लोहड़ी की पवित्र अग्नि में एक मुट्ठी खील बताशे डालें। इससे जीवन में सुख-समृद्धि रहेगी। 

सिंह राशि

सिंह राशि वाले दुखों एवं कष्टों के अंत के लिए आग में एक मुट्ठी गेहूं के साथ खील-बताशे डालें। 

कन्या राशि

कन्या राशि के.जातक एक मुट्ठी मूंग और एक लौंग का जोड़ा लेकर अग्नि में अर्पित करें। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में सुखी बना रहेगा। 

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तुला राशि

तुला राशि वाले लोहड़ी की अग्नि में दाएं हाथ से एक मुट्ठी ज्वार और बताशे डालें। इससे व्यापार बढ़ता है। 

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के लोगों के लिए लोहड़ी की अग्नि में एक मुट्ठी रेवड़ी और दो लौंग का जोड़ा डालना शुभ रहेगा और इससे पति-पत्नी के बीच प्रेम में वृद्धि होगी ,

धनु राशि

धनु राशि वाले इस अवसर पर अग्नि में एक हल्दी की गांठ और एक मुट्ठी चने की दाल अर्पित करें। ऐसा करने से व्यापार में उत्पन्न सभी अड़चनें दूर होती हैं। 

मकर राशि

मकर राशि के जातकों द्वारा लोहड़ी की अग्नि में एक मुट्ठी काली सरसों और दो लौंग डालने से सौभाग्य में वृद्धि होती है। 

कुंभ राशि

कुंभ राशि वाले अग्नि में एक मुट्ठी काली चने की दाल और दो बताशे डालें। इससे नौकरी में चल रही समस्याएं दूर होंगी। 

मीन राशि

मीन राशि के जातकों को लोहड़ी की अग्नि में पीली सरसों और हल्दी की गांठ डालनी चाहिए। ऐसा करने से आपको और आपके परिवार को आरोग्यता का आशीर्वाद मिलेगा। 

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

2025 में कब है लोहड़ी?

वर्ष 2025 में लोहड़ी का पर्व 13 जनवरी 2025 को मनाया जाएगा। 

मकर संक्रांति कब है वर्ष 2025 में?

नए साल यानी कि वर्ष 2025 में मकर संक्राति का त्योहार लोहड़ी के अगले दिन अर्थात 14 जनवरी 2025 को मनाया जाएगा। 

साल 2025 पौष पूर्णिमा कब है  

पौष पूर्णिमा 13 जनवरी 2025 को है।