व्यक्ति के जीवन में हर रिश्ता बहुत ही खास होता है। ऐसा ही एक रिश्ता होता है, मामा का यानि माँ के भाई का। मामा शब्द सुनते ही एक ही नाम दिमाग में आता है, वो है “कंस मामा”। अब आप सोच रहे होंगे कि आज भगवान श्रीकृष्ण के मामा कंस का जिक्र क्यों किया जा रहा है, इसके पीछे एक कारण है, और वो यह है कि आज ही के दिन यानि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को भगवान श्रीकृष्ण ने अपने मामा कंस का वध किया और शूरसेन जनपद वासियों को उसके अत्याचार से मुक्त कराया था। इस तिथि को हिन्दू धर्म में “कंस वध” के नाम से जाना जाता है। कंस वध से जुड़ी अनेकों कहानियां हम सबने सुनी है। आज हम कंस वध के दिन आपको कंस से जुड़ी कुछ रोचक बातें बताएँगे ।
- कंस के पिता का नाम उग्रसेन था, जो कि शूरसेन जनपद के राजा थे। कंस नौ भाई और पांच बहन था, जिनमें वो सबसे बड़ा था। उसकी बहनों का ब्याह वासुदेव के छोटे भाइयों से हुआ था।
- कंस ने राजा बनने की चाह में अपने ही पिता उग्रसेन को बंदी बनाकर जेल में डाल दिया था और खुद शूरसेन जनपद का राजा बन बैठा। मथुरा शूरसेन जनपद में ही आता था।
- कंस की शादी मगध के शासक जरासंध की दो बेटियों से हुई थी, जिस कारण वह और भी शक्तिशाली हो गया था।
- कंस अपनी चचेरी देवकी से काफी स्नेह करता था। लेकिन एक दिन वह देवकी के साथ कहीं जा रहा था, तभी आकाशवाणी हुई कि देवकी का 8वां पुत्र ही तेरी मौत का कारण बनेगा। इस आकाशवाणी के बाद परिस्थितियां बदल गयी।
- अपने मौत के भय से कंस ने देवकी और उनके पति वासुदेव को बंदी बनाकर, कारागार में डाल दिया और एक-एक करके देवकी के कई पुत्रों को जन्म लेते ही मार डाला।
- कंस के अत्याचार को समाप्त करने के लिए भगवान विष्णु स्वयं माता देवकी के गर्भ से कृष्णावतार में पृथ्वी पर आए। वे वसुदेव और देवकी की आठवीं संतान थे।
- कंस वध के बाद भगवान श्रीकृष्ण ने राजा की गद्दी पर दोबारा उग्रसेन को बैठा दिया।
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